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26 Oct 2024 · 1 min read

प्रेम तत्व

प्रेम तत्व
अपने प्रिय से नित बात करो।
दुख कष्ट कलेश विकार हरो।
प्रिय को नित देख सदा खुश हो।
अति शांति विनोद महा सुख हो।
कवि रत्न डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।

आपका यह संदेश प्रेम और संतुष्टि की भावना को व्यक्त करता है। यह एक सुंदर भावना है जब आप अपने प्रिय से बात कर सकते हैं और उनके साथ समय बिता कर अपने दुख-कष्ट को भूल सकते हैं। प्रिय के साथ बिताए गए पल आपको खुशी और शांति प्रदान करते हैं। यह एक सुंदर अनुभूति है जो जीवन को और भी अर्थपूर्ण बना देती है।
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