Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 May 2023 · 1 min read

सह जाऊँ हर एक परिस्थिति मैं,

सह जाऊँ हर एक परिस्थिति मैं,
किसी के सही को अपना गलत ना चुन सकूँ,
उड़ जाऊँ कहीं उन्मुक्त गगन में,
अपने हृदय की अपेक्षाएँ ना सुन सकूँ।

✍️वैष्णवी गुप्ता (Vaishu)
कौशाम्बी

Language: Hindi
92 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बुलंदियों पर पहुंचाएगा इकदिन मेरा हुनर मुझे,
बुलंदियों पर पहुंचाएगा इकदिन मेरा हुनर मुझे,
प्रदीप कुमार गुप्ता
#justareminderdrarunkumarshastri
#justareminderdrarunkumarshastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
गाँव सहर मे कोन तीत कोन मीठ! / MUSAFIR BAITHA
गाँव सहर मे कोन तीत कोन मीठ! / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
सेंगोल की जुबानी आपबिती कहानी ?🌅🇮🇳🕊️💙
सेंगोल की जुबानी आपबिती कहानी ?🌅🇮🇳🕊️💙
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
दर्द  जख्म कराह सब कुछ तो हैं मुझ में
दर्द जख्म कराह सब कुछ तो हैं मुझ में
Ashwini sharma
उदास आँखों से जिस का रस्ता मैं एक मुद्दत से तक रहा था
उदास आँखों से जिस का रस्ता मैं एक मुद्दत से तक रहा था
Aadarsh Dubey
मैं नहीं हो सका, आपका आदतन
मैं नहीं हो सका, आपका आदतन
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
तस्वीर तुम्हारी देखी तो
तस्वीर तुम्हारी देखी तो
VINOD CHAUHAN
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
ऐश ट्रे   ...
ऐश ट्रे ...
sushil sarna
याद - दीपक नीलपदम्
याद - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
ज़िक्र तेरा लबों पर क्या आया
ज़िक्र तेरा लबों पर क्या आया
Dr fauzia Naseem shad
*जीवन-साथी (कुंडलिया)*
*जीवन-साथी (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
वो पुराने सुहाने दिन....
वो पुराने सुहाने दिन....
Santosh Soni
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
फारवर्डेड लव मैसेज
फारवर्डेड लव मैसेज
Dr. Pradeep Kumar Sharma
" ऊँट "
Dr. Kishan tandon kranti
3019.*पूर्णिका*
3019.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ओ चंदा मामा!
ओ चंदा मामा!
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
बात-बात पर क्रोध से, बढ़ता मन-संताप।
बात-बात पर क्रोध से, बढ़ता मन-संताप।
डॉ.सीमा अग्रवाल
जिंदगी एक भंवर है
जिंदगी एक भंवर है
Harminder Kaur
भ्रम
भ्रम
Kanchan Khanna
उसकी गली से गुजरा तो वो हर लम्हा याद आया
उसकी गली से गुजरा तो वो हर लम्हा याद आया
शिव प्रताप लोधी
" रे, पंछी पिंजड़ा में पछताए "
Chunnu Lal Gupta
या ख़ुदा पाँव में बे-शक मुझे छाले देना
या ख़ुदा पाँव में बे-शक मुझे छाले देना
Anis Shah
मृतशेष
मृतशेष
AJAY AMITABH SUMAN
रविदासाय विद् महे, काशी बासाय धी महि।
रविदासाय विद् महे, काशी बासाय धी महि।
दुष्यन्त 'बाबा'
*शादी के पहले, शादी के बाद*
*शादी के पहले, शादी के बाद*
Dushyant Kumar
■ सामयिक संदर्भों में...
■ सामयिक संदर्भों में...
*Author प्रणय प्रभात*
There is nothing wrong with slowness. All around you in natu
There is nothing wrong with slowness. All around you in natu
पूर्वार्थ
Loading...