Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Apr 2022 · 1 min read

आखिरी सलाम इस आखिरी पतझड़ के मौसम को

एक एक करके
उस पेड़ के सारे पत्ते
झड़ गये
लो हर बार की तरह
एक बार फिर आ गया
पतझड़ का मौसम लेकिन
इस बार पेड़
यह अच्छे से जानता है कि
यह पतझड़ का मौसम
उसके लिए
आखिरी है
नई बहारों का आगमन
करने के लिए
इस बार वह स्वयं मौजूद नहीं होगा
इस दफा
एक भी फूल को
अपनी डाल पर वह खिलता या
एक भी नये पत्ते को उगता नहीं देख
पायेगा
वजह कोई जानना चाहता नहीं पर
बताने में कोई हर्ज भी नहीं
पेड़ अब जिंदा ही नहीं रहेगा क्योंकि
हिल चुकी हैं उसकी सारी गहरी जड़ें
उसे गिराने को तैयार हैं
उसे गिरता देखना चाहती हैं
साथ छूट रहा उसका जिंदगी से
अलविदा जिंदगी
आखिरी सलाम इस आखिरी
पतझड़ के मौसम को भी।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
201 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Minal Aggarwal
View all
You may also like:
"
*Author प्रणय प्रभात*
" आज चाँदनी मुस्काई "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
सुनो - दीपक नीलपदम्
सुनो - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
कड़वा सच
कड़वा सच
Sanjeev Kumar mishra
प्यार,इश्क ही इँसा की रौनक है
प्यार,इश्क ही इँसा की रौनक है
'अशांत' शेखर
* जब लक्ष्य पर *
* जब लक्ष्य पर *
surenderpal vaidya
अब कलम से न लिखा जाएगा इस दौर का हाल
अब कलम से न लिखा जाएगा इस दौर का हाल
Atul Mishra
2494.पूर्णिका
2494.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
आदमी के नयन, न कुछ चयन कर सके
आदमी के नयन, न कुछ चयन कर सके
सिद्धार्थ गोरखपुरी
संभव भी असम्भव
संभव भी असम्भव
Dr fauzia Naseem shad
"ऐसा मंजर होगा"
पंकज कुमार कर्ण
दिलों में है शिकायत तो, शिकायत को कहो तौबा,
दिलों में है शिकायत तो, शिकायत को कहो तौबा,
Vishal babu (vishu)
जिसको गोदी मिल गई ,माँ की हुआ निहाल (कुंडलिया)
जिसको गोदी मिल गई ,माँ की हुआ निहाल (कुंडलिया)
Ravi Prakash
मोदी जी का स्वच्छ भारत का जो सपना है
मोदी जी का स्वच्छ भारत का जो सपना है
gurudeenverma198
मुझ में
मुझ में
हिमांशु Kulshrestha
प्रश्रयस्थल
प्रश्रयस्थल
Bodhisatva kastooriya
अव्यक्त प्रेम
अव्यक्त प्रेम
Surinder blackpen
हनुमान बनना चाहूॅंगा
हनुमान बनना चाहूॅंगा
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
जै जै जै गण पति गण नायक शुभ कर्मों के देव विनायक जै जै जै गण
जै जै जै गण पति गण नायक शुभ कर्मों के देव विनायक जै जै जै गण
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मैं आग नही फिर भी चिंगारी का आगाज हूं,
मैं आग नही फिर भी चिंगारी का आगाज हूं,
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
"छछून्दर"
Dr. Kishan tandon kranti
शिव स्वर्ग, शिव मोक्ष,
शिव स्वर्ग, शिव मोक्ष,
Atul "Krishn"
बाजार से सब कुछ मिल जाता है,
बाजार से सब कुछ मिल जाता है,
Shubham Pandey (S P)
श्राद्ध ही रिश्तें, सिच रहा
श्राद्ध ही रिश्तें, सिच रहा
Anil chobisa
Ghazal
Ghazal
shahab uddin shah kannauji
बद मिजाज और बद दिमाग इंसान
बद मिजाज और बद दिमाग इंसान
shabina. Naaz
समय को पकड़ो मत,
समय को पकड़ो मत,
Vandna Thakur
तुम्हारी याद है और उम्र भर की शाम बाकी है,
तुम्हारी याद है और उम्र भर की शाम बाकी है,
Ankur Rawat
थोथा चना
थोथा चना
Dr MusafiR BaithA
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Loading...