क्यों है अहम तुमको खुद पर इतना
हकीकत तो यही है आप हकीकत में हकीकत से बहुत दूर है सपनो की दु
जो चाहते थे पा के भी तुम्हारा दिल खुशी नहीं।
साधना तू कामना तू।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
जिंदगी में कुछ कदम ऐसे होते हैं जिन्हे उठाते हुए हमें तकलीफ
**** मानव जन धरती पर खेल खिलौना ****
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मैं जीना सकूंगा कभी उनके बिन
बाहर से खिलखिला कर हंसता हुआ
धरती सा धीरज रखो, सूरज जैसा तेज।
एक मुस्कान के साथ फूल ले आते हो तुम,
कहीं चीखें मौहब्बत की सुनाई देंगी तुमको ।
कान भरने वाले सदा से ही आपके इर्द गिर्द ही है