Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 May 2020 · 1 min read

वो सत्ता के चारण निकले……

कुछ मृत्यु के भय से ताला, देकर बैठे होठों पर !
कुछ दुनिया से विरक्त हुऐ, ईमान बेच कर नोटो पर!

कितने वस्त्र हरण बाकी हैं, अभी और मानवता के,
कुछ अपना लंगोट रखे, गिरवी बैठे हैं कोठों पर !!

शब्दों को नीलाम किये हैं,सोच को पहरेदार किये हैं,
कब तक किश्मत अजमाओगे, तुम भी सिक्के खोटों पर !!

आग क्रान्ति की लिखने वाले, मिशन भूल कर बैठे हैं,
कितना और विश्वास करें इन, बे पैंदी के लोटों पर !!

जिनको हमने खड़ा किया था, बात हक्क की कहने को,
वो सत्ता के चारण निकले, जीत हमारी वोटों पर !!
लोकेन्द्र ज़हर

4 Likes · 3 Comments · 439 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अनचाहे अपराध व प्रायश्चित
अनचाहे अपराध व प्रायश्चित
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
*मैं भी कवि*
*मैं भी कवि*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मौनता  विभेद में ही अक्सर पायी जाती है , अपनों में बोलने से
मौनता विभेद में ही अक्सर पायी जाती है , अपनों में बोलने से
DrLakshman Jha Parimal
पाकर तुझको हम जिन्दगी का हर गम भुला बैठे है।
पाकर तुझको हम जिन्दगी का हर गम भुला बैठे है।
Taj Mohammad
मुझे तुमसे प्यार हो गया,
मुझे तुमसे प्यार हो गया,
Dr. Man Mohan Krishna
*भगत सिंह हूँ फैन  सदा तेरी शराफत का*
*भगत सिंह हूँ फैन सदा तेरी शराफत का*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जीवन से पलायन का
जीवन से पलायन का
Dr fauzia Naseem shad
हाँ ये सच है
हाँ ये सच है
Saraswati Bajpai
तालाश
तालाश
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
यह तुम्हारी गलतफहमी है
यह तुम्हारी गलतफहमी है
gurudeenverma198
सामने मेहबूब हो और हम अपनी हद में रहे,
सामने मेहबूब हो और हम अपनी हद में रहे,
Vishal babu (vishu)
■ लेखन मेरे लिए...
■ लेखन मेरे लिए...
*Author प्रणय प्रभात*
मृत्युभोज
मृत्युभोज
अशोक कुमार ढोरिया
एक उम्र
एक उम्र
Rajeev Dutta
जय श्रीराम हो-जय श्रीराम हो।
जय श्रीराम हो-जय श्रीराम हो।
manjula chauhan
"भोर की आस" हिन्दी ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
गिरते-गिरते गिर गया, जग में यूँ इंसान ।
गिरते-गिरते गिर गया, जग में यूँ इंसान ।
Arvind trivedi
SADGURU IS TRUE GUIDE…
SADGURU IS TRUE GUIDE…
Awadhesh Kumar Singh
कुंडलिया
कुंडलिया
sushil sarna
... सच्चे मीत
... सच्चे मीत
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
*आते हैं बादल घने, घिर-घिर आती रात (कुंडलिया)*
*आते हैं बादल घने, घिर-घिर आती रात (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
अध्यापक :-बच्चों रामचंद्र जी ने समुद्र पर पुल बनाने का निर्ण
अध्यापक :-बच्चों रामचंद्र जी ने समुद्र पर पुल बनाने का निर्ण
Rituraj shivem verma
निरंतर प्रयास ही आपको आपके लक्ष्य तक पहुँचाता hai
निरंतर प्रयास ही आपको आपके लक्ष्य तक पहुँचाता hai
Indramani Sabharwal
मुक्तक
मुक्तक
प्रीतम श्रावस्तवी
*जीवन का आधार है बेटी,
*जीवन का आधार है बेटी,
Shashi kala vyas
Dear  Black cat 🐱
Dear Black cat 🐱
Otteri Selvakumar
नारी
नारी
Dr Archana Gupta
शिव छन्द
शिव छन्द
Neelam Sharma
चर्चित हो जाऊँ
चर्चित हो जाऊँ
संजय कुमार संजू
मैं सुर हूॅ॑ किसी गीत का पर साज तुम्ही हो
मैं सुर हूॅ॑ किसी गीत का पर साज तुम्ही हो
VINOD CHAUHAN
Loading...