वीर कुमार जैन 'अकेला' Tag: कविता 101 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid वीर कुमार जैन 'अकेला' 20 May 2023 · 2 min read वो क्या था वो क्या था बचपन में जब पिता जी ने अपने कंधे पर बिठा कर मेला घुमाया था तब मुझे नही पता था वो क्या था थोड़ा बड़ा हुआ तो गोद... Poetry Writing Challenge · कविता 324 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 20 May 2023 · 1 min read माँ मां के लिए कुछ लिखूं मेरी कलम में ताकत नही मां की ममता का बखान करूं शब्दों में ताकत नही नो महीने गर्भ में रख जन्म देती है वो होती... Poetry Writing Challenge · कविता 140 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 20 May 2023 · 2 min read बाबू जी जीवन मिला जिनसे, वो जीवनदाता हैं पिता !! पुकारा जाए चाहे जिस भी भाषा में कहकर पापा, बाबा, बाबूजी हर बोली में इनके लिए है वही प्यार और सम्मान भरा।।... Poetry Writing Challenge · कविता 133 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 20 May 2023 · 1 min read आधुनिकता आधुनिकता की बीमारी ने इस तरह जकड़ लिया है। एक हाथ में मोबाइल और एक में रिमोट पकड़ लिया है।। दोनों अंगूठे बखूबी अपना कर्तव्य निभा रहे हैं। एक मोबाइल... Poetry Writing Challenge · कविता 122 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 19 May 2023 · 1 min read एक बेटी की अनुभूति पापा के लिए मैं जब मां की कोख में आई थी पापा के चेहरे पर खुशी छाई थी सबकी बेटे के लिए फरमाइश थी बेटी चाहिए पापा की ख्वाहिश थी मेरे जन्म लेने... Poetry Writing Challenge · कविता 290 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 18 May 2023 · 1 min read ठिकाना ठिकाना दुनिया से चले जाने वालों का ठिकाना पता हो तो बता दो ना कहते हैं भगवान के घर चला गया उसके घर का ही पता बता दो ना वो... Poetry Writing Challenge · कविता 138 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 18 May 2023 · 1 min read पुकार सुन लो कटते हुए दरख्तों की तुम गुहार सुन लो रुंधे गले से सिसकी भारी पुकार सुन लो परिंदों के घरोंदों को डाल न मिल पाएगी मुसाफिर को धूप में छांव न... Poetry Writing Challenge · कविता 219 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 17 May 2023 · 1 min read व्यथा चंद मुठ्ठी भर लोगों ने ये कैसा कहर बरपाया है। हथियारों को लहराते हुए कैसे सबको डराया है।। पत्थरों का प्रहार कर शीशे सब चकनाचूर किये। अग्नि ज्वाला में भस्म... Poetry Writing Challenge · कविता 83 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 29 Jan 2023 · 1 min read भारत का लाल दूध की नदियां बहती हो जिस भारत माँ के आंचल से। उसका कोई क्या बिगाड़ेगा गोली से तीर या तलवार से।। दूध पीकर जिसके सीने का हर वीर सिंहनाद करता... Hindi · कविता 188 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 24 Sep 2022 · 1 min read आधुनिकता आधुनिकता की बीमारी ने इस तरह जकड़ लिया है। एक हाथ में मोबाइल और एक में रिमोट पकड़ लिया है।। दोनों अंगूठे बखूबी अपना कर्तव्य निभा रहे हैं। एक मोबाइल... Hindi · कविता 1 137 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 20 Sep 2022 · 1 min read प्रेम दीवानी दरस दीवानी मीरा पागल ज़हर का प्याला पी गई। लेकर ज़ुबाँ पर नाम कान्हा का पल सुनहरे जी गई।। सुन कर मुरलिया की धुन गोपियाँ दौड़ी चली आती थीं। मीरा... Hindi · कविता 1 89 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 18 Sep 2022 · 1 min read दर्द अकेले होने का दर्द अब सहन नही होता। उसको खोने का दर्द अब सहन नही होता।। मेरी रग रग को छुआ था जिन हाथों ने। उन हाथों का जुदा होना... Hindi · कविता 159 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 3 Sep 2022 · 1 min read शस्त्र उठाना होगा जियो और जीने दो कहने वाले वीर के शासन में जी रहे है हम। जबरन कब्जा होता है मंदिरों पर देख कर कड़वे घूंट पी रहे है हम।। अहिंसा के... Hindi · कविता 2 383 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 24 Aug 2022 · 1 min read हंसी मैं एक जोकर हूँ दिल में छिपे गम के पहाड़ से खोज कर हंसी लाता हूँ। तभी तो सामने बैठे हुए लोगों को एक पल के लिए ही सही मैं... Hindi · कविता 146 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 16 Aug 2022 · 1 min read तिरंगे के रंग कल अमृत महोत्सव मना कर आज जब मैं स्कूल पहुंचा था। हर बच्चे का चेहरा खिला हुआ और कुछ के हाथों में तिरंगा था।। मैं मुस्काता जब क्लास में आया... Hindi · कविता 1 296 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 13 Aug 2022 · 1 min read सामने वाली खिड़की हर सुबह जब मैं सो कर उठता था और मेन गेट पर ताला खोलने आता था अक्सर सामने की खिड़की खुली होती थी और एक मुस्कुराहट भरी नमस्ते होती थी... Hindi · कविता 81 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 13 Aug 2022 · 1 min read मुसाफिर तुम इश्क़ की राह का गर मुसाफिर बनो, हाथ तुम्हारा थाम कर हमसफर बनूंगा मैं। कांटे बहुत मिलेंगे जब इस राह में तुम्हें, चादर गुलाब की राह में बिछा दूंगा... Hindi · कविता 170 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 13 Aug 2022 · 1 min read अमृत महोत्सव सन सैंतालीस में हमने आज़ादी पाई थी। आज़ादी के मतवालों की गौरव गाथा गाई थी।। आज पिच्छतरवाँ आज़ादी दिवस मना रहे। अमृत महोत्सव है फिर से गौरव गाथा गा रहे।।... Hindi · कविता 1 176 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 4 Aug 2022 · 1 min read घर है मकान नही ये मेरा घर है कोई छह कमरों का मकान नही पाकशाला एक ही है यहां दूसरी का काम नही गाय की रोटी एक और कुत्ते की एक निकलती है परिवार... Hindi · कविता 206 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 18 Jun 2022 · 2 min read बाबू जी जीवन मिला जिनसे, वो जीवनदाता हैं पिता !! पुकारा जाए चाहे जिस भी भाषा में कहकर पापा, बाबा, बाबूजी हर बोली में इनके लिए है वही प्यार और सम्मान भरा।।... Hindi · कविता 205 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 15 Jun 2022 · 1 min read पिता प्रतियोगिता का अंतिम दिवस भी आ रहा। पिता पर क्या लिखूं समझ नही आ रहा।। हाथों में मेरे जिन्होंने कलम पकड़ाया था। कागज पर क्या लिखना है सिखलाया था।। पर... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 2 2 180 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 4 Jun 2022 · 1 min read चाँद आसमान में छाए घने काले बादल और तेरी काली ज़ुल्फें जब दोनों छटे चाँद नज़र आया एक वहां नज़र आया एक यहाँ नज़र आया आरज़ू थी चाँद छू लेने की... Hindi · कविता 281 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 23 May 2022 · 1 min read भूचाल कुछ वर्षों पूर्व किसी का घर तहस नहस हुआ था। परिवार समेत किसी की सोच से बिचारा दब गया था।। आज जागा है बरसों के बाद नींद में है अभी... Hindi · कविता 342 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 22 May 2022 · 1 min read बारी है राम जी आ गए शंकर जी आ रहे कृष्ण जी की बारी है। अयोध्या जीती काशी लड़ रहे निश्चित जीत हमारी है।। मंदिर दब गए मस्जिद बन गयी ये कैसे... Hindi · कविता 2 732 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 22 May 2022 · 1 min read पुकार सुन लो कटते हुए दरख्तों की तुम गुहार सुन लो रुंधे गले से सिसकी भारी पुकार सुन लो परिंदों के घरोंदों को डाल न मिल पाएगी मुसाफिर को धूप में छांव न... Hindi · कविता 787 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 10 May 2022 · 1 min read मां में बसते माँ के चरणों में मेरा प्रणाम है चरणों में बसते चारों धाम है। मां के चरण छू कर आया हूँ चारों धाम घूम कर आया हूं मेरी दुनिया मेरी माँ... Hindi · कविता 129 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 8 May 2022 · 1 min read माँ मां के लिए कुछ लिखूं मेरी कलम में ताकत नही मां की ममता का बखान करूं शब्दों में ताकत नही नो महीने गर्भ में रख जन्म देती है वो होती... Hindi · कविता 161 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 20 Apr 2022 · 2 min read वो क्या था वो क्या था बचपन में जब पिता जी ने अपने कंधे पर बिठा कर मेला घुमाया था तब मुझे नही पता था वो क्या था थोड़ा बड़ा हुआ तो गोद... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 4 6 116 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 10 Apr 2022 · 1 min read रिश्ते प्यार की डोर से रिश्ते बांधो तो सही बिगड़े बैल अपने आप ही सुधर जाएंगे जो नाजुक हैं रिश्ते किसी कांच की तरह संभालना उन्हें वरना टूट कर बिखर जाएंगे... Hindi · कविता 123 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 2 Apr 2022 · 2 min read याद है ना आज सुबह जब मैं नींद से जागा याद आ गया मुझे वो मेरा बचपन नटखट सा प्यारा सा था बचपन माँ की आवाज पर कहना अभी आया फिर भी गली... Hindi · कविता 132 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 31 Mar 2022 · 1 min read कदम चल पड़े हैं मेरे कदम, थी एक अनजानी सी राह। सफर ये सुहाना होगा, मन में थी भोली सी चाह।। चलते चलते थक से गये, रुके पेड़ की छांव में।... Hindi · कविता 1 120 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 28 Mar 2022 · 1 min read अर्थी से चिता तक भाग 2 अर्थी चली थी घर से अपने अंतिम सफर पर अपनों के और दोस्तों के कांधों पर चढ़ कर पिता की अर्थी घर से शमशान पहुंचा दी गई अर्थी को जलाने... Hindi · कविता 2 2 144 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 28 Mar 2022 · 2 min read एक पिता की मृत्यु हो जाने के बाद का यथार्थ मेरे दोस्त के पिता काफी दिनों से बीमार थे दो बेटियां थी उनकी और बेटे भी चार थे बच्चों को एक बाप पालना अखरता था मां के बाद केवल एक... Hindi · कविता 2 2 301 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 25 Mar 2022 · 1 min read कहो कुछ भी कहो राम कहो या कृष्ण कहो या कहो बुद्ध या वीर दिल से इनका नाम पुकारो हर लेते है सारी पीर धर्म और संस्कृति ही हर हिंदुस्तानी की शान है इस... Hindi · कविता 1 2 293 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 16 Mar 2022 · 1 min read हारे हुये प्रत्याशी आज चुनाव में हारे हुए प्रत्याशी एक तेरहवीं के कार्यक्रम में आये साथ में आठ दस सहयोगी जैसे और एक फोटोग्राफर को साथ लाये निर्धारित समय से पूर्व पधार कर... Hindi · कविता 1 2 179 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 9 Mar 2022 · 1 min read होली रंगों का त्योहार पानी की बौछार गुंझिया की सौगात फागुन की है बात परंतु...... सर्दी का है कहर ठंडी ठंडी दोपहर बीमार पड़ने का डर कोरोना वायरस का असर फिर... Hindi · कविता 337 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 3 Feb 2022 · 1 min read अजनबी अचानक ये कौन आया है दरवाजे पर अकेला नही आया है डरता है शायद पता नही कुछ मिलेगा या रह जायेगा खाली हाथ कुछ नही तो कम से कम आश्वासन... Hindi · कविता 277 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 9 Jan 2022 · 1 min read तुझे रास न आई रे मानव क्यों दलदल में धंस रहा है निढाल पड़ा है और कामकाजी को कोस रहा है क्या बदले हुई हालात नही दीख रहे हैं काम कैसे करते हैं ये... Hindi · कविता 264 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 1 Jan 2022 · 1 min read अतिथि आज सुबह सुबह उषा बेला में किसी ने दरवाजे पर दस्तक दी आधी अधूरी नींद से जाग कर बेमन से दरवाजा खोला तो पाया एक अजनबी सिर झुकाए खड़ा था... Hindi · कविता 1 2 437 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 31 Dec 2021 · 1 min read 31 दिसंबर जाने वाले तू जा तुझे हम याद रखेंगे सदा आते भी सताया तूने जाते भी दे रहा दगा साल 2021 तूने सबक बहुत सिखाया है नए नए शब्दों से हमें... Hindi · कविता 384 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 29 Nov 2021 · 1 min read चुनाव सत्ता के गलियारों से अब चुनावी बिगुल बज रहा है तरह तरह के बैनरों से अब देखो मेरा शहर सज रहा है हर मोहल्ले की हर गली साफ नजर आने... Hindi · कविता 1 1 341 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 26 Nov 2021 · 1 min read जेब आम आदमी की कमीज में दो जेब लगा दी गई हैं एक से पैसे निकाल रहे हैं दूसरी जेब में डाल रहें हैं इस तरह एक आम आदमी की आंखों... Hindi · कविता 1 1 295 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 24 Nov 2021 · 1 min read बंदर बांट एक आम इंसान की रोटी गरीबों में मुफ्त बंट रही है फिर भी ना जाने क्यों देश से गरीबी ना छंट रही है सत्ता की कुर्सी पर बैठ कर मुफ़्त... Hindi · कविता 1 2 490 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 24 Nov 2021 · 1 min read किस्मत से मंच, माइक, श्रोता और वाह वाह एक कवि का खुली आँखों का सपना है चांद सितारे और एक रात का सफर बाकी सब पराये सिर्फ यही तो अपना है किस्मत... Hindi · कविता 2 1 334 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 24 Nov 2021 · 1 min read अभिमान आज चौपाल पर कुछ ज्यादा हलचल थी किसी के हाथ में हुक्का किसी के चिलम थी चर्चा शायद किसी गंभीर बात पर थी साईकल, हाथी, कमल और हाथ पर थी... Hindi · कविता 2 1 301 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 3 Nov 2021 · 1 min read मनः दशा एक भाई के मातम दूजा खुशियां मना रहा। एक के घर अंधेरा दूजा रोशनी जला रहा।। दीपावली पर दिए जलाना परम्परा को निभाना है। आंखों में आंसू का सैलाब जिसे... Hindi · कविता 2 167 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 24 Oct 2021 · 1 min read विश्वास कल अचानक पार्क में बहुत पुराने साथी से मुलाकात हो गई। बात जो शुरू हुई तो फिर पुरानी यादें ताजा करते रात हो गई।। अगले दिन फिर से मिलने के... Hindi · कविता 157 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 21 Oct 2021 · 1 min read लहर एक लहर उठी किनारे तक आई और भिगो कर चली गयी। हम तेरे ख्यालों में खोए थे पता नही कब आई और भिगो कर चली गयी।। Hindi · कविता 2 172 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 20 Oct 2021 · 1 min read चांद चांद से जब मैंने पूछा बता तो तेरा मज़हब है क्या मुस्कुरा कर वो बोला मुझे भी इंसान समझा है क्या ये मजहब तो इंसानों की फितरत है और मुझे... Hindi · कविता 1 1 194 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 18 Oct 2021 · 1 min read याद बहुत आओगे तुम जो चले गए जिंदगी से मेरी कसम से याद बहुत आओगे। तुम्हारे जाने का गम कैसा होगा जिंदगी भर मुझे तड़पाओगे।। आये हो तो जाने की ज़िद ना करो... Hindi · कविता 1 1 423 Share Page 1 Next