अंसार एटवी Tag: कविता 43 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid अंसार एटवी 7 Oct 2024 · 1 min read सदा दे रहे ये जीने का इक हौसला दे रहे कई लोग मुझको दुआ दे रहे ये तिनके का घर अब बचेगा नहीं वो शोलों को इतनी हवा दे रहे जिन्हें ना ख़ुदा... Hindi · कविता · कहानी · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · शेर 35 Share अंसार एटवी 17 May 2024 · 1 min read किसी से लड़ के छोडूँगा न ही अब डर के छोड़ूँगा किसी से लड़ के छोडूँगा न ही अब डर के छोड़ूँगा मैं हंसों की तरह तालाब को अब मर के छोड़ूँगा मुझे मालूम है सय्याद ने लूटा चमन को है... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 73 Share अंसार एटवी 17 May 2024 · 1 min read कभी तो देखने आओ जहाँ हर बार लगता है कभी तो देखने आओ जहाँ हर बार लगता है हमारे गाँव में काफ़ी बड़ा बाज़ार लगता है ये सब तो ग़ैर-मुमकिन था कि वो ख़ंजर चलाएगा मुझे तो ये बताया... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 104 Share अंसार एटवी 17 May 2024 · 1 min read उसे दिल से लगा लूँ ये गवारा हो नहीं सकता उसे दिल से लगा लूँ ये गवारा हो नहीं सकता हवाओं में चराग़ों का गुज़ारा हो नहीं सकता हसद रखता हो जो दिल में हमेशा चाल चलता हो हक़ीक़त में... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 1 62 Share अंसार एटवी 17 May 2024 · 1 min read कभी ख़ुद को गले से तो लगाया जा नहीं सकता कभी ख़ुद को गले से तो लगाया जा नहीं सकता लिखा हो जो मुक़द्दर में मिटाया जा नहीं सकता जिसे तुम राज़ देते हो वही नुक़्सान भी देगा यहाँ हर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कहानी · कुण्डलिया · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 74 Share अंसार एटवी 17 May 2024 · 1 min read कौन है जिसको यहाँ पर बेबसी अच्छी लगी कौन है जिसको यहाँ पर बेबसी अच्छी लगी ज़िंदगी में कब किसी को तीरगी अच्छी लगी जब भी होती है किसी को बे-वजह सी ये घुटन फिर कहाँ किसको भला... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कहानी · ग़ज़ल 69 Share अंसार एटवी 17 May 2024 · 1 min read मोहब्बत का यहाँ पर वो फ़साना छोड़ जाता है मोहब्बत का यहाँ पर वो फ़साना छोड़ जाता है वो हिंदुस्तान में अपना ज़माना छोड़ जाता है जहाँ लाखों करोड़ों लोग अब भी गुनगुनाते हैं वो अल्लामा यहाँ अपना तराना... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 59 Share अंसार एटवी 17 May 2024 · 1 min read निभाने को यहाँ अब सब नए रिश्ते निभाते हैं उसे जब भूख लगती है वो दाना ढूँढ लेता है परिंदा शाम को फिर आशियाना ढूँढ लेता है वो जिसका घर नहीं होता उसे भी नींद आती है वो सोने... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कहानी · ग़ज़ल/गीतिका 1 69 Share अंसार एटवी 17 May 2024 · 1 min read क़िस्मत हमारी ख़ुद के ही पहलू से आ मिली क़िस्मत हमारी ख़ुद के ही पहलू से आ मिली दुख की घड़ी में पलके जो आँसू से क्या मिली तितली के तब से सैकड़ों दुश्मन बने हुए फूलों से क्या... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कहानी · ग़ज़ल/गीतिका 63 Share अंसार एटवी 17 May 2024 · 1 min read अब तक तबाही के ये इशारे उसी के हैं अब तक तबाही के ये इशारे उसी के हैं ये तख़्त ओ ताज इसलिए सारे उसी के हैं डसने का जिसका काम ही सदियों से चल रहा ये नाग हैं... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 49 Share अंसार एटवी 17 May 2024 · 1 min read मुझे बेज़ार करने के उसे भी ख़्वाब रहते हैं मुझे बेज़ार करने के उसे भी ख़्वाब रहते हैं कि जैसे सामने कश्ती के कुछ गिर्दाब रहते हैं जिसे देखा गया हो बस गरजने की ही सूरत में उसी एक... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 47 Share अंसार एटवी 17 May 2024 · 1 min read वो ठोकर से गिराना चाहता है वो ठोकर से गिराना चाहता है मुझे पत्थर पे लाना चाहता है जिसे अपना समझता हूँ जहाँ में वो रस्ते से हटाना चाहता है उसे होते नहीं देखा किसी का... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 47 Share अंसार एटवी 17 May 2024 · 1 min read मोहब्बत का वो दावा कर रहा होगा मोहब्बत का वो दावा कर रहा होगा वो सबसे अब दिखावा कर रहा होगा चराग़ों पर अभी है गर्दिश-ए-दौराँ वो आँधी को इशारा कर रहा होगा वो रातों को बड़ी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 45 Share अंसार एटवी 17 May 2024 · 1 min read लड़ने को तो होती नहीं लश्कर की ज़रूरत लड़ने को तो होती नहीं लश्कर की ज़रूरत एक दौर में काफ़ी थी बहत्तर की ज़रूरत जो मेरे लिए ही हो परेशानी का बाइस मुझको नहीं ऐसे किसी रहबर की... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कोटेशन · ग़ज़ल 68 Share अंसार एटवी 17 May 2024 · 1 min read लड़ता रहा जो अपने ही अंदर के ख़ौफ़ से लड़ता रहा जो अपने ही अंदर के ख़ौफ़ से वो क्या डरेगा अब तो बवंडर के ख़ौफ़ से मौजों से लड़ झगड़ के मैं साहिल पे आ गया लेकिन डरा... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कहानी · ग़ज़ल 53 Share अंसार एटवी 17 May 2024 · 1 min read मंज़िल मिली उसी को इसी इक लगन के साथ मंज़िल मिली उसी को इसी इक लगन के साथ छानी हो खाक़ जिस ने भी अपने बदन के साथ उस शख़्स से ना पूछिये उसकी ख़ुशी का हाल जिसने गुज़ारे... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 47 Share अंसार एटवी 17 May 2024 · 1 min read ख़ुद को फ़लक़ से नीचे उतारा अभी अभी ख़ुद को फ़लक़ से नीचे उतारा अभी अभी टूटा हो जैसे कोई सितारा अभी अभी जैसे किसी ने साँप के फन को कुचल दिया अपनी अना को ऐसे ही मारा... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · शेर 51 Share अंसार एटवी 17 May 2024 · 1 min read इससे पहले कोई आकर के बचा ले मुझको इससे पहले कोई आकर के बचा ले मुझको हिज्र मेरा ही कहीं मार न डाले मुझको अब तो साहिल पे पहुँच कर ही मैं कुछ दम लूँगा इस से पहले... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल 67 Share अंसार एटवी 4 May 2024 · 1 min read सच्चाई है कि ऐसे भी मंज़र मिले मुझे सच्चाई है कि ऐसे भी मंज़र मिले मुझे जब प्यास मिट गई तो समुंदर मिले मुझे हाथों को जिनके चूमा हैं अपना जिसे कहा इक दिन उन्हीं के हाथों में... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल 62 Share अंसार एटवी 4 May 2024 · 1 min read लहरों ने टूटी कश्ती को कमतर समझ लिया लहरों ने टूटी कश्ती को कमतर समझ लिया अच्छा हुआ कि कश्ती ने तेवर समझ लिया जिस दाम जिसने चाहा उसी दाम में रखा मुझको किसी ग़रीब का ज़ेवर समझ... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 105 Share अंसार एटवी 3 May 2024 · 1 min read चराग़ों की सभी ताक़त अँधेरा जानता है चराग़ों की सभी ताक़त अँधेरा जानता है बहुत अच्छे से सूरज को सवेरा जानता है ख़ुदा के बाद की है दस्तरस जो जान पाया मिरे अंदर की बातें दिल ये... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल 1 61 Share अंसार एटवी 3 May 2024 · 1 min read हो न मुख़्लिस वो है फिर किस काम का आँखों की कुछ तो नमी से डरते हैं यार ऐसी ज़िंदगी से डरते हैं हो न मुख़्लिस वो है फिर किस काम का हम तो ऐसी दोस्ती से डरते हैं... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल 1 44 Share अंसार एटवी 1 May 2024 · 1 min read भला अपने लिए ऐसी हिमाक़त कौन करता है भला अपने लिए ऐसी हिमाक़त कौन करता है चराग़ों की हवाओं से हिफ़ाज़त कौन करता है उसूलों की बहुत सी बात करते हैं जहाँ में सब उसूलों के लिए जाइज़... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कहानी · ग़ज़ल 1 63 Share अंसार एटवी 12 Feb 2024 · 1 min read चराग़ों की सभी ताक़त अँधेरा जानता है चराग़ों की सभी ताक़त अँधेरा जानता है बहुत अच्छे से सूरज को सवेरा जानता है ख़ुदा के बाद की है दस्तरस जो जान पाया मिरे अंदर की बातें दिल ये... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · ग़ज़ल 93 Share अंसार एटवी 9 Feb 2024 · 1 min read भला अपने लिए ऐसी हिमाक़त कौन करता है भला अपने लिए ऐसी हिमाक़त कौन करता है चराग़ों की हवाओं से हिफ़ाज़त कौन करता है उसूलों की बहुत सी बात करते हैं जहाँ में सब उसूलों के लिए जाइज़... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · ग़ज़ल 1 148 Share अंसार एटवी 9 Feb 2024 · 1 min read किसी से लड़ के छोडूँगा न ही अब डर के छोड़ूँगा किसी से लड़ के छोडूँगा न ही अब डर के छोड़ूँगा मैं हंसों की तरह तालाब को अब मर के छोड़ूँगा मुझे मालूम है सय्याद ने लूटा चमन को है... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · ग़ज़ल 94 Share अंसार एटवी 9 Feb 2024 · 1 min read किसी सहरा में तो इक फूल है खिलना बहुत मुश्किल किसी सहरा में तो इक फूल है खिलना बहुत मुश्किल इबादत के बिना तुझको ख़ुदा मिलना बहुत मुश्किल निकलता तो है मशरिक़ से ही मग़रिब के लिए ही वो मगर... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · ग़ज़ल 81 Share अंसार एटवी 9 Feb 2024 · 1 min read कभी तो देखने आओ जहाँ हर बार लगता है कभी तो देखने आओ जहाँ हर बार लगता है हमारे गाँव में काफ़ी बड़ा बाज़ार लगता है ये सब तो ग़ैर-मुमकिन था कि वो ख़ंजर चलाएगा मुझे तो ये बताया... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · ग़ज़ल 85 Share अंसार एटवी 9 Feb 2024 · 1 min read उसे दिल से लगा लूँ ये गवारा हो नहीं सकता उसे दिल से लगा लूँ ये गवारा हो नहीं सकता हवाओं में चराग़ों का गुज़ारा हो नहीं सकता हसद रखता हो जो दिल में हमेशा चाल चलता हो हक़ीक़त में... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · ग़ज़ल 81 Share अंसार एटवी 9 Feb 2024 · 1 min read जिसे तुम राज़ देते हो वही नुक़्सान भी देगा कभी ख़ुद को गले से तो लगाया जा नहीं सकता लिखा हो जो मुक़द्दर में मिटाया जा नहीं सकता जिसे तुम राज़ देते हो वही नुक़्सान भी देगा यहाँ हर... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · ग़ज़ल 159 Share अंसार एटवी 9 Feb 2024 · 1 min read कौन है जिसको यहाँ पर बेबसी अच्छी लगी कौन है जिसको यहाँ पर बेबसी अच्छी लगी ज़िंदगी में कब किसी को तीरगी अच्छी लगी जब भी होती है किसी को बे-वजह सी ये घुटन फिर कहाँ किसको भला... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · ग़ज़ल 1 80 Share अंसार एटवी 9 Feb 2024 · 1 min read मोहब्बत का यहाँ पर वो फ़साना छोड़ जाता है मोहब्बत का यहाँ पर वो फ़साना छोड़ जाता है वो हिंदुस्तान में अपना ज़माना छोड़ जाता है जहाँ लाखों करोड़ों लोग अब भी गुनगुनाते हैं वो अल्लामा यहाँ अपना तराना... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · ग़ज़ल 63 Share अंसार एटवी 9 Feb 2024 · 1 min read उसे जब भूख लगती है वो दाना ढूँढ लेता है उसे जब भूख लगती है वो दाना ढूँढ लेता है परिंदा शाम को फिर आशियाना ढूँढ लेता है वो जिसका घर नहीं होता उसे भी नींद आती है वो सोने... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · ग़ज़ल 68 Share अंसार एटवी 9 Feb 2024 · 1 min read क़िस्मत हमारी ख़ुद के ही पहलू से आ मिली क़िस्मत हमारी ख़ुद के ही पहलू से आ मिली दुख की घड़ी में पलके जो आँसू से क्या मिली तितली के तब से सैकड़ों दुश्मन बने हुए फूलों से क्या... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · ग़ज़ल 80 Share अंसार एटवी 9 Feb 2024 · 1 min read अब तक तबाही के ये इशारे उसी के हैं अब तक तबाही के ये इशारे उसी के हैं ये तख़्त ओ ताज इसलिए सारे उसी के हैं डसने का जिसका काम ही सदियों से चल रहा ये नाग हैं... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · ग़ज़ल 47 Share अंसार एटवी 9 Feb 2024 · 1 min read मुझे बेज़ार करने के उसे भी ख़्वाब रहते हैं मुझे बेज़ार करने के उसे भी ख़्वाब रहते हैं कि जैसे सामने कश्ती के कुछ गिर्दाब रहते हैं जिसे देखा गया हो बस गरजने की ही सूरत में उसी एक... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · ग़ज़ल 54 Share अंसार एटवी 9 Feb 2024 · 1 min read वो ठोकर से गिराना चाहता है वो ठोकर से गिराना चाहता है मुझे पत्थर पे लाना चाहता है जिसे अपना समझता हूँ जहाँ में वो रस्ते से हटाना चाहता है उसे होते नहीं देखा किसी का... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · ग़ज़ल 38 Share अंसार एटवी 9 Feb 2024 · 1 min read मोहब्बत का वो दावा कर रहा होगा मोहब्बत का वो दावा कर रहा होगा वो सबसे अब दिखावा कर रहा होगा चराग़ों पर अभी है गर्दिश-ए-दौराँ वो आँधी को इशारा कर रहा होगा वो रातों को बड़ी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · ग़ज़ल 46 Share अंसार एटवी 9 Feb 2024 · 1 min read लड़ने को तो होती नहीं लश्कर की ज़रूरत लड़ने को तो होती नहीं लश्कर की ज़रूरत एक दौर में काफ़ी थी बहत्तर की ज़रूरत जो मेरे लिए ही हो परेशानी का बाइस मुझको नहीं ऐसे किसी रहबर की... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · ग़ज़ल · शेर 50 Share अंसार एटवी 9 Feb 2024 · 1 min read लड़ता रहा जो अपने ही अंदर के ख़ौफ़ से लड़ता रहा जो अपने ही अंदर के ख़ौफ़ से वो क्या डरेगा अब तो बवंडर के ख़ौफ़ से मौजों से लड़ झगड़ के मैं साहिल पे आ गया लेकिन डरा... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · ग़ज़ल 48 Share अंसार एटवी 9 Feb 2024 · 1 min read मंज़िल मिली उसी को इसी इक लगन के साथ मंज़िल मिली उसी को इसी इक लगन के साथ छानी हो खाक़ जिस ने भी अपने बदन के साथ उस शख़्स से ना पूछिये उसकी ख़ुशी का हाल जिसने गुज़ारे... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · ग़ज़ल 42 Share अंसार एटवी 9 Feb 2024 · 1 min read ख़ुद को फ़लक़ से नीचे उतारा अभी अभी ख़ुद को फ़लक़ से नीचे उतारा अभी अभी टूटा हो जैसे कोई सितारा अभी अभी जैसे किसी ने साँप के फन को कुचल दिया अपनी अना को ऐसे ही मारा... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · ग़ज़ल 72 Share अंसार एटवी 9 Feb 2024 · 1 min read कुछ मेरा तो कुछ तो तुम्हारा जाएगा कुछ मेरा तो कुछ तो तुम्हारा जाएगा तूफाँ को जैसे ही पुकारा जाएगा कश्ती पे जिसने भी बिठाकर छोड़ा है हाथों से उसके भी किनारा जाएगा हाकिम ही जब मज़लूमों... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · ग़ज़ल 52 Share