Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Jul 2021 · 1 min read

रुक जाओ न

अब नहीं बोलने का दिल करता
तुम बिना बोले ही समझ जाओ ,
अरसा गुज़र गया मुझे बड़-बड़ करते हुए
शब्दों को तो अनदेखा कर दिया
मेरे मौन को ही समझ जाओ ….,
थक गए हैं कदम अब चलते – चलते
आओ न चलें कहीं पीपल की छाँव में बैठ जाएं ,
बहुत सा वक़्त जाया कर दिया तुमने
अतीत और भविष्य की नाप तौल करने में ,
रुक जाओ न
वर्तमान के कुछ लम्हें तो जी लेने दो |

द्वारा – नेहा ‘आज़ाद’

Language: Hindi
3 Likes · 6 Comments · 301 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
गांधीजी का भारत
गांधीजी का भारत
विजय कुमार अग्रवाल
बेइमान जिंदगी से खुशी झपट लिजिए
बेइमान जिंदगी से खुशी झपट लिजिए
नूरफातिमा खातून नूरी
दर्द लफ़ज़ों में
दर्द लफ़ज़ों में
Dr fauzia Naseem shad
कोहरे के दिन
कोहरे के दिन
Ghanshyam Poddar
Love yourself
Love yourself
आकांक्षा राय
क्या से क्या हो गया देखते देखते।
क्या से क्या हो गया देखते देखते।
सत्य कुमार प्रेमी
मैं एक महल हूं।
मैं एक महल हूं।
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
वापस आना वीर
वापस आना वीर
लक्ष्मी सिंह
मदमती
मदमती
Pratibha Pandey
हर दिन रोज नया प्रयास करने से जीवन में नया अंदाज परिणाम लाता
हर दिन रोज नया प्रयास करने से जीवन में नया अंदाज परिणाम लाता
Shashi kala vyas
तुझको मै अपना बनाना चाहती हूं
तुझको मै अपना बनाना चाहती हूं
Ram Krishan Rastogi
कोरोना भगाएं
कोरोना भगाएं
Dr. Pradeep Kumar Sharma
हुआ है इश्क जब से मैं दिवानी हो गई हूँ
हुआ है इश्क जब से मैं दिवानी हो गई हूँ
Dr Archana Gupta
इन चरागों का कोई मक़सद भी है
इन चरागों का कोई मक़सद भी है
Shweta Soni
Dr अरूण कुमार शास्त्री
Dr अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
2505.पूर्णिका
2505.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
माँ का जग उपहार अनोखा
माँ का जग उपहार अनोखा
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
आदमी क्या है - रेत पर लिखे कुछ शब्द ,
आदमी क्या है - रेत पर लिखे कुछ शब्द ,
Anil Mishra Prahari
हिंदी दिवस पर राष्ट्राभिनंदन
हिंदी दिवस पर राष्ट्राभिनंदन
Seema gupta,Alwar
तेरी यादों के आईने को
तेरी यादों के आईने को
Atul "Krishn"
माँ तुम सचमुच माँ सी हो
माँ तुम सचमुच माँ सी हो
Manju Singh
"मंचीय महारथियों" और
*Author प्रणय प्रभात*
15, दुनिया
15, दुनिया
Dr Shweta sood
ଆପଣଙ୍କର ଅଛି।।।
ଆପଣଙ୍କର ଅଛି।।।
Otteri Selvakumar
हंसते ज़ख्म
हंसते ज़ख्म
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
"जीवन का संघर्ष"
Dr. Kishan tandon kranti
मौन
मौन
Shyam Sundar Subramanian
दोहे- उदास
दोहे- उदास
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
గురువు కు వందనం.
గురువు కు వందనం.
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
*नशा सरकार का मेरे, तुम्हें आए तो बतलाना (मुक्तक)*
*नशा सरकार का मेरे, तुम्हें आए तो बतलाना (मुक्तक)*
Ravi Prakash
Loading...