Archana Shukla "Abhidha" Language: Hindi 17 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Archana Shukla "Abhidha" 19 Oct 2022 · 1 min read "पुष्प"एक आत्मकथा मेरी पेड़ पे लगी... पुष्प बन खिली थी... कलियाँ संग । एक भंवरा... करी अठखेली रे... पंखुड़ी संग । लगी नजर... टूटा पुष्प डाली से... मिटा अस्तित्व । टूट चुकी थी...... Hindi · हाइकु 2 1 804 Share Archana Shukla "Abhidha" 28 May 2022 · 1 min read प्रीति प्रीति करें ऐसे करें, जैसे धड़कन श्वास! एक साथ दोनों रहें, रिश्ता जोड़े खास!! -अर्चना शुक्ला "अभिधा" Hindi · दोहा 1 301 Share Archana Shukla "Abhidha" 13 May 2022 · 1 min read वेदना जिस्म तो यही रहा साँसें चलती गयी तुम्हारी कमी अन्तस तक तोड़ती गयी रात के सन्नाटे में तन्हाई शोर मचाती गयी बनकर अश्रु आँखों के कोरों से छलकती गयी सूनसान... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 1k Share Archana Shukla "Abhidha" 29 Apr 2022 · 1 min read "जीवन" शून्य से शुरू जीवन काल चक्र शून्य से खत्म कर्म से निज पुरुषार्थ हेतु सा जनमा जीव मध्य सिमटा जीवन्त आत्मा वश भ्रमित जीव मै और मैं के झंझावत मे... Hindi · हाइकु 2 414 Share Archana Shukla "Abhidha" 27 Apr 2022 · 3 min read ईश्वरतत्वीय वरदान"पिता" क्षितिज से विशाल, रत्नाकर से गहरें, शालीन उदार संयमी तपस्वी, जो कोटिश ऋषिमुनियों की, पवित्र पावन तपोभूमि पर, कठोर तप का, ईश्वरतत्वीय वरदान है.... सांसारिक काँटों के बीच, नन्हें परिंदें... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 12 13 518 Share Archana Shukla "Abhidha" 2 Apr 2022 · 1 min read आहिस्ता से सुनो सुनोंगें आहिस्ता से टूटते हुए दिल के तार बजेंगे गमों में भीगती हुई बरसात के दर्द हजार दिखेंगे ओढ ली है चादर खामोशियों की मैंने मगर रीसते हुए जख्मों के... Hindi · मुक्तक 1 211 Share Archana Shukla "Abhidha" 2 Apr 2022 · 1 min read मुक्तक "जिन्द़गी की ठोकरों ने सबक सिखा दिया जाने क्यों वक्त से पहले ही बडा़ बना दिया थामना था जब क़लम इन मासूम हाथों को तब जिम्मेदारियों का एक थैला थमा... Hindi · मुक्तक 201 Share Archana Shukla "Abhidha" 7 Mar 2022 · 1 min read मुक्तक काँप गयी रूह जब ऐसा मंजर देखा अपनों के ही पास मिला खंजर देखा हाथों में न कोई तीर,कमान न औजार था रीसते रक्त पर नमी आँखो की बंजर देखा... Hindi · मुक्तक 1 1 285 Share Archana Shukla "Abhidha" 7 Mar 2022 · 1 min read मतला- अच्छा नही लगता 1222 1222 1222 1222 रकीबों से भरी महफिल वहां अच्छा नही लगता मुखौटों से सजे मुखडे़ जहां अच्छा नही लगता -अर्चना शुक्ला"अभिधा" Hindi · शेर 521 Share Archana Shukla "Abhidha" 7 Mar 2022 · 1 min read मतला- चाहता हूँ मैं 1222 1222 1222 1222 लुटा जब आशियाँ मेरा सहारा चाहता हूँ मै नज़र आता नही मुझको किनारा चाहता हूँ मै -अर्चना शुक्ला"अभिधा" Hindi · शेर 337 Share Archana Shukla "Abhidha" 24 Feb 2022 · 1 min read जीवन शून्य से शुरू जीवन काल चक्र शून्य से खत्म कर्म से निज पुरुषार्थ हेतु सा जनमा जीव मध्य सिमटा जीवन्त आत्मा वश भ्रमित जीव मै और मैं के झंझावत मे... Hindi · हाइकु 1 1 411 Share Archana Shukla "Abhidha" 24 Feb 2022 · 1 min read नाउम्मीदी से उम्मीद नाउम्मीदी मे उम्मीद कभी खोना नहीं बुरा है वक्त ए दौर अभी पर रोना नही ले रहा है मालिक कठिन परीक्षाएं तेरी रखना विश्वास अटल धीरज खोना नही दिखाऐगा राह... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 278 Share Archana Shukla "Abhidha" 24 Feb 2022 · 1 min read गज़ल वक्ती तौर पर आज गुनहगार हो गए, निर्दोष होते हुए भी तलबगार हो गए! पेश आए बड़ी बेरहमियों से हमसे, सच सामने आया तो शर्मसार हो गए! न था ज्ञान... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 305 Share Archana Shukla "Abhidha" 20 Feb 2022 · 1 min read तोहमत तुम्हारे इश्क़ मे खुद को फऩा कर दिया, कितनी आसानी से तुमनें बेवफ़ा कह दिया! बताकर दामन ए पाक भरी महफिल में, इश्क़ ए रूहानियत ए रब्बा कह दिया! हँसकर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 265 Share Archana Shukla "Abhidha" 19 Feb 2022 · 1 min read लावणी छंद- "आधुनिक शिक्षा" शिक्षित- शिक्षित करते रहते, ज्ञान विहीन समाज रहा, अशिष्टता पाँव पसारे जग, संस्कृति विलुप्त आज रहा! विदेशी सभ्यता को अपना, नव पीढ़ी बर्बाद हुयी, है लोकलाज सब बिसर चुकी, मधुशाला... Hindi · गीत 1 240 Share Archana Shukla "Abhidha" 17 Feb 2022 · 1 min read "भूख"..जीवन से मृत्यु तक तड़प रहा... भूख से बेहाल हो... भटक रहा ।। फटे कपडे... गला रूँध सा भरा... निर्मम शब्द ।। सजल नेत्र... भाव करूणा लिए... रूंधित स्वर ।। परित्यक्त भोग... मिटा रहा... Hindi · हाइकु 1 2 485 Share Archana Shukla "Abhidha" 14 Feb 2022 · 1 min read "स्त्री हूँ"... हाँ कभी... जन्मदात्री,ममतामयी, ज्ञानदायिनी,लक्ष्मीस्वरूपा, करूणामयी,इत्यादि से "पूजते".... तो कभी... कुलटा, कुलक्षिणी, कुलनाशिनी,चरित्रहीन, इत्यादि से "निन्दा" और "तिरस्कृत" करते .... ऐसा क्यों...? अरे न..ना..ना.. नही चहिए..हाँ नही चाहिए, कोई नाम मुझे....... Hindi · कविता 1 4 430 Share