संजीव शुक्ल 'सचिन' Language: Hindi 833 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid संजीव शुक्ल 'सचिन' 22 Aug 2024 · 1 min read बचपन बचपन __________ तन मटके मुस्कान मधुर, खाये हिचकोले माटी में।। मन अबोध निश्छल निष्कंटक, सरपट डोले माटी में। पग आरंभिक रखने का सुख, शब्द नहीं वर्णित कर दे। मात पिता... Hindi · गीत 1 53 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 22 Aug 2024 · 1 min read #राजनैतिक_आस्था_ने_आज_रघुवर_को_छला_है। #राजनैतिक_आस्था_ने_आज_रघुवर_को_छला_है। _________________________________________ राजनैतिक आस्था ने आज रघुवर को छला है। दाँव यह किसने चला है? राम जिसको पूजते थे वह अवध की धन्य धरती। पातकी जन के हृदय की नित्य... Hindi · गीत 1 73 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 22 Aug 2024 · 1 min read #गंग_दूषित_जल_हुआ। #गंग_दूषित_जल_हुआ। =================== भाव भगवन से मिलन का लग रहा था हल हुआ। पर यहाँ पर छल हुआ। हर तरफ पाखण्ड का ही बोलबाला बढ़ रहा। धर्म को धूरी बनाकर शीर्ष... Hindi · गीत 1 60 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 22 Aug 2024 · 1 min read चाह थी आप से प्रेम मिलता रहे, पर यहांँ जो मिला वह अलौकिक रहा चाह थी आप से प्रेम मिलता रहे, पर यहांँ जो मिला वह अलौकिक रहा। आपने दी जगह मध्य अन्तस् मुझे, मन मयुरी लगी नाचने वेग से। माथ टीका व अक्षत... Hindi · गीत 56 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 22 Aug 2024 · 1 min read #हे_कृष्णे! #कृपाण_सम्हालो, #कृष्ण_नहीं_आने_वाले। #हे_कृष्णे! #कृपाण_सम्हालो, #कृष्ण_नहीं_आने_वाले। ______________________________________________ बेटी को पढ़ाओ साथ में निज की सुरक्षा करना सिखाओ....ताकि हमारी बहन - बेटियों के साथ कुछ अप्रत्याशित न घटे। ______________________________________________ हे कृष्णे! कृपाण सम्हालो, कृष्ण... Hindi · गीत 1 59 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 8 Jul 2024 · 1 min read #कलिकाल #कलिकाल ___________________ दानवी कलिकाल ऐसा, दुर्जनों के भाल जैसा!! वासना की आग मन में, नोचले वह काग मन में। मृत पड़ा अनुराग मन में- पाप का परभाग मन में। आज... Hindi · गीत 100 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 22 May 2024 · 1 min read अभिव्यञ्जित तथ्य विशेष नहीं।। अभिव्यञ्जित तथ्य विशेष नहीं।। देखे सुखसार भरे पलछिन, फिर कष्ट समेटे ऊसर दिन। अपनों से घाव निशुल्क मिले- उन घावों से उपजे दुर्दिन। कुछ याद सुखद अवशेष नहीं । अभिव्यञ्जित... Hindi · गीत 2 113 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 22 May 2024 · 1 min read चलो चाय पर करने चर्चा। चलो चाय पर करने चर्चा। मोहन सोहन और कन्हैया, भानमति सङ्ग उनके सैंया। नन्दू अदरक कूट रहा है- इन्तजार में गप्पू भैया। बहस छिड़ी है कौन सुवर्चा। चलो चाय पर... Hindi · गीत 2 87 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 9 May 2024 · 1 min read पीर मिथ्या नहीं सत्य है यह कथा, पीर मिथ्या नहीं सत्य है यह कथा, हर सदी में उपेक्षित रहीं बेटियाँ। कोख में ही कभी तो कभी सासरे, ध्वंस इनका हुआ आज भी हो रहा। आज भी यह... Hindi · गीत 1 105 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 28 Apr 2024 · 1 min read कलम व्याध को बेच चुके हो न्याय भला लिक्खोगे कैसे? कलम व्याध को बेच चुके हो न्याय भला लिक्खोगे कैसे? निरपराध को अपराधी कह झूठ लिखोगे, कथा कहोगे। फल देने वाले वृक्षों को ठूँठ लिखोगे, कथा कहोगे। अन्तर्मन जब धिक्कारेगा... Hindi · गीत 106 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 28 Apr 2024 · 1 min read #वर_दक्षिण (दहेज) #वर_दक्षिण (दहेज) ___________________ पूर्व में जो बन गया है, उस नियम पर नित्य चल। दान दे इच्छित सभी कुछ, बेच दे चाहे महल। जन्म देकर एक बेटी, पाप ही तो... Hindi · गीत 1 94 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 27 Apr 2024 · 1 min read संवेदनहीनता #मन_बेचैन_हुआ!! ____________________ मानवता मे देख गिरावट, मन बेचैन हुआ! रिश्तों से मिट गयी तरावट, मन बेचैन हुआ!! नैतिकता शरशैय्या लेटी माँ को आँख दिखायें बेटी। नियत बेंच मनुज देखो अब-... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · गीत 4 109 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 25 Apr 2024 · 1 min read वेदना वेदना __________________________ वेदना मानव हृदय से मिट रही संवेदना की प्रश्न है यह यक्ष बोलो क्या कभी तुम पढ़ सकोगे? है पिता से पुत्र आहत, भ्रात से भ्राता कुपित है... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · गीत 4 1 98 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 16 Apr 2024 · 1 min read पुष्पों की यदि चाह हृदय में, कण्टक बोना उचित नहीं है। पुष्पों की यदि चाह हृदय में, कण्टक बोना उचित नहीं है। प्रेम करोगे प्रेम मिलेगा, सदियों से जग की परिपाटी। पैर धरा पर रखने वालों , का आदर करती है... Hindi · गीत 3 135 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 9 Apr 2024 · 1 min read यदि चाहो मधुरस रिश्तों में यदि चाहो मधुरस रिश्तों में, गाँठ हृदय के आज खोल लो। उधड़ी परतें संबंधों की, तो फिर मुश्किल होगा सीना। प्रेम हीन रिश्तों में रहना, बहुत कठिन है जीवन जीना।... Hindi · गीत 2 138 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 28 Mar 2024 · 1 min read आपका स्नेह पाया, शब्द ही कम पड़ गये।। आपका स्नेह पाया, शब्द ही कम पड़ गये।। मैं अकिञ्चन तुच्छ सा नर भीड़ में खोया हुआ। शून्य हूँ अस्तित्व रीता मान कर सोया हुआ। मान देने के लिए ही... Hindi · धन्यवादी गीत 1 105 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 19 Mar 2024 · 1 min read शूल ही शूल बिखरे पड़े राह में, कण्टकों का सफर आज प्यारा मिला शूल ही शूल बिखरे पड़े राह में, कण्टकों का सफर आज प्यारा मिला। बोझ जीवन लगे अब हमारा हमें, इश्क से आज कैसा नजारा मिला।। सद्य कंपित अधर से नयन... Hindi · गीत 1 126 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 4 Mar 2024 · 1 min read प्रेम अपाहिज ठगा ठगा सा, कली भरोसे की कुम्हलाईं। #विधा:- गीत #दिनांक :- २८/०२/२०२४ ______________________________________________ नभ में घोर बदरिया छाई, देख धूर्त लेते अँगड़ाई। प्रेम अपाहिज ठगा ठगा सा, कली भरोसे की कुम्हलाईं।। मान जिन्हें परमेश्वर पूजा, लगे वहीं... Hindi · गीत 1 166 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 4 Mar 2024 · 1 min read फागुन (मतगयंद सवैया छंद) फागुन कोयल कूक रही बगिया नव पल्लव डंठल पादप पाये। मोजर से अमुवा लदके भँवरा कलिका लखि के पगलाये। पीत पुनीत खिली सरसों अरु मादकता महुँआ छलकाये। फागुन मोह रहा... Hindi · मतगयंद सवैया छंद 2 128 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 22 Jan 2024 · 1 min read #राम_भला_कब_दूर_हुए_है? #राम_भला_कब_दूर_हुए_है? _______________________ राम भला कब दूर हुए है? हम में तुम में कण- कण में हैं, दिवा- निशा हर क्षण- क्षण में है। खल कामी तुम देख न पाते, राम... Hindi · गीत 1 101 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 1 Jan 2024 · 1 min read स्वागत है इस नूतन का यह वर्ष सदा सुखदायक हो। स्वागत है इस नूतन का यह वर्ष सदा सुखदायक हो। हर्ष बढ़े दुख नाशक हो नव भाग्य रचे जन लायक हो। मंगलदायक शान्ति चराचर उन्नति का परिचायक हो। द्वेष मिटे... Hindi · Quote Writer 241 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 24 Dec 2023 · 1 min read चुप रहना भी तो एक हल है। चुप रहना भी तो एक हल है। ________________________ अक्षुण्ण हों संबंध हमारे, और सङ्ग अपनों का श्रेयस्कर। उर्जा नवल पंथ गढ़ने की जीवन में सब कुछ हो यशकर। हृदय किसी... Hindi · गीत 1 249 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 5 Nov 2023 · 2 min read #लाश_पर_अभिलाष_की_बंसी_सुखद_कैसे_बजाएं? #लाश_पर_अभिलाष_की_बंसी_सुखद_कैसे_बजाएं? ________________________________________ है लिखा विधि में विधाता ने तमस का ही सबेरा, तो बताओ इस दिवाली दीप फिर कैसे जलायें। स्वप्न पे मरघट लिखा है और शुक्लक सङ्ग दूरी, कालिमा... Hindi · गीत 2 242 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 5 Nov 2023 · 1 min read #संबंधों_की_उधड़ी_परतें, #उरतल_से_धिक्कार_रहीं !! #संबंधों_की_उधड़ी_परतें, #उरतल_से_धिक्कार_रहीं !! __________________________________________ कोस रहा है बूढ़ा बरगद, मिट्टी हमें पुकार रही। संबंधों की उधड़ी परतें, उरतल से धिक्कार रहीं। पनघट की प्रेमिल खूशबू भी, गन्ध रहित अभिशप्त लगे।... Hindi · गीत 1 172 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 31 Oct 2023 · 1 min read सृजन कुंज के स्थापना दिवस पर कुंज एवं कुंज परिवार को हार्दिक सृजन कुंज के स्थापना दिवस पर कुंज एवं कुंज परिवार को हार्दिक बधाई एवं अनंत मंगलकामनाएंँ 🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🌹🙏🌹🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁 दम्भ का प्रतिकार कर बस शील का सत्कार हो, मान सर्जक को मिले... Hindi · गीत 1 189 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 22 Oct 2023 · 1 min read #दुर्दिन_हैं_सन्निकट_तुम्हारे #दुर्दिन_हैं_सन्निकट_तुम्हारे ______________________ नयनों में निष्ठुरता के जब, भाव समाने लग जायेंगे। प्रतिशोध के लिए उर में जब, दाव समाने लग जायेंगे। सत्य यही समझो तब प्यारे, दुर्दिन हैं सन्निकट तुम्हारे।... Hindi · गीत 2 244 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 9 Oct 2023 · 1 min read श्रम करो! रुकना नहीं है। #श्रम_करो! रुकना नहीं है। ~~~~~~~~~~~~~~~~ भाग्य हो उन्नति सुनो विश्राम को झुकना नहीं है, श्रम करो! रुकना नहीं है। पंथ में पाषाण हो या कण चुभे पग रक्तरंजित, भेद कर... Hindi · गीत 1 248 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 7 Oct 2023 · 1 min read श्वेत बस इल्बास रखिये और चलिए। श्वेत बस इल्बास रखिये और चलिए। एक छूरा पास रखिये और चलिए। राजनैतिक दाव का हो दक्ष रहबर, संग वह कन्नास रखिये और चलिए। रहगुज़र दौलत बनाने की कड़ी हो,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 176 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 7 Oct 2023 · 1 min read ज़िन्दगी से आस रखिये और चलिये। ज़िन्दगी से आस रखिये और चलिये। हौसला भी खास रखिये और चलिये। मशविरे पर और कुछ तालीम पर भी, आप बस विश्वास रखिये और चलिये। कोसने से कुछ नहीं मिलता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 186 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 24 Sep 2023 · 1 min read बोलो_क्या_तुम_बोल_रहे_हो? बोलो_क्या_तुम_बोल_रहे_हो? __________________________ साँझ- सुबेरे झिलमिल- झिलमिल, सुधियो का पट खोल रहे हो! बोलो ! क्या तुम बोल रहे हो? रात जागती, राह ताकती, नैनन नीर भरे रहते। आशाएं अवलेप लगातीं,... Hindi · गीत 1 228 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 24 Sep 2023 · 1 min read #है_व्यथित_मन_जानने_को.........!! #है_व्यथित_मन_जानने_को.........!! ______________________________________ प्रेम का पर्याय हो तुम, या कि यह पर्याय तेरा, है व्यथित मन जानने को, सद्य ही आकर बता दो। प्रेम का पर्याय बनना है कठिन दुष्कर नहीं... Hindi · गीत 1 169 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 15 Sep 2023 · 1 min read अद्य हिन्दी को भला एक याम का ही मानकर क्यों? अद्य हिन्दी को भला एक याम का ही मानकर क्यों? दे रहे सम्मान है सब, मन व्यथित यह जानने को। कह रहे अभिमान हिन्दी राष्ट्र की पहिचान हिन्दी , और... Hindi · गीत · व्यंग्य गीत 2 168 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 20 Aug 2023 · 1 min read किन्तु क्या संयोग ऐसा; आज तक मन मिल न पाया? एक गीत _________________________________________ कुण्डली को देख कर ही पण्डितों ने था मिलाया, किन्तु क्या संयोग ऐसा; आज तक मन मिल न पाया? गण मिले नाड़ी मिली थी वर्ण भी अनुकूल... Hindi · गीत 1 208 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 11 Jun 2023 · 1 min read प्रणय गीत प्रणय गीत _________ अभ्र सम अनुराग उर में ले बसा दृग में तुम्हारे, सिंधु सम गहरे हृदय में चाहता रहना हमेशा।। कल्पनाओं में हमारे प्रीति के हर प्रस्फुटन में, एक... Poetry Writing Challenge · गीत 1 244 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 11 Jun 2023 · 1 min read वेदनाएं जिन्दगी में, कर रही छाया घनी अब।। उलझनों से तप्त राहें, हैं पहेली सी बनी अब। वेदनाएं जिन्दगी में, कर रही छाया घनी अब।। क्या घटित क्या घटने वाला, मैं करूं कैसे समीक्षा। मौत के सु-आगमन तक,... Poetry Writing Challenge · गीत 194 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 3 Jun 2023 · 2 min read राम राज्य अब रहा नहीं !! राम राज्य अब रहा नहीं !! ~~~~~~~~~~~~~🙏~~~~~~~~~~~~ राम अयोध्या रही न वैसी, तब जैसे प्रतिवेश नहीं| राम राज्य में थी यह जैसी, वैसा अब परिवेश नहीं|| हिय में वास नहीं... Poetry Writing Challenge · गीत · समाजिक विषमता 1 317 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 3 Jun 2023 · 1 min read मैं पथिक हूँ_गीत का !! मैं पथिक हूँ_गीत का !! ________________________________________ भाव की बहती धराएँ, दे रहीं हमको किनारा मैं पथिक हूँ गीत का अरु, गीत ही अंतिम सहारा।। सुरसरि में शब्दों की मैं, नित्य... Poetry Writing Challenge · गीत 3 136 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 3 Jun 2023 · 1 min read मरी शिष्टता बिन बीमारी !! मरी शिष्टता बिन बीमारी !! _________________________________________ पनघट की प्रेमिल खुशबू को, निगल गई बेशर्मी भारी। खुली सड़क पर चुम्मा -चाटी, मरी शिष्टता बिन बीमारी। लाज! शर्म से पानी -पानी, देख... Poetry Writing Challenge · गीत 202 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 3 Jun 2023 · 2 min read जयकार हो जयकार हो सुखधाम राघव राम की। जयकार हो जयकार हो सुखधाम राघव राम की। ______________________________________ दृग में बसे रघुनाथ पावन धाम हैं हर याम की। जयकार हो जयकार हो, सुखधामा राघव राम की।। हनुमान हैं जिनको... Poetry Writing Challenge · गीत · भक्ति गीत · श्री राम स्तुति 192 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 3 Jun 2023 · 1 min read #सरस्वती_आरती #सरस्वती_आरती ——————----——–///--------------------------------- मन से मिटे कुविचार माँ शुभ कर्म का उपहार दे | है आरती स्वीकार कर वरदान दे माँ शारदे || हिय से लगा कर वत्स की दुविधा सदा... Poetry Writing Challenge · गीत · भक्ति गीत · सरस्वती आरती 1 213 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 3 Jun 2023 · 1 min read सु-स्वागत सङ्ग अभिनन्दन।। सु-स्वागत सङ्ग अभिनन्दन।। _________________________________________ धनाधिप यक्ष नरवाहन, निधीश्वर विश्रवा नंदन। पधारो नाथ मम आलय, सु-स्वागत सङ्ग अभिनन्दन।। बदी शुभ कार्तिक का यह, सदा शुभ पर्व धनतेरस। सनातन सभ्यता जिसपर, करे... Poetry Writing Challenge · गीत 172 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 3 Jun 2023 · 2 min read है तिरोहित भोर आखिर और कितनी दूर जाना?? है तिरोहित भोर आखिर और कितनी दूर जाना?? ___________________________________________ सम्पदा की चाह उर में सभ्यता से हो विलग हम, चल पड़े किस ओर आखिर और कितनी दूर जाना। नयन मूंँदे... Poetry Writing Challenge · गीत 1 167 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 3 Jun 2023 · 1 min read दीनता की कहानी कहूँ और क्या....!! दीनता की कहानी कहूँ और क्या....!! ______________________________________________ तृप्त होती नहीं है क्षुधा की अगन, सच्चिदानंद भी तो बुलाते नहीं। दीनता की कहानी कहूँ और क्या, अश्रु सूखे नयन के रूलाते... Poetry Writing Challenge · गीत 2 349 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 2 Jun 2023 · 2 min read तम भरे मन में उजाला आज करके देख लेना!! तम भरे मन में उजाला आज करके देख लेना!! _________________________________________ तम भरे मन में उजाला आज करके देख लेना, उत्सवों के दौर जीवन से कभी फिर कम न होंगे।। द्वेष... Poetry Writing Challenge · गीत 1 181 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 2 Jun 2023 · 1 min read #चुनाव_संहिता #चुनाव_संहिता __________________________________________ छद्म के ताबूत में तुम, कील ठोको प्यार से अब, मिल गया मौका सुनहरा, फिर नहीं बकलोल बनना।। पाँव में जिनके अभीतक, लोटते तुम फिर रहे थे, हाथ... Poetry Writing Challenge · गीत 1 246 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 2 Jun 2023 · 1 min read #नारी_व्यथा #नारी_व्यथा _______________________________________________ वर्तिका बन जली दीप माध्यम बना, किन्तु गुणगान जग में उसी का हुआ। प्रेम पर्याय है त्याग का बोलकर, नित्य सम्मान जग में उसी का हुआ। हर व्यथा... Poetry Writing Challenge · गीत 1 286 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 2 Jun 2023 · 1 min read #बह_रहा_पछुआ_प्रबल, #अब_मंद_पुरवाई! #बह_रहा_पछुआ_प्रबल, #अब_मंद_पुरवाई! ____________________________________ लोभ के वश प्रेम के पथ, खुद गई खाई! हाय! क्या करे माई? खण्ड आँगन का हुआ यह, देख ममता रो रही। शोक में डूबी हुई है,... Poetry Writing Challenge · गीत 475 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 2 Jun 2023 · 1 min read #होली_विरह_गीत #होली_विरह_गीत _______________________________________ होलिका में आप आना मिल गया पैगाम तेरा, पर प्रिये ! ऐसी दशा है क्या कहें कैसे बताएँ|| मानता हूँ सङ्ग तेरा रंग जीवन में भरेगा, मद्य सेवन... Poetry Writing Challenge · गीत 2 328 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 1 Jun 2023 · 1 min read प्रेम का फिर कष्ट क्यों यह, पर्वतों सा लग रहा है|| प्रेम का फिर कष्ट क्यों यह, पर्वतों सा लग रहा है|| __________________________________________ देख दूजा गात कामुक, मन अगन जब जग रहा है| प्रेम का फिर कष्ट क्यों यह, पर्वतों... Poetry Writing Challenge · गीत 2 195 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 31 May 2023 · 1 min read #सुरनदी_को_त्याग_पोखर_में_नहाने_जा_रहे_हैं......!! #सुरनदी_को_त्याग_पोखर_में_नहाने_जा_रहे_हैं......!! _______________________________________________ रीति की अर्थी सजाकर, सभ्यता से हो विलग हम, सद्य कर अभिदान पावक में जलाने जा रहे हैं।। पूर्वजों से आज तक भी जो मिली थीं थातियाँ वो,... Poetry Writing Challenge · गीत 110 Share Page 1 Next