Posts Tag: प्रकाश की कविताएं 80 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Buddha Prakash 17 Apr 2022 · 1 min read पिता हे पिता ! तुम हो महान , अस्तित्व मेरा तुमने किया प्रदान , इस भवसागर में होते हो मेरे साथ , सुख देने के लिए करते हर संभव प्रयास ,... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता · प्रकाश की कविताएं 22 22 934 Share Buddha Prakash 9 May 2022 · 1 min read पिता के चरणों को नमन । पिता तुम्हारे चरणों को, नमन करते बार-बार हैं । जन्म हुआ इस अद्भुत संसार में, उसमें तुम्हारा आशीर्वाद है, समर्पित किया अपने जीवन को, ऐसा हृदय तुम्हारा विशाल है ।... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता · प्रकाश की कविताएं 10 10 681 Share Buddha Prakash 19 May 2022 · 1 min read अरदास तुम्ही हो मालिक, तुम्ही खुदा हो, तुम्ही इस जगत के, जगत पिता हो। तुम्ही हो अम्बर, तुम्ही धरा हो, तुम्ही जीवन के, मात-पिता हो। तुम्ही हो दाता, तुम्ही ईश्वर हो,... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 7 4 682 Share Buddha Prakash 2 Dec 2022 · 1 min read मेहमान की आओ भगत । भूले भटकते इस कलयुग में, वर्षों बाद कोई आया मेहमान, याद दिलाने अपने कर्तव्यो को, खो रहा है व्यस्त क्षण भंगुर इंसान। सेवा करना संस्कार अपना , स्वार्थ में सारे... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 1 581 Share Buddha Prakash 22 Jul 2022 · 1 min read बरसात की झड़ी । उमड़-घुमड़ के आये मेघ, बरसात की झड़ी लगाने। सावन और मेघा, प्रेम से तन को भिगाने, मन को तृप्त करने, बरसो रे मेघा ,बरसो, ये नदियां तुझको तरसे, सुनने को... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 7 6 658 Share Buddha Prakash 22 May 2022 · 1 min read ये पहाड़ कायम है रहते । ये पहाड़ कायम है रहते, अपने स्थान पर दृढ़ स्थिर रहते, और ये झरने बहते रहते, यों ही सामंजस्य बना के रखते, अहंकार को गिरा कर रहते, अस्तित्व अपना बना... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 5 4 609 Share Buddha Prakash 29 Aug 2022 · 1 min read प्यार है ये भैया-भाभी का । भैया की आँखों मे ऐसा क्या दर्द है, पढ़ न सके कोई हकीम, जब भी मुस्कुरा दे भाभीजी, देख भैया जी यूँ ही हो जाए ठीक। सुनते नही जो अपने... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं · हास्य-व्यंग्य 4 2 658 Share Buddha Prakash 18 Apr 2022 · 1 min read पिता आदर्श नायक हमारे पिता तुम्हारे जीवन की सुनी है कहानी, तभी तो आदर्श नायक हो हमारे , बचपन में ऊँगली पकड़ कर चलना है सिखाया, संस्कार देकर जीवन जीना भी है बताया, रूखी-सूखी... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता · प्रकाश की कविताएं 14 20 555 Share Buddha Prakash 27 May 2022 · 1 min read आओ अब लौट चलें वह देश ..। आओ अब लौट चलें वह देश ..। अपना देश है बड़ा प्यारा, सुख शांति बसा है प्यार हमारा, अजनबियों के यहांँ से तो अच्छा है, अपनों के लिए लुटा दूंँ... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 4 4 564 Share Buddha Prakash 14 Sep 2022 · 1 min read विश्वास की मंजिल अब तो रुक ही गये, अपनी मंजिल की छाँव में, सुकून मिला है अब जाकर, मिल ही गया ठहराव जब। खुशी का एहसास जो उठा, कितने संघर्षों के पश्चात् अब,... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 4 2 473 Share Buddha Prakash 1 May 2022 · 1 min read डर कर लक्ष्य कोई पाता नहीं है । बड़े-बड़े लक्ष्यों से, डगमगाता नहीं मानव पुतला , प्राण बसे इसके अंदर है , मुसीबतों से घबराता नहीं है । डर कर लक्ष्य कोई पाता नहीं है ।।१। संघर्ष करता... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 1 418 Share Buddha Prakash 17 Sep 2022 · 1 min read अबला नारी नारियों का शोषण , अभी भी नहीं थम रहा, घर की देहलीज के अंदर, कैद कर अस्तित्व को, तन मन धन स्वभिमान , अबला को रौंद रहा । ना समझ... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 5 4 565 Share Buddha Prakash 14 Dec 2022 · 1 min read ऐनक ऐनक मेरा कितना प्यारा, पहनू तो लगता हूँ न्यारा, धूप छाँव में रंग है बदले, चेहरे की रौनक है खिले, सुंदर हीरो सा भी दिखते हो। ऐनक आँखों का सच्चा... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 1 546 Share Buddha Prakash 23 Jul 2022 · 1 min read पहनते है चरण पादुकाएं । पहनते है चरण पादुकाएं । दशा और दुर्दशा का भी हाल बताते है, करते है सुरक्षा सभी के पैरों की, चलना हो जाता है बड़ा आसान , यात्रा हो या... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 9 4 450 Share Buddha Prakash 25 Jun 2022 · 1 min read जिन्दगी है की अब सम्हाली ही नहीं जाती है । कश्मकश भरी जिन्दगी है, कहती एक कहानी है, बेहाल है जीवन जीना, उम्मीद के भी हाथ खाली है, जिन्दगी है की अब सम्हाली ही नहीं जाती है । साया प्रताड़ित... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 5 4 433 Share Buddha Prakash 22 Aug 2022 · 1 min read मरहम नहीं बस दुआ दे दो । दर्द से कराह रहे हो अब, चोटे बहुत खाई है तुमने, भूल कर इंसानियत कर्मो में, अनेकोंं के दिल दुखाये है, सोचा नहीं स्वार्थ में एक पल भी, अपनी ही... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 4 2 418 Share Buddha Prakash 25 Mar 2022 · 1 min read एक उम्र थी मेरी भी । आज बूढ़ा दिखता हूंँ तो क्या हुआ , मैं भी कभी नवयुवकों-सा जवान था, जोश और उत्सुकता से भरा हुआ इंसान था, शारीरिक रूप से एक पहलवान था । एक... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 3 344 Share Buddha Prakash 17 Mar 2023 · 1 min read खामोशी की आहट एक आहट पर दौड़े चलें जाते हो, कौन है उस वीरान जगह में, दिखाई तो कोई देती नहीं, और तुम्हे उसकी आवाज सुनाई पड़ती है, कैसी आहट है? उसकी खामोशी... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 2 423 Share Buddha Prakash 3 Oct 2022 · 1 min read माँ का एहसास कृपा तेरी है माँ , माँ मै सोया न अब तक, नींद न आई मुझे वैसे, बचपन में तू ने जब सुलाया, गा गा कर मीठी-मीठी लोरी, भुला अपने सारे... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 3 463 Share Buddha Prakash 1 Feb 2023 · 1 min read हर बार तुम गिरोगे,हर बार हम उठाएंगे । हर बार तुम गिरोगे,हर बार हम उठाएंगे, लेकिन तुम्हारे कदम मजबूत कराएँगे, तुझे तेरे कदमों में चलना सिखाएंगे, कदम तुझे अपना बढ़ाना सिखाएंगे, हार कर भी तुझको जितना सिखाएंगे। हर... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 3 413 Share Buddha Prakash 8 Aug 2022 · 1 min read खंडहर में अब खोज रहे । जग में जो जिंदा हैं, बिछड़कर कितने गुजर गए , बना करके छोड़ गए खंडहर , खंडहर में अब खोज रहे , अपनों के हकीकत का रहस्य । वीरान पड़ा... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 4 4 395 Share Buddha Prakash 12 Jun 2023 · 1 min read हमें जीना सिखा रहे थे। ज़माने से कितने खफा और नाराज थे, अपनों से बेगानों-सा वफ़ा निभा रहे थे, कोशिशें नफ़रत जताने वालोंं की हमसे थी इतनी , उनकी हर क्रिया से मुश्किलें नज़र आ... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 2 2 353 Share Buddha Prakash 5 May 2022 · 1 min read सिपाही सिपाही वर्दी में सुसज्जित होता, सामाजिक वह स्वयं में होता, खाकी वर्दी कानून का अधिकार, मौका देख करे डंडे से प्रहार, उद्दंड बदमाश चोर पर कसे शिकंजा, घर और समाज... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 2 2 325 Share Buddha Prakash 6 Dec 2022 · 1 min read बाबा भीमराव अम्बेडकर परिनिर्वाण दिवस दिक्षा भूमि में आकर देखो, बुद्ध धम्म अपना कर देखो, जिसने बुद्ध का राह दिया, दलित शोषितों का वह राजा है, भीमराव बोधिसत्व कहलाये है। जय भीम जय भीम, गूंजता... Hindi · कविता · जय भीम कविता · प्रकाश की कविताएं 3 2 388 Share Buddha Prakash 23 Jun 2023 · 1 min read जीवन का मकसद क्या है? जीवन का मकसद क्या है? किसको इस बात की परवाह है, अपनी ही चिंता मे डूबे है सब, स्वार्थ सिद्धी ही एक कार्य है अब, अपना उल्लू सीधा हो जाये,... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 2 450 Share Buddha Prakash 13 Apr 2022 · 1 min read उत्साह एक प्रेरक है उत्साहित होना जीवन में, अत्यंत महत्वपूर्ण होता है, बिन उत्साह के जीवन जीना, नीरस-सा जग ही दिखता है ।....(१) रौनक मन की कुंठित होती , तन भी बोझिल लगता है... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 3 350 Share Buddha Prakash 9 Mar 2022 · 1 min read मांँ की सीरत अद्भुत ममता की मूरत है, होती नहीं मांँ जैसी कोई सीरत है । मांँ का एहसास जग से ऊपर , मांँ का प्यार रब से ऊपर , मांँ का आशीर्वाद... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 5 3 298 Share Buddha Prakash 18 May 2022 · 1 min read एहसासों से हो जिंदा जब नहीं ले सकते फैसला, खुद के जीवन का ; क्यों किसी के फैसले में, फासले बन जाते हो । जब कर नहीं सकते हो , प्यार किसी को ;... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 4 4 300 Share Buddha Prakash 8 Sep 2022 · 1 min read बुद्धत्व से बुद्ध है । बुद्ध ही बुद्ध है जगत मे, जो है बुद्ध के तत्व में, पाया है निर्वाण, बुद्धत्व है वो सार, धम्म है वो ज्ञान, संघ का निर्माण, धम्म चक्र है गति... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 3 4 302 Share Buddha Prakash 17 Jul 2022 · 1 min read भूखे पेट न सोए कोई । अगर थोड़ा-सा समझदार बन जाओ, अहम् भाव को त्याग सको, अपना व्यक्तित्व पहचान लो, तुम भी वहीं इंसान हो, भूख में लंगर छ्के हो, भूखे पेट न सोए फिर कोई... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 8 4 305 Share Buddha Prakash 14 Aug 2022 · 1 min read फहराये तिरंगा । चलो चलें फहराये तिरंगा, हर घर में लगाए तिरंगा, देश के कोने-कोने में, वीरों के गीत गाए तिरंगा, शान तिरंगा मान तिरंगा, देश की पहचान तिरंगा ।....।1। चलो चलें फहराये... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 8 8 305 Share Buddha Prakash 21 Apr 2022 · 1 min read परिवर्तन की राह पकड़ो । आज अपना विषय बदलता हूंँ, आओ किसी नई जगह पर चलता हूंँ, जहांँ सारे बंधन से मुक्त हो जाऊंँ, अंदर से शरीर की आत्मा तृप्त हो जाए, करू कोई नई... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 2 2 292 Share Buddha Prakash 30 Mar 2022 · 1 min read बेटी की ब्याह की चिंता शायद तभी डरते हैं माता-पिता, बेटी का ब्याह रचाने से, दहेज लोभिओं के आ जाने से, बेटी के ब्याह के पश्चात सताने पर, हर पल दरिंदे वहशी के ऊंँगली उठाने... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 2 255 Share Buddha Prakash 20 Jun 2022 · 1 min read प्यारी मेरी बहना छोटी सी प्यारी तुम मेरी हो बहना, जैसा तुम चाहो वैसे ही रहना, याद तुम्हारी आती है हर पल अब, दिल के पास से दूर न रहना, कभी भी हो... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 4 2 340 Share Buddha Prakash 25 Apr 2022 · 1 min read जीवन में ही सहे जाते हैं । यूंँ ही क्यों विचलित हो, परेशान से इतने हो, ये पल तो आते जाते हैं, इसी जीवन में ही सहे जाते हैं ।....(१) दुख से बचा न कोई है, दर्द... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 3 272 Share Buddha Prakash 16 Dec 2022 · 1 min read आज का बचपन छोटा-सा बच्चा , हो जाए पढ़ने में अच्छा ! बोझ बढ़ा और बड़ा हुआ बस्ता, बचपन में लदा सपनों का दर्जा , टॉपर बनने को दिन रात झींक रहा, ट्यूशन... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 2 252 Share Buddha Prakash 22 Feb 2023 · 1 min read पैगाम डॉ अंबेडकर का पैगाम देने आया मसीहा, पैगाम देकर ही गया। अपनो के खातिर दुनिया से, कलम की ताकत के बल पे, अधिकार दिलाने को ही लड़ा, शिक्षा का हक़ दलित शुद्रो को... Hindi · कविता · जय भीम कविता · प्रकाश की कविताएं 4 1 269 Share Buddha Prakash 28 Aug 2022 · 1 min read हे देश के जवानों ! हे देश के जवानों , जागो और संभालो, देश है तुम्हारा, तिरंगा यहाँ लहरा लो, तुम हो एक भारतीय, भारत माँ की लाज बचा लो । हे देश के जवानों... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 2 286 Share Buddha Prakash 19 Dec 2022 · 1 min read भय की आहट रात अँधेरी उजियारे के बिन, जोर शोर से पवन बह जाए, काली छाया अमावस की रात, आसमां में तारे दीपक-सा मुस्कुराये। आहट कानों के पट के समीप, जोरों के धड़कन... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 4 2 350 Share Buddha Prakash 21 Nov 2022 · 1 min read प्रेम की राख अंत समय में आये हो, जलने के बाद , जो राख बची है, उसमें ही संस्कार छुपे है। मर मिटा है ये शरीर, मस्तिष्क में याद बसी है। नश्वर तो... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 4 1 261 Share Buddha Prakash 6 Sep 2022 · 1 min read भूल गयी वह चिट्ठी कहाँ भूल गयी वह चिट्ठी, जिसमें जज़्बात लिखा करते थे। चलती थी लिखने वालोंं के आँगन से, मिलती थी जिनको प्रेम किया करते थे, जबाब कहने को लौटा करती थी,... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 1 258 Share Buddha Prakash 28 Jun 2023 · 1 min read बस गया भूतों का डेरा जब से कलयुग ने घेरा, डिजिटल का हुआ सवेरा, मोबाइल ने रुख मोड़ा, बस गया भूतों का डेरा। तारे चमकते थे आसमान में, चमचमाहट नजर आती आधी रात में, रात्रि... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं · हास्य-व्यंग्य 2 334 Share Buddha Prakash 25 Sep 2022 · 1 min read नौकरी जहांँ आजाद उड़ता पंछी था, जी रहा था अपने घर में, आ गया हूँ करने नौकरी, गुलामो के शहर में । ख्वाहिशें की बहुत थी, करना है अब नौकरी, बंदिशे... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 4 4 254 Share Buddha Prakash 8 Sep 2022 · 1 min read मोमबत्ती जब है जलती मोमबत्ती जब है जलती, हर क्षण है बदलती, ये भी क्या व्यंग है, पहुँचती जब चरम पे, घटती ही जाती, रोशन जग है करती, रोशनी है फैलाती, स्वयं को क्यों... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 3 4 262 Share Buddha Prakash 1 May 2023 · 1 min read पेड़ से कौन बाते करता है । मूक बाधिर जीवित , इन पेड़ से कौन बातें करता है, कौन पूछता इनका हाल, जिनके फल फूलों से जग पलता है, गर्मी में जो छाया देते, सर्दी में लकड़ी... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 3 2 318 Share Buddha Prakash 18 Apr 2023 · 1 min read झुकाव कर के देखो । ये वहीं भाव है, जो सब ढूंढ रहे हो, अपने अपनो को मूंद रहे हो, अंदर ही अंदर एक चाह है, जुड़ने की एक आह भी है, फिर भी क्या... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 1 224 Share Buddha Prakash 2 Sep 2022 · 1 min read बाढ़ और इंसान। घन -घोर घटा जब छा गए, रिमझिम-रिमझिम बारिश आ गई, बरसात का टूटा शैलाब, बादल फाटा ये हुआ आपदा, बढ़ गयी नदियों में जल की तादाद, बिस्तार हुआ और आ... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 2 214 Share Buddha Prakash 20 Sep 2022 · 1 min read नारी जीवन की धारा चली मैं चली मैं, खुद को है मढ़ ने, नारी हूँ मैं नारी, संवारा मैंने जग को, मुझसे है जीवन, जीवन इस धरा पे, जलती हुई मैं, लौ हूँ दिया... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 1 231 Share Buddha Prakash 6 Oct 2022 · 1 min read चाहे जितनी देर लगे। कण-कण का कल्याण करे, रोम-रोम में होता है बसा, ऐसी है निराकार की कथा, देता है वह अंत में स्वतः, करता है जो भक्ति सदा। चाहे जितनी देर लगे......।1। मन... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 4 2 238 Share Buddha Prakash 11 Jan 2023 · 1 min read पालनहार अस्सी बरस का पालनहार, डंडे की टेक झुकी कमर की रेख, कदम दो चार कदम, अपने दम से बढ़ता जाए, डोलत पद हिलता मस्तक, नैनों के आगे मोतियाबिंद छा जाये,... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 2 2 229 Share Page 1 Next