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3 Oct 2021 · 1 min read

गजल- हमें भूल जाओ

छुपाकर युँ चेहरा नज़र न मिलाओ।
बुरा है ये मौसम हमें भूल जाओ।।

अभी तो शहर आग से जल रहा है।
अभी आतिशी यूँ सितम न ढहाओ।।

कि हम-तुम सभी आज पर्दानशीं हैं।
अभी रोशनी की शमा न जलाओ।।

अभी मौत से जिंदगी की ठनी है।
अभी भूलकर पास में तुम न आओ।।

बहरहाल तो दूरियाँ बढ़ रही हैं।
ग़ुज़रगाह गुल के अभी न बनाओ।।

अगर तुम किसी का भला चाहते हो।
किसी को ख़ुदा के कहर से बचाओ।।

अभी तो नज़रबंद हैं हम ‘सहज’ ही।
अभी पाक दिल पे न खंजर न चलाओ।।

– जगदीश शर्मा

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