नेहा आज़ाद 55 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid नेहा आज़ाद 23 Apr 2023 · 1 min read रुक जाओ इस बार खामोशियों से बेहतर है की कुछ बोल दिया जाये , मेरी आँखों को पढ़ने से बेहतर है की मेरे लफ़्ज़ों का जवाब दे दिया जाये , तुम पलटो... Hindi 181 Share नेहा आज़ाद 23 Apr 2023 · 1 min read 'गुलाब कहूँ की नागफ़नी' क्या फ़र्क पड़ जाना है अब भी और क्या फ़र्क़ पड़ जाता तब भी , तुम्हें समझना सिर्फ़ उतना है जितना तुम चाहते हो , मैं लौटूं या रुकूँ ...... Hindi 108 Share नेहा आज़ाद 6 Mar 2023 · 1 min read फीके रंग ये रंग उदास से लगने लगे हैं , मानों की तुम्हारे जाने से फीके पड़ने लगे हैं , मुस्कुराना मेरी मज़बूरी बन गयी है , हसने का सबब तो तुम्हारे... Hindi 1 199 Share नेहा आज़ाद 5 Mar 2023 · 1 min read 'मेरे बिना' 'मेरे बिना' चलो तुम्हीं रौशन कर दो इन शमाओं को , मुझपे इलज़ाम लगा था इन्हें बुझाने का , गर इतना ही शऊर है तुमको उजाले लाने का तो यक़ीन... Quote Writer 2 151 Share नेहा आज़ाद 6 Mar 2022 · 1 min read क़ैद घुटन सी होने लगी है तेरी पनाहों में , यक़ीनन ये तुम्हारी पनाह नहीं , ये एक क़ैद दे दी है मुझे , अपनी खाबगाहोँ को रौशन करते हो किसी... Hindi · कविता 2 234 Share नेहा आज़ाद 2 Mar 2022 · 1 min read आख़िर क्यों ? कहीं सुना था ... दुनिया के दुःख में अपना दुःख फिर कम ही लगता है , ये कैसे लोग हैं जिन्हें खाने को नहीं मिलता , भूखे कहीं सड़को पे... Hindi · कविता 1 199 Share नेहा आज़ाद 27 Feb 2022 · 1 min read मैंने अपनी क्यों नहीं सुनी स्वप्न कांच की भांति टूट जाते हैं , इच्छाएं रेत की भांति बिखर जाते हैं , एक लम्बा सफ़र बिना किसी आराम तय होता रहता है , कभी इसकी सुनने... Hindi · कविता 3 1 252 Share नेहा आज़ाद 26 Feb 2022 · 3 min read ज्ञान बहुत टाइम से एक धर्मगुरु हैं उनको सुनती आ रही हूँ , नाम लेना उचित नहीं समझती , अभी तो बहुत समय से माननीय मलेशिया भाग गए हैं भारत छोड़... Hindi · लेख 1 294 Share नेहा आज़ाद 26 Feb 2022 · 1 min read सुनने में सच ही लगता है लोग कहते हैं ...वक़्त नहीं मिलता , सुनने में सच ही लगता है क्योंकि हम भी तो उन्ही में से हैं जो कहते हैं की वक़्त नहीं मिलता लेकिन क्या... Hindi · कविता 3 2 176 Share नेहा आज़ाद 12 Oct 2021 · 1 min read पुराना लेकिन मजबूत सच सुंदर सा तन हो लेकिन मन काला सा हो जिसमें सिर्फ दुःख देने की तरकीबें भरी हो तो ऐसे तन की सुंदरता भी किसी काम की नहीं उजली रंगत में... Hindi · कविता 2 1 229 Share नेहा आज़ाद 25 Sep 2021 · 1 min read एहसास मेरे दर्द का एहसास तो किसी को नहीं , हर शख्श बस दर्द देने में लगा है , किसी को जगह दिमाग में नहीं दिल में देनी चाहिए , दिल... Hindi · कविता 1 271 Share नेहा आज़ाद 26 Aug 2021 · 1 min read पुराने गलियारे सुनो ज़रा कुछ वक़्त निकालना आज कुछ पुरानी यादें ताज़ा करने निकलते हैं ... चलो चलते हैं कॉलेज के उन ही गलियारों में जहाँ वो कॉलेज की बड़ी बड़ी बिल्डिंग... Hindi · कविता 5 4 263 Share नेहा आज़ाद 31 Jul 2021 · 1 min read तारीफ़ किस चिड़िया का नाम है ? क्यों आज नहीं आओगे कुछ कहने कुछ सुनाने ? कुछ ताने मारने कोई नुक्ता -चीनी करने ? आज नहीं बोलोगे की सब्जी में नमक ज़्यादा है ? आज नहीं बोलोगे... Hindi · कविता 4 5 413 Share नेहा आज़ाद 31 Jul 2021 · 3 min read बूढ़ा वटवृक्ष राघव के पिताजी बहुत ही सीधे और सरल स्वभाव के थे , पेशे से वो इंजीनियर थे लेकिन रहन - सहन बहुत सादा था , ये बात अक्सर राघव को... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 6 7 327 Share नेहा आज़ाद 31 Jul 2021 · 3 min read समाज और सुरक्षा प्रिया दिल्ली के पॉश एरिया में जॉब करती थी और ऑफिस के पास ही एक फ्लैट में रहती थी , एक दिन प्रिया की रूममेट चंचल नहीं थी , वो... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 2 405 Share नेहा आज़ाद 31 Jul 2021 · 2 min read मुन्नी सड़क पर भीख मांगती एक बच्ची दिखी , उसने दुपट्टा पकड़ के कहा दीदी दो रूपया दे दो ...जैसा हम सभी की भिखारियों को देख के ज्ञान देने की आदत... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 2 377 Share नेहा आज़ाद 30 Jul 2021 · 1 min read सोती यशोधरा यूँ तथागत सोती यशोधरा को छोड़ गए उस नन्हे बालक को छोड़ गए क्या बुद्धत्व के लिए ये आवश्यक था ? क्या ज्ञान और सत्य के लिए गृहस्थ जीवन का... Hindi · कविता 2 4 208 Share नेहा आज़ाद 30 Jul 2021 · 2 min read शब्द और अर्थ एक बार यूँ ही बैठे - बैठे शैलेन्द्र की अपने मित्र रवि से एक दार्शनिक चर्चा हुई की शब्द महत्वपूर्ण है की उसका अर्थ ,शैलेन्द्र का कहना था की शब्द... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 6 12 605 Share नेहा आज़ाद 18 Jul 2021 · 1 min read रुक जाओ न अब नहीं बोलने का दिल करता तुम बिना बोले ही समझ जाओ , अरसा गुज़र गया मुझे बड़-बड़ करते हुए शब्दों को तो अनदेखा कर दिया मेरे मौन को ही... Hindi · कविता 3 6 300 Share नेहा आज़ाद 11 Jul 2021 · 3 min read सही फैसला मेरी एक मित्र है जिसका नाम शिखा है , शिखा दिखने में बेहद खूबसूरत है , पढाई पूरी होने के बाद उसके माता पिता ने शादी के लिए वर तलाश... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 8 250 Share नेहा आज़ाद 4 Jul 2021 · 1 min read अगर दर्द का कोई रंग होता अगर दर्द का कोई रंग होता दर्द का भी कोई रूप होता कोई आकार होता तो एक बार कोशिश ज़रूर करती की इस दर्द को जिन्न की तरह एक बोतल... Hindi · कविता 4 5 490 Share नेहा आज़ाद 20 Jun 2021 · 2 min read पिताजी का बाल विवाह पिताजी बाल विवाह के प्रताड़ित थे , जब विवाह के पावन बंधन में वो बंधे थे तो पिताजी दस साल के और माँ पांच साल की हुआ करतीं थीं ,... Hindi · कविता 4 4 540 Share नेहा आज़ाद 17 Jun 2021 · 1 min read मैं ही जय हूँ मैं ही पराजय भी कुछ अश्रु ढलक गए कृष्ण की आँखों से कुछ सर झुका के बोले - मैं ही अर्जुन था धड़ाधड़ नरमुंडों का ढेर लगाए हुए , मैं ही भीष्म था शर... Hindi · कविता 6 8 270 Share नेहा आज़ाद 15 Jun 2021 · 2 min read कुछ तो तुम भी बदल गयी बरसात अब तो बरसात भी हो गयी पेड़ों को नया जीवन भी मिल गया और धरती को तपिश से राहत भी मिल गयी लोगों ने भी चैन की साँस ले ली... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 7 6 358 Share नेहा आज़ाद 12 Jun 2021 · 1 min read समीक्षा तुम्हारी .... कहो आज क्या लाये हो अपने तशरीफ़ के पिटारे में ? तुम रोज़ ...हाँ रोज़ ही तो आते हो लोग तुम्हे " दिन " बुलाते हैं ..., २४ घंटे बीत... Hindi · कविता 2 4 284 Share नेहा आज़ाद 12 Jun 2021 · 2 min read न का मतलब न ही होता है न का मतलब फिर न ही होता है न का मतलब हाँ नहीं होता अगर ....अगर हमने किसी पुरुष से मित्रवत बात कर ली तो अर्थ यह नहीं निकलता की... Hindi · कविता 3 4 557 Share नेहा आज़ाद 7 Jun 2021 · 1 min read बरसात का प्रतिशोध महज़ बरसात की बूँदों का गिरना ज़रूरी न था उससे पहले लहलहाते पेड़ों का होना भी ज़रूरी था , मगर यह क्या ? बरसात तो आयी मगर स्वागत को विटप... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 11 609 Share नेहा आज़ाद 6 Jun 2021 · 1 min read वीरान सड़कें वीरान सड़कों की भी अपनी दास्तानें हुआ करती हैं , वो कई राज़ अपने सीने में दफ़्न रक्खा करती हैं , वीरान होते हुए भी वो कई आवाज़ें कई चीखें... Hindi · कविता 4 9 305 Share नेहा आज़ाद 30 May 2021 · 1 min read क्यों पड़े हो सुप्त ? उठो हो जाओ जागृत , क्यों पड़े हो सुप्त ? अपने अर्जन से निर्जन में करो सृजन , काल - रज्जु के नर्तन का निर्भय हो करो मर्दन , निज... Hindi · कविता 1 247 Share नेहा आज़ाद 29 May 2021 · 2 min read बरसात और वो मासूम वो बरसात बहुत तूफ़ानी थी ठण्ड की उस बरसात में वो मासूम ठिठुर रहा था जैसे -२ शीतल बूँदे उसपे पड़ती गयीं उसका तापमान बढ़ता गया , लोग जनवरी की... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 11 380 Share नेहा आज़ाद 27 May 2021 · 1 min read आधुनिकता आधुनिकता की बलि वेदी पर आज का मानव चढ़ गया , वह जीवित होते हुए भी ज़िंदा लाश बन के रह गया आज के इंसान ने इक दूसरे से वास्ता... Hindi · कविता 1 2 272 Share नेहा आज़ाद 25 May 2021 · 1 min read तुम ज़रा दामन को खाली रखना सज़ाएं बड़ी मिलेंगी तुम्हें तुम ज़रा दामन को खाली रखना , कोई दूजा जहाँ नहीं होता -२ यहीं तो मिलेगा सब थोड़ा सा सबर रखना , बड़े खुश हो ये... Hindi · कविता 1 655 Share नेहा आज़ाद 24 May 2021 · 1 min read वक़्त मेरा मदारी है एक बहुत पुराना गाना था वक़्त की हर शै गुलाम वक़्त का हर शै पे राज , देखा जाये तो प्रथम और अंतिम सत्य यही , मैं आज खड़ा इस... Hindi · कविता 3 6 457 Share नेहा आज़ाद 24 May 2021 · 1 min read पिताजी का राजदूत-मोह पिताजी को अपनी राजदूत ( मोटर साइकिल ) से बड़ा मोह था , बड़े शौक से वो उसे चलाते थे , समय बीता राजदूत भी पुरानी हो गयी और पिताजी... Hindi · कविता 3 6 545 Share नेहा आज़ाद 23 May 2021 · 1 min read रावण ने कहा था... ..... रावण ने मन ही मन कहा था हे सौमित्र यूँ ज्ञान नहीं मिलता झुकना पड़ता है तब जाकर गुरु लेता है संज्ञान में , मेरे सिरहाने खड़े हो यूँ भरे... Hindi · कविता 3 4 328 Share नेहा आज़ाद 23 May 2021 · 2 min read मैं कहता हूँ खुद को दुर्योधन मैं कहता हूँ खुद को दुर्योधन क्योंकि मैं दुर्जय था लेकिन नाम सही सुयोधन था , नेत्रहीन पिता मेरे गद्दी उनसे छीनी गयी उनको पितामह ने ये धीरज दिलवाया था... Hindi · कविता 5 8 624 Share नेहा आज़ाद 23 May 2021 · 1 min read मैं और मेरी प्रेयसी मैं राग हूँ , मौन की अनुगूँज हो तुम मैं गीत हूँ , आवाज़ हो तुम मैं विश्रांत पथिक हूँ , घनी छाया हो तुम मैं सूर्य हूँ , मेरी... Hindi · कविता 1 4 463 Share नेहा आज़ाद 23 May 2021 · 1 min read नहीं मिले तुम ज़िन्दगी में तुझे चाहा फिर भी नहीं मिले तुम इक कसक सी रह गयी , अब दिल में बस तेरी यादों की महक ही रह गयी तेरे आने से जो... Hindi · कविता 3 368 Share नेहा आज़ाद 23 May 2021 · 1 min read मेरा मौन बोलेगा मैं आज तक स्वयं ही न समझ पाया की मैं मनुष्य हूँ या काठ , निज में ही समाहित किये हूँ वेदना विराट, अंतर्द्वंद से मर्माहत हो मेरा जीवन से... Hindi · कविता 1 1 338 Share नेहा आज़ाद 23 May 2021 · 1 min read बारिश और तुम्हारी यादें ये बारिशें तो बरस के चली जाती हैं , लेकिन ये पीछे छोड़ जाती हैं तो तुम्हारी यादें , इन बारिशों की बूंदों से तेरी हंसी की खनक बहुत मिलती... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 6 335 Share नेहा आज़ाद 22 May 2021 · 1 min read बारिश बारिश की बूंदों की छम - छम कुछ इस तरह से गुज़र गयी मानों कोई नयी नवेली दुल्हन की पायल से घर खनक गया , तिनका तिनका खिल उठा मन... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 4 487 Share नेहा आज़ाद 22 May 2021 · 1 min read ख़ामोशियाँ और बहरापन मैंने बहुत बुलाया पर तुमने सुना ही नहीं मैंने सोचा अब मेरा खामोश होना ही बेहतर है पर मेरी खामोशियाँ तुम्हे बुलाती रहीं मैं शायद ये भूल गयी की तुम... Hindi · कविता 1 4 575 Share नेहा आज़ाद 22 May 2021 · 1 min read तेरे कन्धों की तलाश थी मैंने तुझको ढूंढा हर जगह क्योंकि मुझे तेरी आहटों की तलाश थी , मैंने हर ज़र्रे को बड़े गौर से देखा मुझे तेरी सूरत की तलाश थी , मैंने हर... Hindi · कविता 2 3 355 Share नेहा आज़ाद 21 May 2021 · 1 min read राम ने सीता का त्याग नहीं किया राम मेरे मर्यादा पुरुषोत्तम थे मर्यादा पुरुषोत्तम वो सदा रहे ..., सीता को राम ने त्याग| ये मात्र एक कल्पना रही , राम ने सीता की अग्निपरीक्षा ली ये भी... Hindi · कविता 2 601 Share नेहा आज़ाद 20 May 2021 · 1 min read ह्रदय मंथन करता चिंतन करता उड़ता और विचरता आशा और निराशा का घोर समन्वय करता | निज झोली से स्वप्न सुनहरे फैलाता पल प्रतिपल चलता जाता ठोकर खाता और संभलता कभी... Hindi · कविता 2 443 Share नेहा आज़ाद 19 May 2021 · 1 min read आजकल की मोहब्बतें काना मुझे भाये नहीं काने बिना मुझे चैन नहीं आजकल की मोहब्बत कुछ ऐसी ही हो चली है जिससे मोहब्बत उसी को दरकिनार करना उसी को सारी ज़िल्लतें देना फिर... Hindi · कविता 1 2 342 Share नेहा आज़ाद 19 May 2021 · 1 min read अंतर्द्वंद तेरा आदि नहीं तेरा अंत नहीं तू जीवन पर्यन्त है संग मेरे , तुझसे मैं भयाक्रांत नहीं तुझसे मैं अशांत नहीं क्योंकि तू मुझसे जन्मा मेरा ही अंतर्द्वंद है |... Hindi · कविता 442 Share नेहा आज़ाद 18 May 2021 · 1 min read जीवन जब कभी लगने लगे की अब पैर भटकने को है न कोई अपना है न ही कोई बंधु - सखा उस वक़्त खुद को सशक्त रखना तिनके की तूफ़ान से... Hindi · कविता 1 406 Share नेहा आज़ाद 18 May 2021 · 1 min read विध्वंस गर ग़ौर से देखो तो चहुँ ओर चमत्कार है , इस धरा ने अनमोल वृक्ष , फूल पौधे दिए क्या ये चमत्कार नहीं ? ये रंग बिरंगे फूल ... इनका... Hindi · कविता 1 517 Share नेहा आज़ाद 18 May 2021 · 1 min read मुखिया कुछ कहना है तो वक़्त रहते कह दो , कहीं इस चुप्पी की सियासत में सब कुछ बिखर न जाये ये घर खून पसीने से बनाया है आपने तो इन... Hindi · कविता 2 307 Share Page 1 Next