श्रीकृष्ण शुक्ल Tag: कविता 42 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid श्रीकृष्ण शुक्ल 24 Aug 2023 · 1 min read चंदा, हाल तुम्हारा क्या है, अब हम जानेंगे। चंदा, हाल तुम्हारा क्या है, अब हम जानेंगे। चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग के पश्चात एक त्वरित बाल कविताः चंदा, हाल तुम्हारा क्या है, अब हम जानेंगे। दूर दुर रहते... Hindi · कविता · काव्य संग्रह 1 1 481 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 14 Sep 2022 · 2 min read हिंदी दिवस की पूर्व संध्या है, अतः हिंदी पर ही कुछ पंक्तियां: कुछ नयी कुछ पुरानी हिंदी दिवस की पूर्व संध्या है, अतः हिंदी पर ही कुछ पंक्तियां: कुछ नयी कुछ पुरानी : 1. हमारी शान है हिंदी (मुक्तक) ----------------------- हमारी अस्मिता है राष्ट्र का अभिमान... Hindi · कविता 1 136 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 27 Jan 2022 · 1 min read सोचो, परखो, तोलो, जांचो, फिर अपना मत देना भाईII विगत हुए उस कालखंड को वर्तमान से तोलो भाई -------------------------------------------- जागो मतदाता अब जागो, फिर चुनाव की बेला आयीI सोचो, परखो, तोलो, जांचो, फिर अपना मत देना भाईII हम इन... Hindi · कविता 1 165 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 22 Dec 2021 · 1 min read मेहनत व्यर्थ नहीं जाती है (बाल कविता) मेहनत व्यर्थ नहीं जाती है (बाल कविता) छोटू उस दिन रोता आया, स्पर्धा में जीत न पाया चुप से कमरे में जा बैठा दादाजी ने फिर समझाया कभी कभी ऐसा... Hindi · कविता · बाल कविता 374 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 7 Jul 2021 · 1 min read मानसून की बिगड़ी चाल। आज की बाल कविता मानसून की बिगड़ी चाल। ------–------------------- मानसून की बिगड़ी चाल। सूखे हैं सब पोखर ताल। जून गया जौलाई आयी। गरमी से है विकट लड़ाई।। बदन चिपचिपा रहा... Hindi · कविता · बाल कविता 1 301 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 4 Jun 2021 · 1 min read पशु पक्षी आजाद मगर इन्सान बंद हैं, सभी सम्मानित कविवृंद को नमन। आज की गोष्ठी में प्रस्तुत हैं चार चार पंक्तियों की चंद चतुष्पदियां। 1. कोरोना के चलते पूरा देश बंद है। घर, दफ्तर, बाजार पूर्ण परिवेश... Hindi · कविता 1 2 319 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 7 May 2021 · 1 min read पशु पक्षी आजाद मगर इन्सान बंद है। कोरोना के चलते पूरा देश बंद है। घर, दफ्तर, बाजार पूर्ण परिवेश बंद है।। रैली, रेले, मेले, टेले, हाट, सिनेमा, आलू, टिक्की, चाट,बंद, संदेश बंद है। घर से बाहर आवाजाही... Hindi · कविता 2 2 224 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 27 Apr 2021 · 1 min read तटस्थ धर्मराज तटस्थ धर्मराज ------------------ वाह रे धर्मराज, कलियुग में भी दिखा ही दिया अपना प्रभाव। तब एक युधिष्ठिर थे, यद्यपि धर्मराज कहलाते थे, लेकिन उन्होंने घोर अधर्म किया हारा हुआ राज्य... Hindi · कविता 1 293 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 8 Mar 2021 · 1 min read जिस जगह पूज्य होती नारी, उस जगह देवता बसते हैं। आज महिला दिवस पर ब्रह्मांड की समस्त नारी शक्ति को नमन। नारी के महत्व को दर्शाती मेरी रचना। जिस जगह पूज्य होती नारी, उस जगह देवता बसते हैं नारी तो... Hindi · कविता 2 2 325 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 4 Mar 2021 · 1 min read औकात औकात : लघुकथा 'भाइयों और बहनों, हमें ऐसी पार्टी को चुनाव में हराना होगा जो लोगों को जाति और मजहब में बाँटकर सांप्रदायिकता का जहर घोल रही है। हमारे दल... Hindi · कविता 4 6 468 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 18 Jan 2021 · 1 min read बहुत हो गया कोविद जी अब तो जाओ बहुत हो गया कोविद जी अब तो जाओ। जाओ भी अब हठधर्मी मत दिखलाओ।। कुछ दिन के मेहमान सरीखे आ जाते। खाते पीते कुछ दिन और चले जाते। लेकिन तुम... Hindi · कविता · काव्य संग्रह 1 1 4 225 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 28 May 2020 · 1 min read क्या होता है कोरोना क्या होता है कोरोना छोटू ने मम्मी से पूछा एक बात बतलाओ। क्या होता है यह कोरोना, आप मुझे समझाओ। बंद हुए स्कूल, खेलने पर भी पाबंदी है। शापिंग माल,... Hindi · कविता · बाल कविता 1 234 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 28 May 2020 · 1 min read कवि पत्नी की नोंकझोंक 07.02.2020 कवि पत्नी की नोंकझोंक कवि जी और घराणी में नित नोंकझोंक चलती थी। अपना घर तुम स्बयं सम्हालो, वो अक्सर कहतीं थी।। आप गोष्ठियों में सखियों सँग मौज मजा... Hindi · कविता 1 2 458 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 12 May 2020 · 1 min read कोरोना तू अब तो जा कोरोना तू अब तो जा -------------------------- कोरोना तू जा जा जा। खा के जहर कहीं मर जा।। बहुत हो चुका तेरा राज। बंद घरों में हैं हम आज।। लॉबी, कमरा,... Hindi · कविता · बाल कविता 3 1 287 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 22 Apr 2020 · 1 min read कब तक घर में बंद रहूँगा कब तक घर में बंद रहूँगा। -------------------------------- छोटू पापा से ये बोला, कब तक घर में बंद रहूँगा बैठे बैठे ऊब गया हूँ, कब बाहर जाकर खेलूंगा। पापा ने उसको... Hindi · कविता · बाल कविता 2 2 399 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 12 Jan 2020 · 1 min read नववर्ष मात्र इतना करना। नववर्ष मात्र इतना करना पूरा करना सबका सपना चहुँ ओर शांति सुख चैन रहे माँ बहनों का सम्मान रहे वहशी हैवान दरिंदों से नारी की अस्मत बची रहे फिर हो... Hindi · कविता · काव्य संग्रह 1 1 4 216 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 11 Jan 2020 · 1 min read रूढ़ियों को तोड़िए। यह कविता मैंने सन् 1985 में लिखी थी। रूढ़ियों को तोड़िए, धर्मांधता को छोड़िए। और सबको राष्ट्र की धारा में लाकर जोड़िए।। हैं नहीं केवल अँधेरे, रौशनी भी है यहाँ।... Hindi · कविता 2 208 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 4 Nov 2019 · 1 min read धार के विपरीत ही मैं तो सदा चलता रहा एक दर्पण रूप मेरे नित्य नव गढ़ता रहा। मैं स्वयं की झुर्रियों के बिंब ही पढ़ता रहा।। दौड़ता हरदम रहा लेकिन कहीं पहुँचा नहीं। धार के विपरीत ही मैं.तो सदा... Hindi · कविता 1 250 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 2 Nov 2019 · 1 min read जैसी करनी वैसी भरनी दूर दूर तक धुआँ धुआँ है दिन में ही अँधकार हुआ है घोर कुहासे के बादल में बेबस सूरज कैद हुआ है. दृश्य सभी धूमिल दिखते हैं चक्षु हारते से... Hindi · कविता 2 2 451 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 28 Sep 2019 · 2 min read बाबूजी का श्राद्ध बाबूजी का श्राद्ध --------------------- बाबूजी के श्राद्ध पर पंडित जी बोले, सुनो जजमान, जो बाबूजी खाते थे, वही बनवाना पकवान। यदि कुछ कमी रही तो, बाबूजी की आत्मा अतृप्त रह... Hindi · कविता 2 2 342 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 18 Sep 2019 · 1 min read बाल कविता:दूध के दाँत कविता: दूध के दाँत ------------------------- नटखट छोटू लगा बिलखने उसका दाँत लगा था हिलने दाँत कहाँ से मैं लाऊँगा बाबा जैसा हो जाऊँगा मम्मी पापा ने समझाया दाँत दूध के... Hindi · कविता · बाल कविता 1 2 243 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 17 Aug 2019 · 1 min read मैं हूँ नंबर वन बाल कविता ः मैं हूँ नंबर वन ----------------- नटखट छोटूराम मुहल्ले भर का प्यारा। हर चाची ताई नानी का रहा दुलारा।। खेल कूद में बच्चों का अगुआ रहता था। घर... Hindi · कविता · बाल कविता 413 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 23 Jun 2019 · 1 min read सैनिक की जिंदगी, दिवाली पर न आऊँगा, उमंगों को सुला देना नहीं मिल पाई है छुट्टी अकेले घर सजा लेना यहाँ सरहद पे हम मिलकर बमों को खूब फोड़ेंगे हमारे नाम के दीपक... Hindi · कविता 306 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 8 Mar 2019 · 1 min read जिस जगह पूज्य होती नारी, उस जगह देवता बसते हैं नारी ही तो जननी सबकी, उससे ही जीवन पाया है उसने पयपान कराकर ही, हमको बलवान बनाया है वह जननी है, वह भगिनी है, सहचरिणी है, पुत्री भी है निज... Hindi · कविता 1 198 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 3 Sep 2018 · 2 min read भगवान और भक्त : कलियुगी संवाद भक्त और भगवान, कलियुगी संवाद जन्माष्टमी पर भक्ति भाव कुछ ऐसा हो गया कि कान्हा से साक्षात्कार हो गया मैं नतमस्तक हो गया कान्हा के चरणों में लोट गया कान्हा... Hindi · कविता 1 704 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 13 Aug 2018 · 2 min read दुनियादारी मिलना जुलना, शादी उत्सव, यारी रिश्तेदारी एक लिफाफे में सिमटी है सारी दुनियादारी प्रेम भाव तो लुप्तप्राय दिखता है संबंधों में रिश्ते तो अब बचे हुए हैं केवल अनुबंधों में... Hindi · कविता · काव्य संग्रह 1 688 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 31 Jul 2018 · 2 min read नमामि गंगे हर हर गंगे नमामि गंगे हर हर गंगे ============== नमामि गंगे सुनते सुनते इक दिन हमने भी ये सोचा गंगा को हम भी दे आएं पापों का सब लेखा जोखा स्वच्छ मिलेगी गंगा... Hindi · कविता · काव्य संग्रह 1 · हास्य व्यंग रचना 724 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 6 Apr 2018 · 1 min read आओ हम सब बनें भगीरथ आओ हम सब बनें भगीरथ एक भगीरथ के तप से ही, धरती पर गंगा आई शिव के सहस्त्रार से होकर, अमृतमय जल ले आई गंगाजल का एक आचमन, तन मन... Hindi · कविता 484 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 21 Mar 2018 · 1 min read फुटपाथों का बचपन आँखों में अगणित प्रश्न लिए और मन में बस जिज्ञासा तन से कोमल मन से कुंठित लगता है डरा डरा सा बचपन में मानो जान लिया हो सारा जीवन दर्शन... Hindi · कविता · काव्य संग्रह 1 · सामाजिक विसंगतियां 457 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 18 Mar 2018 · 1 min read हम दर्पण भी दिखलाते हैं हम भक्त नहीं, शुभचिंतक हैं, हम सच्ची बात बताते हैं केवल गुणगान नहीं करते, हम दर्पण भी दिखलाते हैं क्यों जनता तुमसे विमुख हुई, क्यों उसने तुम्हें हराया है थोड़ा... Hindi · कविता · काव्य संग्रह 1 · सचेतक 409 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 25 Feb 2018 · 1 min read ससुराल में पहली होली खूब याद आती है अब भी पहली होली पहुँचे जब ससुराल मनाने को हम होली पत्नी मैके गई हुई थी, मन आतुर था होली पर पत्नी सँग होगी खूब ठिठोली... Hindi · कविता 624 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 25 Jan 2018 · 1 min read रंग तिरंगे के छाएं जन जन को प्राणों से प्यारा, ये गणतंत्र हमारा है संविधान निज मिला राष्ट्र को, सबका बना सहारा है संविधान के इस उत्सव को, हम प्रतिवर्ष मनाते हैं भारत माँ... Hindi · कविता · काव्य संग्रह 1 · देश भक्ति 406 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 30 Sep 2017 · 1 min read विजयादशमी तभी मनायेंं विजयादशमी के उत्सव को, धूमधाम से सभी मनाते नगर नगर में रावण के, ऊँचे पुतले फूंके जाते त्रेतायुग की उस घटना का, ढोल पीटते नहीं अघाते कलियुग में कितने रूपों... Hindi · कविता 245 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 12 Jul 2017 · 1 min read नींव का पत्थर एक छंदमुक्त रचना नींव का पत्थर ========== क्यों कुरेदते हो मुझे, ये दर्द मुझे सहने दो मैं नींव का पत्थर हूँ, मुझे यूँ ही दबा रहने दो तुम्हारी ऊँचाइयाँ, ये... Hindi · कविता 1 2 5k Share श्रीकृष्ण शुक्ल 20 May 2017 · 1 min read गतिमान रहो दो पल का ये नश्वर जीवन हर पल इसको भरपूर जियो तुम किस उलझन में ठहरे हो गतिमान रहो, गतिमान रहो रवि में गति है, शशि में गति है पृथ्वी... Hindi · कविता · काव्य संग्रह 1 · जीवन दर्शन 1 2 397 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 31 Mar 2017 · 4 min read जन्मभूमि पर रामलला के मंदिर का निर्माण हो पूरी हो मन की अभिलाषा जन जन का कल्याण हो जन्मभूमि पर रामलला के मंदिर का निर्माण हो आक्रंता था बाबर जिसने जन्मभूमि कब्जाई थी परकोटों का नाम बदल कर,... Hindi · कविता · काव्य संग्रह 1 · धार्मिक 869 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 8 Mar 2017 · 1 min read द्रौपदी ही अब हरेगी द्रौपदी के उर की पीड़ा रोज होते हैं स्वयंवर, रोज होती द्यूत क्रीड़ा है नहीं कोई हरे जो, द्रौपदी के उर की पीड़ा दांव पर लगती है प्रतिदिन द्रौपदी क्षण क्षण यहां पर आस्था थी... Hindi · कविता · काव्य संग्रह 1 · नारी विमर्ष 686 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 31 Jan 2017 · 1 min read वोट डालने निश्चित जाना नेताजी लेकर आए हैं लोक लुभावन ढेरों वादे जनता तो है भोली भाली समझ न पाती कुटिल इरादे. इनको आज बदलना होगा जन जन को समझाना होगा जात धर्म से... Hindi · कविता · काव्य संग्रह 1 · मतदान प्रेरणा 233 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 10 Jan 2017 · 1 min read हिंदी अपनाओ हिंदी दिवस पर वर्ष १९८६ , १४_९_८६ को लिखी अपनी एक कविता प्रस्तुत कर रहा हूँ. अपनी भाषा अपनाने में, अब तो लज्जा मत दिखलाओ हिन्दुस्तानी हो, हिंदी को पूर्ण... Hindi · कविता 351 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 8 Jan 2017 · 1 min read असुर हमारे भीतर ही है बंगलोर में छात्रा से छेड़छाड़ की घटना से क्षुब्ध मन द्वारा उत्पन्न हुई मेरी रचना प्रस्तुत कर रहा हूँ. असुर हमारे भीतर ही है __________________ वह जो आगे जा रही... Hindi · कविता 336 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 4 Jan 2017 · 1 min read नववर्ष की शुभकामना नववर्ष आपके जीवन में खुशियाँ अनन्त दे पल पल में हर स्वप्न आपका पूरा हो स्वर्णिम हर रोज सवेरा हो चहुं ओर शांति और सौरभ हो पद में गरिमा और... Hindi · कविता 551 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 3 Dec 2016 · 1 min read चोरों की बस्ती में हल्ला है बड़े बड़े नोटों की बंदी का जबसे फरमान हुआ है एक एक भारतवासी के मन में ये अरमान जगा है अब अमीर भी मुझ गरीब सा खाली हाथ निठल्ला है... Hindi · कविता · काव्य संग्रह 1 · परिस्थितिजन्य व्गग 471 Share