Kanchan Khanna 168 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Kanchan Khanna 4 May 2024 · 1 min read कान्हा भक्ति गीत मोरे मन-मंदिर में कभी यूँ भी आओ कान्हा । गूंँजे धुन मधुर तुम बाँसुरी बजाओ कान्हा ।। हाथ जोड़ जब चरणों में बैठूँ, मन भक्ति में रम जाये । तुझे... Poetry Writing Challenge-3 3 118 Share Kanchan Khanna 4 May 2024 · 1 min read न जाने क्यों ... ... ??? कभी - कभी बहुत सी बातें कहनी होती हैं पर साथी साथ नहीं होते और कभी साथी साथ होते हैं पर दिल में कोई बात नहीं होती कभी - कभी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 3 94 Share Kanchan Khanna 4 May 2024 · 1 min read चिड़िया नन्हें - नन्हें परों से अपने आसमान की ऊँचाई को तोल रही है चिड़िया । मुँडेर पर छत की सुबह - शाम जाने गीत कौन सा गा रही है चिड़िया... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 128 Share Kanchan Khanna 4 May 2024 · 1 min read बच्चे वे दोनों बच्चे थे एक आइसक्रीम बेच रहा था दूसरा आइसक्रीम खरीद रहा था एक पैसे दे रहा था दूसरा पैसे ले रहा था एक के चेहरे पर मुस्कान थी,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 132 Share Kanchan Khanna 4 May 2024 · 1 min read प्यार प्यार अक्सर सुनती हूँ तुम्हारे बारे में लोग करते हैं मीठी - मीठी बातें बड़े - बड़े दावे देखते हैं तुम्हें लेकर कितने ही दिलकश, सुहाने सपने। और मैं झूठ... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 94 Share Kanchan Khanna 3 May 2024 · 1 min read बिखरे सपने महीने की पहली तारीख उसे तनख्वाह मिली थी तेजी से कदम बढ़ाता वह सोचता चला जा रहा था माँ की दवा और फल बिट्टू के लिए चाकलेट मुनिया के लिए... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 124 Share Kanchan Khanna 3 May 2024 · 1 min read तस्वीरें कभी देखा है तस्वीरों को दीवार पर टँगी तस्वीरें सिर्फ तस्वीरें नहीं महत्वपूर्ण हिस्सा हैं हमारे जीवन का करती हैं बात हमसे हमारी तन्हाई में दिलाती हैं याद हमें भूले... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 103 Share Kanchan Khanna 2 May 2024 · 1 min read मन चाहे कुछ कहना .. .. !! मन चाहे कुछ कहना फिर सोचूँ अच्छा है चुप रहना। देख - देखकर आज की दुनिया के हालात मन में उठते रहते अनगिनत झँझावात कभी लगे जरूरी इन्हें रूप शब्दों... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 132 Share Kanchan Khanna 2 May 2024 · 1 min read बचपन ढूँढ रही हूँ बचपन प्यारा, था वो नटखट बड़ा दुलारा। दादा शाम को घर आते थे, थैले में फल भरकर लाते थे। मिलकर हम सब भाई - बहन, बाँट -... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 121 Share Kanchan Khanna 2 May 2024 · 1 min read जून की दोपहर जल रही तवे सी, जून की दोपहर, बरस रहा हर तरफ, मानो सूरज का कहर, टपक रहीं माथे से, टप - टप पसीने की बूँदे, हुए सभी घर के कैदी,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 106 Share Kanchan Khanna 2 May 2024 · 1 min read नया सपना आँखों में चमक चेहरे पर मुस्कान घर से निकले सपना पूरा करने जिंदगी की क्रूर कड़वाहटों तले सपना रौंदा गया घर भी पीछे छूटा सोच रहे - रूकें, ठहरकर किरची... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 97 Share Kanchan Khanna 2 May 2024 · 1 min read हौसले हमारे ....!!! खड़े हैं जिन हालात में अटल चट्टान बनकर हम यकीनन आप उन हालात में टूटकर बिखर गये होते। मंजिलें मिलती नहीं अक्सर जिंदगी के उस छोर तक लम्बे सफर के... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 76 Share Kanchan Khanna 2 May 2024 · 1 min read मंजिल रास्ते सी जिंदगी अनगिनत मोड़ घुमाव लिए रास्ते में जगह-जगह मिलती भीड़ यहाँ - वहाँ खड़े दिखते झुँड दूर कहीं पड़ाव या मंजिल चलना है तय करना है आप भीड़... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 81 Share Kanchan Khanna 2 May 2024 · 1 min read पिया - मिलन नैनों में लगा के काजल, अधरों पर सजा मुस्कान। पिया-मिलन को चली झूमती, मैं गौरी अल्हड़, नादान।। चंदा सा है रूप सलोना, "कंचन" सी है काया। मेंहदी रची हथेलियों में,... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 93 Share Kanchan Khanna 2 May 2024 · 1 min read जश्न आजादी का ....!!! जश्न आजादी का अबके, कुछ ऐसे मनाना है! तिरंगा मात्र घरों पर नहीं, दिलों में फहराना है! जश्न आजादी का .......!! मतवाला है देश हमारा, मस्ताने हैं सब मौसम, झूम... Poetry Writing Challenge-3 63 Share Kanchan Khanna 1 May 2024 · 1 min read भारत माँ के वीर सपूत शत्रु-दल पर टूट पड़ेंगे, पर्वत-पर्वत विजय करेंगे। बाधाएँ हँस पार करेंगे, तान के सीना डटे रहेंगे।। सौगंध हमें है माटी की, दुश्मन को धूल चटायेंगे। भारत माँ के वीर सपूत,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 120 Share Kanchan Khanna 1 May 2024 · 1 min read गुरु पूर्णिमा पर ....!!! प्रथम नमन प्रभु-चरणों में, जो है जग आधार, द्वितीय नमन माता-पिता, दिखाया यह संसार। वंदन माँ शारदे व गुरुजन, दी शक्ति कलम-अपार, नमस्कार संबंधी, स्नेहीजन, दिया स्नेह-अपार।। दिनांक :- २५/०६/२०१७. Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 109 Share Kanchan Khanna 1 May 2024 · 1 min read गर्म चाय ओढ़ी धूप ने कोहरे की चादर, पहाड़ी चोटियाँ बर्फ से ढकी हैं। झीलों का पानी जम सा गया, बूंदें ओस की फूलों पर ठहरी हैं। पंरिदें लताओं में दुबके हैं... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 162 Share Kanchan Khanna 1 May 2024 · 1 min read गिलहरी सामने वाली दीवार, पर दो पाँव पर बैठी, सूखी रोटी का टुकड़ा, कुतरती नन्हीं गिलहरी। उभर आई अनायास, स्मृति में महादेवी वर्मा, की "गिल्लू" वाली छवि, और लेखनी मचल उठी।... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 81 Share Kanchan Khanna 1 May 2024 · 1 min read इंतहा कैसे-कैसे काँटों से गुजर कर, गुलशन तक पहुँचे, इंतहा तब हुई जब गुलशन ने कहा फूलों का मौसम निकल गया। कैसे-कैसे रास्तों से गुजर कर, मंजिल तक पहुँचे, इंतहा तब... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 107 Share Kanchan Khanna 1 May 2024 · 1 min read किताबों वाले दिन अच्छे होते थे स्कूल - कॉलेज वाले दिन कापी - किताबों के बीच एक अजब सी बेफिक्री रहती थी दिलों में कहीं कुछ नहीं सूझा बस एक किताब ली और... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 88 Share Kanchan Khanna 1 May 2024 · 1 min read कफन हम तो जमाने के हर रंग में रंग गये। जैसा उसने बनाया वैसे ही बन गये।। हम तो चाहते थे चैन और अमन का माहौल। दोनों तरफ ही तीर मगर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · गजल सी रचना 2 93 Share Kanchan Khanna 1 May 2024 · 1 min read प्रतीक्षा धरती सी मैं करूँ प्रतीक्षा, मेघा बन तुम आ बरसो। नदिया सी मैं बहती जाऊँ, तुम सागर बन आन मिलो। रोम - रोम है मेरा प्यासा, जीवन बना एक अभिलाषा... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 90 Share Kanchan Khanna 1 May 2024 · 1 min read कुछ लिखूँ.....!!! समय के उस पार बहुत सी स्मृतियाँ हैं कलम भी हाथ में है सोचती हूँ ~ उन पर कुछ लिखूँ शब्दों का रूप दूँ मगर किस - किस पर क्या... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 81 Share Kanchan Khanna 1 May 2024 · 1 min read भोर रात्रि के वैभव के बाद चन्द्र मलिन हो गया। सूर्य से पराजित हो मुँह छिपा कहीं सो गया। संग अपने स्वामी के तारे भी धूमिल हो गये। जगमगाते थे रात... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 94 Share Kanchan Khanna 23 Mar 2024 · 1 min read कुछ लिखूँ ....!!! समय के उस पार बहुत सी स्मृतियाँ हैं कलम भी हाथ में है सोचती हूँ ~ उन पर कुछ लिखूँ शब्दों का रूप दूँ मगर किस - किस पर क्या... Hindi · कविता 99 Share Kanchan Khanna 15 Mar 2024 · 1 min read श्रीमान - श्रीमती अब तक किये सारे गुनाहों का हिसाब लगवा रही हैं। श्रीमतीजी झाड़ू उठाये श्रीमानजी के पीछे आ रही हैं।। दफ्तर में अपने श्रीमानजी हरदम रौब - अकड़ दिखाते, कभी बाबू,... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · हास्य-व्यंग्य 150 Share Kanchan Khanna 15 Mar 2024 · 2 min read सुनो पहाड़ की.....!!! (भाग - ६) जंगल की तरफ जाता हुआ यह रास्ता सुनसान या असुरक्षित बिल्कुल नहीं था। यह शहर की सड़क की भांति ही एक चलता हुआ रास्ता था, जहाँ पर कारों व टैक्सियों... Hindi · लघु उपन्यास 131 Share Kanchan Khanna 6 Mar 2024 · 1 min read प्रतीक्षा धरती सी मैं करूँ प्रतीक्षा, मेघा बन तुम आ बरसो। नदिया सी मैं बहती जाऊँ, तुम सागर बन आन मिलो। रोम - रोम है मेरा प्यासा, जीवन बना एक अभिलाषा... Hindi · कविता 99 Share Kanchan Khanna 4 Mar 2024 · 1 min read चाय - दोस्ती सर्दी बहुत बढ़ गयी है, आखिर जनवरी का महीना है, रेस्तरां में खड़े यूंही, किसी ने कहा, हम भी मुस्कुरा दिये, चाय हो जाये एक प्याली, साथ बैठे, चाय पी,... Poetry Writing Challenge-2 1 181 Share Kanchan Khanna 4 Mar 2024 · 1 min read एहसास मौसम भी दो तरह का होता है बाहर का मौसम भीतर का मौसम बाहर का मौसम यानि - हवा, पानी, बादल बरसात, पंछी और बहुत कुछ भीतर का मौसम यानि... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 149 Share Kanchan Khanna 4 Mar 2024 · 3 min read सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - ११) शाम को एक बार फिर हम घूमने निकले। मौसम अभी भी बहुत खुशगवार था। बहुत ठंडी हवा चल रही थी। कभी-कभी अचानक गिरती कोई बूँद और आसमान में भटकते बादल... Hindi · लघु उपन्यास 138 Share Kanchan Khanna 4 Mar 2024 · 2 min read सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - १०) पहाड़ अपनी व्यथा कहता चला जा रहा था और मैं मगन उसे सुन रही थी। साथ ही समझने का प्रयास भी कर रही थी कि नींद में अचानक बादलों के... Hindi · लघु उपन्यास 128 Share Kanchan Khanna 4 Mar 2024 · 3 min read सुनो पहाड़ की...!!! (भाग - ९) यह सब सोचते हुए मैं स्वयं को नींद की आगोश में जाता महसूस कर रही थी। साथ ही सोच रही थी कि पहाड़ क्या सचमुच बदल गये हैं। यदि हाँ,... Hindi · लघु उपन्यास 178 Share Kanchan Khanna 19 Feb 2024 · 1 min read जानते वो भी हैं...!!! बदला मौसम बदले हैं नजारे, जानते वो भी हैं जानते हम भी हैं। कहाँ मिले नदी के दो किनारे, जानते वो भी हैं जानते हम भी हैं।। एक है आशियाँ... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 117 Share Kanchan Khanna 13 Feb 2024 · 1 min read चाँद से मुलाकात पहले चाँद आता था छत पर हर रात साथ लिए झिलमिल तारों की बारात होती थी कभी गंभीर कभी छुटपुट सी बात। कभी अचानक से यूं ही दिखता था आँगन... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 191 Share Kanchan Khanna 13 Feb 2024 · 1 min read सहारे सूरज कहाँ, चाँद कहाँ, तारे कहाँ, रोशन करें महफिल वो नजारे कहाँ? हर आदमी आज जीता है अपने लिए, वतन की खातिर जिऐं-मरें वो दुलारे कहाँ? एक इस पार तो... Poetry Writing Challenge-2 · गजल सी रचना 1 186 Share Kanchan Khanna 13 Feb 2024 · 1 min read अधूरा घर वह एक घर था उसमें खिड़कियाँ थीं ताजी हवा आने के लिए उसमें सभी सुख - सुविधाएँ थीं मन बहलाने के लिए उसमें कुछ दरवाजे थे बाहर - भीतर आने... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 184 Share Kanchan Khanna 10 Feb 2024 · 1 min read पगली मैले - कुचले कटे - फटे थे वस्त्र मासूम सा चेहरा डरी - सहमी निगाहें अजीब सी वहशत से दो - चार थी। बेवजह हँसती, बार - बार इधर -... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 222 Share Kanchan Khanna 8 Feb 2024 · 1 min read चिड़िया मैं एक ऐसी चिड़िया हूँ, जिसे पर काटकर, उड़ने की आजादी दी गयी है, मेरे सामने दूर तक फैला, खुला नीला आसमान है, उड़ने के लिए, और है एक पूरी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 177 Share Kanchan Khanna 8 Feb 2024 · 1 min read नयी सुबह रोज सुबह ही अपनी किरणों के, दल - बल सहित, पूर्व दिशा से आ जाता है सूरज, सब कहते हैं नयी सुबह हो गयी, मैं इधर - उधर देखती, तलाश... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 213 Share Kanchan Khanna 8 Feb 2024 · 1 min read अरमान पंछियों सी चहचहाना चाहती हूँ गीत कोई नया गुनगुनाना चाहती हूँ जिंदगी तू अगर दे दे मौका थोड़ा सा हँसना मुस्कुराना चाहती हूँ पकड़ लूँ रंग - बिरंगी किसी तितली... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 199 Share Kanchan Khanna 5 Feb 2024 · 2 min read सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - ८) परमार्थ निकेतन से गंगा घाट की ओर आते हुए हम बाजार होते हुए घाट पर पहुँच गये। अब तक गंगा आरती का समय हो गया था। हम भी आरती में... Hindi · लघु उपन्यास 218 Share Kanchan Khanna 5 Feb 2024 · 2 min read सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - ७) वापसी में हम एक बार पुनः जानकी सेतु की ओर पहुँच गये। यहाँ से हम आश्रम की तरफ वापस लौट सकते थे। लेकिन अभी हमारे पास घूमने व अन्य स्थान... Hindi · लघु उपन्यास 155 Share Kanchan Khanna 4 Feb 2024 · 1 min read शाम पेड़ों के साये में ढलती हुई शाम। हवा के झौकों संग मचलती हुई शाम।। आसमान के बादलों को पल-पल नया रूप देती। नन्हें मासूम बच्चे सी शरारत करती हुई शाम।।... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल 153 Share Kanchan Khanna 4 Feb 2024 · 1 min read चाँद और इन्सान फलक पर मुस्कुरा, रहा था चाँद, अपनी तन्हाई के साथ, हमने पूछा - ऐ चाँद, क्यों हो इस कदर उदास? तुम्हारी इस खामोश तन्हाई, का कुछ तो होगा राज, कुछ... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 147 Share Kanchan Khanna 3 Feb 2024 · 1 min read माॅर्डन आशिक हाथ में मोबाइल जींस-शर्ट का पहनावा बाईक की सवारी आंखों पर चश्मा जिंदगी के हर मोड़ पर साथ जीने-मरने की कसमें खाते बात - बात पर 'आई लव यू' के... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 131 Share Kanchan Khanna 3 Feb 2024 · 1 min read नींद साँझ ढलते ही पलकों की दहलीज पर, आ जाती है नींद। संग अपने ख्वाब सुहाने अनगिनत, ले आती है नींद। हो जाता है अपना जब दूर कोई हमसे, रूठकर पलकों... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 145 Share Kanchan Khanna 3 Feb 2024 · 1 min read बच्चे कहाँ सोयेंगे...??? माँ ! माँ ! आसमान में काले बादल आ गये अब तेज बारिश होगी हम पानी में नाव चलायेंगे शोर मचाते हुए बच्चे कागज की नाव बनाने लगे और माँ... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 164 Share Kanchan Khanna 2 Feb 2024 · 1 min read खामोश जीवन की राहों में यूँ ही चलते ~ चलते हम मिले मैंने उसे देखा उसने मुझे देखा मैंने सोचा वह कुछ कहेगा उसने सोचा मैं कुछ कहूँगी दोनों अपनी-अपनी जगह... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 182 Share Page 1 Next