जगदीश शर्मा सहज Tag: ग़ज़ल/गीतिका 16 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid जगदीश शर्मा सहज 28 Dec 2023 · 1 min read गीतिका चाहे जितना वैभव पा लो जीते जी, रुपयों का अंबार लगा लो जीते जी। काला चिट्ठा सबके सम्मुख आता है, कसमें झूठी जितनी खा लो जीते जी। किसको फुर्सत है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 88 Share जगदीश शर्मा सहज 22 May 2022 · 1 min read चढ़ता पारा बढ़ता हुआ जो ताप है, यह आदमी का पाप है। चिरकाल से रूठे हुए, भू-देवता का शाप है। कटते हुए - जलते हुए, वनदेव का आलाप है। उद्योगवादी क्रांति से,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 221 Share जगदीश शर्मा सहज 2 May 2022 · 1 min read मजदूर आपका घर तभी बना होगा। हाथ मजदूर का लगा होगा ll धूप से आप तब बचे होंगे। एक मजदूर जब तपा होगा।। दाम मजदूर को दिलाने से। एक मजदूर का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 132 Share जगदीश शर्मा सहज 24 Jan 2022 · 1 min read बालिका वधु फूलों जैसी नाज़ुक होती बेटी। कितने सारे ख़्वाब सँजोती बेटी।। डोली में चढ़कर होती है रुख़सत । और सभी की आँख भिगोती बेटी।। बाबुल का घर आँगन सूना करके ।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 267 Share जगदीश शर्मा सहज 2 Dec 2021 · 1 min read सर्द रातें सर्द रातों का सितमगर आ गया | ओस में सिमटा दिसंबर आ गया || बादलों में छुप गया सूरज कहीं . | और उसका नूर छत पर आ गया ||... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 222 Share जगदीश शर्मा सहज 25 Oct 2021 · 1 min read ग़ज़ल ये जमीं जो एक घर है । हम सभी की रहगुज़र है।। खुशनुमा इसकी सतह पर। एक छत आकाश भर है।। भिन्न हैं मज़हब सभी के । एक सबका ईश्वर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 236 Share जगदीश शर्मा सहज 4 Oct 2021 · 1 min read गीत: जीवन_मृत्यु न जाने किस डगर पर जन्म लेकर फिर विचरना है। प्रकृति ने हाथ से रचकर हमें भू-लोक में भेजा। करोड़ों रश्मियों से सूर्य के आलोक में भेजा।। न जाने किस... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 268 Share जगदीश शर्मा सहज 3 Oct 2021 · 1 min read गजल- हमें भूल जाओ छुपाकर युँ चेहरा नज़र न मिलाओ। बुरा है ये मौसम हमें भूल जाओ।। अभी तो शहर आग से जल रहा है। अभी आतिशी यूँ सितम न ढहाओ।। कि हम-तुम सभी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 256 Share जगदीश शर्मा सहज 3 Oct 2021 · 1 min read होंठ खामोश हैं हर जगह मौत का कहर क्यूँ है जिंदगी खौफ में बसर क्यूँ है होंठ खामोश हैं बदन टूटा ग़म से इंसान तर-ब-तर क्यूँ है ख़ुशनसीं शाम अब हुई बोझल चाँद... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 253 Share जगदीश शर्मा सहज 2 Oct 2021 · 1 min read प्रेम बिना सब सून अनमने बे-मेल रिश्ते, जिंदगी भर तक सतायें। दो दिलों में टीस देकर, रातदिन सीना जलाएँ।। यदि विचारों का समन्वय,आपसी में ही नहीं हैं। तो कभी बेजान रिश्ते, भूलकर भी ना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 191 Share जगदीश शर्मा सहज 19 Sep 2021 · 1 min read सागर से टकराता कौन आधार छन्द- वीर/आल्ह (मापनीमुक्त मात्रिक) विधान- 31 मात्रा, 16-15 पर, अंत गाल। समान्त- आता, पदान्त- कौन। जीवन नश्वर, मृत्यु अटल है, सच्चा अर्थ सिखाता कौन। सागर में जब लहरें उठतीं,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 4 227 Share जगदीश शर्मा सहज 19 Sep 2021 · 1 min read "जन-जन के मोदी" समयोचित निर्णय लेने की, अद्भुद क्षमता है मोदी में। भारत माता के चरणों में, सच्ची श्रद्धा है मोदी में ।। समता, सेवा, श्रमसाधकता जिसके बल पर गर्वित भारत। आशा, आकांक्षा,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 324 Share जगदीश शर्मा सहज 9 Mar 2021 · 1 min read पुरुष फौलाद से निर्मित पुरुष,तू हौसला खोना नहीं। इंसानियत को रौंदकर,अपकर्म को ढोना नहीं।। तुझमें दया, ममता नहीं, निष्ठुर महासागर सदा । तू दर्द के तूफान से विचलित कभी होना नहीं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 290 Share जगदीश शर्मा सहज 10 Feb 2021 · 1 min read 'संगमरमर के जैसी तराशी हो तुम' "ग़ज़ल" तेरा आँचल बदन से जो लहरा गया इन अदाओं से बादल भी बदरा गया. आग दरिया में जैसे लगी हो मगर मैं जमीं पर किनारों से टकरा गया. संगमरमर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 12 285 Share जगदीश शर्मा सहज 23 Jan 2021 · 1 min read 'तुम महकता कमल' तुम महकता कमल खूबसूरत हसीं | तुम किसी की ग़ज़ल खूबसूरत हसीं || क्युँ मैं चाहूँ तुम्हें दिल- ज़िगर से मेरे | तुम किसी का महल खूबसूरत हसीं || क्या... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 203 Share जगदीश शर्मा सहज 19 Jan 2021 · 1 min read भोर की लाली विधा- गीतिका 2122 2122 2122 212 भोर की सुषमा जगी है व्योम में कलरव हुआ | नभ हुआ रक्तिम दिवाकर ने धरातल को छुआ || तटतड़ागों में नवोदक कमलदल अब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 274 Share