Qata
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जबीने दिल झुके सजदे में इबादत कहिए।
उठा के हाथ खुदा से फिर जरूरत कहिए।
खुदा का घर जो फरिश्ते तवाफ में हर दम।
अगर हो हाजरी तो दिल की हर मन्नत कहिये।
जबीने दिल झुके सजदे में इबादत कहिए।
उठा के हाथ खुदा से फिर जरूरत कहिए।
खुदा का घर जो फरिश्ते तवाफ में हर दम।
अगर हो हाजरी तो दिल की हर मन्नत कहिये।