Comments (6)
5 May 2020 06:46 PM
अति सुन्दर प्रस्तुति ?
शशि शर्मा "मंजुलाहृदय"
Author
5 May 2020 09:36 PM
बहुत बहुत आभार!
5 May 2020 05:00 PM
मुश्किलों से किसी की यारी नहीं है
जहां हिम्मत है वहां दुश्वारी नहीं है ।
बढ़िया लिखा ।
शशि शर्मा "मंजुलाहृदय"
Author
5 May 2020 09:35 PM
जी बिल्कुल सर!
सहृदय धन्यवाद ?
प्रेम की परिभाषा , मानव की अभिलाषा
जगत जननी , दुःखहरणी सृष्टि की अनमोल कृति नारी हूँँ मैं।
संकट मोचनी , पापनाशिनी , दावानल बन जाऊं वह वीरांगना चिंगारी हूँँ मैं।
धन्यवाद !
उत्तम रचना।
धन्यवाद!