कविता
*शुभांगी छंद* आते हो तुम,पहले मन में,दिल में भरते,किलकारी। करते रहते,बात मनोरम,अतिशय मोहक,हितकारी।। जब तुम आते,मन को भाते,दिल बहलाते, सुखकारी। तेरे जैसा,मिलना दुर्लभ,प्रिय कल्याणी,शिवकारी।। शिव मनमोहन,शुभ संबोधन,प्रीति निर्मला,मनभावन। शुद्ध सरोवर,सत्व...
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