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Vr nice sir

वर्तमान की विसंगतियों पर आक्रोश पूर्ण आव्हान युक्त प्रस्तुति।

धन्यवाद !

29 May 2020 10:55 AM

आपके कविता में कवि नागार्जुन का झलक देखने को मिलता है।।
मन को विचलित करने वाली प्रस्तुति। बिल्कुल सच्चाई पर आधारित।।।

सच को अल्फाज देने की कोशिश भर है, बहुत आभार मित्र.स्नेह बनाये रखियेगा

29 May 2020 09:40 PM

आपका सदैव स्वागत है।

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