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6 Feb 2023 · 1 min read

छोटा सा परिवेश हमारा

जीवन का संघर्ष सहारा
चमके ओक मुकुट हमारा
बालक मातृ-पिता को प्यारा
कितना प्यारा, कितना न्यारा
छोटा सा परिवेश हमारा
अम्बर में सारंग मतवाला
मस्ती में उछली जयमाला
यश-कृति पूज्यवर की माला
मृदुल हिय ममता को पुकारा
छोटा सा परिवेश हमारा

मानवता हुआ नमक से खारा
सैकत सजोएं शैवालिनी धारा
साधु भजते राम आधारा
वसुधा सहती पीड़ा सारा
छोटा सा परिवेश हमारा
अवलोकन करूँ चाँद सितारा
अंतर मन का टूटा तारा
भाव विभोर होकर मैं हारा
तारुण्य मनोरम, नैन निहारा
छोटा सा परिवेश हमारा

1 Like · 372 Views
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