Manisha Manjari Tag: Hindi Poetry 14 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Manisha Manjari 16 Oct 2022 · 1 min read गंतव्यों पर पहुँच कर भी, यात्रा उसकी नहीं थमती है। उसकी खामोशियाँ शब्दों से कहीं ज्यादा बोला करती हैं, हृदय में छिपे रहस्यों को बस आँखों से खोला करती हैं। भावशून्यता का लिहाफ़ ओढ़े, वो अंधेरों से विचरती है, कहीं... Hindi · Featuring In The Upcoming Nove · Hindi Poem · Hindi Poetry · कविता · मनीषा मंजरी 3 2 255 Share Manisha Manjari 15 Oct 2022 · 1 min read उसकी आँखों के दर्द ने मुझे, अपने अतीत का अक्स दिखाया है। इस एहसास ने अरसे बाद मुझको रुलाया है, कि तेरी यादों के सिवा, कुछ और भी ज़हन में आया है। उसकी आँखों के दर्द ने मुझे, अपने अतीत का अक्स... Hindi · Hindi Poetry · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · जिंदगी · मनीषा मंजरी 4 2 223 Share Manisha Manjari 14 Sep 2022 · 1 min read काल के चक्रों ने भी, ऐसे यथार्थ दिखाए हैं। काल के चक्रों ने भी, ऐसे यथार्थ दिखाए हैं, कल जो अपने थे, आज वही तो पराये हैं। जो पोंछते थे कभी, आँखों से बहते हुए अश्रु, उन्होंने हीं तो... Hindi · Hindi Poetry · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता 6 10 383 Share Manisha Manjari 14 Sep 2022 · 1 min read जब हवाएँ तेरे शहर से होकर आती हैं। कुछ खुशबुएँ साँसों को महका कर जाती हैं, जब हवाएं तेरे शहर से होकर आती हैं। यादों के बंद कमरों में सेंधमारी कर जाती हैं, और सिमटे हुए दर्दों को... Hindi · Hindi Poem · Hindi Poetry · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता 5 4 277 Share Manisha Manjari 11 Sep 2022 · 1 min read रेत पर नाम लिख मैं इरादों को सहला आयी। तलाश ज़िन्दगी की, उस मकाम पे ले आयी, खुद की परछाई भी, तब मेरे काम ना आयी। घर के मोह ने, मुझे एक आशातीत दुनिया दिखाई, कि घर तो कभी... Hindi · Hindi Poem · Hindi Poetry · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता 4 6 453 Share Manisha Manjari 4 Sep 2022 · 1 min read खामोशियों ने हीं शब्दों से संवारा है मुझे। उस भीड़ से ज्यादा इस तन्हाई ने संभाला है मुझे, दिन के उजालों ने नहीं, रात के अंधेरों ने निखारा है मुझे। सितारों का अपना तो, मैं कभी बन ना... Hindi · Hindi Poem · Hindi Poetry · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता 4 4 259 Share Manisha Manjari 4 Sep 2022 · 1 min read अनकहे शब्द बहुत कुछ कह कर जाते हैं। अनकहे शब्द बहुत कुछ कह कर जाते हैं, स्वयं के विचार हीं तो, सबसे ज्यादा सताते हैं। अन्धकार के बादल, जब छत पर मंडराते हैं, साये रिश्तों के हीं, सर्वप्रथम... Hindi · Hindi Poem · Hindi Poetry · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता 6 8 328 Share Manisha Manjari 19 Aug 2022 · 1 min read असफ़लताओं के गाँव में, कोशिशों का कारवां सफ़ल होता है। कुछ खतों के मुक्कद्दर में, बस जेहन की ज़मीं होती है, खंज़र जैसे हाथों में, जब लकीरों की कमी होती है। खमोशिओं की गहराईयों में, शब्द निर्वस्त्र से पड़े होते... Hindi · Hindi Poem · Hindi Poetry · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता 6 11 454 Share Manisha Manjari 6 Aug 2022 · 1 min read आंधियां आती हैं सबके हिस्से में, ये तथ्य तू कैसे भुलाता है? अंतर्मन के द्वंदों से आज भी मन थर्राता है, बीते वक़्त का तूफ़ान जब राहों को भरमाता है। शब्दों का वो कोलाहल संवेदनाओं को स्तब्ध कर जाता है, आघातों की... Hindi · Hindi Poem · Hindi Poetry · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता 6 4 360 Share Manisha Manjari 5 Aug 2022 · 1 min read ये ज़िन्दगी जाने क्यों ऐसी सज़ा देती है। ये ज़िन्दगी जाने क्यों ऐसी सज़ा देती है, कागज़ की कश्ती छीन, हाथों में पतवार थमा देती है। ओस की बूंदें तो भोर के सहारे गिरा करती हैं, पर तपिश... Hindi · Hindi Poem · Hindi Poetry · Manisha Manjari · कविता 6 7 353 Share Manisha Manjari 28 Jul 2022 · 1 min read किसी ने कहा, पीड़ा को स्पर्श करना बंद कर पीड़ा कम जायेगी। किसी ने कहा, पीड़ा को स्पर्श करना बंद कर पीड़ा कम जायेगी। पर बता मुझे, यदि ये भी न रहे तो मेरे अस्त्तित्व को कौन दर्शाएगी? इस खालीपन के अंधेरों... Hindi · Hindi Poem · Hindi Poetry · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता 7 9 451 Share Manisha Manjari 27 Jul 2022 · 1 min read धारणाएँ टूट कर बिखर जाती हैं। धारणाएँ टूट कर बिखर जाती हैं, संबंधों की आर में जब ये छली जाती हैं। विजय शत्रुओं पर तो मिल जाती है, अनुभव तो अपनों का घात करवाती है। समक्ष... Hindi · Hindi Poem · Hindi Poetry · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता 2 8 385 Share Manisha Manjari 26 Jul 2022 · 1 min read सागर ने लहरों से की है ये शिकायत। सागर ने लहरों से की है ये शिकायत, वो कश्ती आती नहीं जिसकी थी मुझे आदत। मेरी मौजों में घुलती रहती थी वो खिलखिलाहट, और आँखे ढ़ुंढती थी मीलों तक... Hindi · Hindi Poem · Hindi Poetry · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता 5 9 345 Share Manisha Manjari 21 Jul 2022 · 1 min read इस दर्द को यदि भूला दिया, तो शब्द कहाँ से लाऊँगी। अंधेरी गलियों में अकसर गुम हो जाती हुंँ मैं, रौशनी को तरसती हैं आंखें मेरी, इतनी घबराती हुँ मैं। विश्वास ने छला है ऐसा, आस्था भी डराती मुझको, रज्जु में... Hindi · Hindi Poetry · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता 8 8 364 Share