PANDIT SHAILENDRA SHUKLA 29 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid PANDIT SHAILENDRA SHUKLA 10 Aug 2022 · 1 min read याद सावन की सावन में ए रिमझिम वर्षा कुछ बीती याद दिलाती है झूले ,कजरी और टोली वो फिर से मुझे पास बुलाती है अरे शिव मंदिर का मेला वो चहुँ ओर बोलबम... Hindi · कविता 1 158 Share PANDIT SHAILENDRA SHUKLA 4 Jun 2021 · 1 min read हमके भुला गईलु जान घोल गईलु जहर हमरे जिनगी में धन हो हम तुहके जानत रहीं आपन तन मन हो ना जाने कवन इच्छा बा जागल तुहार मे भूल हमके उलझल बाटू तू जन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 285 Share PANDIT SHAILENDRA SHUKLA 30 Jan 2021 · 1 min read बसंत की हरियाली दृश्य लुभाना है कितना देखो सुबह रवि की लाली चहक उठी चिड़ियाँ पेडों पर जब हुई सुबह मतवाली कांधे पकड़ फावड़ा निकला देखो घर से एक किसान मौसम भी अलबेला... Hindi · कविता 1 489 Share PANDIT SHAILENDRA SHUKLA 4 Jul 2020 · 1 min read आवाज दिल की सफलता यूँ ही नहीं मिलती मेहनत भी करना पड़ता है पाने की खातिर हक अपना किश्मत से लड़ना पड़ता है कहते थे मुझसे जो पहले पढ़ लिख लो राज करोगे... Hindi · कविता 4 4 387 Share PANDIT SHAILENDRA SHUKLA 13 Jun 2020 · 1 min read बचपन का अनकहा प्यार सताती है याद मुझे उसकी रात दिन करता हूँ जब भी मैं उसका ख्याल सूरत बसी है उसकी यारों मेरे दिल में नहीं कर पाया हूँ पर कभी इजहार वो... Hindi · कविता 2 377 Share PANDIT SHAILENDRA SHUKLA 13 Jun 2020 · 1 min read अंतर कृष्ण और कृष्णा में कृष्णा द्रौपदी को कहते हैं कृष्ण कहते मेरे गिरधारी को रूह से मुहब्बत सीखा जिन्होंने तार दी बृजमण्डल की नारी को मोहब्बत है पावन सिखाया जिसने कहते हैं श्रीकृष्ण उस... Hindi · कविता 2 2k Share PANDIT SHAILENDRA SHUKLA 23 May 2020 · 1 min read शीर्षक : आह मेरे दिल की देख के हिम्मत उस माता की आँखे भी भर आती हैं लेकिन कहूँ क्या सरकारों को जो थोड़ा ना सकुचाती हैं हाल बेहाल हुए सब के मजदूर पलायन को सुनके... Hindi · कविता 1 258 Share PANDIT SHAILENDRA SHUKLA 23 May 2020 · 1 min read शीर्षक : यात्रा मंजिल की दूर है तेरी मंजिल हे राही,तू अपने कदम को बढ़ा । ना ठिठक ना दुबक, ना ही सुस्ता कहीं , तू चलता ही जा , तू चलता ही जा ,... Hindi · कविता 1 2 263 Share PANDIT SHAILENDRA SHUKLA 20 May 2020 · 1 min read शीर्षक : आँसू मन के हों भाव या हो प्रेम या दुराव नहीं कभी हैं ए कुछ भी छुपाते ए आँसू मेरे मन के हैं भाव कह जाते -2 होता हूँ खुश कभी... Hindi · गीत 2 310 Share PANDIT SHAILENDRA SHUKLA 19 May 2020 · 1 min read शीर्षक: खतरनाक है लालच एक कहावत याद है आई तुझको आओ बताऊँ दादा, बाबा कहते थे जो वो आओ तुम्हें सुनाऊँ लालच बुरी बला है भाई ना मानो तो कर के देखो जिसने भी... Hindi · कविता 2 2 275 Share PANDIT SHAILENDRA SHUKLA 18 May 2020 · 1 min read एक ख़्वाब अगर ख़्वाब ना होते तो, ना होती ये लाचारी मिलजुल ख़ुशी ख़ुशी से, रहती दुनिया सारी नहीं कहीं कोई भी, परेशान कहीं पे दिखता ना ऐसे कोई ख़्वाब सजा, मजदूर... Hindi · कविता 3 263 Share PANDIT SHAILENDRA SHUKLA 17 May 2020 · 1 min read शीर्षक : रिश्तों की खातिर जब शिक्षण उसका हुआ पूरा थी आई उस पर जिम्मेदारी कल तक था जो मगरूर बना आज है छाई उस पर लाचारी सम्मान मान रखते हुए सबका कर ली बाहर... Hindi · कविता 2 2 475 Share PANDIT SHAILENDRA SHUKLA 11 May 2020 · 1 min read शीर्षक : माँ माँ से है मेरी धड़कन, माँ में ही समाया जग सारा । माँ ही तो होती है पावन , नहीं कोई उससे पार पाया । ममता की वो तो देवी... Hindi · कविता 3 2 326 Share PANDIT SHAILENDRA SHUKLA 7 May 2020 · 1 min read एक जोकर की जिंदगी जीवन है सबका रंगमंच, इसे हँसकर ही निभाना है। आएगी विपदा कितनी पर, हँसकर पार ही पाना है। नहीं किसी से रखना द्वेष, हमें जोकर सा बन जाना है। अपने... Hindi · कविता 2 369 Share PANDIT SHAILENDRA SHUKLA 6 May 2020 · 1 min read शराब एक अभिशाप मर रही है जनता भूख से, उन्हें कुछ निवाला चाहिए। त्राहिमाम के ही शोर का, क्या उन्हें बोलबाला चाहिए। न समझ सके दुःख तनिक, बस खोल दी है मधुशाला भूखा... Hindi · कविता 2 2 680 Share PANDIT SHAILENDRA SHUKLA 6 May 2020 · 1 min read शीर्षक: सच तो यही है तेरी उल्फत ने हमको दीवाना किया है मुझ सा दीवाना तेरा कोई नहीं है तू माने तो ठीक है ना माने तो गम नहीं करता रहूंगा मुहब्बत तुझसे सच तो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 289 Share PANDIT SHAILENDRA SHUKLA 6 May 2020 · 1 min read बचपन की याद ---2 बचपन था न्यारा वो कितना जिसमें सबसे नाता था गलती हो कितनी भी हमसे लेकिन सबको भाता था लगता है खो गई कहीं वो बीती बात पुरानी छोटी छोटी बातों... Hindi · कविता · बाल कविता 2 2 422 Share PANDIT SHAILENDRA SHUKLA 6 May 2020 · 1 min read बचपन की याद अठखेली करना दादी संग चलने को कहना साथ में दादी मुझको ले चलो संग अपने खजनी हाट में ले लूँगा खिलौना मैं फिर भैया को चिढाऊँगा घोड़ा गाड़ी में दादी... Hindi · कविता · बाल कविता 2 2 409 Share PANDIT SHAILENDRA SHUKLA 20 Apr 2020 · 1 min read एक नई सोच देकर बंधन धर्म, जाति का मन से दूर किए उपकार समा दिया है बस नफ़रत सब में घुसा है व्यभिचार भूल गए सब लोक लाज हैं नहीं कर रहा कोई... Hindi · कविता 1 285 Share PANDIT SHAILENDRA SHUKLA 9 Apr 2020 · 1 min read तू मुझे भा गई भा गई मुझे भा गई मुझे भा गई2 तेरी सूरत वो जाना मुझे है भा गई तू दिखती नूरानी तेरा रूप है सुहानी मुझे लगती है सुंदर जबसे आई है... Hindi · गीत 1 514 Share PANDIT SHAILENDRA SHUKLA 7 Apr 2020 · 1 min read आशिकी के नखरे *गजल* चलो अब आज से जाना चिढ़ाना छोड़ देते हैं तुम्हें दिल में बसा कर हम तराना छेड़ देते हैं आंखो में तेरी ए जो है काजल लगा दिलवर उसे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 599 Share PANDIT SHAILENDRA SHUKLA 6 Apr 2020 · 1 min read बालगीत गर्मी का है मौसम आया संग में अपने छुट्टी लाया दूर कहीं जाएंगे घूमने नाना नानी से भी मिलने गांव शहर हर जगह फिरेंगे हम बच्चे कई जगह चलेंगे बारिश... Hindi · कविता · बाल कविता 1 241 Share PANDIT SHAILENDRA SHUKLA 6 Apr 2020 · 1 min read तलाश सच्चाई का सुन ले हे इंसान जरा मत छोड़ कभी विश्वास खुद में है अच्छाई कितनी तू नित्य कर तलाश सुंदर होगा मन तेरा जग निर्मल हो जाएगा तेरी सोच बदल जाए... Hindi · कविता 1 634 Share PANDIT SHAILENDRA SHUKLA 6 Apr 2020 · 1 min read एकता शीर्षक : कौमी एकता एक एकता होती सबमें कुछ नया कर दिखाने की एक एकता टीम की होती उसको जीत दिलाने की एक एकता जाती की होती उसको सर्वोच्च बनाने... Hindi · कविता 1 467 Share PANDIT SHAILENDRA SHUKLA 6 Apr 2020 · 1 min read बेटियां बेटियां सृष्टि की अनमोल धरोहर जग की सबसे न्यारी है घर वो मंदिर हो जाता बेटी जहां दुलारी हो रखती सबको पलकों पर सबका सम्मान बचाती है बेटी ही संसार... Hindi · कविता 1 2 570 Share PANDIT SHAILENDRA SHUKLA 6 Apr 2020 · 1 min read दिया जरूर जलाना है दिनांक:05/04/2020 विषय: दिया जरूर जलाना है छाई है काली जो बदरी इसको हमें मिटाना है मानवता के लिए प्रीत का मिल कर दीप जलाना है फैली है नफरत जिस दिल... Hindi · कविता 1 296 Share PANDIT SHAILENDRA SHUKLA 1 Apr 2020 · 1 min read प्रतियोगिता विषय: प्रतियोगिता धरा है अपनी मंच एक जीव सभी प्रतिभागी हैं कोई गायन तो कोई नृत्य कोई बहुत बड़ा सहभागी है बन प्रतियोगी सभी यहां आए हैं जीत ही पाने... Hindi · कविता 1 2 412 Share PANDIT SHAILENDRA SHUKLA 27 Mar 2020 · 1 min read मनुष्य जीवन जीवन हो मानव का पाए इसे यूं ही तुम मत खोना करलो कार्य सुफल सारे नहीं बाद पड़ेगा रोना कठपुतली बन बैठे हो कुछ अपनी भी सोचोना कर लो कार्य... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 266 Share PANDIT SHAILENDRA SHUKLA 20 Mar 2020 · 1 min read इंसानियत 1: मनुष्य प्रवृत्ति है लालची, करता हरदम भूल , लाभ मिले तो राह दे, है हानि में देता शूल । 2: मानुष तन जो है मिला, इसका करो उपयोग, धर्म... Hindi · दोहा 1 2 468 Share