कवि लोकेन्द्र ज़हर 14 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid कवि लोकेन्द्र ज़हर 25 Nov 2022 · 1 min read *संविधान गीत* तुमने गर्दिश में भी हर्ष लिखा, हर पिछड़े का संघर्ष लिखा। अनगिनत यातना झेली पर, विचलित न किंतु तनक दिखा। तूफां में जो बन बाज़ उड़ा, ऐसे थे भीम महान।... Hindi · कविता · गीत 3 2 362 Share कवि लोकेन्द्र ज़हर 11 Apr 2021 · 1 min read हमने कोरेगांव लड़ा है.... बेशक ज़िल्लत भरी जिंदगी, में दिन रात निकाले हैं! हमने कोरेगांव लड़ा है, हम वो हिम्मत वाले हैं!! हमने हर पीढा को झेेला, घूँट ज़लालत के लेकर ! खत्म कुप्रथाओं... Hindi · गीत 2 390 Share कवि लोकेन्द्र ज़हर 3 Apr 2021 · 1 min read हुनर आता नहीं सबको... दरम्यां दूरिया इतनी, न बढ़ने दे ज़हर, समन्दर छटपटा कर भी, किनारा छू नहीं पाये! लौटकर आयेगा वो शख्श,जब देखेगा आईना, कुछ पल तो ठहर क्या पता,आके लिपट जाये! ये... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 398 Share कवि लोकेन्द्र ज़हर 3 Apr 2021 · 1 min read हम नज़ाकत में हया की..... हम नज़ाकत में हया की उँगलियाँ दाबे रहे, वो मौहब्बत की कहानी गुफ्तुगू में कह गया ! चाँद कल मुंडेर पर सहमा हुआ आया नजर, जुगनुओं सा छिप छिपाता बादलों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 340 Share कवि लोकेन्द्र ज़हर 3 Apr 2021 · 1 min read हर घर इक मधुशाला है चुंबन करता रोज अहाते में, प्याले को प्याला है ! साकी बन मधुरस बरसाती, नित होठों पर हाला है !! हर घर इक मधुशाला है ! हर घर इक मधुशाला... Hindi · कविता 1 398 Share कवि लोकेन्द्र ज़हर 3 Apr 2021 · 1 min read मुक्तक कौंन जानता कैसे कैसे, ख्वाब सजा लेते हैं लोग, पसंद किसी के हाथों की, चाय बना लेते हैं लोग ! साँसों में घुलकर धड़कन की, चुस्की लेकर देखो तो, कभी-कभी... Hindi · मुक्तक 414 Share कवि लोकेन्द्र ज़हर 3 Apr 2021 · 1 min read जो इश्क अधूरा करते हैं.... उनसा न सिकन्दर है कोई, जो जीत के हारा करते हैं ! बदनाम मौहब्बत उनसे है, जो इश्क अधूरा करते हैं !! कैसे भुला दिया जाता है, साँसों के सहवासों... Hindi · गीत 1 405 Share कवि लोकेन्द्र ज़हर 3 Apr 2021 · 1 min read गली के उस मोड़ पर... उस पीली मीनार से सटी साफ दिखती है वो छत गली के उस मोड़ से जिसकी मुंडेर पर गुलाबी पल्लू में सिमटता मुस्कुराता हुआ एक हसीन चेहरा दांतो में चूनर... Hindi · कविता 1 569 Share कवि लोकेन्द्र ज़हर 29 May 2020 · 1 min read सांपों का जश्न जब शहर में मानसिक दासता का अँधेरा था! उस वक्त भी रौशनी से जगमग घर मेरा था !! एक अजब सा जश्न था साँपों का कल, सुना है बढ़ा ही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 7 5 841 Share कवि लोकेन्द्र ज़हर 29 May 2020 · 1 min read वो सत्ता के चारण निकले...... कुछ मृत्यु के भय से ताला, देकर बैठे होठों पर ! कुछ दुनिया से विरक्त हुऐ, ईमान बेच कर नोटो पर! कितने वस्त्र हरण बाकी हैं, अभी और मानवता के,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 3 492 Share कवि लोकेन्द्र ज़हर 29 May 2020 · 2 min read चिंगारी हर मजलूम के घर तक,पहुँचा दो चिंगारी को | फेंक उखाड़ो सत्ता की, गद्दी से अत्याचारी को || बस ! दीवारों पै लिखे स्लोगन,पोस्टरों में छापा है| वरना बेटी की... Hindi · कविता 4 5 769 Share कवि लोकेन्द्र ज़हर 29 May 2020 · 1 min read प्रेंम घुलने का बिषय है.... बस! पलों का वक्त लगता,तन से तन के तो मिलन में| बीत जाती सदियाँ लेकिन,मन से मन के तो मिलन में|| पत्थरों को मोंम करना, पड़ता है तपकर यहाँ, तब... Hindi · कविता 4 1 284 Share कवि लोकेन्द्र ज़हर 29 May 2020 · 1 min read भारत वर्ष नया होगा... सौभाग्य यही है मरने का, और जीने का ये वक्त महान! आज तो सोचो खुद से उठकर, मानवता का है आह्वान !! शत्रु जितना ताकतवर है, उतने हम सशक्त नहीं... Hindi · गीत 2 1 511 Share कवि लोकेन्द्र ज़हर 29 May 2020 · 1 min read आखिर कितनी बार मरुँ.... कब तक आँखें सजल करूँ, बेबस होकर सिर धुनने में ! आखिर कितनी बार मरुँ, साँसों का ताना बुनने में !! झोंपड़ियों में दर्द भले, बेशक सदियों से ठहरा हो... Hindi · गीत 3 5 301 Share