Posts Tag: ग़ज़ल 1k posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Namita Gupta 2 May 2024 · 1 min read जिंदगी की दास्तां,, ग़ज़ल जिंदगी की दास्तां खुशनुमा कुछ अलहदा! तेरे वास्ते ही जी रहे तू रब कहे या ख़ुदा !! खुश्बुएं- बहार है चमन-चमन, गली-गली, लम्हों की याद दिला,आज भी देंते सदा! जिंदगी... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 2 6 Share Dr fauzia Naseem shad 1 May 2024 · 1 min read कुछ तो बाक़ी ज़िन्दगी बे’जवाब रहने दो । मेरी पलकों पे ख़्वाब रहने दो।। खुद की इस्लाह कर सकूं मैं भी । मुझको कुछ तो खराब रहने दो।। इतने ज़्यादा गुनाह नहीं अच्छे... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 2 8 Share Dr fauzia Naseem shad 1 May 2024 · 1 min read आपसा हम जो फूल से हम जो खिल नहीं पाये । तुम से मिलना था मिल नहीं पाये ।। दर्द रिसता है आज भी उन से । ज़ख्म दिल के जो सिल नहीं... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 2 7 Share Dr fauzia Naseem shad 1 May 2024 · 1 min read दिल का तुमसे सवाल हम ये कैसा मलाल कर बैठे, दिल का तुम से सवाल कर बैठे । प्यार करना हमें न आया मगर, इश्क में हम कमाल कर बैठे । खोये थे हम... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 2 9 Share अंसार एटवी 1 May 2024 · 1 min read भला अपने लिए ऐसी हिमाक़त कौन करता है भला अपने लिए ऐसी हिमाक़त कौन करता है चराग़ों की हवाओं से हिफ़ाज़त कौन करता है उसूलों की बहुत सी बात करते हैं जहाँ में सब उसूलों के लिए जाइज़... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कहानी · ग़ज़ल 1 8 Share Bodhisatva kastooriya 1 May 2024 · 1 min read दिल के दरवाज़े मैने अपने दिल के दरवाजे तो खोल रखे है! राहगीर भी देख सकता है कौन-कौन रखे है? इस्तकबाल हर उस शख्स का जो साफगोई, चेहरे से नही,आज़माकर दोस्त-दुश्मन रखे है!!... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 9 Share Dr fauzia Naseem shad 1 May 2024 · 1 min read जीत कर तुमसे हर ख़ुशी तुम पे वार जायेंगे। जीत कर तुमसे हार जायेंगे। ज़िन्दगी, मुस्कुरा के हम तेरा, क़र्ज़ सारा उतार जायेंगे। पेशरू दिक़्क़तें तभी होंगी, आप हद से जो पार जायेंगे।... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 2 14 Share Dr fauzia Naseem shad 1 May 2024 · 1 min read अभी ख़ुद से बाहर हक़ीक़त को दिल की वो लिखते कहाँ हैं। बिख़रना था उनको बिख़रते कहाँ हैं। समेटे हुए हैं वो ख़ुद में ही ख़ुद को, अभी ख़ुद से बाहर निकलते कहाँ हैं।... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 9 Share sudhir kumar 1 May 2024 · 1 min read *ये आती और जाती सांसें* ********************************** ये आती और जाती सांसें....किसकी हैं बता। जो धड़क रहा है भीतर ,..क्या शै है वो भला। तेरे मस्तक में तो रखे थे....सूर्य-चांद,.सितारे, बता तेरे हिस्से का.....आसमां कहां खो... Hindi · ग़ज़ल 1 9 Share sudhir kumar 1 May 2024 · 1 min read *यूं सताना आज़माना छोड़ दे* ~~~~~~~~~~~~~~~ बाल छत पे यूं सुखाना छोड़ दे। चल पुराना ये ठिकाना छोड़ दे। यूं सताना आज़माना छोड़ दे। बेबसी झूठा बहाना छोड़ दे। ये अदा बस मार डालेगी हमें,... Hindi · ग़ज़ल 1 8 Share sudhir kumar 1 May 2024 · 1 min read *बदलाव की लहर* बदलाव_ की_ लहर --------------------------------------------- ढूंढ रहा हूं अब मैं बदलाव की लहर। उगले ना आदमी जहां में कोई जहर। सबको जीने का हक मिले यूं भरपूर, ना रेप हो ,... Hindi · ग़ज़ल 1 8 Share sudhir kumar 1 May 2024 · 1 min read *कागज़ कश्ती और बारिश का पानी* कागज़ की कश्ती ~~~~~~~~~~~~~~~~~~ कागज़ कश्ती और बारिश का पानी। बचपन के दिन वो बेफिक्र जिंदगानी। वो भारा सा बस्ता और सस्ता ज़माना, वो झूठी सी कोई शिक़ायत लगानी। वो... Hindi · ग़ज़ल 1 8 Share sudhir kumar 1 May 2024 · 1 min read *बदलता_है_समय_एहसास_और_नजरिया* निरंतर बदलता है समय,एहसास और नज़रिया। ये दुनिया उसकी है,जो समय के संग चल दिया। तीन ऋतुएं हैं जीवन की,इन्हें संभालकर चलना, बचपन सुबह,बुढ़ापा शाम,है जवानी दोपहरिया। समय के साथ... Hindi · ग़ज़ल 1 9 Share sudhir kumar 1 May 2024 · 1 min read *ज़िंदगी का सफर* ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ ज़िंदगी का सफर ,पानी की धार है। कभी ये फतह है तो कभी ये हार है। जीना किस तरह है,ये अपने हाथ है, ज़िंदगी अगर फूल नहीं , तो... Hindi · ग़ज़ल 1 7 Share Dr fauzia Naseem shad 1 May 2024 · 1 min read जुदा नहीं होना आप हम से ख़फ़ा नहीं होना। चाहे कुछ हो जुदा नहीं होना। बद्दुआ देके तुम किसी को भी, अपने 'रब' का बुरा नहीं होना। तुम भी इंसा हो ये ख़्याल... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 3 11 Share sudhir kumar 1 May 2024 · 1 min read *वो एक वादा ,जो तूने किया था ,क्या हुआ उसका* वो एक वादा ,जो तूने किया था ,क्या हुआ उसका। वो एक पल ,जो हमने जिया था,क्या हुआ उसका। अग्नि के सम्मुख कुछ पल चुराए थे कभी हमने, मोहब्बत का... Hindi · ग़ज़ल 1 8 Share sudhir kumar 1 May 2024 · 1 min read *तन मिट्टी का पुतला,मन शीतल दर्पण है* ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ तन मिट्टी का पुतला,मन शीतल दर्पण है। फूल सा यह जीवन तो.. कांटों का वन है। कोई क्या लेकर आया,क्या लेकर जाएगा, उसकी बंद मुट्ठी में सबका, जन्म-मरण है।... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 4 2 10 Share Dr fauzia Naseem shad 1 May 2024 · 1 min read दर्द अपना ख़ुद को यूं ही निखार लेते हैं। दर्द अपना संवार लेते हैं। देख लेते हैं आईना जब भी, अपनी नज़रे उतार लेते हैं। बे’खुदी में शुमार मत करना, तुमको अक्सर... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 3 10 Share Dr fauzia Naseem shad 1 May 2024 · 1 min read आप में आपका आपको क्या पता नहीं कुछ भी। आप में आपका नहीं कुछ भी। कह भी सकता था अलविदा लेकिन, उसने मुझसे कहा नहीं कुछ भी। जिसकी मुझको तलाश है अब तक,... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 2 10 Share Dr fauzia Naseem shad 1 May 2024 · 1 min read मलाल न था तुमको मेरा कभी ख़्याल न था। कैसे कह दूँ मुझे मलाल न था।। पढ़ के जिसको उलझ गये इतना। लफ़्ज़ सादा थे, कोई जाल न था।। जिसकी ख़ातिर, वार ते... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 2 7 Share Neelam Sharma 1 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल -1222 1222 122 मुफाईलुन मुफाईलुन फऊलुन दिली जज़्बात सारे खोलते हैं। ज़बाँ चुप है इशारे बोलते हैं । भरी महफ़िल रहे ख़ामोश थे जो वो ख्वाबों में हमारे बोलते हैं। सुनूँ साँसों में मैं आवाज़ जिस... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 7 Share Bodhisatva kastooriya 1 May 2024 · 1 min read जिंदगी मैने यू ही नही जिन्दगी के 72 साल बर्बाद किए! किसी को दिल से निकाला,कुछ को आबाद किए!! परिन्दो को कब तलक कैद करके पिजंडे मे रखते? जब तलक उनका... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 9 Share डी. के. निवातिया 30 Apr 2024 · 1 min read ग़ज़ल - वो पल्लू गिराकर चले थे कभी, दिन दिनांक : मंगलवार ३० अप्रैल २०२४ विधा : ग़ज़ल बह्र: बहरे मुतक़ारिब मुसम्मन सालिम मक़्सूर अरकान : फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़अल मात्रा भार : १२२ / १२२ / १२२... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · शेर 9 Share Dr.Pratibha Prakash 29 Apr 2024 · 1 min read इश्क इवादत रातों को नींदे जगाने लगे हो अक्सर ख्वाबों में आने लगे हो मिलता नहीं अब तकल्लुफ कहीं एक तुम ही दिल में समाने लगे हो उदू लगता है ये जमाना... Hindi · ग़ज़ल 3 1 25 Share VINOD CHAUHAN 28 Apr 2024 · 1 min read नज़र बचा कर चलते हैं वो मुझको चाहने वाले सो सो बार रुलाते हैं आज मुझको हँसाने वाले नज़र बचा कर चलते है वो मुझको चाहने वाले दिल अगर रोता है हमारा तो वो मुस्कुराते हैं दिल बहलाना है... Hindi · V9द चौहान · ग़ज़ल 1 21 Share VINOD CHAUHAN 28 Apr 2024 · 1 min read तेरी यादों के सहारे वक़्त गुजर जाता है तेरी यादों के सहारे वक़्त गुजर जाता है याद आती है तुम्हारी तो दिल भी मुस्कुराता है माना दूरियां हो चली हैं अ सनम तुमसे हर लम्हा तुम्हारा ही अह्सास... Hindi · V9द चौहान · ग़ज़ल 1 18 Share Sunil Suman 27 Apr 2024 · 1 min read मैं तुझसे मोहब्बत करने लगा हूं मैं तुझसे मोहब्बत करने लगा हूं, यादों में गुम तेरी रहने लगा हूं, तू यह मत समझ ये है मजबूरी मेरी, तुझको रब मानकर पूजा करने लगा हूं, मैं तुझसे... Hindi · ग़ज़ल 18 Share Kumar Kalhans 27 Apr 2024 · 1 min read कैसे एतबार करें। एक ही गलती बार बार करें। कैसे हम तुझपे एतबार करें। .. लुत्फ इसमें भी खूब आता है। मुसलसल तेरा इंतजार करें। .. चाशनी बन लिपट के वार करें। एक... Hindi · ग़ज़ल 13 Share Rajendra Kushwaha 27 Apr 2024 · 1 min read नौकरी जरा पैसों की लालच में हम गाव छोड़ आये। बचपन में देखे हुए वो अधूरे ख्वाव छोड़ आये। कच्ची मिट्टी की दीवारे और घास का छप्पर, चहकती हुई गोरैयो के... Hindi · कविता · ग़ज़ल 13 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 25 Apr 2024 · 1 min read तल्खियां चोट शब्दो के न सह पाते, जिनका स्वाभिमान होता है। वो घाव गहरी दे जाता है जो, शख्स बद्दजबान होता है।। किसी और कि क्या बिसात, ऐसे रिश्ते बिगाड़ दे... Hindi · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 1 19 Share rkchaudhary2012 25 Apr 2024 · 1 min read कंधे पे अपने मेरा सर रहने दीजिए कंधे पे अपने मेरा सर रहने दीजिए। कुछ देर मुहब्बत का सफर रहने दीजिए। करते हो मुझे तुम भी प्यार मेरा जैसा ही जमाने को यह झूठी खबर रहने दीजिए।... Hindi · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · गीतिका · रमाकान्त चौधरी 52 Share Vinit kumar 22 Apr 2024 · 1 min read रफ़्ता रफ़्ता (एक नई ग़ज़ल) बनके हमारे दिल के मेहमान रफ़्ता रफ़्ता वो कर रहे हैं मुझ पे अहसान रफ़्ता रफ़्ता संग उसके ही हमारा अब आख़िरी सफ़र हो सजने लगे हैं दिल में अरमान... Hindi · ग़ज़ल 19 Share Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD 22 Apr 2024 · 1 min read "दयानत" ग़ज़ल अपनी चाहत का करके नाम अमर जाएंगे , याद उसने जो ना किया तो गुज़र जाएंगे l चिढ़ है उसको भले उल्फ़त से जानता हूँ मैं, छोड़ ज़ालिम पे आशिक़ी... Hindi · ग़ज़ल 4 4 34 Share विजय कुमार नामदेव 21 Apr 2024 · 1 min read बदनाम से 2122 2122 212 हर चमन और हर कली के नाम से। हो रहे हैं आज कल बदनाम से।। इश्क क्या, है और बता कैसी वफ़ा। ये सभी मिलती हैं, केवल... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल 1 22 Share विजय कुमार नामदेव 21 Apr 2024 · 1 min read संवेदना वेदना के गर्भ में पलती रही संवेदना। अक्सर बिना सिर-पैर के चलती रही संवेदना ।। बस्तियाँ तो रात भर, जलती रहीं अपनी मगर। मोम के संग रात भर, गलती रही... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल 2 18 Share Bodhisatva kastooriya 21 Apr 2024 · 1 min read कुर्सी अब हमे कही कोई पहचानता नही! क्या फर्क पडता ,कोई जानता नही? सब थी पद और कुर्सी की महिमा! लोग करते थे खुशामद,महानता नही!! दुनिया करती चमत्कार को नमस्कार! चमत्कार... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल 1 18 Share Bodhisatva kastooriya 21 Apr 2024 · 1 min read दरवाज़े मैने अपने दिल के दरवाजे तो खोल रखे है! राहगीर भी देख सकता है कौन-कौन रखे है? इस्तकबाल हर उस शख्स का जो साफगोई, चेहरे से नही,आज़माकर दोस्त-दुश्मन रखे है!!... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल 1 20 Share Bodhisatva kastooriya 21 Apr 2024 · 1 min read फसल बोई नही कोई अच्छी सी फसल मैने, उग आए खर-पतवार.तो सभालू कैसे? कश्ती जो तूफा मे ही ले निकल पडा, डूबने से बचू खुद,औरो को बचालू कैसे? मैने स्याह रातो... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल 1 21 Share Bodhisatva kastooriya 21 Apr 2024 · 1 min read इल्म मैने यू ही नही जिन्दगी के 72 साल बर्बाद किए! किसी को दिल से निकाला,कुछ को आबाद किए!! परिन्दो को कब तलक कैद करके पिजंडे मे रखते? जब तलक उनका... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल 1 21 Share Bodhisatva kastooriya 21 Apr 2024 · 1 min read आदर्श नभ मे तारे अगणित है,पर ध्रुव की बात निराली है ! अमावस्या या पूर्णमासी उसकी स्थिति स्थिर वाली है!! पर मानव ने उसको कभी अपना आदर्श नही माना, बदले संदर्भो... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल 1 16 Share Dr. Upasana Pandey 20 Apr 2024 · 1 min read मुहब्बत मुहब्बत (गज़ल ) सनम तुम से यूँ मोहब्बत करके | जी रही हूँ मैं यहाँ पर अब मरके॥ मैं कह तो देती फ़साना अपना | सहम जाती हूँ मैं जहाँ... Hindi · कविता · ग़ज़ल 5 2 201 Share Bodhisatva kastooriya 20 Apr 2024 · 1 min read सब्र का फल मैने सबर का मीठा स्वाद चखा है! वक़्त बेवक्त जो साथ दे,वो सखा है!! बंद कमरे में खुली हवा,बात बेमानी है! खुल के जीने में मजा जिंदगी दिखा है!! होता... Hindi · ग़ज़ल 17 Share Bodhisatva kastooriya 20 Apr 2024 · 1 min read इल्म मैने यू ही नही जिन्दगी के 72 साल बर्बाद किए! किसी को दिल से निकाला,कुछ को आबाद किए!! परिन्दो को कब तलक कैद करके पिजंडे मे रखते? जब तलक उनका... Hindi · ग़ज़ल 17 Share Devesh Bharadwaj 17 Apr 2024 · 1 min read पिया बिन सावन की बात क्या करें तुम हो तो है यह जिंदगी ,बिन तेरे जीवन की बात क्या करें। जिस घर में मां- बाप है वह घर जन्नत है ,बिन मां बाप के घर आंगन की... Hindi · ग़ज़ल 22 Share Kumar Kalhans 16 Apr 2024 · 1 min read सबकी आंखों में एक डर देखा। सबकी आंखों में एक डर देखा। देखा जंगल की एक शहर देखा। .... कुछ भी मुमकिन है इस रिसाले में। राह देखी है और सफर देखा। .... देखा महलों को... Hindi · ग़ज़ल 21 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 15 Apr 2024 · 1 min read उलझनें हर खुशफ़हमियों से अब हमें, मुँह मोड़ना होगा। मुझे वह बिंधते हैं ऐसे, कि बन्धन तोड़ना होगा।। ये रंगत रिश्तों कि जो मुझे, कल तक अज़ीज़ थे। लगाए शक्ल पर... Hindi · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 1 29 Share Sunil Suman 14 Apr 2024 · 1 min read तेरी आंखों में देखा तो पता चला... मोहब्बत होती है क्या ? तेरी आंखों में देखा तो पता चला, नशे का नाम यह दूजा, तेरी आंखों में डूबा तो पता चला। मेरे ख्वाबों खयालों में तू अक्सर... Hindi · ग़ज़ल 28 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 14 Apr 2024 · 1 min read ग़ज़ल कुछ लोगों में सुलह हुई। कैसे कह दें सुबह हुई।।1 नेताओं के झगड़े में, जनता केवल जिबह हुई।2 रोटी कपड़े की ख़ातिर, रामू के घर कलह हुई।3 माँ- बापू की... Hindi · ग़ज़ल 32 Share डी. के. निवातिया 13 Apr 2024 · 1 min read लिखावट - डी के निवातिया १ २ २ / १ २ २ / १ २ २ / १ २ २ पढ़ा जो उसे तो ये जाना कसम से, लिखावट में दम है खुदा के करम... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · मुक्तक 24 Share Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD 13 Apr 2024 · 1 min read "आतिशे-इश्क़" ग़ज़ल बात निकलेगी तो फिर, दूर तलक जाएगी, उनके कानों मेँ भी, कभी तो भनक जाएगी। मेरे अल्फ़ाज़ से, आती है उन्हीं की ख़ुशबू, लिखूँ ग़ज़ल अगर, तो वो भी, महक... Hindi · ग़ज़ल 5 5 32 Share Page 1 Next