Posts Tag: कुण्डलिया 2k posts Sort by: Latest Likes Views List Grid भरत कुमार सोलंकी 19 May 2024 · 1 min read मन के सवालों का जवाब नही " मन के सवाल का जवाब नहीं विचारशील मै बैठकर कागज कलम की तन्हाई पर कुछ सवाल उभरे हैं। एकान्त की पराकाष्ठा पर इस मन की गहराई के सवाल का... Poetry Writing Challenge-3 · कुण्डलिया 6 Share Neeraj Mishra " नीर " 18 May 2024 · 1 min read खुद को इतना .. सजाय हुआ है विरह गीत श्याम सुंदर मेरे.. मैंने तेरे लिए खुद को इतना .. सजाय हुआ है ये काजल ,ये चूड़ी , ये गजरा मैने मैहदी लगाया हुआ है .. श्याम सुंदर... Poetry Writing Challenge-3 · कुण्डलिया · गीत · विरह गीत · विरह वेदना 1 7 Share Neeraj Mishra " नीर " 18 May 2024 · 1 min read लाल दशरथ के है आने वाले ओ री सखी , जरा आँगन बुहारों आँगन बुहारो , चलो दुगरा बुहारो लाल दशरथ के है आने वाले द्वार दीपों से तुम सजा लो .... है खुशी की घड़ी... Poetry Writing Challenge-3 · कुण्डलिया · गीत 1 9 Share अंसार एटवी 17 May 2024 · 1 min read कभी ख़ुद को गले से तो लगाया जा नहीं सकता कभी ख़ुद को गले से तो लगाया जा नहीं सकता लिखा हो जो मुक़द्दर में मिटाया जा नहीं सकता जिसे तुम राज़ देते हो वही नुक़्सान भी देगा यहाँ हर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कहानी · कुण्डलिया · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 14 Share Neeraj Mishra " नीर " 16 May 2024 · 1 min read महाकाल महिमा कल कल बहती गंग धारा , जिन जटओं से कंठ नीला पड़ गया हो , जहर की धाराओं से सर्प ले रहा हो अंगड़ैया , जिस शिरोधरा पर तांडव कर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल/गीतिका 1 13 Share D.N. Jha 16 May 2024 · 1 min read कृषक बरसे सावन झूम के,कृषक दिखे खुशहाल। बिन पानी के खेत सब,हो जाता बदहाल । हो जाता बदहाल, खेत जब सूखा रहता। बारिश हो अति जोर,फसल पानी में बहता। बादल गरजे... Poetry Writing Challenge-3 · कुण्डलिया 1 39 Share सत्य कुमार प्रेमी 16 May 2024 · 1 min read राग द्वेश से दूर हों तन - मन रहे विशुद्ध। कुण्डलिया छंद राग द्वेश से दूर हों तन - मन रहे विशुद्ध। जप - तप संयम ज्ञान दो शान्ति दूत हे बुद्ध। शान्ति दूत हे बुद्ध शान्ति की खोज करूं... Hindi · कुण्डलिया 8 Share D.N. Jha 16 May 2024 · 1 min read बरसात पहले जैसे अब कहाॅं, होती है बरसात। जोर -जोर से भी कभी,होती थी दिन रात। होती थी दिन -रात,चाल छप्पर से टपटप। बादल गरजे जोर,हवा चलती थी सपसप। जल्दी लगती... Poetry Writing Challenge-3 · कुण्डलिया 1 8 Share Nitesh Shah 14 May 2024 · 1 min read कोरोना कोरोना ने खोली आँखें, जगा दी प्रेम की आशा, सलामी देते है उनको, जिन्होंने की बड़ी सेवा, डॉक्टर हो या नर्से हो, करू शत शत नमन उनको, बचा की रूह... Hindi · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल/गीतिका · गीतिका 15 Share D.N. Jha 14 May 2024 · 1 min read अभिराम मंदिर प्यारा बन गया, दुनियाॅं में अभिराम। रहे बहुत बनवास में ,आए हैं निज धाम। आए हैं निज धाम,मनुज के भाग खुलेंगे। रघुवर से अब आस,सभी को दरस मिलेंगे। पहुॅंच... Poetry Writing Challenge-3 · कुण्डलिया 1 1 44 Share Nitesh Shah 13 May 2024 · 1 min read मातृभाषा हिंदी हिंदी है सबकी पहचान, हिंदी से है देश महान, पढ़ते हम गीता कुरान, हिंदी में है पूरा ज्ञान, हिंदी का सब करो सम्मान, हिंदी भाषाओं में प्रधान, है तीसरा इसका... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 13 Share मिथलेश सिंह"मिलिंद" 12 May 2024 · 1 min read कुंडलिया छंद रोटी की खातिर किया, भूखा कृत्य हजार।। तृषित उदर कब देखता, भरा स्वर्ण भंडार।। भरा स्वर्ण भंडार, भूख के सम्मुख बौना। भूखा है यह पेट, नहीं यह खेल-खिलौना। बदले मनुज... Poetry Writing Challenge-3 · कुण्डलिया 1 17 Share भरत कुमार सोलंकी 12 May 2024 · 2 min read पास तो आना- तो बहाना था" •. पास तो आना- तो बहाना था" मन की बन तू शायरी मन से लिखता हूँ डायरी खास बनकर खामोश मन के पास तेरा तो आना-जाना था। कलम मेरी खुश... Hindi · कुण्डलिया 1 1 15 Share Mangilal 713 11 May 2024 · 1 min read मां की महत्ता मुंह से निकली बच्चे के पहली पुकार है “मां” आदि और अंत संसार का होती है “मां” आगे जिसके पूरी दुनिया छोटी लगती वो है “मां” आगे जिसके रिश्ते सारे... Hindi · कविता · कुण्डलिया · कोटेशन · ग़ज़ल · बाल कविता 7 21 Share surenderpal vaidya 7 May 2024 · 1 min read नेता कुण्डलिया ~~ मुखिया जी का चल रहा, बढ़िया कारोबार। नेता बनकर घूमते, सबके बन सरदार। सबके बन सरदार, सभी पर धौंस जमाते। लड़ते कभी चुनाव, भाग्य स्वयं आजमाते। कहते वैद्य... Poetry Writing Challenge-3 · कुण्डलिया · राजनीति 21 Share surenderpal vaidya 2 May 2024 · 1 min read नेता जी * कुण्डलिया * ~~ नेता जी को प्रिय सदा, अपना इच्छापत्र। और प्रचारित हर जगह, यत्र तत्र सर्वत्र। यत्र तत्र सर्वत्र, हर जगह प्रथम सभी से। मैं मेरा परिवार, करेगा... Poetry Writing Challenge-3 · कुण्डलिया · राजनीति 2 21 Share Bodhisatva kastooriya 1 May 2024 · 1 min read प्रकट भये दीन दयाला चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी को अयोध्या में इच्छवाकु वंश महाराज दशरथ की पत्नी कौशल्या ने सुत जायो! भगवान विष्णु ने लियो सप्तम अवतार,लंकापति , ब्राह्मण श्रेष्ठ की आसुरी प्रवृत्तियों... Poetry Writing Challenge-3 · कुण्डलिया 1 22 Share surenderpal vaidya 28 Apr 2024 · 1 min read * छलक रहा घट * ** कुण्डलिया ** ~~ छलक रहा घट प्रीति का, मन संवेदनशील। स्वार्थ भरी कोई वहां, चलती नहीं दलील। चलती नहीं दलील, प्यार होता है निश्छल। नहीं देखता वक्त, साथ देता... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कुण्डलिया 2 34 Share surenderpal vaidya 24 Apr 2024 · 1 min read * बातें व्यर्थ की * ** कुण्डलिया ** ~~ आ जाओ अब पास में, क्यों रहते हो दूर। लेकर बातें व्यर्थ की, क्यों रहते हो चूर। क्यों रहते हो चूर, जिन्दगी जीकर देखो। और स्नेह... Hindi · ईर्ष्या द्वेश · कुण्डलिया 1 1 25 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 15 Apr 2024 · 1 min read माता रानी दर्श का माता रानी दर्श का,बनता जब संयोग। दिक्कत सारी खुद मिटे,मिटते सारे रोग। मिटते सारे रोग,अर्थ भी समुचित आए। उमड़े उर अनुराग,भक्ति का पथ ही भाए। कहता कविवर ओम,मातु हैं सब... Hindi · कुण्डलिया 1 32 Share shabina. Naaz 2 Apr 2024 · 1 min read उम्र तो गुजर जाती है..... मगर साहेब उम्र तो गुजर जाती है..... मगर साहेब जिगर ज़िन्दा रखना चाहिये .......ShabinaZ Hindi · Quote Writer · कुण्डलिया 42 Share Bodhisatva kastooriya 1 Apr 2024 · 1 min read गणेश वंदना बल,बुद्धि,विवेक के तुम ही दाता! मंगलमुर्ति हो मंगल कार्य विधाता!! शिव-गौरा सुत, लम्बोदर सुखदाई, मात-पितृ प्रदक्शिणा तुम्है लुभाता!! किए पराजित कार्तिकेय विवेक से, प्रथम पूज्य पद तुम्है सदा दिलाता!! "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कुण्डलिया 1 34 Share Bodhisatva kastooriya 1 Apr 2024 · 1 min read संत रविदास! माघ मास की पूर्णिमा कहलावै है मधुमास! संत सुधीजन करते प्रयागराज मे कल्पवास!! मन,क्रम,वचन शुद्धि कौ जैतौ है अधिवास! बाद बसंत सूर्य देव की ऊर्जा हो जावै खास! बरसाने की... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कुण्डलिया 1 35 Share कवि दीपक बवेजा 31 Mar 2024 · 1 min read एक पौधा तो अपना भी उगाना चाहिए जब किसी पेड़ की शाखा पर पल रहे हो एक पौधा तो अपना भी उगाना चाहिए कितनी भी उड़ाने भरो आसमान में लेकिन शाम होते ही धरती पर लौट आना... Hindi · कविता · कुण्डलिया · कोटेशन 1 47 Share RAMESH SHARMA 25 Mar 2024 · 1 min read गोरे गोरे गाल मैंने हाथों में लिया, ज्यों ही रंग गुलाल I याद तुम्हारे आ गये, गोरे गोरे गाल I गोरे गोरे गाल, तुम्हारे होठ गुलाबी I उलझे उलझे बाल, मटकते नैन शराबी... Hindi · कुण्डलिया 1 152 Share surenderpal vaidya 25 Mar 2024 · 1 min read * हो जाता ओझल * ** कुण्डलिया ** ~~ हो जाता ओझल कभी, बादल में है चांद। किंतु पुनः दिखता हमें, कुछ ही पल के बाद। कुछ ही पल के बाद, सत्य है शाश्वत रहता।... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कुण्डलिया · सत्य 3 1 48 Share दुष्यन्त 'बाबा' 24 Mar 2024 · 1 min read कुंडलिया (मैल सब मिट जाते है) *कुंडलिया (मैल सब मिट जाते है)* मिट जाते हैं मैल सब, होता तन का मेल। लगता जैसे चल पड़ी, खुशियों वाली रेल।। खुशियों वाली रेल, भरे खुशियों से झोली। बढ़... Hindi · कुण्डलिया · हास्य 33 Share shabina. Naaz 23 Mar 2024 · 1 min read फिर एक पल भी ना लगा ये सोचने में........ फिर एक पल भी ना लगा ये सोचने में........ वो जो अपने थे...... अब पराये है... ShabinaZ Hindi · Quote Writer · कुण्डलिया 44 Share surenderpal vaidya 21 Mar 2024 · 1 min read * रंग गुलाल अबीर * ** मुक्तक ** ~~ खूब हवा में उड़ चले, रंग गुलाल अबीर। होली मिलकर खेलते, सभी गरीब अमीर। सभी गरीब अमीर, पर्व यह समरसता का। आ जाता हर वर्ष, लिए... Hindi · कुण्डलिया · फागुन · होली 1 1 41 Share भवानी सिंह धानका 'भूधर' 21 Mar 2024 · 1 min read कर्मफल भोग 💐💐कुण्डलिया निवेदन💐💐 दिया भोग भरपूर अरु , देकर मनुज शरीर । करूँ यत्न मैं मुक्ति का,पहनूँ भगवा चीर ।। पहनूँ भगवा चीर ,भोग से दूर अगाधू। मिले मुक्ति का द्वार,बनूँ... Hindi · कुण्डलिया 39 Share भवानी सिंह धानका 'भूधर' 21 Mar 2024 · 1 min read विदाई राजस्थानी में लिखने का प्रयास 💐💐💐 कुण्डलिया छन्द 💐💐💐 डोली बैठी डावड़ी , कर परदा री ओट । काळजो फाटण हुयो , लगि मोकळी चोट ।। लगि मोकळी चोट ,... Rajasthani · कुण्डलिया 49 Share भवानी सिंह धानका 'भूधर' 20 Mar 2024 · 1 min read ठगी 💐💐💐कुण्डलिया निवेदन💐💐💐 राजी होकर ले गया , दिया तराजू तोल । ठगा गया फिर से वहीं ,जिसकी मेधा गोल ।। जिसकी मेधा गोल , रोज ही ताने खाता अर्थ समझ... Hindi · कुण्डलिया 48 Share भवानी सिंह धानका 'भूधर' 20 Mar 2024 · 1 min read कर्मनाशी 🙏🙏🙏🙏सादर प्रणाम🙏🙏🙏 💐💐💐कुण्डलिया निवेदन 💐💐💐 कर्म नाश खुद ही करे, दोष धरे तकदीर । किस्मत भी तो क्या करे ,आलस में ही धीर।। आलस में ही धीर , स्वप्नमय महल... Hindi · कुण्डलिया 36 Share भवानी सिंह धानका 'भूधर' 20 Mar 2024 · 1 min read निराकार परब्रह्म 💐💐💐कुण्डलिया निवेदन💐💐💐 आँखें उनको सुन सकें, देखें उनको कान । जिह्वा से महसूस हो , चमड़ी करे बखान ।। चमड़ी करे बखान , साँस नाड़ी से आए दिल को खूब... Hindi · कुण्डलिया 52 Share भवानी सिंह धानका 'भूधर' 20 Mar 2024 · 1 min read माणुष 💐💐💐कुण्डलिया निवेदन💐💐💐 माणष मोती चावतो , ढूँढ़ै नित नित सींप । सींपी जीवण पाळती ,माणुष पाळै खींप ।। माणुष पाळै खींप , सींप को जीव बिसारै पेट जीव को फाड़... Rajasthani · कुण्डलिया 45 Share भवानी सिंह धानका 'भूधर' 20 Mar 2024 · 1 min read बचपन 💐💐💐कुण्डलिया निवेदन💐💐💐 मैंने बचपन जी लिया , फिर से उनके साथ । बच्चों में बच्चा बना , लेकर कंदुक हाथ लेकर कंदुक हाथ , खेल सतोलिया खेला नरम हाथ का... Hindi · कुण्डलिया 35 Share Bodhisatva kastooriya 19 Mar 2024 · 1 min read वासुदेव हे वासुदेव तुम संसार के पालन हार! तुम ही तो करवाते हो भवसागर पार!! चरणो मे आपके जीवनयापन के द्वार! रूप बदल आते पृथ्वी,करने दैत्य संघार!! 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कुण्डलिया 4 32 Share Bodhisatva kastooriya 19 Mar 2024 · 1 min read प्रकृति विधाता की नियति ,प्रकृति उसकी अनुकृति है! पर उत्पत्ति मानव की ही स्वयं एक विकृति है!! धरा पर उसका आना औ निर्माण करना कही, निज स्वार्थ हेतु वसुन्धरा- विनाश विसंगति... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कुण्डलिया 3 44 Share भवानी सिंह धानका 'भूधर' 19 Mar 2024 · 1 min read कुण्डलिया छंद 💐💐💐कुण्डलिया निवेदन💐💐💐 राजस्थानी भाषा में एक प्रयास माणष मोती चावतो , ढूँढ़ै नित नित सींप । सींपी जीवण पाळती ,माणुष पाळै खींप ।। माणुष पाळै खींप , सींप को जीव... Rajasthani · कुण्डलिया 1 49 Share पंकज पाण्डेय सावर्ण्य 17 Mar 2024 · 1 min read संत झोली लेकर चला फकीर मांगे सबकी खैर ना काहू से दोस्ती, ना काहू से बैर ना काहू से बैर, कि सबकी सुनता जाए काम वही करे जो उसके मन को... Hindi · कुण्डलिया 37 Share surenderpal vaidya 12 Mar 2024 · 1 min read * बिखर रही है चान्दनी * ** कुण्डलिया ** ~~ बिखर रही है चान्दनी, धरती पर हर ओर। नैसर्गिक वातावरण, मधुर बना हर ओर। मधुर बना हर ओर, रजत किरणें चन्दा की। साथ घुल रही खूब,... Hindi · कुण्डलिया · चन्द्रमा · चाँदनी 1 1 40 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 9 Mar 2024 · 1 min read मित्रो नमस्कार! मित्रो नमस्कार! 🙏🌹🙏 देखें एक चित्र!! रोटी पर मखनी लगी,बथुवे का हो साग। छाछ थाल में हो रखी,धन्य आपके भाग।। धन्य आपके भाग,मिले जो पोषक भोजन । मुंह में पानी... Hindi · कुण्डलिया 1 70 Share Ravikesh Jha 9 Mar 2024 · 4 min read जीवन जीने का ढंग भाग 2, - रविकेश झा अगर भय के कारण आप प्रभु के सामने हाथ जोड़कर प्रार्थना करते है तो आप चूक जाते है, क्योंकि प्रभु तो भय से परे है, उन्हें तो बस ध्यान के... Hindi · कठिन जीवन · कुण्डलिया · कोटेशन · ध्यान · पुस्तक समीक्षा 1 83 Share Ravikesh Jha 8 Mar 2024 · 2 min read जीवन जीने का ढंग - रविकेश झा आप चाहे खुश हो कोई चीज को लेकर, वास्तव में वहां कुछ होता नहीं बस आप मान लेते है, ये आपको कामना के साथ करुणा करवाता है । आप चाहे... Hindi · कुण्डलिया · कोटेशन · निबंध · पुस्तक समीक्षा · लेख 1 133 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 8 Mar 2024 · 10 min read स्वदेशी कुंडल ( राय देवीप्रसाद 'पूर्ण' ) कुंडलिया छंद देशी प्यारे भाइयो। हे भारत-संतान ! अपनी माता-भूमि का है कुछ तुमको ध्यान ? है कुछ तुमको ध्यान! दशा है उसकी कैसी ? शोभा देती नहीं किसी को... Hindi · कुण्डलिया 1 77 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 7 Mar 2024 · 3 min read ध्रुवदास जी के कुंडलिया छंद भजन कुंडलिया हंस सुता तट बिहरिबौ, करि वृंदाबन बास। कुंज-केलि मृदु मधुर रस, प्रेम विलास उपास।। प्रेम-विलास उपास, रहे इक-रस मन माही। तिहि सुख को सुख कहा कहौं, मेरी मति... Hindi · कुण्डलिया 1 63 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 7 Mar 2024 · 1 min read नारी है नारायणी नारी है नारायणी,दुर्गा काली रूप। मर्यादा इसकी रखें,जनता हो या भूप। जनता हो या भूप,ध्यान सबका हीं रखतीं। करके अतिशय त्याग,सर्वहित उर से लखतीं। कहता कविवर ओम,सृष्टि रचना यह प्यारी।... Hindi · कुण्डलिया · महिला दिवस 1 57 Share Ravikesh Jha 7 Mar 2024 · 1 min read धन से बड़ा ध्यान। धन से बड़ा ध्यान, धनी व्यक्ति कभी प्रेम नहीं कर पाता क्योंकि वो मात्र शरीर को देखता है, बुद्धि के आंखों से कामना के आंखों से वही वह चूक जाता... Hindi · कहानी · कुण्डलिया · कोटेशन · निबंध 1 204 Share Ravikesh Jha 7 Mar 2024 · 1 min read सुनने की कला आपको स्वयं तक पहुंचा सकता है। सुनने की कला को जाने समझे, आप सुनकर भी स्वयं में प्रवेश कर सकते, और आपको वर्तमान के साथ जीना सीखने में मदद करता है, सुनने की कला को जागरूकता... Hindi · Dhyan · Meditation · कुण्डलिया 1 188 Share आकाश महेशपुरी 5 Mar 2024 · 1 min read चाय और सिगरेट सेवा में स्कूल का, खुला हुआ था गेट। पर बच्चे पीते मिले, चाय और सिगरेट। चाय और सिगरेट, धुँआ भी छोड़ रहे थे। सपनों को अय्याश, नशे में तोड़ रहे... Hindi · कुण्डलिया 1 103 Share Page 1 Next