Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Aug 2020 · 1 min read

इतना शोर क्यों भाई

गिर गया पुल तो इतना शोर क्यों भाई?
पुल ही तो गिरा है। कोई मरा तो नहीं।
मरता भी तो क्या होता। मुआवजा देते।
पुल सरकारी था, इतना शोर क्यों भाई?

गिर गया तो, गिर गया | फिर बनेगा ।
जब जोड़ तोड़ कर सरकार बनाते हैं ।
तो जोड़ तोड़ वाली पुल तो बनायेगे ही ।
आदमी जितना गिरता,उतना ही उठता है।
गिर रहा है इतना आदमी, तो शोर क्यो भाई?

खा गया चारा तो इतना शोर क्यों भाई?
चारा तो खाने के लिए ही तो होता है।
अब चाहे उसे जानवर खाये या आदमी ?
जानवर और आदमी में फर्क ही कितना है।
दोनों ही अवसर पाकर दुलत्ती मारता है।
खा गया चारा तो इतना शोर क्यों भाई?

नेता,पुलिस,अपराधी एक हैं ।
जनता नेता चुनती है।अपने लिए।
नेता चुनाव जीतता है अपने लिए।
पुलिस की नोकरी है अपने लिए।
अपराधी अपराध करता है अपने लिए।
नेता, पुलिस,सब चोर है तो शोर क्यों भाई?
●●●
सर्वाधिकार सुरक्षित
©® रवि शंकर साह

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 257 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"बयां"
Dr. Kishan tandon kranti
डरना नही आगे बढ़ना_
डरना नही आगे बढ़ना_
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
मेरा जो प्रश्न है उसका जवाब है कि नहीं।
मेरा जो प्रश्न है उसका जवाब है कि नहीं।
सत्य कुमार प्रेमी
"मनभावन मधुमास"
Ekta chitrangini
शीर्षक - बुढ़ापा
शीर्षक - बुढ़ापा
Neeraj Agarwal
*कालरात्रि महाकाली
*कालरात्रि महाकाली"*
Shashi kala vyas
नववर्ष
नववर्ष
Mukesh Kumar Sonkar
2681.*पूर्णिका*
2681.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
इस धरा का इस धरा पर सब धरा का धरा रह जाएगा,
इस धरा का इस धरा पर सब धरा का धरा रह जाएगा,
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
वह इंसान नहीं
वह इंसान नहीं
Anil chobisa
जहां प्रगटे अवधपुरी श्रीराम
जहां प्रगटे अवधपुरी श्रीराम
Mohan Pandey
जिस दिन कविता से लोगों के,
जिस दिन कविता से लोगों के,
जगदीश शर्मा सहज
भले ही तुम कड़वे नीम प्रिय
भले ही तुम कड़वे नीम प्रिय
Ram Krishan Rastogi
जो लिखा नहीं.....लिखने की कोशिश में हूँ...
जो लिखा नहीं.....लिखने की कोशिश में हूँ...
Vishal babu (vishu)
आवाजें
आवाजें
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
तुम किसी झील का मीठा पानी..(✍️kailash singh)
तुम किसी झील का मीठा पानी..(✍️kailash singh)
Kailash singh
ताप
ताप
नन्दलाल सुथार "राही"
मन
मन
SATPAL CHAUHAN
यही जीवन है ।
यही जीवन है ।
Rohit yadav
कल की फ़िक्र को
कल की फ़िक्र को
Dr fauzia Naseem shad
अपभ्रंश-अवहट्ट से,
अपभ्रंश-अवहट्ट से,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
#दिनांक:-19/4/2024
#दिनांक:-19/4/2024
Pratibha Pandey
#हिंदी_ग़ज़ल
#हिंदी_ग़ज़ल
*Author प्रणय प्रभात*
पग मेरे नित चलते जाते।
पग मेरे नित चलते जाते।
Anil Mishra Prahari
“मेरी कविता का सफरनामा ”
“मेरी कविता का सफरनामा ”
DrLakshman Jha Parimal
Just a duty-bound Hatred | by Musafir Baitha
Just a duty-bound Hatred | by Musafir Baitha
Dr MusafiR BaithA
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ: दैनिक रिपोर्ट*
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ: दैनिक रिपोर्ट*
Ravi Prakash
खुशी की खुशी
खुशी की खुशी
चक्षिमा भारद्वाज"खुशी"
नील पदम् के बाल गीत Neel Padam ke Bal Geet #neelpadam
नील पदम् के बाल गीत Neel Padam ke Bal Geet #neelpadam
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
**जिंदगी की टूटी लड़ी है**
**जिंदगी की टूटी लड़ी है**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
Loading...