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11 Jan 2023 · 1 min read

मुक्तक

बीते समय से अब, बात कहा होती हैं
सार्थक हो कर्म तो तक़दीर कहा सोती हैं
क़िस्मत कहा कि बीते लम्हों में खो जाएं
खुश क़िस्मत कहा कि उन बांहों में सो पाएं

Language: Hindi
2 Likes · 165 Views
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