रवि शंकर साह 41 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid रवि शंकर साह 30 Aug 2023 · 1 min read राखी प्रेम का बंधन राखी प्रेम का बंधन है। नही कोई गठबंधन है। भाई - बहन के अटूट प्रेम का पर्व यह रक्षा बंधन है। जब जब बहनों पर विपदा आई। जब जब बहनों... Hindi · कविता 381 Share रवि शंकर साह 8 Aug 2023 · 1 min read गाँव बदलकर शहर हो रहा गाँव बदल कर शहर हो रहा। हवा बदलकर जहर हो रही। हो रहा मुश्किल यहाँ पे जीना, धरा गाँव की अहर हो रहा। गाँव - घरों के सौन्दर्यो पर ,... Hindi · कविता 2 203 Share रवि शंकर साह 1 Aug 2023 · 1 min read धीरे धीरे धीरे-धीरे अपनों का साथ, हाथों से छूटता चला गया। जिंदगी का सफर अपना,इस तरह कटता चला गया। आशा और निराशा के बीच, दिन गुजरता चला गया। बिना अपने- अपनों के,... Hindi · कविता 1 343 Share रवि शंकर साह 11 Feb 2022 · 1 min read बेकार की बात बेकार की बातों में उलझा, है यहां सब इंसान। झूठ को सच । सच को झूठ करने में लगा है तमाम। राजनीति का खेल, अब हो गया बेलगाम l मन्दिर... Hindi · कविता 347 Share रवि शंकर साह 19 Jan 2022 · 1 min read आदमी हो या पायजामा यार तुम आदमी हो या पायजामा तुम्हें क्यों समझ में नहीं आता है। बार बार तुम इस राजनीति के, चक्कर में आ जाता है। ना तो पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़े... Hindi · कविता 207 Share रवि शंकर साह 2 Nov 2021 · 1 min read मंहगाई की मार कैसी पड़ी अब मंहगाई की मार। पेट्रोल डीजल हो गया सौ के पार। महंगाई की पड़ी है जब से मार। फीका पड़ गया हर पर्व- त्योहार। दो सौ के ऊपर... Hindi · कविता 1 1 257 Share रवि शंकर साह 31 Jul 2021 · 1 min read साहित्यकार हूँ मैं। कोरोना काल में बना एक साहित्यकार हूँ मैं। ऑनलाइन- ऑफलाइन पाठ को तैयार हूँ मैं। जब से कवि सम्मेलनो मुशायरों में जाने लगा हूँ। तब से कइयों के नजरों में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 400 Share रवि शंकर साह 28 Jul 2021 · 1 min read सब बेकार है। अपना संगी है, साथी है। रिश्ते है नाते है। कोई किसी की मदद नहीं करता है। तब सब बेकार है। गाड़ी है बंगला है महल दो महला है। घर में... Hindi · कविता 1 1 220 Share रवि शंकर साह 21 Jul 2021 · 1 min read मतलब है क्या तुम्हारा अब मुस्काना क्या। तुम्हारा अब इठलाना क्या। प्यार जब रहा ही नहीं फिर। छुप छुप आँसू बहाना क्या? गैर के बाहों में जा बैठी जब। खुद से खुद को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 230 Share रवि शंकर साह 12 Jul 2021 · 1 min read जमाना याद करेगा कल रहूँ ना रहूँ मैं जग में। जमाना मुझको याद करेगा। कितना भी भेद रखूं मैं जग से। सब ही एक दिन खुल जाएगा। नेकी की एक दीवार खड़ी कर।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 287 Share रवि शंकर साह 10 Jul 2021 · 1 min read यादों की बारात नदी किनारे बैठे हैं कब से, यादों की बारात लिए। मिलने आयेगी हमसे वह, बैठा हूँ यह आश लिए। नदी की कलकल धारा भी, उसे ही हरपल बुलाती है। कोयलियाँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 316 Share रवि शंकर साह 22 Jun 2021 · 1 min read कइसन बीमारी छै1 कइसन तो कोरोना बीमारी रे। बहुत बोड़ो तोय अत्याचारी रे। आँखी से टप टप लोर टपके छै भूख से गरीब के पेट हुहके छै। जब से तो दुनिया में आलो... Hindi · कविता 169 Share रवि शंकर साह 5 Jan 2021 · 2 min read साल की अंतिम कविता दर्द भरा था या खुशियों से, जैसा भी था वर्ष बीत गया। रोके कटा या हँसकर बीता, जैसा भी था वर्ष बीत गया। चाहे अमीर हो या गरीब हो सबके... Hindi · कविता 2 6 319 Share रवि शंकर साह 30 Dec 2020 · 1 min read नया साल का शोर नया साल आ रहा है। नया साल आ रहा है। हर तरफ यह शोर है। बच्चों और युवाओं में इसका बड़ा जोर है। नए साल के आगमन का आहट अब... Hindi · कविता 4 361 Share रवि शंकर साह 29 Nov 2020 · 1 min read किसान मेरे देश के। हक की लड़ाई लड़ने चल पड़े हैं । किसान मेरे देश के। आँधियों और तूफानों से लड़ रहे हैं। किसान मेरे देश के। हर जुल्मों सितम को झेलते बढ़ रहे... Hindi · कविता 182 Share रवि शंकर साह 27 Nov 2020 · 1 min read बेरोजगार शिक्षक हम हैं बेरोजगार शिक्षक सुनो सरकार। -2 कम पैसे में हम थे पढ़ाते रोज समय पर स्कूल थे जाते । अपना कर्तव्य भी खूब निभाते। न कोई शिकवा थी। न... Hindi · कविता 1 241 Share रवि शंकर साह 18 Nov 2020 · 1 min read छठ व्रत स्वच्छता व सादगी का एक त्योहार है। जिस पर हिंदुओं का आस्था अपार है। छठ व्रत की महिमा के क्या कहने है। करती इसको सभी माताएं- बहने है। कार्तिक मास... Hindi · कविता 368 Share रवि शंकर साह 30 Oct 2020 · 1 min read पूनम की रात आज पूनम की रात है। चन्द्रमा भी साथ है नैनों की भाषा पढ़ने में रवि का दिल बेताब है। छिटक रही है चाँदनी गूंज रही मधुर रागनी बह रही शीतल... Hindi · कविता 2 397 Share रवि शंकर साह 19 Oct 2020 · 1 min read सच्ची झूठी बातें सच्ची झूठी बातें रवि शंकर साह ------------------------------------------- आओ हम सब सच्ची झूठी बात करें। अपनों से अपनी दिल की बात करें। तुम हमारी जयजयकार करना। मैं तुम्हारी जयजयकार करूँगा। कुछ... Hindi · कविता 282 Share रवि शंकर साह 18 Oct 2020 · 1 min read चार दिन का मेला क्या लेके आया है? क्या लेके जाएगा? चार दिन की जिंदगी। चार दिन का मेला है। एक दिन बीता सीखने में दूजा दिन कुछ काम में । तीजे में कुछ... Hindi · कविता 1 1 209 Share रवि शंकर साह 30 Sep 2020 · 1 min read शर्मसार हुई मानवता हाथरस की वीभत्स घटना ने मानवता को किया शर्मशार। वहशी दरिंदों ने हवस के लिए। किसी की इज्ज़त को किया तार तार। दरिंदगी की सीमाएं सब तोड़ी। जीभ को काटा,... Hindi · कविता 339 Share रवि शंकर साह 25 Sep 2020 · 1 min read किसान रिम झिम रिम झिम करते आती है बरसा रानी। टप टप टप टप करते बरसाती है पानी। टर टर टर टर करता है मेढ़क राजा छप छप छप छप करता... Hindi · कविता 1 379 Share रवि शंकर साह 17 Sep 2020 · 1 min read बिटिया करे सवाल (खोरठा कविता) बेटा होले कुल के दीपक । हम होलिये ज्योति गे माय। बेटा तो बदमाशों हो झे बेटी तो होवे झे एक गाय। दुनिया के ई केसन रीति रिवाज केसन झे... Hindi · कविता 1 2 342 Share रवि शंकर साह 12 Sep 2020 · 1 min read लगा रहेगा पाना खोना लगा रहेगा ये प्रकृति का नियम है। नहाना धोना लगा रहेगा ये अपना नित्य कर्म है। आना जाना लगा रहेगा ये मानव का करम है। उठना गिरना लगा... Hindi · कविता 2 2 311 Share रवि शंकर साह 8 Sep 2020 · 1 min read शिक्षक होना सरल नहीं मैं एक शिक्षक हूँ। दुनिया को देता हूँ ज्ञान। अज्ञानता को दूर भगाना शिक्षा का अलख जगाना यही मेरा एकमात्र काम । इसके बदले लेता नहीं दाम बच्चों के भविष्य... Hindi · कविता 1 4 274 Share रवि शंकर साह 2 Sep 2020 · 1 min read रोटी और रोजगार कालाधन वापस लाएंगे । अच्छे दिन वापस आएंगे। कहकर आई ये सरकार। सबकों रोटी और रोजगार दो जनता मर रही भूखे प्यासे, गरीब किसान सब है मुँह ताके बैठे हैं... Hindi · कविता 235 Share रवि शंकर साह 1 Sep 2020 · 1 min read मन की बात रवि शंकर साह किस से कहूं मैं मन की बात। घर में नहीं चलती अपनी बात। मंहगाई ने घर का बजट बिगाड़ा अमीरों का भी निकला कबाड़ा। बच्चे घर में... Hindi · कविता 2 1 254 Share रवि शंकर साह 29 Aug 2020 · 1 min read इंडिया में शोर मोर मोर मोर .........................इंडिया में। मचा शोर शोर शोर ....................इंडिया में। चलता नहीं अब जोर .....................इंडिया में। बढी बेरोजगारी हर ओर................इंडिया में । मोर मोर मोर है ..............................इंडिया में। अर्थव्यवस्था... Hindi · कविता 3 268 Share रवि शंकर साह 26 Aug 2020 · 1 min read घायल मोर ********************* मेरे घर के आँगन में कल आ पहुंचा एक नन्हा मोर। जिसे देखते ही बच्चों ने उछल उछल मचाया शोर। मोर था घायल, खून से लतपथ पैर में बंधा... Hindi · कविता 1 265 Share रवि शंकर साह 26 Aug 2020 · 1 min read नन्हीं चिड़िया मेरे आँगन में आ गिरी एक दिन एक नन्हीं सी,सुंदर सी चिड़िया। खून से लतपथ, करती छटपट। पैरो में बंधी थी रेशम की डोर । पीड़ा से थी अति आकुल... Hindi · कविता 4 274 Share रवि शंकर साह 25 Aug 2020 · 1 min read हम हैं बेटियाँ हम बेटियों को श्राप है क्या? खुलकर हँसना पाप है क्या? बेटियों पर ही बंदिशें है क्यों? बेटों को मुक्त आकाश है क्यों? हमें लड़की होने का एहसास कराया जाता... Hindi · कविता 2 6 527 Share रवि शंकर साह 21 Aug 2020 · 1 min read तीज का त्योहार आज तीज का त्योहार। मन से झरे है हरसिंगार। नाचो गाओ करो सिंगार। अब होगा पिया का दीदार। मेरे हाथों मे मेहंदी सजा दो । मेरे पाँवो पायल पहना दो... Hindi · कविता 1 4 341 Share रवि शंकर साह 20 Aug 2020 · 1 min read दहेज में जलती है बेटी आह आह कर रही हूँ मैं घुट घुट कर जी रही हूँ मैं जिस अग्नि को साक्षी मान, सात फेरों से बंधा मेरा जीवन वचनों से बंधकर जीवन पथ, अकेले... Hindi · कविता 3 284 Share रवि शंकर साह 20 Aug 2020 · 1 min read मैं तन्हा रवि शंकर साह '" बलसारा" मैं जब कभी भी तन्हा होता हूँ। या बैठा रहता हूँ तन्हा अकेला । मैं मन से मन की बातें करता हूँ। तब सिर्फ तुम... Hindi · कविता 1 217 Share रवि शंकर साह 17 Aug 2020 · 1 min read फिर से प्यार कर दिल में दर्द उठ रहा, याद तुम्हें कर रहा । दिल की पुकार सुन । तुम फिर आवाज दो। प्यार की आवाज पर बाँह तुम पसार दो। फिर वही दुलार... Hindi · कविता 2 4 393 Share रवि शंकर साह 15 Aug 2020 · 1 min read तिरंगा झंडा रवि शंकर साह " बलसारा" अपना प्यारा झण्डा देखो शान से लहर लहर लहरा रहा। त्याग, बलिदान, सादगी व हरियाली का संदेश सुना रहा। आजादी की गौरव गाथा हर्षित मन... Hindi · कविता 354 Share रवि शंकर साह 12 Aug 2020 · 1 min read इतना शोर क्यों भाई गिर गया पुल तो इतना शोर क्यों भाई? पुल ही तो गिरा है। कोई मरा तो नहीं। मरता भी तो क्या होता। मुआवजा देते। पुल सरकारी था, इतना शोर क्यों... Hindi · कविता 1 2 258 Share रवि शंकर साह 11 Aug 2020 · 1 min read आओ कृष्ण गोपाला जग में फैला फिर अंधियारा। क्या है यह अमावस का अंधेरा न जाने कब हो अब उजियारा। आओ फिर एक बार गोपाला । आओ कृष्ण गोपाला रे----2। न तो अब... Hindi · कविता 1 3 347 Share रवि शंकर साह 10 Aug 2020 · 2 min read मेरा गांव शहर बन गया #मेरा_गाँव_अब_शहर_हो_गया। -------------रवि शंकर साह------- मेरा गांव अब शहर हो गया। पगडंडियाँ अब रही नहीं , चमचमाती सड़क बन गया है । शहर की चकाचौंध रोशनी में गांव अपना खो गया... Hindi · कविता 3 6 237 Share रवि शंकर साह 9 Aug 2020 · 1 min read कब जिंदगी की शाम हो जाए रवि शंकर साह, बलसारा जिंदगी की कब शाम हो जाये, धड़कने कब निस्तेज हो जाये,पता नहीं चलता। ग़मो से हमारा पुराना नाता है कब हमें मिल जाए, पता नहीं चलता... Hindi · कविता 2 336 Share रवि शंकर साह 8 Aug 2020 · 1 min read डर लगता है। किसे कहे हम अपना ,कोई अपना नहीं है। इसलिए अब डर लगता है। कैसे निकले घर से, अब बाहर जहर फैला है। इसलिए अब डर लगता है। आस्तीन में हैं... Hindi · कविता 1 5 379 Share