Bharat Bhushan Pathak 109 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Bharat Bhushan Pathak 16 Jan 2021 · 1 min read बाहुबल निज बाहुबल पर है विश्वास,लक्ष्य साध संधान करो। हे मनुज!कुछ नहीं सोचना ,अब शीघ्र ये विधान धरो।। सदा नववर्ष मंगलमय हो, विचार मन में यही रखो। हार जीत जो भी... Hindi · कविता 1 300 Share Bharat Bhushan Pathak 16 Jan 2021 · 1 min read बाहुबल निज बाहुबल पर है विश्वास,लक्ष्य साध संधान करो। हे मनुज!कुछ नहीं सोचना ,अब शीघ्र ये विधान धरो।। सदा नववर्ष मंगलमय हो, विचार मन में यही रखो। हार जीत जो भी... Hindi · कविता 612 Share Bharat Bhushan Pathak 23 Dec 2020 · 1 min read चिन्तन अज्ञान सर में डूबे प्राणी,ढूँढ रहा ज्ञानीबूँदे नहीं भटकना ऐसे तुम तो,यहाँ कभी आँखें मूँदे।। समझ-समझकर जो ना समझे,नासमझी इसको मानें। बड़बोली सब रह जाएगी,कर्म को धर्म ही जानें।। वैर... Hindi · कविता 2 3 460 Share Bharat Bhushan Pathak 23 Dec 2020 · 1 min read सुनो पते की बात बताऊँ मुखड़ा- सुनो पते की बात बताऊँ,कान खोलकर तुम सुनना, खून पसीना एक करो जी,व्यर्थ नहीं माथा धुनना ! सुनो पते की बात बताऊँ,कान खोलकर तुम सुनना, खून पसीना एक करो... Hindi · गीत 1 1 453 Share Bharat Bhushan Pathak 23 Dec 2020 · 1 min read नहीं कोरोना चीज बड़ी है लावणी छंद में तुच्छ प्रयत्न सादर समर्पित है:- विधान-१६-१४ मात्रा पर यति,कुल ३० मात्रा प्रति चरण। दो-दो चरण समतुकांत तथा चरणांत गुरु या दो लघु अनिवार्य । नहीं कोरोना चीज... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 9 30 471 Share Bharat Bhushan Pathak 9 Apr 2020 · 1 min read आत्म-शोधन उद्वेग,भावना विद्वेष से जाज्वल्यमान हो विचरता रहा पथिक कभी भाव शून्य हो तो कभी उद्वेलित किसी जलपात्र सादृश्य न जाने क्या-क्या , विचारता रहा पथिक महत्वकांक्षाओं की वो, विचित्र विमान... Hindi · कविता 1 3 666 Share Bharat Bhushan Pathak 21 Mar 2020 · 1 min read कोरोना भगाओ पर एक तुच्छ प्रयत्न विधाता छंद-मापनी १४-१४ मात्रा ,७-७ मात्रा पर यति। धोऐं हाथ, साबुन से। फिटकरी से, ही नहलाएं। न कभी हाथ, मिलाना है । न अभी भीड़, लगाना है । सम्मान हो... Hindi · कविता 1 2 303 Share Bharat Bhushan Pathak 2 Feb 2020 · 1 min read एक ललकार परमात्म को ढूँढते हो! आत्म तो भान कर समल मन को लेकर निर्मल तन ढूँढते हो ! सम्मान का ध्यान नहीं फिर अपमान क्यों हुआ? ये भी सोचते हो सर्व-हित... Hindi · कविता 4 2 297 Share Bharat Bhushan Pathak 7 Jan 2020 · 1 min read मैं पथिक मैं पथिक चलता रहा मार्ग में भटकता रहा कभी उकताता थक हार कभी बैठता फिर बढ़ता कितनी बार खाए भी निराशाओं के ठोकर मैंने संघर्षों के काँटे चुभौता पीछे कभी... Hindi · कविता 1 2 348 Share Bharat Bhushan Pathak 30 Nov 2019 · 1 min read जाग मातृभूमि जाग मातृभूमि जाग प्रलय का ले आग कर अब ताण्डव तू फिर भेंट चढ़ी है तेरी ही एक बेटी विकृत मानसिकता वाले दनुजसम मनुज की जाग मातृभूमि जाग गा विध्वंश... Hindi · तेवरी 1 2 327 Share Bharat Bhushan Pathak 24 Oct 2019 · 1 min read दिल समझ ही जाता है कुछ तुम कहो या चुप रहो दिल समझ ही जाता है सभी इशारे अक्सर दर्द तोड़ो या दिल तोड़ो समझ ही जाता है यह मूलभाव कि टूटता नहीं दर्द कभी... Hindi · कविता 249 Share Bharat Bhushan Pathak 3 Oct 2019 · 1 min read सीख सीखता है मनुज जीवनपर्यन्त। देह नष्ट हो जाती मगर सीखना न अन्त है नहीं ऐसा अगर तो कहो फिर क्यों हो जन्म भला ? आत्मा मरती नहीं पर देह नष्ट... Hindi · कविता · बाल कविता 1 264 Share Bharat Bhushan Pathak 3 Oct 2019 · 1 min read नवदुर्गा की स्तुति ॐ जय शैलपुत्री माता, मैया जय शैलपुत्री माता। मैया जी को निशदिन ध्याता,वो नर यश निश्चय पाता।। ॐ जय ब्रह्मचारिणी माता, मैया जय चन्द्रघण्टा माता।। जो नर तुमको ध्याता, है... Hindi · गीत 282 Share Bharat Bhushan Pathak 3 Oct 2019 · 1 min read जीवन कभी चाल कभी हाल तो कभी जीवन होता है बदहाल हाँ एक सन्तोष रह जाता है अनुभव भी तो जीवन ढलने पर हो पाता है जीवन बगिया में हैं खिलते... Hindi · कविता 204 Share Bharat Bhushan Pathak 3 Oct 2019 · 1 min read रदीफ़-में डुबाकर मन के भावों को, तर करके स्याही में। लिखी थी खत कभी,मैंने थी जो तनहाई में।। वो तिरे भींगे केशों की, थी जो खुशबू रुहानी में। तिरे सुर्ख वो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 229 Share Bharat Bhushan Pathak 3 Oct 2019 · 1 min read जय जवान जय किसान था कर्मठ जो इन्सान। ध्येय था जिनका जय जवान जय किसान।। मथ कर धरती अपने परिश्रमरूपी श्वेदमथनी से कर रोपित असंख्य नवांकुर था दिया जो नारा जय जवान जय किसान।... Hindi · कविता 371 Share Bharat Bhushan Pathak 7 Sep 2019 · 2 min read शिक्षक के उद्गार भारतवर्ष का बहुत ही गौरवशाली इतिहास रहा है। इसने सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड में अपनी एक अद्भुत पहचान बनायी है। इसकी गरिमामयी इतिहास की गाथा का वहाँ से पता लगाया जा सकता... Hindi · लेख 619 Share Bharat Bhushan Pathak 22 Aug 2019 · 1 min read हिंसाओं के बादल..... देख हिंसाओं के बादल...... - August 22, 2019 देख हिंसाओं के बादल किस प्रकार निकलते हैं। धरा रोती है, गगन रोता है । और यह समस्त संसार रोता है।। देख... Hindi · मुक्तक 1 294 Share Bharat Bhushan Pathak 16 Aug 2019 · 1 min read विधा-मुक्त छंद जय, जय माँ भारती। सिंह-सुता दहाड़ती।। आगे कभी, पीछे कभी नीचे कभी, ऊपर कभी घूम-घूम अग्नि बाण मारती जय, जय माँ भारती । सिंह-सुता दहाड़ती।। मार्ग दुष्कर था,लक्ष्य अटल था।... Hindi · तेवरी 436 Share Bharat Bhushan Pathak 4 Aug 2019 · 1 min read दोस्त दोस्त होते हैं जो कुछ खास होते हैं। साथ होते हैं दिल के पास होते हैं। कभी रुठते हैं मगर मना भी जाते हैं। याद आते हैं जब वो पास... Hindi · कविता 400 Share Bharat Bhushan Pathak 23 Jun 2019 · 1 min read प्रश्न दिल नहीं मानता कि ........ इन्साँ जानवर से हो गए । और जानवर इन्साँ से हो गए ।। बदल लिया है दोनों ने खुद को खुद से । था पहले... Hindi · कविता 491 Share Bharat Bhushan Pathak 17 Jun 2019 · 1 min read योग दिवस विशेष मालिनी छंद में लिखने का प्रयास हे मानव छोड़कर, जग के मोह-माया। बनकर निर्मोही ही ,कर निर्मल काया।। होते ही प्रभात तुम, भागते रहते हो। कुछ क्षण को ही सही,थोड़ा... Hindi · कविता 391 Share Bharat Bhushan Pathak 12 Jun 2019 · 1 min read उठ जाग लक्ष्य संधान को मन्दाक्रान्ता छंद विधान में लिखने का तुच्छ प्रयास नियम:-मगण -ऽऽऽ भगण-ऽ।। नगण-।।। तगण-ऽऽ। तगण-ऽऽ। दो गुरू -ऽऽ चौथे, छठे व सातवें वर्ण पर यति उठ जाग ,लक्ष्य संधान को,पाने लूटे... Hindi · कविता 418 Share Bharat Bhushan Pathak 10 Jun 2019 · 1 min read उठ जाग बेटी उठ जाग बेटी अब हो प्रबल। चुप्पी तोड़ तलवार ले। शमशीर सम हथियार ले।। करले स्वयं ही संरक्षण। गर हो मान का मर्दन ।। उठ जाग बेटी । तीर संग... Hindi · तेवरी 271 Share Bharat Bhushan Pathak 9 Jun 2019 · 1 min read अनुनय हे महादेव तुम जब सब जानते हो। मेरी यह विनती क्यों न मानते हो।। रक्षित नहीं हैं हमारी बगिया की कलियाँ । हैं बसे जब तक ऐसे नराधमों की बस्तियां... Hindi · कविता 280 Share Bharat Bhushan Pathak 28 Mar 2019 · 1 min read लिखूँ अब क्या मैं लिखूँ अब क्या मैं ? मुझे लिखना नहीं आता। लिख लेता हूँ उलझुलूल मन में जो है आ जाता। न पढ़ी है कभी कविताएँ । न लिखी है कभी गाथाएं... Hindi · कविता 1 390 Share Bharat Bhushan Pathak 19 Mar 2019 · 1 min read होली स्पेशल घनाक्षरी का प्रयास:- हो होली में इस बार कुछ ऐसा विशेष हुड़दँग । उड़े प्रेम की गुलाल मला जाए सद्भावना और शान्ति का एकसाथ अनेक रंग ।। हो होली बड़ी मनभावन कर दे... Hindi · घनाक्षरी 364 Share Bharat Bhushan Pathak 16 Feb 2019 · 1 min read सुधरोगे नहीं तुम सुधरोगे नहीं तुम । कितनी बार काटी है हमने तेरी दुम हिम्मत था गर तुझमें पुलवामा में दो हाथ कर लेते पता चल जाता तुझको कितना है तुझमें दम और... Hindi · तेवरी 1 236 Share Bharat Bhushan Pathak 16 Feb 2019 · 1 min read नमन पुलवामा के वीरों को दिन हमारा शुभ है। रात भी शुभ होगी ।। पर सोचता हूँ बेटा जब तिरंगे में लिपटा हुआ आएगा तो उस माँ को भी गर्व होगा और पत्नी को भी... Hindi · कविता 238 Share Bharat Bhushan Pathak 16 Feb 2019 · 1 min read सिर्फ कैंडल मार्च नहीं सिर्फ कैंडल मार्च नहीं। हुँकार करो... सिर्फ विचार नहीं । प्रहार करो। सिर्फ कैंडल मार्च नहीं । गरलयुक्त अजगर बन फुँफकार करो । सिर्फ कैंडल मार्च नहीं भारत अर्जुन सम... Hindi · तेवरी 252 Share Bharat Bhushan Pathak 13 Jan 2019 · 1 min read युवा दिवस के अवसर पर उठो जागो हे मेरे प्यारे युवाओं । भारतवंश के तूफ़ानी जलधाराओं ।। राह कठिन हो या सरल हो। पीने को यदि भी गरल हो।। सामने फैला चाहे अनन्त छल हो।... Hindi · तेवरी 239 Share Bharat Bhushan Pathak 9 Jan 2019 · 1 min read नताजी की बीमारी नेताजी हो गए बीमार। आए डाक्टर एक हजार ।। नेताजी थे बहुत ही परेशान । चुनाव का था जो इम्तहान ।। नेताजी क्यों थे पड़े हुए बीमार। हो नहीं पा... Hindi · कविता · बाल कविता 276 Share Bharat Bhushan Pathak 2 Jan 2019 · 1 min read हे पार्थ देखो ये मॉडर्न युग है हे पार्थ देखो ये माॅडर्न युग है। मनुज-मनुज का विचित्र संयोग है।। कल मान नष्ट होने पर थे रण छिड़ जाते। थे लोग पल भर में काल -कवलित हो जाते।।... Hindi · मुक्तक 211 Share Bharat Bhushan Pathak 31 Dec 2018 · 1 min read नेताओं की दीक्षा चलो चलायें एक अभियान । नवगुणों से सबका हो कल्याण ।। करना है बस एक और काम। भ्रष्टाचार का करने इन्तजाम ।। हुई थी जिस प्रकार शिक्षकों की शिक्षा। बाल... Hindi · कविता 272 Share Bharat Bhushan Pathak 28 Dec 2018 · 1 min read अन्तहीन इच्छाएं इस अर्थकरी युग में। अनाचारयुक्त भूतल में।। अर्थविहीन हो मानव। बनता जा रहा दानव।। मानव की अन्तहीन इच्छाएं । अभिसिक्त है करती जा रही... मनुज मन में दुर्भावनायें।। चहुँओर है... Hindi · मुक्तक 259 Share Bharat Bhushan Pathak 25 Dec 2018 · 1 min read सोच एक आग कल भी लगी थी। एक आग आज भी लगी है।। कल आग अंग्रेजों ने लगाया। आज अँग्रेज़ी ने लगा रखी है।। अँग्रेज़ी का खेल तो देखिये हुजूर ।... Hindi · कविता 473 Share Bharat Bhushan Pathak 22 Dec 2018 · 1 min read बूझती आँखें थी कोटर के ओट से झांक रही वो। थे रहे जब सब घर में चैन से सो।। सबसे छुपकर नयन में बार-बार नीर भरकर। रुन्दे कण्ठ से बिल्कुल सिसक-सिसक कर।।... Hindi · कविता 234 Share Bharat Bhushan Pathak 8 Dec 2018 · 1 min read सुप्रभात हो कुछ इस भाँति चहुँओर प्रभात । शान्ति का साम्राज्य हो चहुँओर विराट ।। प्रफुल्लित हो वन उपवन आँगन। आनन्द मग्न हो कीट-पतंग और सबजन।। हो चहुँओर समृद्धि धन और... Hindi · कविता 300 Share Bharat Bhushan Pathak 18 Nov 2018 · 1 min read आज सिंहनाद करना होगा:-वीर रस का प्रयास आज सिंहनाद करना होगा। माँ भारती की अस्मिता खतरे में है... गिद्धधों से लड़ना होगा।। आज विजयघोष करना होगा। असंख्य असुरों के अनाचार से... स्वयं को रक्षित करना होगा।। आज... Hindi · तेवरी 3 1 332 Share Bharat Bhushan Pathak 18 Nov 2018 · 1 min read आसान कविताएँ किसने कह दिया की कविताओं को आसान भाषा में नहीं लिखा जाता । आसान भाषा में भी कविताएँ लिखी जा सकती है। प्रस्तुत है एक उदाहरण तीन चार बाल कविताओं... Hindi · लेख 441 Share Bharat Bhushan Pathak 18 Nov 2018 · 1 min read तुमने जब साथ छोड़ दिया तुमने जब साथ छोड़ दिया । तब अकेला चलना सीख लिया।। तुम्हें जब निष्ठुर काल आया था लेने । कहा होगा जरुर थोड़ा और ठहर लेने।। मामा जब तुम इस... Hindi · मुक्तक 1 2 232 Share Bharat Bhushan Pathak 14 Nov 2018 · 1 min read नेता भाई नेता भाई। ले मिठाई ।। वोट माँगने गाँव चले। सर पे गाँधी टोपी लगाकर। भटक रहे थे दर-दर जाकर।। गिरते- बजड़ते संभल-संभलकर । घर-घर पहुँचते हाथ जोड़कर।। कहीं लोग थे... Hindi · कविता 1 330 Share Bharat Bhushan Pathak 14 Nov 2018 · 1 min read बाल -दिवस चारों ओर है मस्ती छाई। आई देखो बाल दिवस आई।। बच्चों के मन को है भाता। हरओर उमंग है छाता।। सूर्यदेव भी हर्षित से नभमण्डल में दिख हैं रहे। बगिया... Hindi · कविता · बाल कविता 1 381 Share Bharat Bhushan Pathak 14 Nov 2018 · 1 min read नहीं होता है तबतलक सवेरा नहीं होता है तबतलक सवेरा । धरे मोबाईल जबतलक न इन्सान ।। रात से दिन तक जब तक न थकले। मोबाईल पकड़ा रहता है इन्सान ।। छुप-छूपाकर वॉट्सऐप खोले। मैशेज... Hindi · कविता · बाल कविता 295 Share Bharat Bhushan Pathak 13 Nov 2018 · 1 min read कष्ट में है भागीरथी कष्ट में है आज भागीरथी । हर और जो व्याप्त दुर्मति।। कल नारी की थी पूजा होती। है आज वो तिरस्कृत होती।। कल भगीरथ सम थे तपस्वी । ज्ञानवान ओजस्वी... Hindi · दोहा 2 357 Share Bharat Bhushan Pathak 13 Nov 2018 · 1 min read चल रहा था मुर्दों का आरक्षण चल रहा था मुर्दों का आरक्षण। मैं भी विचलित था सुनकर ये करुण क्रन्दन। मोटा मुर्दा कर रहा था पतले की पिटाई। चल रहा था जमकर एक दुसरे की टांग... Hindi · मुक्तक 4 1 229 Share Bharat Bhushan Pathak 13 Nov 2018 · 1 min read भारत भाग्य विधाता है अनुपम अनुपवर्णी। स्वर्णिम पंख मधुर सुवर्णी।। है मनोरम अति मनोहारी । प्राकृतिक छटा जहाँ अति प्यारी ।। है क्षमा ,त्याग ,शान्ति का द्योतक। सर्वधर्म समभाव का है जो उद्घघोषक।।... Hindi · दोहा 1 284 Share Bharat Bhushan Pathak 13 Nov 2018 · 2 min read चमत्कारी अंगोछा एक बार एक नेताजी को मिला एक अंगोछा। नेताजी ने जैसे उससे अपना हाथमुँह पोछा।। यह देखकर अंगोछा लगा जोर से चिल्लाने। और शुरु कर दिया अपनी बड़ाई बताने।। सुन... Hindi · मुक्तक 2 241 Share Bharat Bhushan Pathak 13 Nov 2018 · 1 min read हे साहित्यपीडिया हे साहित्यपीडिया तुम्हारा बार-बार अभिनन्दन । तुमने जो तुच्छ मनुज के रचना को दिया स्पन्दन ।। हे साहित्यपीडिया तुम्हें हृदय के हर प्रकोष्ठ से शुभकामनाएं। जो तुमने मातृभाषा हिन्दी की... Hindi · मुक्तक 2 4 254 Share Bharat Bhushan Pathak 13 Nov 2018 · 1 min read नेता सूक्ष्मचालिसा जय नेता ज्ञान गुण सागर। जय देवेश समरथ भटनागर।। जनदुत अतुलित बलधामा।। राजनीतिपुत्र वोटसंग्राहक नामा। महावीर विक्रम बजरंगी। सुमति निवार कुमति के संगी।। कंचन बरन अद्भुत भेषा। हाथन घड़ी बाॅडीगार्ड... Hindi · दोहा 492 Share Page 1 Next