शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" Tag: कविता 21 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 28 Sep 2020 · 1 min read वो बेटी है ना! वो बेटी है ना! उसे पापा की शर्ट, माँ की साड़ी भाती है। सारे घर को रौशन करके स्वर्ग बनाती है। हंसकर हर जिम्मेदारी चुपचाप उठाती है। भाई का हाथ... Hindi · कविता 4 2 401 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 15 Aug 2020 · 1 min read "भारत देश हमारा है " वुजू करें इस माटी से, भाल तिलक सा मलते हैं। ये जीसस की माला सी, हम "गुरुग्रंथ" सा पढ़ते हैं। ये देश है प्यारे उपवन सा, यहाँ पुष्प अनेको खिलते... Hindi · कविता 6 2 265 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 19 Jun 2020 · 1 min read बवाल लिखा है। बता मैं तुझे क्या लिखूं ए जिन्दगी। खुदा ने तूझे खूब कमाल लिखा है। ढूढ़ता थक गया जिन जवाबों को। तुझे एसा कठिन सवाल लिखा है। बरसते हैं गम यहां... Hindi · कविता 5 7 283 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 14 Jun 2020 · 1 min read "साँसे गिनते हुए" जिया नहीं गया हमसे उस कटघरे में ताज्जुब क्या है? मैं ने देखा है कठपुतलियों सी जिन्दा लाशें कई वहाँ चलते हुए। आजाद हूँ कैद गँवारा नहीं मुझे हैं लोग... Hindi · कविता 6 2 453 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 14 Jun 2020 · 1 min read हो जाए जो होना अब है। सच है वक्त रुकता नहीं पर हमने रोका कब है? जो गुजर रहा रब की मर्जी हमने ऐसा सोचा कब है? नहीं है भय किसी बात का भी हो जाए... Hindi · कविता 5 3 258 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 13 Jun 2020 · 1 min read तुम और हम तुम और हम सूखी नदी के दो किनारे। जिसे कभी न लहरें जोड़ सकेगी न हवा। तुम और हम जीवन में हर क्षण के नासूर । जिसे कभी न दुआ... Hindi · कविता 5 393 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 12 Jun 2020 · 1 min read हसीन लिख दिया बड़ी साजिशें की तूफानों ने "जिंदगी" को "हादसा" लिखने की। बेखौफ "वक्त" ने बाजी पलटी और "हसीन" लिख दिया। -शशि "मंजुलाहृदय" Hindi · कविता 2 392 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 12 Jun 2020 · 1 min read "हालात लिखता हूँ" हाँ डायरी नहीं लिखता मैं कुछ पन्नों पे अपनी बात लिखता हूँ। मीठे शब्द नहीं लिखता मैं कुछ गहरे से आघात लिखता हूँ। दूर हूँ फिजूल की बातों से मैं... Hindi · कविता 3 2 210 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 6 Jun 2020 · 1 min read मन की केतली मन की केतली मे मां की प्यारभरी मिठास है पिता के स्नेह का प्यारा गरम सा आभास है। थोड़ी कड़वी पर आदर्श सी स्वाद में भली है। सौंधी खुशबू में... Hindi · कविता 1 2 475 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 2 Jun 2020 · 1 min read ए शाम! ए शाम! हमसे कुछ तो बोल, ये हवाएं कौन सी खुशबू ला रहीं है। इन पंक्षियों की चहचहाहट सुन, इतना मधुर न जाने ये क्या गा रहीं है। तारोंभरा दूर... Hindi · कविता 1 308 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 2 Jun 2020 · 1 min read "खुशी-खुशी" खुशी-खुशी विदा किया मेहमान की तरह। तेरा आना कुछ-कुछ बरसात सा था। मिलो गर कभी मिलना अनजान की तरह। तेरा रव्वैया कुछ-कुछ बेपरवाह सा था। हमने देखा मुड़कर नहीं यूं... Hindi · कविता 4 472 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 1 Jun 2020 · 1 min read "लिखा था कुछ" रेत पर लिखा था कुछ, वो लहरों में बह गया। हवाओं से कहा था कुछ, वो झोंकों में रह गया। पर्वतों ने जो सुना था कुछ, वही मुझसे कह गया।... Hindi · कविता 3 209 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 1 Jun 2020 · 1 min read "कहाँ तक" कहाँ तक कहोगे अधूरे किस्से कहो एक बात ही सही पर गहराई तो हो। चढे़ मुकाम कई सारे बढ़े बेखौफ वही जिसने जड़ जमीन से लगाई हो। -शशि "मंजुलाहृदय" Hindi · कविता 3 1 464 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 12 May 2020 · 1 min read प्रश्नों की सीमा तक जा। किस बात की परेशानी है। कैसी ये हैरानी है? तू है सार विकल्पों का। तू ही असीम ग्यानी है। अन्तर्मन में लगा के गोते। मन के मोती तू चुन ला।... Hindi · कविता 3 2 488 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 12 May 2020 · 1 min read ख़ामोशी सुन लो! ये खामोशी सुन लो, असीम कोलाहल स्थापित है। है शीतल ये अमृत सी, पूरा हलाहल समाहित है। उग्र है ये ज्वाला सी, लहरों सी प्रवाहित है। पढ़ लो नैन लेखनी... Hindi · कविता 4 4 325 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 10 May 2020 · 1 min read माँ "माँ" लिख पाऊं शब्दों में तुमको, वो अधिकार कहां है? गा सकूं सरगम में तुमको, वो सुर का संसार कहाँ है? गहराई नापूं मैं ममता की, इसका पारावार कहाँ है?... Hindi · कविता 2 292 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 9 May 2020 · 1 min read "ए जिंदगी!" मैं कहूं-"लिख दूं तुम्हें" तुम कहोगी-"जी नहीं"। मैं कहूं-"पढ़ लूं तुम्हें" तुम कहो "बिल्कुल नहीं"। जो कहो तुम ही कहो तुम मेरी सुनती नहीं। तुम मेरी प्यारी सखी तेरी मैं... Hindi · कविता 1 208 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 7 May 2020 · 1 min read " हार-जीत " हार-जीत तो किस्मत के सिक्के का दो पहलू है। तेरे जीवन के शतरंज का प्यादां और राजा तू है। हर चाल तेरी तुझको तेरे मंजिल तक ले जाएगी। कभी जीत... Hindi · कविता 2 1 358 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 6 May 2020 · 1 min read " कान्हा की उलाहना " सुनहु मात हम वैसहु नाई। जैसन ई सब नारि बताई।। मै नही चोरी माखन कीनि। कर बरजोरी मुख मलि दिनि।। पहर तलक मोहे नाच नचायो। पकरि मोहि मुरली बजवायो।। नाच-नाच... Hindi · कविता 4 454 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 6 May 2020 · 1 min read "मेरे दुश्मन" ये दुश्मनी मुझे हार को भी जीतने को मजबूर कर जाती है। झूठ हैं कहते सब तेरी हर नुकीली बात सच कह जाती है। तू ईर्ष्या में ही सही मेरे... Hindi · कविता 2 1 567 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 5 May 2020 · 1 min read "हारी नहीं हूँ" बहुत दूर चलकर लौटी हूँ तो क्या, मैं हारी नहीं हूँ । कुछ छाले और जख्म ही है पग में, मैं बेचारी नहीं हूँ। हर जिम्मेदारी का बोझ उठा लूं,... Hindi · कविता 5 6 276 Share