VINOD CHAUHAN Tag: कविता 194 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid VINOD CHAUHAN 16 Oct 2024 · 1 min read तूँ है कि नहीं है ये सच्च सच्च बता तूँ है कि नहीं है सच्च सच्च बता तूँ रहता कहाँ है दे अपना बता अबोध हूँ मैं या कि नादान हूँ तुम्हारी हकीकत से अंजान हूँ अगर है कभी... Hindi · V9द चौहान · कविता 1 27 Share VINOD CHAUHAN 26 Sep 2024 · 1 min read अरे सुन जिंदगी ले जाएगी कहाँ अरे सुन जिंदगी ले जाएगी कहाँ मैं खुश हूँ मैं चुप हूँ बहकाएगी कहाँ मैने सब को सिद्दत से चाहा है रिश्तों को मैने बखुबी निभाया है मैं खुश हूँ... Hindi · V9द चौहान · कविता 1 53 Share VINOD CHAUHAN 24 Sep 2024 · 1 min read दो घड़ी बसर कर खुशी से क्या ले जाना है इस जिंदगी से दो घड़ी बसर कर खुशी से वक्त का क्या पता मिले ना मिले हँस ले दो पल दिल की कली खिले ना खिले... Hindi · V9द चौहान · कविता 2 2 50 Share VINOD CHAUHAN 19 Sep 2024 · 1 min read महकती यादें ये दौलत ये शौहरत सब फिजूल लगती हैं दिल को सुकून देती हैं बस महकती यादें भूख को भूल जाते हैं प्यास को भूल जाते हैं बन कर जुनून रहती... Hindi · V9द चौहान · कविता 1 38 Share VINOD CHAUHAN 15 Sep 2024 · 1 min read कम आंकते हैं तो क्या आंकने दो कम आंकते हैं तो क्या आंकने दो ताकने वालों को ताकने दो लोग मेरी सूरत को कम आंकते हैं तो क्या हर्ज है मुझे अरे ! सूरत में क्या रखा... Hindi · V9द चौहान · कविता 2 66 Share VINOD CHAUHAN 7 Sep 2024 · 1 min read मैं झुका नहीं मैं गिरा नहीं पथ डांवाडोल हुआ बेशक मैं झुका नहीं मैं गिरा नहीं मेहनत थी मेरे हाथों में नियत में कोई खोट नहीं भाग्य का खेल हुआ बेशक मैं झुका नहीं मैं गिरा... Hindi · V9द चौहान · कविता 1 59 Share VINOD CHAUHAN 7 Sep 2024 · 1 min read जागो अब तो जागो शिक्षित बनो नहीं बने तो परिणाम जानते हो आज भी शोषण है दयनीय जीवन है अज्ञानतावश सदा अंधकार रहेगा संगठित रहो नहीं रहे तो परिणाम जानते हो आज भी पिटाई... Hindi · V9द चौहान · कविता 2 1 49 Share VINOD CHAUHAN 6 Sep 2024 · 1 min read जब अकेले ही चलना है तो घबराना कैसा जब अकेले ही चलना है तो घबराना कैसा मंजिल हो गर सामने तो रुक जाना कैसा सोचना मत कि भाग्य साथ देगा देखना मत कोई अपना हाथ देगा कर भरोसा... Hindi · V9द चौहान · कविता 2 52 Share VINOD CHAUHAN 6 Sep 2024 · 1 min read शहर में आग लगी है शहर में आग लगी है लोग सुलग रहे हैं जहर है फिजाओं में लोग उगल रहे हैं न हवा न धुआं है और आग लगी है दिन है सोया सा... Hindi · V9द चौहान · कविता 2 60 Share VINOD CHAUHAN 6 Aug 2024 · 1 min read हरियाली तीज आई है हरियाली तीज लाई है खुशहाली तीज सब झूलों पर झूलेंगे फूलों जैसे फूलेंगे बादल बरसेंगे रिमझिम जुगनू चमकेंगे टिम-टिम माँ पकवान बनाएगी बार-बार बुलाएगी हमको पतंग उड़ानी है... Hindi · V9द चौहान · कविता 1 62 Share VINOD CHAUHAN 5 Jun 2024 · 1 min read फूल तितली भंवरे जुगनू फूल,तितली,भंवरे,जुगनू इतराते बहुत है जो भी हो सच्च में दिल बहलाते बहुत हैं फूल यौवन पे हों तो चमन महक जाए और महकने लगें तो मन बहक जाए फूल की... Hindi · V9द चौहान · कविता 1 121 Share VINOD CHAUHAN 1 Jun 2024 · 1 min read कलम और रोशनाई की यादें तख्तियों पर शब्द उकेरे हैं हमने रोशनाई से बहुत लिखा है हमने मन लगाकर रोशनाई से मगर अब ना वो तख्ती है ना ही रोशनाई है गर्व होता था सबको... Hindi · V9द चौहान · कविता 2 1 169 Share VINOD CHAUHAN 28 May 2024 · 1 min read भगवान भी रंग बदल रहा है सच्च कहें आज इंसान ही नहीं सुनो भगवान भी रंग बदल रहा है पहले मिल जाता था कभी पहाड़ों पर, कभी जंगलों में मगर आज बड़े-बड़े देवालयों में भी नहीं... Hindi · V9द चौहान · कविता 1 89 Share VINOD CHAUHAN 25 May 2024 · 1 min read लोग कहते हैं मैं कड़वी जबान रखता हूँ लोग कहते हैं मैं कड़वी जबान रखता हूँ जैसे तलवार कोई बिन मयान रखता हूँ लोग कहते हैं.......... मुझे नफरत है जो सच को सच नहीं कहते हैं उनको मेरी... Hindi · V9द चौहान · कविता 3 101 Share VINOD CHAUHAN 25 May 2024 · 1 min read मैं जानता हूं नफरतों का आलम क्या होगा मैं जानता हूं नफरतों का आलम क्या होगा मुझे तुमसे बेइंतहा मोहब्बत जो है मैं तुमसे दूर चला जाऊँ यही वो सोचते होंगे मुझे तुमसे बेइंतहा मोहब्बत जो है मेरी... Hindi · V9द चौहान · कविता 2 93 Share VINOD CHAUHAN 24 May 2024 · 1 min read *चिंता और चिता* चिंता अथाह जिंदगी से विराग है चिंता तुम्हारी ही चिता की आग है न सोच तूँ ये दुनिया खाक होगी ये तेरी देह भी एक दिन राख होगी चिंता अथाह... Hindi · V9द चौहान · कविता 2 2 73 Share VINOD CHAUHAN 23 May 2024 · 1 min read है बुद्ध कहाँ हो लौट आओ हे बुद्ध। कहाँ हो लौट आओ उपदेश तुम्हारे फिर दे जाओ है जरूरत आन पड़ी गौतम भटकों को राह दिखा जाओ हे बुद्ध कहाँ हो................. सम्राट अशोक ने क्या पाया... Hindi · V9द चौहान · कविता 1 78 Share VINOD CHAUHAN 23 May 2024 · 1 min read भूल जाऊं तुझे भूल पता नहीं भूल जाऊँ तुझे भूल पता नहीं कुछ भी तेरे सिवा मुझको भाता नहीं ढुंढू कहाँ तुमको आवाज दूँ कुछ भी दिल को समझ आता नहीं ढूंढता फिर रहा दरबदर मैं... Hindi · V9द चौहान · कविता 1 93 Share VINOD CHAUHAN 20 May 2024 · 1 min read बुढ़ापा हूँ मैं बुढ़ापा हूँ मैं बेरुखी सी जिंदगानी ना कोई उमंग है बुढ़ापा हूँ मैं हूँ हकीकत मैं पुरानी ना कोई तरंग है बुढ़ापा हूँ मैं कहने लगे सब मैं सठिया गया... Hindi · V9द चौहान · कविता 1 139 Share VINOD CHAUHAN 11 May 2024 · 1 min read मेरी मोहब्बत पाक मोहब्बत यकीं करे ना करे जमाना मेरी मोहब्बत पाक मोहब्बत सदा रही है सदा रहेगी मेरी मोहब्बत पाक मोहब्बत कहाँ गए वो तुम्हारे वायदे मेरी मोहब्बत ठुकराने वाले मुझे न कोई... Hindi · V9द चौहान · कविता 1 81 Share VINOD CHAUHAN 6 May 2024 · 1 min read कांटों से तकरार ना करना अन्जाने में कोई गुनाह हो जाए तो इन्कार ना करना फूलों की चाहत में लूटे हो काटों से तकरार ना करना रिमझिम रिमझिम बरसे बादल जब सावन का मौजम आए... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 1 79 Share VINOD CHAUHAN 6 May 2024 · 1 min read कोई जिंदगी में यूँ ही आता नहीं कोई जिन्दगी में यूँ ही आता नहीं आ जाए तो फिर निभाता नहीं दो दिन की बस होती है ये दोस्ती कोई उम्र भर ये निभाता नहीं खुद के लिए... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 71 Share VINOD CHAUHAN 6 May 2024 · 1 min read दोस्ती क्या है दोस्ती क्या है क्या तुम जानते हो कहते हो तुम दोस्त हूँ मैं तुम्हारा तुम्हारे लिए जान दे दूँ अपनी क्या जान देने को कहते है दोस्ती मैं पूछता हूँ... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 1 105 Share VINOD CHAUHAN 6 May 2024 · 1 min read मौसम सुहाना बनाया था जिसने सवेरे-सवेरे घर से निकल कर बाहर जो देखा बारिश की टिप-दिप,महक हवा की मौसम सुहाना बनाया था जिसने दिल को मेरे बहलाया था जिसने-- मौसम सुहाना पेड़ों का हिलना फ्तों... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 1 109 Share VINOD CHAUHAN 5 May 2024 · 1 min read ये जिन्दगी तुम्हारी तितली सी उड़ान है या दूध सा उफ़ान है दो पल का तुफान है ये जिंदगी तुम्हारी....... बचपन सी उमंग है यौवन सी तरंग है बुढ़ापे सा भुजंग है ये... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 1 83 Share VINOD CHAUHAN 5 May 2024 · 1 min read बख्श मुझको रहमत वो अंदाज मिल जाए पढ़े जो सभी शौंक से अल्फाज़ मिल जाए सुनें जो हर कोई गौर से आवाज मिल जाए आता नहीं मुझे यूँ रूठना, मनाना मेरे खुदा बख्श मुझको रहमत वो अंदाज़... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 2 74 Share VINOD CHAUHAN 5 May 2024 · 1 min read गंगा से है प्रेमभाव गर गंगा से है प्रेमभाव गर अरे गंगा को मन में उतार लो शुद्ध कर्म अपनाकर सारे गंगा अपने मन में धार लो गंगा से है प्रेमभाव गर............... क्या होगा गंगा... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 2 105 Share VINOD CHAUHAN 5 May 2024 · 1 min read शराफत नहीं अच्छी शराफ़त नहीं ये अच्छी गुमनाम ही रहने दो लियाकत नहीं ये अच्छी गुमनाम ही रहने दो हर आदमी के दिल में लौ प्यार की जलती है मोहब्बत नहीं है अच्छी... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 1 80 Share VINOD CHAUHAN 5 May 2024 · 1 min read इस पार मैं उस पार तूँ दो किनारे दरिया के हूँ इस पार मैं उस पार तूँ दोनों का बस एक हाल है हूँ बेकरार मैं बेकरार तूँ एक हवा का झौंका आया दे गया संदेशा... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 1 84 Share VINOD CHAUHAN 5 May 2024 · 1 min read मुकद्दर तेरा मेरा एक जैसा क्यों लगता है मुकद्दर तेरा मेरा एक जैसा क्यों लगता है सूना घर तेरा मेरा एक जैसा क्यों लगता है तुम भी हो अकेले और हम भी हैं अकेले ये तन्हाई का घेरा... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 85 Share VINOD CHAUHAN 5 May 2024 · 1 min read तोड़ डालो ये परम्परा तोड़ डालो ये परम्परा छोड़ दो भगवान को माँ, बेटी और बहन को हर घड़ी सम्मान दो माँ, बेटी और बहन को.......... है कहाँ भगवान,किसने देखा है भगवान को है... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 91 Share VINOD CHAUHAN 5 May 2024 · 1 min read मेरी फितरत ही बुरी है न नियत ही बुरी है मेरी न हसरत ही बुरी है पर लोग समझते हैं मेरी फितरत ही बुरी है पर लोग समझते हैं.......... मैं बोलता हूँ सच जो होता... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 1 99 Share VINOD CHAUHAN 5 May 2024 · 1 min read मेरी फितरत तो देख मैं लड़खड़ा के यूँ चलता हूँ मेरी किस्मत ना देख मैं गिर-गिर के सम्भलता हूँ मेरी फितरत तो देख मैं गिर-गिर के सम्भलता हूँ....... जीवन के इन रास्तों में, डग-डग... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 1 74 Share VINOD CHAUHAN 5 May 2024 · 1 min read जिंदगी तेरे सफर में क्या-कुछ ना रह गया जिंदगी तेरे सफर में क्या-कुछ न रह गया कहीं ख्वाब रह गए कहीं अरमान रह गया जिंदगी तेरे सफर में........... बचपन था खुशनुमा वो खुशियाँ बटोरते थे प्रवाह नहीं थी... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 1 90 Share VINOD CHAUHAN 4 May 2024 · 1 min read ना रहीम मानता हूँ ना राम मानता हूँ ना रहीम मानता हूँ मैं, ना ही राम मानता हूँ कर्म ही बड़ा है इसीलिए,मैं बस काम जानता हूँ धर्म मजहब के नाम पर, सदाचार खो रहे हो जानते हो... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 2 107 Share VINOD CHAUHAN 4 May 2024 · 1 min read मैं सोचता हूँ कि आखिर कौन हूँ मैं मैं सोचता हूँ कि आखिर कौन हूँ मैं अपने ही सवालों से बस मौन हूँ मैं बचपन से जवानी खयालों में गुजरी हर घड़ी देखो बस सवालों मैं गुजरी डूबा... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 1 97 Share VINOD CHAUHAN 4 May 2024 · 1 min read मैं भी साथ चला करता था मैं भी साथ चला करता था, अब मेरी मजबूरी देखो जिनके साथ रहा करता था, आज उन्हीं से दूरी देखो मैं भी साथ चला करता था............... जिनके काम किए हैं... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 2 98 Share VINOD CHAUHAN 4 May 2024 · 1 min read सत्य की खोज अधूरी है मंदिर में ना तो राम मिला मस्जिद में ना रहमान मिला ईसा मिला ना गिरजाघर में सत्य की खोज अधूरी है सत्य की खोज अधूरी है.......... वो स्वर्ग कहाँ किसने... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 1 114 Share VINOD CHAUHAN 4 May 2024 · 1 min read बीज अंकुरित अवश्य होगा जीवन की सच्चाई समझो क्यों फिरते हो नादान बने बीज अंकुरित अवश्य होगा पर पुनर्जन्म नहीं होगा कब सुखे पेड़ हैं हरे हुए कहाँ लहराए पौधे मरे हुए ये सत्य... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 1 88 Share VINOD CHAUHAN 4 May 2024 · 1 min read हाय वो बचपन कहाँ खो गया ख्वाबों ख्यालों का जहाँ सो गया हाय वो बचपन कहाँ खो गया ढूंढता हूँ बहुत मैं आज कोने कोने नही मिल रहे मिट्टी के वो खिलौने हर कोई वस अब... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 1 96 Share VINOD CHAUHAN 4 May 2024 · 1 min read चलो जिंदगी का कारवां ले चलें कुछ जमीं ले चलें कुछ आस्माँ ले चलें चलो जिंदगी का कारवाँ ले चलें न देखें है कौन कैसा यहाँ सभी इस जहां के हैं सबका जहाँ प्रेम सद्भाव सबके... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 1 96 Share VINOD CHAUHAN 4 May 2024 · 1 min read तेरा मेरा खुदा अलग क्यों है खाक मुझको भी होना है खाक तुझको भी जरा ये तो बता तेरा-मेरा खुदा अलग क्यों है ख़ाक मुझको भी होना है............ मैं हिन्दू हूँ तूँ मुस्लिम है बता कहाँ... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 1 98 Share VINOD CHAUHAN 4 May 2024 · 1 min read सुना है हमने दुनिया एक मेला है सुना है हमने दुनिया एक मेला है तो हर आदमी दिखता क्यों अकेला है भला कैसे ये दुनिया एक मेला है--सुना है हमने लोग भीड़ में भी अकेले नजर आते... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 1 93 Share VINOD CHAUHAN 4 May 2024 · 1 min read दो वक्त के निवाले ने मजदूर बना दिया बेरोजगारी ने शिक्षित को मजबूर बना दिया दो वक्त के निवाले ने मजदूर बना दिया सोचता हूँ आज क्यों दब गई आवाज रुठी कलम नाराज हमसे कायदा हुआ शिक्षित होना... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 1 60 Share VINOD CHAUHAN 4 May 2024 · 1 min read जब काँटों में फूल उगा देखा जीवन में एक नई राह मिली जब काँटों में फूल उगा देखा जीवन में एक नई चाह दिखी जब काँटो में फूल खिला देखा ना उगता बबूल मरूस्थल में तो... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 2 81 Share VINOD CHAUHAN 4 May 2024 · 1 min read परछाईयों की भी कद्र करता हूँ अरे अपनों की तो बात ही क्या मैं गैरों से मोहब्बत करता हूँ सच कहता हूँ इंसान तो क्या मैं परछाइयों की भी कद्र करता हूँ जग से भी क्या... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 2 81 Share VINOD CHAUHAN 4 May 2024 · 1 min read लो फिर गर्मी लौट आई है लो फिर गर्मी लौट आई है मन में वो यादें घिर आई हैं--लो फिर हर घर में मटकों का पानी दलिया रबड़ी सबको खानी बड़े बुजुर्गो की बात सयानी आज... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 1 112 Share VINOD CHAUHAN 4 May 2024 · 1 min read आज बगिया में था सम्मेलन आज बगिया में था सम्मेलन फूलों का और कलियों का लिए शिकायत खड़े हुए थे सब अपनी मंडलियों का कमल सुने फूलों की दूविधा दूर खड़ा हो पानी में तितली... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 1 2 117 Share VINOD CHAUHAN 4 May 2024 · 1 min read मेघों का इंतजार है मेघों का इंतजार है हाँ मेघों का इंतजार है तपन भी है और जलन भी है मिलन की वही एक लगन भी है चाहत है दरकार है--मेघों का इंतजार है... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 1 84 Share VINOD CHAUHAN 2 May 2024 · 2 min read मैं प्रगति पर हूँ ( मेरी विडम्बना ) मैं प्रगति पर हूँ आदम से आदमी बन गया हूँ प्राचीन से आधुनिक बन गया हूँ ना मानवता की फिक्र मुझे ना प्रकृति की फिक्र मुझे मैं मनमानी करता हूँ... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · V9द चौहान · कविता 1 2 132 Share Page 1 Next