Er.Navaneet R Shandily Language: Hindi 33 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Er.Navaneet R Shandily 22 Apr 2024 · 1 min read लोकतन्त्र के हत्यारे अब वोट मांगने आएंगे लोकतन्त्र के बनिया बकड़ अपना रंग सजाएंगे जनता को वह मूर्ख बनाकर अपना रंग जमाएंगे गली गली के चौराहों पर नोट बाटने आएंगे लोकतन्त्र के हत्यारे अब वोट मांगने आएंगे... Hindi · कविता 30 Share Er.Navaneet R Shandily 5 Apr 2024 · 1 min read प्रेम पल्लवन रिश्तें कहाँ अपने रहें वह दूर जाते दिख रहें अहम् के परिवेश में अमानवता के पालन सीख रहे जिज्ञासा माया मिलन, प्रेम पारितोषक अब कहा हैं तृप्त जोगी संतृप्त सुदृढ़... Hindi · कविता 30 Share Er.Navaneet R Shandily 27 Feb 2024 · 1 min read अर्थी पे मेरे तिरंगा कफ़न हो माथे पे सौंधी मिट्टी का चंदन हो अर्थी पे मेरे तिरंगा कफ़न हो सारा समर्पण कर के चला हूँ आँचल भू के मिट्टी में पला हूँ जेष्ठ के दोपहरी में... Hindi · कविता 1 76 Share Er.Navaneet R Shandily 21 Jan 2024 · 1 min read जय श्री राम भूमण्डल में गूंज रहा हैं राम नाम जयकारा सरयू के पावन तट पर अयोध्या नगरी प्यारा केसरी रंग से सजा हुआ हैं गली गली चौराहा पटल बिंदु से पूर्ण सजा... Hindi · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · Quote Writer 1 103 Share Er.Navaneet R Shandily 16 Sep 2023 · 5 min read माँ आज भी जिंदा हैं अद्भुत अनावरण परिपूर्णता गुरुता से परिपूर्ण दोषों को क्षमा करने वाली ही जो प्रकृत हैं वही तो माँ हैं, अपने संतान से इच्छापूर्ति ना रखने वाली धरोहरणी जननी हैं, सदा... Hindi 1 115 Share Er.Navaneet R Shandily 30 Jul 2023 · 1 min read सावन में संदेश प्रकृति की सारी उपमाएं, लालिमा बिछाए झांके लावण्य रूप अनुपम छवि, पिया मिलन को ताके छत पर बैठी देख रहीं वह, प्रकृति की अटखेली विरह सोच में डूब गई वह,... Hindi · कविता 1 423 Share Er.Navaneet R Shandily 15 May 2023 · 2 min read सिया राम विरह वेदना ऋतु बसंत नभ मेघ गरजते, वसुधा पर रचि हरि माया तरु आसीन ओट धरि जननी, उद्विग्न हृदय रघुराया मेघ दृश्य चक्षु प्रस्त्रवण सम, करे घोर धर वर्षा कृपानिधि, सिंधु सुता,... Poetry Writing Challenge · कविता 1 448 Share Er.Navaneet R Shandily 15 May 2023 · 6 min read दोस्ती पर वार्तालाप (मित्रता की परिभाषा) तन्मय अपने मौसी के गाँव शादी में गया हुआ था, उसकी दोस्ती वहाँ पर अपने मौसी के जेठानी के बहन की लड़की संध्या और ननद की लड़की मनीषा से हो... दोस्ती- कहानी प्रतियोगिता · कहानी/एकांकी 2 275 Share Er.Navaneet R Shandily 19 Apr 2023 · 1 min read तप त्याग समर्पण भाव रखों तप त्याग समर्पण भाव रखों कटु वचनों का भी स्वाद चखों रत्नाकर सा गहरा सहृदय रखों विचलिन मन को भी बाध्य रखों निष्ठुर पाषाण चक्षु ना रखना अंतः कलश को... Hindi · Quote Writer · कविता 555 Share Er.Navaneet R Shandily 7 Feb 2023 · 1 min read मुक्तक झूठा प्यार नहीं, इंसान होता हैं जो रूठे नहीं, वह भगवान होता हैं उपवन के हँसी में, वह माली महान होता हैं खोजता मिट्टी में खुश्बू,वह भारतीय किसान होता हैं... Hindi · Quote Writer · मुक्तक 1 395 Share Er.Navaneet R Shandily 6 Feb 2023 · 1 min read छोटा सा परिवेश हमारा जीवन का संघर्ष सहारा चमके ओक मुकुट हमारा बालक मातृ-पिता को प्यारा कितना प्यारा, कितना न्यारा छोटा सा परिवेश हमारा अम्बर में सारंग मतवाला मस्ती में उछली जयमाला यश-कृति पूज्यवर... Hindi · Quote Writer · कविता 1 378 Share Er.Navaneet R Shandily 31 Jan 2023 · 1 min read मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम सरयू नदी के तट पर विराजमान पावन धाम मर्यादा पुरुषोत्तम श्री रामचंद्र की जन्मस्थली अयोध्या, श्री राम प्रभु समाज को कर्त्तव्यता का वह पाठ बता गए हैं, कि कर्त्तव्य ही... Hindi · लेख 1 498 Share Er.Navaneet R Shandily 14 Jan 2023 · 2 min read सफ़र यात्राएं अनेक कठिनाईयों से भरा होता हैं, जहां अनेक प्रकार समस्याओं से जुझना होता हैं, समस्याओं से बहुत ही सूझ बूझ से सामना करना होता हैं, नए स्थान शहर में... Hindi · संस्मरण 1 166 Share Er.Navaneet R Shandily 11 Jan 2023 · 1 min read मुक्तक बीते समय से अब, बात कहा होती हैं सार्थक हो कर्म तो तक़दीर कहा सोती हैं क़िस्मत कहा कि बीते लम्हों में खो जाएं खुश क़िस्मत कहा कि उन बांहों... Hindi · मुक्तक 2 165 Share Er.Navaneet R Shandily 8 Jan 2023 · 1 min read अनुभव विफल कितना भी हो तुम, लड़ना सीखना होगा गति अति मंद हो तो भी, चलना सीखना होगा निश्चित निरंतर अभ्यास में, तपना सीखना होगा साधक को सार्थकता में, पलना सीखना... Hindi · कविता 2 138 Share Er.Navaneet R Shandily 6 Dec 2022 · 3 min read यथार्थ से दूर "सेवटा की गाथा" आदर्श स्तम्भ आदर्श ग्राम्य सेवटा के आदर्श स्तंभ कहें जाने वाले आदरणीय श्री राम रत्न पाण्डेय जी जिनकी आयु एक सौ तीन वर्ष पूर्ण कर, हम सभी ग्राम्य वासियों का आदर्श बने... Hindi · लेख 1 187 Share Er.Navaneet R Shandily 4 Dec 2022 · 5 min read यथार्थ से दूर "सेवटा की गाथा" डॉ.अनिल कुमार पाण्डेय आई.ए.एस. ग्रामीण परिवेश आधुनिक युग में वहीं छाया वृत्तियों से ढका हुआ, सुनहरा सौंदर्य पर्यावरण वाला अरुणोदय मई आभा पूर्वजों के श्रम सीकर से सजा हुआ, अपरूप... Hindi · लेख 1 577 Share Er.Navaneet R Shandily 29 Nov 2022 · 1 min read श्रृंगार करें मां दुल्हन सी, ऐसा अप्रतिम अपरूप लिए मातृ भूमि पर, जीवन अर्पण, पुष्प समर्पित थाली है ग्रीव ग्रीवा में, जयमाला की, हार पहनने वाली है उत्तर में श्वेत हिम गिरी सा, मुकुट प्रकाशित धूप लिए श्रृंगार करें... Hindi · कविता 1 212 Share Er.Navaneet R Shandily 25 Nov 2022 · 1 min read आपकी यादों में हां गुनगुनाता हूं हां मुस्कुराता हूं आपकी यादों में, यूं गुम हो जाता हूं ना तंज कसता हूं ना रंज रखता हूं आपकी यादों में, यू नज्म पढ़ता हूं ना... Hindi · कविता 2 179 Share Er.Navaneet R Shandily 10 Nov 2022 · 1 min read कैसे प्रेम इज़हार करूं त्याग उर भीतर आदर तब अब है, कर्त्तव्य मेरा एक ढाल कुल भूषण उष्णीष प्रतिष्ठा, सम्रांजक रखा संभाल त्याग समर्पण वज्र मेरे, फिर जीती बाज़ी हार थरूं पग पर अपने... Hindi · Daily Writing Challenge · कविता 2 1 244 Share Er.Navaneet R Shandily 27 Oct 2022 · 7 min read भोजपुरी भाषा संस्कृत शाखा से उद्घृत आर्यवर्त की प्रिय भाषा भोजपुरी जो कई देश की राष्ट्र भाषा बन गई है, वह आज भी अपने घर में एक राज भाषा का दर्जा नहीं... Hindi · लेख 1 505 Share Er.Navaneet R Shandily 21 Oct 2022 · 1 min read एक झलक फूल चुभते ही रहे, पर कांटों को, बिछाया नहीं हमने जिसे माँगा खुदा से , उसको कभी पाया नहीं हमने नींद में जागे हुए, सपनों को सजाया नहीं हमने बीते... Hindi 3 1 313 Share Er.Navaneet R Shandily 25 Sep 2022 · 1 min read सोचता हूं कैसे भूल पाऊं तुझे सपना सोते हुए ना, दिखाओ मुझे अपनी यादों से, अब ना, सताओ मुझे चाह कर भी ना, अपना कह पाऊं तुझे सोचता हूँ मैं कैसे, भूल पाऊँ तुझे बैठे -... Hindi · कविता 3 1 224 Share Er.Navaneet R Shandily 19 Sep 2022 · 1 min read एहसास एक आश लगी जो तुझसे, सार नदी में डूब रहीं अपनी नई कहानी सारी, चर्चा में वह खूब रहीं सपने दफ़न निराले अपने, ख्वाबों में मजबूरी थी आस - पास... Hindi · कविता 4 282 Share Er.Navaneet R Shandily 31 Jul 2022 · 1 min read विधवा की प्रार्थना सम्मान में न जाने, कैसा मिला अभिशाप है आश के विश्वास में, मुझको मिला संताप है लाली-वाली बिंदियाँ छूटी, छूटा पाव महावर का क्या कसूर मेरा था गिरिवर, छूटा साथ... Hindi · कविता 3 1 502 Share Er.Navaneet R Shandily 21 Jul 2022 · 1 min read सावन में साजन को संदेश धरती है श्रृंगार सजाएं ऋतु सावन बहार में मैं भी प्यासी, तड़प रही हूं साजन तेरे प्यार में मंद मंद ए, पुरवा हवाएं छूकर दर्द बढाती है रिम झीम मेघ,... Hindi · कविता 1 414 Share Er.Navaneet R Shandily 10 Apr 2022 · 1 min read आदर्श ग्राम्य पराकाष्ठा अपरूप लिए, ग्रामीण सजा है भव्य प्राण प्रतिष्ठा बसे हमारे, उर ग्राम्य धर्म कर्त्तव्य अमूल्य निधि अरुणोदय की, चित चितवन सब धन्य आदर्श ग्राम्य आंचल ओढ़े, धन्य गात चैतन्य... Hindi · कविता 2 404 Share Er.Navaneet R Shandily 16 Mar 2022 · 6 min read होली पर्व उत्सव ऐतिहासिक विश्व प्रसिद्ध त्योहार होली जिसे अनेक उपनाम होलिकी, होलिका, धुलंडी, लट्ठमार होली, रंगोंत्सव, बसंतोत्सव इत्यादि नामों से संबोधित किया जाता है। हिंदुओं का प्रमुख त्यौहारों में से एक यह... Hindi · लेख 1 365 Share Er.Navaneet R Shandily 3 Mar 2022 · 1 min read सञ्जीवनी साधना विभावरी में जाग कर, तपस्या में मन साधकर चमकता हुआ ध्रुव बने, अरुणोदय सा प्रभाकर निर्वाण नीति प्रबुद्ध में, देश भक्ति है जननी चैतन्य आत्म साधना, प्रवाह धार स्रोतस्विनी निवारण... Hindi · कविता 1 261 Share Er.Navaneet R Shandily 27 Jan 2022 · 1 min read गंतव्य में पीछे मुड़े, अब हमें स्वीकार नहीं कोसू मैं भाग्य को या अपनी तकदीर को आँखों में आँसू भरूँ या देखू हस्त लकीर को वरदान माँगू हे प्रभु ए मेरा अधिकार नहीं गंतव्य में पीछे मुड़े अब... Hindi · कविता 3 1 711 Share Er.Navaneet R Shandily 31 Dec 2021 · 1 min read शीतलहर के हलकोरों में, नव वर्ष नहीं मनाया जाएगा खेतों की हरियाली सहमी, सहमी किसानों की नरमी है पेड़ों से पत्ते भी गिरते है, बाखर की तुलसी सहमी है झूलसे है अरहर के फूले, वसंत की छूटी अंगड़ाई है... Hindi · कविता 1 193 Share Er.Navaneet R Shandily 10 Dec 2021 · 1 min read भारत के वीर जवानों से अमर रहे, तू अमर रहे, जन-शक्ति के नारों से कश्मीर हमारा घायल था, आवैसी गद्दारों से हाथों में संगीन उठाके, बदला लिए हत्यारों से छाती में आग ध-धकता था, आतंकों... Hindi · कविता 2 2 576 Share Er.Navaneet R Shandily 9 Nov 2021 · 1 min read नक्षत्र निशा सोम सितारे नक्षत्र निशा सोम सितारे अर्चि, उद्विग्न हृदय हमारा है चार कोश की दूरी भी अब, शत योजन सा किनारा है प्राची दिस में नभ अवलोकन, प्रहर तीन तक जागा है... Hindi · कविता 1 351 Share