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24 Feb 2022 · 1 min read

जीवन

शून्य से शुरू
जीवन काल चक्र
शून्य से खत्म

कर्म से निज
पुरुषार्थ हेतु सा
जनमा जीव

मध्य सिमटा
जीवन्त आत्मा वश
भ्रमित जीव

मै और मैं के
झंझावत मे फसा
उलझा रहा

-अर्चना शुक्ला”अभिधा”

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 333 Views
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