जगदीश शर्मा सहज Tag: कविता 23 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid जगदीश शर्मा सहज 28 May 2022 · 1 min read समय की चाल समय की चाल में बच्चे हमसे आगे निकल गए हम पीछे रह गए, प्रगतिशील युग में हम अपनी सोच, कल्पना शक्ति में जीते रह गए वक्त के आगे हम आंखें... Hindi · कविता 3 4 253 Share जगदीश शर्मा सहज 20 Feb 2022 · 1 min read ऊषारानी ऊषारानी ओस भरी चादर लाई। धीरे-धीरे धूप खिली रौनक आई।। पूर्वाओं ने बादल को सोमलता दी। बूंदों ने वातायन को शीतलता दी।। ठंडी-ठंडी तेज हवाएँ चलती हैं। बूढ़ों को वो... Hindi · कविता 1 316 Share जगदीश शर्मा सहज 5 Dec 2021 · 1 min read पुरानी पीढ़ी जिस पीढ़ी ने अपना जीवन, संघर्षों में खोया । संस्कार शिक्षा के बल पर,बीज प्रेम का बोया ।। रिश्तों का संसार बसाने, जिसने लोहू सींचा। अपने बलशाली हाथों से, जिसने... Hindi · कविता 1 2 625 Share जगदीश शर्मा सहज 29 Nov 2021 · 1 min read नन्हा मानव यदि एक वायरस दुनिया में, मृत्युंजय बन जायेगा । अदृश्य शत्रु से फिर कैसे, नन्हा मानव लड़ पायेगा।। घबराकर पीछे भागेगा, मिथ्या सुख साधन छोड़ेगा । जितनी आवश्यक होगी, उतनी... Hindi · कविता 617 Share जगदीश शर्मा सहज 26 Nov 2021 · 1 min read हिंसा कहीं पर आग की लपटें, कहीं पर खून का कतरा । वफ़ा कब तक निभाओगे, बताकर देश पर खतरा।। चुनावी लाभ लेने की, रहेगी आपकी फ़ितरत । गरीबों को लड़ाने... Hindi · कविता 1 1 354 Share जगदीश शर्मा सहज 26 Nov 2021 · 1 min read वायु प्रदूषण बड़े शहरों में सांस लेना कठिन हो गया, वायु प्रदूषित हो गई। अति-विकास, अनियंत्रित निर्माण तथा, अवैध उत्खनन ने भूमि उजाड़ दी सारी रंगत खो गई।। कारखानों का अरबों टन... Hindi · कविता 397 Share जगदीश शर्मा सहज 15 Nov 2021 · 1 min read देवोत्थान एकादशी तुलसी विवाह ,देवोत्थान एकादशी की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं? आओ हम सब करें मांगलिक कार्यों की शुरुआत सात्विक श्रद्धा और विश्वास से । नई आशा- नई उम्मीद के साथ फिर... Hindi · कविता 1 424 Share जगदीश शर्मा सहज 25 Oct 2021 · 1 min read चाँद और दिया मीलों लम्बे फासले के बीच, टिमटिमाता एक दिया आश और विश्वास का। अनगिनत कड़वाहटों के दरम्यान, पुरातन मान्यताओं को निभाता एक दिया। अहं के झोंखों से अँधेरे में लड़खड़ाता एक... Hindi · कविता 230 Share जगदीश शर्मा सहज 17 Mar 2021 · 1 min read साथी से मिलने का मौसम सूखा पतझर नीचे बिखरा, नूतन कोपल उग आई है। झूमी हर डाली मतवाली, सुरभित हरियाली छाई है।। शाखाओं ने शृङ्गार किया , पहना हो जैसे हार नया । बलखाती अलबेली... Hindi · कविता 1 4 378 Share जगदीश शर्मा सहज 4 Mar 2021 · 1 min read त्रासदी जनसंख्या और बेरोजगारी ले डूबेगी यदि नहीं रुकी तो भीषण त्रासदी फूटेगी। बेतहाशा बढ़ते वाहनों का शोर जीते जी कहीं रुला न दे, धू - धू जलता वायुमंडल वायु में... Hindi · कविता 1 1 495 Share जगदीश शर्मा सहज 4 Feb 2021 · 1 min read 'मधुवन जैसा तेरा यौवन' सुनकर कंगन नूपुर की धुन, मदहोश न अब मैं हो जाऊँ। तुम गीतों की आशा मेरी, जीवन की अभिलाषा मेरी। तुम खिलती धूप सुबह की हो, मैं प्रियदर्शन मैं खो... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 36 479 Share जगदीश शर्मा सहज 29 Jan 2021 · 1 min read चूहे जी बाल्य कविता ( चूहे जी ? ) नटखट प्यारे चूहे जी, लाड़ हमारे चूहे जी। बिल्ली से डरकर रहते, राजदुलारे चूहे जी ।। दिल से जिनको थाम रखा, ध्यान सबेरे... Hindi · कविता · बाल कविता 323 Share जगदीश शर्मा सहज 29 Jan 2021 · 1 min read "रेल" छुक-छुक करती चलती रेल। सिग्नल देख निकलती रेल । नानी के घर हमें उतार, फिर रफ़्तार पकड़ती रेल । छुट्टी के दिन रहते चार, नाना नानी करते प्यार । रोज... Hindi · कविता · बाल कविता 231 Share जगदीश शर्मा सहज 29 Jan 2021 · 1 min read "चंदा मामा" मेरे प्यारे चंदा मामा- सँग-सँग मेरे चलते जाना । उजियारा मुझको दिखलाना, पैदल पथ पर जब भी जाऊॅं छुपकर मेरे पीछे आना। तारों से बातें करवाना, नभ की सारी सैर... Hindi · कविता · बाल कविता 418 Share जगदीश शर्मा सहज 29 Jan 2021 · 1 min read "दशहरा" धूम मची थी आज सुबह से,भुवन पटाखे लाया था। आज दशहरे का अवसर था, चंदा खूब उगाया था ।। माही आरू और अमन ने, मिलजुलकर यह ठाना था। पुतला दहन... Hindi · कविता · बाल कविता 276 Share जगदीश शर्मा सहज 29 Jan 2021 · 1 min read "चिड़ियाघर" चैत का महिना उमस से रोज तपता दिन, ग्रीष्म के अवकाश में तुम ज़ू कभी जाओ। शेर, हाथी, तेंदुआ, चीतल, चिकारा मृग, अश्व, सॉंभ्ार,रीछ को तुम पास में पाओ ।... Hindi · कविता · बाल कविता 411 Share जगदीश शर्मा सहज 29 Jan 2021 · 1 min read "मिठ्ठूराजा" छत पर आया मिट्ठू राजा। मन को भाया मिट्ठू राजा ।। रंगत से वह हट्टा-कट्टा । उसके कंठ मढ़ा था पट्टा ।। कुछ दिन से रूखा-रूखा था। शायद वह सच... Hindi · कविता · बाल कविता 228 Share जगदीश शर्मा सहज 27 Jan 2021 · 1 min read "लाल किला" जो किला गणतंत्र का प्रतिवर्ष ही साक्षी हुआ। क्रांतिकारी राष्ट्रभक्तों ने विनत होकर छुआ ।। जिस किले ने राष्ट्रभक्ति का सबब पैदा किया। आज कुछ उद्दंडियों खूब शर्मिंदा किया।। किंतु... Hindi · कविता 3 4 422 Share जगदीश शर्मा सहज 23 Jan 2021 · 1 min read जय वीर सुभाष गर्म अंगारा लहू फ़ौलाद सा था तन तुम्हारा ! कर रहा है आज सारा राष्ट्र अभिनंदन तुम्हारा !! हे महा-रणधीर सैनिक राष्ट्र का सम्मान हो तुम ! याद में बांकी... Hindi · कविता 1 2 227 Share जगदीश शर्मा सहज 22 Jan 2021 · 1 min read "क्रंदन" नाश करता नशा धूम्र का कण यहाँ, मौत बन डस रहा जहर भीषण यहाँ ! चिकित्सक ले रहा सँभलकर धन यहाँ, किन्तु वह कर रहा जान रक्षण यहाँ ! वायु... Hindi · कविता 2 249 Share जगदीश शर्मा सहज 21 Jan 2021 · 1 min read भिखारन कड़ाके की सर्दी में खुले आसमान के तले बैठी एक भिखारन। ओढ़कर कम्बल,रजाई दान में मिले कपड़े ईंटों का चूल्हा प्लास्टिक की एक बोतल बस यही था उसका धन। सुबह-सुबह... Hindi · कविता 1 4 238 Share जगदीश शर्मा सहज 20 Jan 2021 · 1 min read ब्रज की चाह जय प्रेममयी वृषभानुलली। निधिवृन्द बसी मृदु कुंजकली।। मन-मंदिर से मधुभाव भरूँ । चरणों में अर्पित पुष्प करूँ ।। मनमोहन से अब प्रीत लगी। प्रभुदर्शन की अभिलाष जगी।। ब्रज की धरती... Hindi · कविता 1 4 240 Share जगदीश शर्मा सहज 19 Jan 2021 · 1 min read 'कामचोर मट्टू' चौराहे पर बैठा हुआ घर-परिवार से बेफिक्र मैले-कुचैले कपड़े पहने हुए, बीड़ी के कस लगाता हुआ कामचोर एवं हँसोड़ा, बातों का धुनी कुपढ़, मट्टू । फुर्सत का पहाड़ नशे का... Hindi · कविता 1 2 330 Share