Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Aug 2020 · 2 min read

मेरा गांव शहर बन गया

#मेरा_गाँव_अब_शहर_हो_गया।
————-रवि शंकर साह——-
मेरा गांव अब शहर हो गया।
पगडंडियाँ अब रही नहीं ,
चमचमाती सड़क बन गया है ।
शहर की चकाचौंध रोशनी में
गांव अपना खो गया है।
गांव की झोपडियां खो गई है ।
अब आलीशान महल बन गया है।
शान्ति अमन चैन का नाम नही।
हर तरफ गाड़ियों का शोर हो गया है।
जहाँ कभी भूत पिशाच और मुर्दे रहते थे,
वहाँ अब लोग रहने लगा हैं ।
मेरा गाँव अब शहर बन गया है।
गांव की प्यास बुझाने वाली नदी
अब शहर की नाली बन गई है।
रिश्ते और पानी में मिठास रहा नहीं,
सब खारे जल में बदल गई।
अब नदियाँ प्यास बुझाती नहीं,
उसका जगह मिनरल वाटर ने ले लिया
मेरा गांव अब शहर हो गया।
रहा नहीं वह अमवा की डाली,वो नीम का पेड़
जिसमें सबका बचपन बीता झुलाझुल
बचपन का वो स्कूल, खिलते थे जहां हर फूल
पुरखों के दिये ज्ञान, सब गए हैं सब भूल।
रिश्ते नाते चुभते हैं अब बनकर शूल।
गांव का वो पोखर अब रहा नहीं,
जी भरकर गोते लगाते थे जिसमें कभी।
अब सरपट दौड़ती रेलगाड़ी ने ले लिया है।
मेरा गांव अब शहर बन गया है।
मेरा गांव अब शहर बन गया है।
भूत बना वो बुढ़ा पीपल, न जाने क्यों रो रहा है
बिलखते, सिसकते वह भी कह रहा है
मेरा गांव अब शहर हो गया है।
पर्व त्योहार का वो नजारा थम सा गया है
शहरों की खुशबू में रम सा गया है
मेरा गांव अब शहर हो गया है।
मेरा गांव अब शहर हो गया है।
©®रवि शंकर साह
रिखिया रोड़, बलसारा, देवघर
झारखंड -814112

Language: Hindi
3 Likes · 6 Comments · 238 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अद्यावधि शिक्षा मां अनन्तपर्यन्तं नयति।
अद्यावधि शिक्षा मां अनन्तपर्यन्तं नयति।
शक्ति राव मणि
"धन वालों मान यहाँ"
Arise DGRJ (Khaimsingh Saini)
कुछ राज़ बताए थे अपनों को
कुछ राज़ बताए थे अपनों को
Rekha khichi
*देखो मन में हलचल लेकर*
*देखो मन में हलचल लेकर*
Dr. Priya Gupta
बच्चा जो पैदा करें, पहले पूछो आय ( कुंडलिया)
बच्चा जो पैदा करें, पहले पूछो आय ( कुंडलिया)
Ravi Prakash
*मायूस चेहरा*
*मायूस चेहरा*
Harminder Kaur
2868.*पूर्णिका*
2868.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
क्या है खूबी हमारी बता दो जरा,
क्या है खूबी हमारी बता दो जरा,
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
*ईर्ष्या भरम *
*ईर्ष्या भरम *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
जब कभी तुम्हारा बेटा ज़बा हों, तो उसे बताना ज़रूर
जब कभी तुम्हारा बेटा ज़बा हों, तो उसे बताना ज़रूर
The_dk_poetry
रेल चलय छुक-छुक
रेल चलय छुक-छुक
Dr. Kishan tandon kranti
राह हमारे विद्यालय की
राह हमारे विद्यालय की
bhandari lokesh
गजल
गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
सफर या रास्ता
सफर या रास्ता
Manju Singh
अमन तहज़ीब के परचम को हम ईमान कहते हैं।
अमन तहज़ीब के परचम को हम ईमान कहते हैं।
Phool gufran
लालच का फल
लालच का फल
Dr. Pradeep Kumar Sharma
पश्चाताप का खजाना
पश्चाताप का खजाना
अशोक कुमार ढोरिया
*चांद नहीं मेरा महबूब*
*चांद नहीं मेरा महबूब*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
प्रकृति
प्रकृति
Monika Verma
मुस्तक़िल बेमिसाल हुआ करती हैं।
मुस्तक़िल बेमिसाल हुआ करती हैं।
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
एक समय के बाद
एक समय के बाद
हिमांशु Kulshrestha
"ना नौ टन तेल होगा,
*Author प्रणय प्रभात*
कड़वा सच
कड़वा सच
Jogendar singh
शहर बसते गए,,,
शहर बसते गए,,,
पूर्वार्थ
कुछ लोग घूमते हैं मैले आईने के साथ,
कुछ लोग घूमते हैं मैले आईने के साथ,
Sanjay ' शून्य'
अजनवी
अजनवी
Satish Srijan
देश के राजनीतिज्ञ
देश के राजनीतिज्ञ
विजय कुमार अग्रवाल
*लव यू ज़िंदगी*
*लव यू ज़िंदगी*
sudhir kumar
जब तुमने सहर्ष स्वीकारा है!
जब तुमने सहर्ष स्वीकारा है!
ज्ञानीचोर ज्ञानीचोर
सृजन और पीड़ा
सृजन और पीड़ा
Shweta Soni
Loading...