Minal Aggarwal Tag: कविता 988 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Minal Aggarwal 29 May 2022 · 1 min read जितना सबको अपना माना जितना सबको अपना माना उतनी ही खुद से गैर हुई मैं तन की मन से दूरी इतनी बढ़ गई कि उसे अब तो पाटना मुश्किल लग रहा दिल न जाने... Hindi · कविता 2 1 189 Share Minal Aggarwal 29 May 2022 · 1 min read राख बनना ही राख बनना ही मुकद्दर था मेरा यूं तो तमाम उम्र सोना बनकर चमकने की कोशिश बहुत करी। मीनल सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज सासनी गेट, आगरा रोड अलीगढ़... Hindi · कविता 197 Share Minal Aggarwal 21 May 2022 · 1 min read कोशिश मत करें मैं तो एक पत्थर हूं मुझे तराशने की कोशिश मत करें मैं भीतर से मोम भी हूं पिघलती रहती हर समय मुझे कभी तलाशने की कोशिश मत करें। मीनल सुपुत्री... Hindi · कविता 1 1 193 Share Minal Aggarwal 20 May 2022 · 1 min read मेरे साथ साथ ही अपना हाथ मेरे हाथों में दे दो तुम भी पीछे न रहो मेरे साथ साथ ही कदम बढ़ाते आगे बढ़ो। मीनल सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज सासनी गेट,... Hindi · कविता 166 Share Minal Aggarwal 20 May 2022 · 1 min read दूसरी मां मां के बाद किसी भाई या बहन के लिए उनकी दूसरी मां उनकी बड़ी बहन ही होती है। मीनल सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज सासनी गेट, आगरा रोड... Hindi · कविता 342 Share Minal Aggarwal 18 May 2022 · 1 min read योग अपनायें योग अपनायें तन को स्वस्थ, मन को प्रसन्न और जीवन को तनाव रहित व हर समस्या से मुक्त होकर जीने योग्य बनायें। मीनल सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज... Hindi · कविता 214 Share Minal Aggarwal 18 May 2022 · 1 min read सुबह बहुत अच्छी लगती है रात भर एक अच्छी नींद सोकर सुबह उठो तो सुबह बहुत अच्छी लगती है रात को सोते समय मन अगले दिन के लिए छोटी बड़ी कुछ योजनाएं बनाता है सुबह... Hindi · कविता 1 1 190 Share Minal Aggarwal 17 May 2022 · 1 min read तुम भी और मैं भी इस दुनिया की भीड़ का हिस्सा तुम भी, मैं भी इस पल सफर में हम सब साथ न जाने कौन सा होगा वह अगला पल जिसमें फिर बिछड़ जायेंगे हमेशा... Hindi · कविता 1 1 192 Share Minal Aggarwal 16 May 2022 · 1 min read बच्चे होते कितने मासूम और ईश्वर सदृश्य एक बगीचे में गर फूल न हों तो क्या वह एक फूलों का बगीचा कहलायेगा एक परिवार में गर बच्चे न हों तो क्या वह एक हंसता खेलता खुशहाल परिवार... Hindi · कविता 227 Share Minal Aggarwal 13 May 2022 · 1 min read प्रेम चाहे न करें पर वह अच्छी है अच्छी नहीं बहुत अच्छी है लेकिन उसका उससे व्यवहार बहुत ही बुरा है वह बुरी है बुरी नहीं बहुत बुरी है लेकिन उसका उससे व्यवहार बहुत ही... Hindi · कविता 1 175 Share Minal Aggarwal 13 May 2022 · 1 min read मुझ अभागे पेड़ की जड़ें काटकर मुझ अभागे पेड़ की जड़ें काटकर मुझसे कौन सी छांव और प्यार की उम्मीद फिर रखते हैं लोग जड़ से उखाड़ कर तो एक कोने में फेंक दिया है इस... Hindi · कविता 275 Share Minal Aggarwal 8 May 2022 · 1 min read वह अच्छाई के टुकड़े टुकड़े करके अच्छाई का अर्थ समझाओ क्या होती इसकी परिभाषा जरा सोच समझकर बताओ मुझे पता है अच्छी तरह से पता है सौ में से सौ पता है सौ फीसदी से ज्यादा... Hindi · कविता 298 Share Minal Aggarwal 8 May 2022 · 1 min read मां को कैसे भूल जाते हो सब कुछ याद रखते हो मां को कैसे भूल जाते हो जिसने दिया तुम्हें जन्म सींचा उम्र भर अपने खून से उसके अहसानों का बदला इस तरीके से तुम चुकाते... Hindi · कविता 192 Share Minal Aggarwal 7 May 2022 · 1 min read तू मेरी जिंदगी की किताब का तू मेरी जिंदगी की किताब का पहला पन्ना, हर पन्ना और आखिरी पन्ना तू मेरी जिंदगी की किताब का आवरण, शीर्षक और उस पर लिखी कहानी का हर हर्फ त्रासदी... Hindi · कविता 196 Share Minal Aggarwal 7 May 2022 · 1 min read खिलौना बहुत मुश्किल होता है किसी को प्यार कर पाना और किसी का प्यार पाना आदमी बस अपने बारे में सोचता है और उसे अपना ही दिल बहलाने के लिए चाहिए... Hindi · कविता 1 163 Share Minal Aggarwal 6 May 2022 · 1 min read मेरे दिल के कक्ष में ही कहीं मैं अपने कक्ष में एक मूर्ति की तरह हो गई हूं स्थापित ऐ मेरे अपने घर के पुराने आईने तुम्हें आना है तो अपनी जगह से उठकर चलकर मेरा चेहरा... Hindi · कविता 2 1 205 Share Minal Aggarwal 6 May 2022 · 1 min read छूकर तुमको छूकर तुमको जानना चाहता हूं मैं तुम्हारा वह जादू और हुनर कि मिट्टी को तुम सोने में कैसे बदलते हो अपने बदन पर गिरती धूप को तुम एक सुनहरी गोटे... Hindi · कविता 1 171 Share Minal Aggarwal 5 May 2022 · 1 min read तुम मेरी जिंदगी हो तुम खुश हो तो मैं खुश हूं तुम नहीं जानते पर मैं अच्छी तरह से जानती हूं कि तुम मेरी जिंदगी हो तुमसे प्रीत मेरी गहरी तुम मेरे सखा, तुम... Hindi · कविता 152 Share Minal Aggarwal 4 May 2022 · 1 min read उसने जीवन भर संघर्ष किया उसने जीवन भर संघर्ष किया खुद कुछ नहीं पाया जो किया दूसरों के लिए किया खुद जो कमाया दूसरों पर लुटाया खुद भूखा रहकर दूसरों को खिलाया खुद एक सादा... Hindi · कविता 174 Share Minal Aggarwal 4 May 2022 · 1 min read जीत का उत्सव गिर गये हो तो शोक में मत डूबो उठकर सीना तान कर खड़े हो जाओ एक बार फिर से प्रयास करो हारो तो बार बार प्रयास करो जब तक जीत... Hindi · कविता 169 Share Minal Aggarwal 3 May 2022 · 1 min read एक औरत एक औरत न जाने कितना कुछ सहते हुए हंसते हुए, मुस्कुराते हुए, बनाती है सब कुछ, बिगाड़ती कुछ नहीं अपनी नाजुक अंगलियों से सारा प्यार उढेलकर बुन सकती जब एक... Hindi · कविता 159 Share Minal Aggarwal 2 May 2022 · 1 min read बचपन जो एक बार गया यह दिल को किसका इंतजार है जो चेहरा मुरझाया सा है आंखों में उदासी है होठों पर न कोई मुस्कान है और चारों तरफ पसरी खामोशी है बचपन है तो... Hindi · कविता 149 Share Minal Aggarwal 30 Apr 2022 · 1 min read यह कैसे रिश्ते निभाते हैं लोग जब जब मदद की जरूरत पड़ी तब तब सिर पर पांव रखकर भाग लिए यह कैसे रिश्ते निभाते हैं लोग न मर्दानगी न हमदर्दी न ही किसी के प्रति कोई... Hindi · कविता 1 141 Share Minal Aggarwal 30 Apr 2022 · 1 min read रिश्तों की कसौटी पर मेरे जिस्म का सारा खून निचोड़ लिया मेरी रूह का सारा चैन लूट लिया फिर भी हर रोज मेरा इम्तिहान लेते हैं मेरे में बुराइयां खोजते हैं मुझसे बदसलूकी करते... Hindi · कविता 362 Share Minal Aggarwal 30 Apr 2022 · 1 min read उस परिधि से बाहर निकलकर भी जिसका होता जैसा परिवेश उसकी भाषा भी वैसी ही होती बात तो तब बने जब उस परिधि से बाहर निकलकर भी कोई अच्छा और उच्च स्तर का व्यवहार करे। मीनल... Hindi · कविता 220 Share Minal Aggarwal 29 Apr 2022 · 1 min read मेरे लबों पर फैली मुस्कान का मतलब मेरे लबों पर फैली मुस्कान का मतलब यह तो नहीं कि मैं गमगीन नहीं संजीदा नहीं वफादार नहीं आंख में भरे आंसुओं का मतलब भी तो हमेशा यह नहीं होता... Hindi · कविता 160 Share Minal Aggarwal 29 Apr 2022 · 1 min read यह तस्वीर पहले खामोश थी यह तस्वीर पहले खामोश थी अब मुझसे बातें करती है कई शहर पहले इसके भीतर सो रहे थे अब जग गये हैं मुझे लेकर साथ साथ जीवन के टेढ़े मेढ़े... Hindi · कविता 132 Share Minal Aggarwal 29 Apr 2022 · 1 min read तेरे दिल सा खूबसूरत कितनी भी खूबसूरत क्यों न हो यह दुनिया तेरे दिल सा खूबसूरत यहां कुछ भी नहीं तन की सुंदरता तो हम देखते ही नहीं मन ही जिसका न सुंदर हो... Hindi · कविता 133 Share Minal Aggarwal 28 Apr 2022 · 1 min read दिल दुखाया है इतना दुनिया ने दिल दुखाया है इतना कि इसकी धड़कन ही अब तो सुनाई नहीं देती यह भावशून्य हो गया है इसे न सुख और न ही दुख की कोई भी... Hindi · कविता 185 Share Minal Aggarwal 28 Apr 2022 · 1 min read आखिरी सलाम इस आखिरी पतझड़ के मौसम को एक एक करके उस पेड़ के सारे पत्ते झड़ गये लो हर बार की तरह एक बार फिर आ गया पतझड़ का मौसम लेकिन इस बार पेड़ यह अच्छे से... Hindi · कविता 245 Share Minal Aggarwal 27 Apr 2022 · 1 min read उस दरवाजे से दरवाजा खोलो फिर बंद करो कोई अंदर आने के लिए दिखता नहीं अंदर आ भी जाये उस दरवाजे से तो उसी दरवाजे से फिर वापिस लौट जाता है रुकता नहीं... Hindi · कविता 354 Share Minal Aggarwal 27 Apr 2022 · 1 min read सूरज हो चाहे कैसा भी हर सुबह एक सूरज उगता है कभी गरम कभी नरम कभी आंखों में चुभता है तो कभी दिखता नहीं कभी तेज कभी डरा सहमा सा बादलों के पीछे छिपा सूरज... Hindi · कविता 140 Share Minal Aggarwal 27 Apr 2022 · 1 min read यह कैसा है रिश्ता यह कैसा है रिश्ता जिससे मेरा दिल नहीं वाबस्ता एक छत के नीचे एक घर में रहते हैं फिर भी दो दिलों के बीच दूरियां है इतनी कि एक दूसरे... Hindi · कविता 144 Share Minal Aggarwal 26 Apr 2022 · 1 min read तिनका तिनका जोड़कर तिनका तिनका जोड़कर एक घर बनता है वक्त की एक तेज भयावह आंधी जो एकाएक कहीं से आ जाती है उसे इसे गिराने में एक पल से भी कम का... Hindi · कविता 208 Share Minal Aggarwal 26 Apr 2022 · 1 min read बुराई पर बुराई अच्छा तो करना बहुत दूर की बात है बुरे पर और बुरा करे ही चला जा रहा है एक एक कदम बुराई का आगे बढ़ा रहा है और कहीं कोई... Hindi · कविता 272 Share Minal Aggarwal 26 Apr 2022 · 1 min read इसकी थाली में खाना इसकी थाली में खाना बासी ही परोसना इसे खाना हो चाहे कोई व्यक्ति उसकी ताजगी, सादगी, अच्छाई, भलाई, सफाई आदि ऐसे गुणों की जो हो भरमार तो वह पसंद नहीं... Hindi · कविता 121 Share Minal Aggarwal 25 Apr 2022 · 1 min read यह दरिया सूखा सूखा सा यह दरिया सूखा सूखा सा एक रेगिस्तान के बीचो बीच न जाने कहां से और कैसे बह रहा है इतनी बेरुखी इतनी खामोशी इतनी बेअदबी प्यार की चारों तरफ से... Hindi · कविता 155 Share Minal Aggarwal 25 Apr 2022 · 1 min read कोई नहीं हो जब साथ इतने लोगों में कोई बचा ही नहीं जिससे मैं नाराज हो सकूं जिस पर मैं अपना थोड़ा सा भी हक जता सकूं उसे अपना कह सकूं खुद को आईने के... Hindi · कविता 136 Share Minal Aggarwal 25 Apr 2022 · 1 min read एक सुंदर सुहाने सफर सा कल का दिन अच्छा गुजरा आज का भी कल की तरह ही गुजर जाये आने वाला कल भी फिर आज की तरह और हर आने वाला पल फिर हर जाने... Hindi · कविता 127 Share Minal Aggarwal 23 Apr 2022 · 1 min read प्यार करने की सजा जो अपने थे वह खिलाफ हुए कोई खास वजह नहीं बस यूं ही बेबात हुए दिलोजान से प्यार करने की सजा ही होती है हमेशा नफरत की आंधी इस बात... Hindi · कविता 356 Share Minal Aggarwal 23 Apr 2022 · 1 min read एक बुजुर्ग अनुभवी सा मैं दर्द में हूं फिर भी मुस्कुराती हूं जख्म दिल के हरे हैं उन्हें सांसो की लय के शोर से छिपाती हूं दुनिया है सही मैं ही हमेशा गलत बस... Hindi · कविता 310 Share Minal Aggarwal 23 Apr 2022 · 1 min read छोटी सी आशा छोटी सी आशा भी हो गर इस छोटे से मन में पर उसे पूरा करने के लिए यत्न बड़े बड़े करने पड़ते हैं एक कली फूल बनने तक का सफर... Hindi · कविता 249 Share Minal Aggarwal 22 Apr 2022 · 1 min read कुछ कहो भी क्या कहती हो फिर कुछ कहो भी खामोश न रहो लब खोलो और मन की बातें करो भी यूं तो तुम्हारी खामोशी भी बहुत आवाज करती है पर आज मेरा... Hindi · कविता 350 Share Minal Aggarwal 22 Apr 2022 · 1 min read सूखी डाल पर हम दो पंछी सूखी डाल पर पतझड़ में पेड़ पर कोई पत्ता नहीं हम दो पंछी आकर जो इस पर बैठे पल दो पल के लिए इसका तन हरा हो गया और यह... Hindi · कविता 169 Share Minal Aggarwal 22 Apr 2022 · 1 min read हम पंछी मनुष्य से बेहतर हम पंछी मन के भाव समझें दिल की परिभाषा प्रेम की भाषा बोलें हम। प्रकृति के हम निकट रहें खुद में हम तो मगन रहें जीवन को... Hindi · कविता 130 Share Minal Aggarwal 21 Apr 2022 · 1 min read आईने में मेरा चेहरा देखकर हर रोज मुझे एक नये सिरे से जानते हैं तो मुझे फिर सारी उम्र बीत गई जानते क्या हैं क्यों मेरा वक्त जाया करते हैं जीवन बर्बाद करते हैं आईने... Hindi · कविता 148 Share Minal Aggarwal 21 Apr 2022 · 1 min read मैं हवा का जमीन पर बहता एक दरिया हूं जितना आसान लगता है उतना आसान है नहीं मैं हवा का जमीन पर बहता एक दरिया हूं मुझे बांधना रोक पाना या मेरे साथ साथ बहना मेरे लिए बंदिशें पैदा... Hindi · कविता 142 Share Minal Aggarwal 21 Apr 2022 · 1 min read पर्दा नशीं बेनकाब नहीं करते हम किसी की आबरू को भरे बाजार में यूं बिना बात ही बड़े इज्जतदार होते हैं यूं तो हम पर्दा नशीं बदनाम गलियों में रहने वाले बाशिंदे... Hindi · कविता 151 Share Minal Aggarwal 21 Apr 2022 · 1 min read दीया जो बुझ गया है तो दीया सा एक जलता रहता था मजार पे दीया देखती थी दीया जो बुझ गया है तो मजार देखती हूं। मीनल सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज सासनी गेट,... Hindi · कविता 146 Share Minal Aggarwal 20 Apr 2022 · 1 min read तेरा साथ नहीं होना भी तेरा साथ होना ही है अभी तो तू है पास जब होगी दूर न होगी मिलने की कोई आस तो हो जाऊंगी मैं उदास करूंगी तुझे हरदम याद तेरे आसपास होने का करती रहूंगी अहसास... Hindi · कविता 1 1 149 Share Page 1 Next