Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 May 2023 · 2 min read

सिया राम विरह वेदना

ऋतु बसंत नभ मेघ गरजते, वसुधा पर रचि हरि माया
तरु आसीन ओट धरि जननी, उद्विग्न हृदय रघुराया
मेघ दृश्य चक्षु प्रस्त्रवण सम, करे घोर धर वर्षा
कृपानिधि, सिंधु सुता, देखी दोनों की विरह दशा
विवर विभूति द्वार पर, प्रहरी शेषनाग अवतार
अवलम्ब शैल, स्फुटिक शिला पर, बैठे पालन हार

छोटी छोटी सरिता बढ़ चली, बड़ी भरे उफान
मद मस्त गजानन तुरि तट, नहि परिधि का भान
धूमिल हो गए जल जयमाला, योग्य कहा जल पान
कछु माया उच्छल कनिष्ठ नद, क्षणिक समय समान
उच्च कोटि नीरव रस बरसे, तृण रंग धरा संसार
अवलम्ब शैल, स्फुटिक शिला पर, बैठे पालन हार

जरत बदन सम रवि के तुला, गहन शोक मनि चुभि शूला
धरा परत गिरी छवि अनूपा, नभ सारंग छिपी भानु भूपा
अन्न जल ग्रहण त्यागी बैदेही, हृदय जड़ित पति अवध स्नेही
डूबे उतरे जलनिधि जेही, लिपटे जीव जल ढाबर तेही
भव सागर मम उद्धार करि, उर बसे राम आधार
अवलम्ब शैल, स्फुटिक शिला पर, बैठे पालन हार

दादुर पपीहा किकर निसि दिन, छोड़े करकस बान
सारंग शीतल बूंदें जारे, तन फफूद उग तृण समान
कछुक दिवस धीरज धरि, लखन राम रणधीर
कहि कोकिल सीतहि पहि, आयेंगे रघुवीर
शत योजन सिंधु करि पारा, देब संदेश तोहार
अवलम्ब शैल, स्फुटिक शिला पर, बैठे पालन हार

आवत बीत गए चहू मासा, कोकिल आई सरोरूर पासा
तन पाषाण मन अति कासा, पनपे हृदय घोर निराशा
मधुर ध्वनि करुणा निधान सम, करुण संदेश सुनाया
विरह वेदना आधार तुम्ही बस, रटत नाम रघुराया
सकल कनक शोभित भई, करि राम नाम श्रृंगार
अवलम्ब शैल, स्फुटिक शिला पर, बैठे पालन हार

जातुधान सम कक्ष होई, देती कोटि के वाद
जनक नंदनी रघु बीन, अर्चि बीन धूमिल चांद
सुमन सुगंध पवन निधि, देहू सियहि संदेश
शत योजन दक्षिण दिसि, जहां बसे लंकेश
शीघ्र संदेशों पठाईयों, रमा प्रिया भुज चार
अवलम्ब शैल, स्फुटिक शिला पर, बैठे पालन हार
इंजी.नवनीत पाण्डेय सेवटा (चंकी)

Language: Hindi
1 Like · 441 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Er.Navaneet R Shandily
View all
You may also like:
पुनर्जन्म का सत्याधार
पुनर्जन्म का सत्याधार
Shyam Sundar Subramanian
हिंदी
हिंदी
Mamta Rani
ऐसा क्यों होता है
ऐसा क्यों होता है
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
■ आज का अनुरोध...
■ आज का अनुरोध...
*Author प्रणय प्रभात*
"झूठे लोग "
Yogendra Chaturwedi
शिक्षा बिना जीवन है अधूरा
शिक्षा बिना जीवन है अधूरा
gurudeenverma198
“SUPER HERO(महानायक) OF FACEBOOK ”
“SUPER HERO(महानायक) OF FACEBOOK ”
DrLakshman Jha Parimal
इक दिन चंदा मामा बोले ,मेरी प्यारी प्यारी नानी
इक दिन चंदा मामा बोले ,मेरी प्यारी प्यारी नानी
Dr Archana Gupta
पापा का संघर्ष, वीरता का प्रतीक,
पापा का संघर्ष, वीरता का प्रतीक,
Sahil Ahmad
*रंग बदलते रहते मन के,कभी हास्य है-रोना है (मुक्तक)*
*रंग बदलते रहते मन के,कभी हास्य है-रोना है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
मिसाल उन्हीं की बनती है,
मिसाल उन्हीं की बनती है,
Dr. Man Mohan Krishna
जन्म-जन्म का साथ.....
जन्म-जन्म का साथ.....
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
बड़े अगर कोई बात कहें तो उसे
बड़े अगर कोई बात कहें तो उसे
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
5 दोहे- वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई पर केंद्रित
5 दोहे- वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई पर केंद्रित
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
........,?
........,?
शेखर सिंह
सेर (शृंगार)
सेर (शृंगार)
सूरज राम आदित्य (Suraj Ram Aditya)
💐प्रेम कौतुक-403💐
💐प्रेम कौतुक-403💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
संवेदनाएं
संवेदनाएं
Dr.Pratibha Prakash
For a thought, you're eternity
For a thought, you're eternity
पूर्वार्थ
नन्ही परी और घमंडी बिल्ली मिनी
नन्ही परी और घमंडी बिल्ली मिनी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
टमाटर का जलवा ( हास्य -रचना )
टमाटर का जलवा ( हास्य -रचना )
Dr. Harvinder Singh Bakshi
***कृष्णा ***
***कृष्णा ***
Kavita Chouhan
हुईं वो ग़ैर
हुईं वो ग़ैर
Shekhar Chandra Mitra
"सब्र"
Dr. Kishan tandon kranti
अच्छा लगता है
अच्छा लगता है
Pratibha Pandey
हर बार मेरी ही किस्मत क्यो धोखा दे जाती हैं,
हर बार मेरी ही किस्मत क्यो धोखा दे जाती हैं,
Vishal babu (vishu)
एक टऽ खरहा एक टऽ मूस
एक टऽ खरहा एक टऽ मूस
डॉ. श्री रमण 'श्रीपद्'
अन्धी दौड़
अन्धी दौड़
Shivkumar Bilagrami
सच
सच
Sanjay ' शून्य'
गांव
गांव
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
Loading...