Vaishnavi Gupta (Vaishu) Language: Hindi 130 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Vaishnavi Gupta (Vaishu) 26 May 2023 · 1 min read आज के युवा कुछ हाथों से कलम चलाते है, कुछ हाथों से फोन चलाते है, कुछ के दिमाग में करिअर का मोटीवेशन होता है, कुछ करिअर का ‘c’ भी भूल जाते है, कुछ... Poetry Writing Challenge · कविता 2 289 Share Vaishnavi Gupta (Vaishu) 26 May 2023 · 1 min read प्यारी बिटिया मत कैद करो नन्ही सी जान को, उसे खुले आसमान मे उड़ने तो दो, वो कुछ नया कर दिखायगी, उसे दुनिया से जुड़ने तो दो, भोली है सीधी है पर... Poetry Writing Challenge · कविता 1 272 Share Vaishnavi Gupta (Vaishu) 26 May 2023 · 1 min read बचपन का ज़माना हर ओर सिर्फ खुशियोँ का ठिकाना था, कितना प्यारा वो बचपन का ज़माना था, मस्त मौला हो झूमते गाते थे, जो दिल में आता वो कर जाते थे, ऐसी शरारतों... Poetry Writing Challenge · कविता 2 2 203 Share Vaishnavi Gupta (Vaishu) 26 May 2023 · 1 min read गुरु प्रथम गुरु है माता, द्वितीय गुरु है पिता, तृतीय है शिक्षकगण, गुरु सिर्फ एक शब्द नहीं, एक सच्ची भावना है, गुरु ने ही सही रास्ता दिखाया है, गुरु ने ही... Poetry Writing Challenge · कविता 199 Share Vaishnavi Gupta (Vaishu) 26 May 2023 · 1 min read चले जाओगे क्या... मानो तुम जाओ और मैं तुम्हारा हाथ थाम लुँ, मुझसे अपना हाथ छुड़ा पाओगे क्या, मानो मेरी नज़रें प्यार मांगेगी, मेरी नज़रों से अपनी नज़रें चुरा पाओगे क्या, साथ में... Poetry Writing Challenge · कविता 2 324 Share Vaishnavi Gupta (Vaishu) 26 May 2023 · 1 min read सोती रातों में ख़्वाब देखा अब इन आँखों को जागना है, सोती रातों में ख़्वाब देखा अब इन आँखों को जागना है, अभी तलक तो जग से जीते अब तो खुद से भी जीतना है, मिलेंगी कभी मुश्किलें तो छाएँगे कभी... Poetry Writing Challenge · कविता 204 Share Vaishnavi Gupta (Vaishu) 26 May 2023 · 1 min read दोस्ती... तेरी दोस्ती का कुछ इस कदर चढ़ा फितूर है, ये दिल गुलाम तेरा तू इस दिल का हुज़ूर है, सैलाब आये नज़रों में फ़िर भी तुझे देख मुस्कुरा देती हुँ... Poetry Writing Challenge · कविता 1 353 Share Vaishnavi Gupta (Vaishu) 26 May 2023 · 2 min read ख्वाहिशें....... कुछ ख्वाहिशें है मेरी जिंदगी से, जीना है हर लम्हा अपनी खुशी से, दिल में बहुत कुछ है मेरे सब बोलना है, मन को हल्का कर सारे राज़ खोलना है,... Poetry Writing Challenge · कविता 4 2 393 Share Vaishnavi Gupta (Vaishu) 26 May 2023 · 1 min read सह जाऊँ हर एक परिस्थिति मैं, सह जाऊँ हर एक परिस्थिति मैं, किसी के सही को अपना गलत ना चुन सकूँ, उड़ जाऊँ कहीं उन्मुक्त गगन में, अपने हृदय की अपेक्षाएँ ना सुन सकूँ। ✍️वैष्णवी गुप्ता... Poetry Writing Challenge · कविता 129 Share Vaishnavi Gupta (Vaishu) 14 May 2023 · 1 min read गलती गलत को गलती कह देने से गुनाह कम नही हो जाते, सिर्फ गलती ही की होती तो ऐसी सज़ा नही पाते, माफ़ी तो दूर कोई सज़ा न देना चाहे, इतना... Poetry Writing Challenge · कविता 125 Share Vaishnavi Gupta (Vaishu) 14 May 2023 · 1 min read कुछ कहना है पापा आपसे कुछ कहना है बात सुनेंगे क्या, कुछ वक़्त चाहिये आपका साथ चलेंगे क्या, बहुत कुछ कहना चाहती हुँ पर नहीं कह पाती क्यों क्युंकि डरती हुँ आपसे, बहुत... Poetry Writing Challenge · कविता 76 Share Vaishnavi Gupta (Vaishu) 14 May 2023 · 1 min read जादूगर एक जादूगर की कहानी उसकी परी की ज़ुबानी, एक प्यारी सी परी थी एक जादूगर के पास, वह उसके लिया थी बेहद खास, रोज़ सुबह वह उसे जगाता, खुले आसमां... Poetry Writing Challenge · कविता 218 Share Vaishnavi Gupta (Vaishu) 14 May 2023 · 1 min read रिश्तेदार मुमकिन नहीं उन रन्जिशों को भुलाना, जो हर वक़्त ज़ेहन मे रहती हैं, क्या कहे तकलीफ उन आँखों की, जो अपनो मे छिपे दुश्मनो को सहन करती हैं, नज़रों मे... Poetry Writing Challenge · कविता 128 Share Vaishnavi Gupta (Vaishu) 14 May 2023 · 2 min read ये रीतियाँ समाज के हज़ार बंधनों ने यु जकड़ रखा है, बढ़ नहीं पा रहे कदम युं पकड़ रखा है, ये बंधन ये रिवाज़ बड़े ही अजीब है, जो सच्चे है दिल... Poetry Writing Challenge · कविता 153 Share Vaishnavi Gupta (Vaishu) 14 May 2023 · 1 min read दूरियाँ हमारी आपसे बातें नही होती, छोटी- बड़ी मुलाकातें नही होती, कभी तो बढ़ जाती थी आपकी इक आहट से, आज वो धड़कने बेखबर सी हो गयी, कुछ इस कदर बढ़ी... Poetry Writing Challenge · कविता 177 Share Vaishnavi Gupta (Vaishu) 14 May 2023 · 1 min read मातारानी कुछ अलग ही सुकून है शेरावाली के दरबार में, कुछ अलग ही जुनून है पहाड़ावाली के प्यार में, उनकी ममता का वर्णन मैं कैसे करूँ, उनकी बातों का चित्रण मैं... Poetry Writing Challenge · कविता 164 Share Vaishnavi Gupta (Vaishu) 14 May 2023 · 1 min read मेरी माँ जिसने खूबसूरत बना दिया हर दिन मेरा, मेरी अंधेरी रातें लेकर जिसने दिया मुझे नया सवेरा, जिनसे मिली मुझे पहचान है मेरी, वो कोई और नहीं प्यारी माँ है मेरी,... Poetry Writing Challenge · कविता 104 Share Vaishnavi Gupta (Vaishu) 14 May 2023 · 3 min read एक लड़की....... एक लड़की के जन्म लेते ही घर का बोझ बढ़ जाता है, ज़िम्मेदरियाँ बढ़ जाती है, उसकी मासूमियत देखकर हर कोई उससे खेलना चाहता है पर अपने अपने तरीके से,... Poetry Writing Challenge · कविता 177 Share Vaishnavi Gupta (Vaishu) 14 May 2023 · 1 min read हर लड़की के दिल मे.... हर लड़की के दिल में रानी लक्ष्मीबाई के ज़ज़्बात होना चाहिए, चाँद सी खूबसूरती हो ना हो मगर सूर्य सा प्रकाश होना चाहिए, ख़ुद को सज़ाने के बजाय व्यक्तित्व को... Poetry Writing Challenge · कविता 2 109 Share Vaishnavi Gupta (Vaishu) 14 May 2023 · 1 min read खिड़की खुले जो....... खिड़की खुले जो तेरे आशियाने की तुझे मेरा दीदार हो जाए, मैं ही दिखूँ दिन रात तुझे इस कदर मुझसे प्यार हो जाए, मेरे मुस्कुराये बगैर ना हो सुबह तेरी... Poetry Writing Challenge · कविता 111 Share Vaishnavi Gupta (Vaishu) 14 May 2023 · 1 min read पत्थर का बनाना पड़ता है कभी उम्मीद के दिये को मन मे ही बुझाना पड़ता है, आते हुए अश्को को रोककर मुस्कुराना पड़ता है, नज़रें हमारी भी तरसती है उनके दीदार को, पर क्या करे,... Poetry Writing Challenge · कविता 99 Share Vaishnavi Gupta (Vaishu) 14 May 2023 · 1 min read दूर हो गए.... दूर हो गए हम क्या तुमसे तुमने हमको भुला दिया, हँसाया था कभी अपना मान के पराया करके रुला दिया, दर्द तुमको मिला जो हमसे ऐसी थी कुछ मजबूरियाँ, उस... Poetry Writing Challenge · कविता 88 Share Vaishnavi Gupta (Vaishu) 14 May 2023 · 1 min read माँ की याद खाना बनाते ही माँ की याद आ गयी, ना जाने वो स्वाद कहाँ से लाती हैं, सब्ज़ी,राशन अब ख़ुद ही लाना पड़ रहा, ना जाने माँ पूरा घर कैसे चलाती... Poetry Writing Challenge · कविता 120 Share Vaishnavi Gupta (Vaishu) 14 May 2023 · 1 min read लबों से आज........ लबों से आज तुझको मैं दिल की बात कहती हुँ, कि ना होकर भी हर पल मैं तेरे ही साथ रहती हुँ, बिना तेरी हँसी की ना कभी सुबह हो... Poetry Writing Challenge · कविता 128 Share Vaishnavi Gupta (Vaishu) 14 May 2023 · 1 min read ✍️ख्वाबों की वास्त्विक्ता✍️ ख्वाबों की बालकनी से आज मैंने वास्विकता को देखा, उन चमकते हुए आसमां के अनगिनत सितारों को देखा, सड़क किनारे उन छोटे बच्चो की चमक भरी आँखों को देखा, जो... Poetry Writing Challenge · कविता 94 Share Vaishnavi Gupta (Vaishu) 20 Apr 2023 · 1 min read ✍️चले जाओगे क्या ✍️ मानो तुम जाओ और मैं तुम्हारा हाथ थाम लुँ, मुझसे अपना हाथ छुड़ा पाओगे क्या, मानो मेरी नज़रें प्यार मांगेगी, मेरी नज़रों से अपनी नज़रें चुरा पाओगे क्या, साथ में... Hindi · कविता 3 113 Share Vaishnavi Gupta (Vaishu) 20 Feb 2023 · 1 min read ✍️गहरी बात✍️ हाथ थामना पड़ जाए तुझे किसी और का तो थाम लेना, मत सोचना मै क्या कहूंगी, शायद सोचने के लिए मै रहुँ ना रहुँ, प्यार जताना पड़ जाए तुझे किसी... Hindi · कविता 3 2 343 Share Vaishnavi Gupta (Vaishu) 12 Feb 2023 · 1 min read ✍️माँ ✍️ खाना बनाते ही माँ की याद आ गई, ना जाने वो स्वाद कहाँ से लाती हैं, सब्ज़ी, राशन अब खुद ही लाना पड़ रहा, ना जाने माँ पूरा घर कैसे... Hindi · कविता 4 4 346 Share Vaishnavi Gupta (Vaishu) 10 Feb 2023 · 2 min read ✍️ख्वाहिशें जिंदगी से ✍️ कुछ ख्वाहिशें है मेरी जिंदगी से, जीना है हर लम्हा अपनी खुशी से, दिल में बहुत कुछ है मेरे सब बोलना है, मन को हल्का कर सारे राज़ खोलना है,... Hindi · कविता 3 4 393 Share Vaishnavi Gupta (Vaishu) 6 Feb 2023 · 1 min read ✍️दोस्ती ✍️ तेरी दोस्ती का कुछ इस कदर चढ़ा फितूर है, ये दिल गुलाम तेरा तू इस दिल का हुज़ूर है, सैलाब आये नज़रों में फ़िर भी तुझे देख मुस्कुरा देती हुँ... Hindi · ग़ज़ल 6 10 262 Share Vaishnavi Gupta (Vaishu) 8 Jan 2023 · 1 min read सोती रातों में ख़्वाब देखा अब इन आँखों को जागना है, सोती रातों में ख़्वाब देखा अब इन आँखों को जागना है, अभी तलक तो जग से जीते अब तो खुद से भी जीतना है, मिलेंगी कभी मुश्किलें तो छाएँगे कभी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 7 8 370 Share Vaishnavi Gupta (Vaishu) 8 Jan 2023 · 1 min read ✍️पत्थर का बनाना पड़ता है ✍️ कभी उम्मीद के दिये को मन में ही बुझाना पड़ता है, आते हुए अश्कों को रोककर मुस्कुराना पड़ता है, नज़रें हमारी भी तरसती है उनके दीदार को, पर क्या करे,... Hindi · ग़ज़ल 7 4 325 Share Vaishnavi Gupta (Vaishu) 31 Dec 2022 · 1 min read मुक़द्दर क्या है अपना फर्क नहीं पड़ता, मुक़द्दर क्या है अपना फर्क नहीं पड़ता, ना मिल सके ज़मी पे तो क्या, आसमाँ पे अपना आशियाना होगा। ✍️वैष्णवी गुप्ता (vaishu) कौशांबी Hindi · कोटेशन 8 12 215 Share Vaishnavi Gupta (Vaishu) 31 Dec 2022 · 1 min read ✍️दोगले चेहरे ✍️ चलना है तो तुझे अपने ही पैरों से, फिर सहारा क्यों चाहे तू गैरों से, झूठे मिलते बहुत सच के चेहरे लिए, बच के रहना ज़रा दोगले चेहरों से। ✍️वैष्णवी... Hindi · कविता 6 11 412 Share Vaishnavi Gupta (Vaishu) 25 Dec 2022 · 1 min read खिड़की खुले जो तेरे आशियाने की तुझे मेरा दीदार हो जाए, खिड़की खुले जो तेरे आशियाने की तुझे मेरा दीदार हो जाए, मैं ही दिखूँ दिन रात तुझे इसकदर मुझसे प्यार हो जाए, मेरे मुस्कुराये बगैर ना हो सुबह तेरी ना... Hindi · ग़ज़ल 11 5 255 Share Vaishnavi Gupta (Vaishu) 7 Dec 2022 · 1 min read पहचान के पर अपने उड़ जाना आसमाँ में, पहचान के पर अपने उड़ जाना आसमाँ में, कुछ नेक काम करके छा जाना इस जहाँ में, छोटी सी ज़िंदगी है इसमे बुरा क्या करना, मुस्कान देके सबको महक जाना... Hindi · कोटेशन · ग़ज़ल 6 4 217 Share Vaishnavi Gupta (Vaishu) 12 Nov 2022 · 1 min read ✍️मंज़िल की चाहत ✍️ जो उम्रभर साथ रहने की, दुआ करते है हर इबातत में, ज़िम्मेदारिया इस कदर सिर चढ़ी, आज जुदा है दोनों, अपनी अपनी मंज़िल की चाहत में। ✍️वैष्णवी गुप्ता (vaishu) कौशांबी Hindi · कविता · कोटेशन 8 8 342 Share Vaishnavi Gupta (Vaishu) 12 Nov 2022 · 1 min read ✍️मेरी माँ ✍️ जिसने खूबसूरत बना दिया हर दिन मेरा, मेरी अंधेरी रातें लेकर जिसने दिया मुझे नया सवेरा, जिनसे मिली मुझे पहचान है मेरी, वो कोई और नहीं प्यारी माँ है मेरी,... Hindi · कविता 8 8 356 Share Vaishnavi Gupta (Vaishu) 30 Oct 2022 · 1 min read ✍️गलत बात है ✍️ मुश्किल है सफर हाँ ये माना मगर, तू युँ घुटने टिका दे गलत बात है, बड़ा अंधियारा है यहाँ हर मोड़ पर, तू यूँ दीपक बुझा दे ग़लत बात है,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 10 11 296 Share Vaishnavi Gupta (Vaishu) 28 Oct 2022 · 1 min read ✍️कैसी खुशनसीबी ✍️ ये कैसी खुशनसीबी है हमारी, तुम जिंदगी में तो हो पर नसीब में ही नहीं। ✍️वैष्णवी गुप्ता (vaishu) कौशांबी Hindi · कोटेशन · शेर 10 8 192 Share Vaishnavi Gupta (Vaishu) 28 Oct 2022 · 1 min read ✍️दर्द दिल में....... ✍️ दर्द दिल में छुपा के क्यों बैठे हो तुम, आके हमसे बता दो तुम्हारे है हम, कोई शिकवा हो दिल में या शिकायत हो हमसे, जो हो मर्ज़ी सज़ा दो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 8 6 261 Share Vaishnavi Gupta (Vaishu) 23 Oct 2022 · 1 min read ✍️नीली जर्सी वालों ✍️ नीली जर्सी पहन के छोरे जब उतरेंगे मैदान में, चौके छक्के का हर शोर गूंजेगा हिंदुस्तान में, सरहदों का महामुकाबला सरहदों के पार होगा, खाली जाने वाला कोई इस बार... Hindi · कविता 13 10 193 Share Vaishnavi Gupta (Vaishu) 22 Oct 2022 · 1 min read ✍️खामोश लबों को ✍️ खामोश लबों को खामोश ही रहने दो, युँ सड़क पे करो कोई इज़हार नहीं, इक बात याद रखना हमेशा, सरेआम तमाशा होता है प्यार नहीं। ✍️वैष्णवी गुप्ता (vaishu) कौशांबी Hindi · कविता · कोटेशन 5 4 356 Share Vaishnavi Gupta (Vaishu) 20 Oct 2022 · 1 min read ✍️जन्मदिन✍️ आज जन्मदिन है, मेरे एक अज़ीज़ दोस्त का, जिसने एक भटके मुसाफ़िर को उसका बसेरा दे दिया, मेरी अंधेरी रातों को नया सवेरा दे दिया, उसने दोस्ती निभाई कुछ इस... Hindi · कविता 5 8 477 Share Vaishnavi Gupta (Vaishu) 17 Oct 2022 · 1 min read ✍️बुराई करते है ✍️ ये दुनिया ये दुनिया के लोग, अजीब सी फ़ितरत रखते है, बुराई हमसे भी करते है, बुराई हमारी भी करते है। ✍️वैष्णवी गुप्ता (vaishu) कौशांबी Hindi · कोटेशन 9 6 272 Share Vaishnavi Gupta (Vaishu) 17 Oct 2022 · 1 min read ✍️गुमसुम सी रातें ✍️ क्या कहुँ दास्ताँ उन गुमसुम सी रातों की, जो तेरे आने के ख़्वाब देखते देखते चुपचाप सो जाती है। ✍️वैष्णवी गुप्ता (vaishu) कौशांबी Hindi · शेर 7 4 218 Share Vaishnavi Gupta (Vaishu) 17 Oct 2022 · 1 min read ✍️हुए बेखबर ✍️ हुए बेखबर हम कुछ इस कदर, ना उन्हें हमारा पता ना हमें उनकी खबर। ✍️वैष्णवी गुप्ता (vaishu) कौशांबी Hindi · शेर 7 6 234 Share Vaishnavi Gupta (Vaishu) 15 Oct 2022 · 1 min read ✍️खंज़र चलाते है ✍️ वो दुख में पावों को पड़ते है, वो सुख में भूल जाते है, वो नकली स्माइल देकर के, गहरे ज़ख़्म दे जाते है, कहने को वो अपने है पर अपना... Hindi · कविता 7 12 227 Share Vaishnavi Gupta (Vaishu) 15 Oct 2022 · 1 min read ✍️वक़्त आने पर ✍️ काटों पे चल के फूलों की मंज़िल पाना जानते है, टूट गए पंख तो क्या उन्हें फ़िर उड़ाना जानते है, हमारी शराफत को हमारी मजबूरी ना समझना, वक़्त आने पर... Hindi · कविता 8 10 219 Share Vaishnavi Gupta (Vaishu) 4 Oct 2022 · 1 min read ✍️इंसाफ मोहब्बत का ✍️ हिसाब बराबर करने में नहीं होती कोई देरी है, क्या गज़ब का इंसाफ है मोहब्बत का, कल तक वो इंतज़ार करता था, आज से इंतज़ार की बारी मेरी है। ✍️वैष्णवी... Hindi · कोटेशन · शेर 12 11 333 Share Page 1 Next