सोनू हंस Tag: कविता 68 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid सोनू हंस 21 Nov 2024 · 1 min read साजन की विदाई अरी सखी! सुन मैंने रात एक स्वप्न देखा; क्या बताऊँ री मैंने कुछ अद्भुत देखा। 💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐 दूर कहीं एक बारात सज रही थी; और बारात वो मेरे पीछे चल रही... Hindi · कविता 11 Share सोनू हंस 31 Oct 2024 · 1 min read फिर जल गया दीया कोई दूर कहीं निशीथ में एक तारा टिमटिमाया फिर और एक और फिर एक इस तरह गगन भी मानो दीवाली पर चिरागे-रोशन कर जहाँ को बधाई दे रहा था वहीं उमंग... Hindi · कविता 19 Share सोनू हंस 22 Oct 2024 · 1 min read कुछ पूछना है तुमसे कुछ पूछना चाहता हूँ तुमसे पर फिर रुक जाता हूँ कहीं न कहीं मन के किसी कोने में एक डर है कि तुम्हें खो न दूँ कहीं क्या पता मेरी... Hindi · कविता 1 1 27 Share सोनू हंस 9 Jul 2024 · 1 min read जलियाँवाला बाग सुनो भद्रे! यहाँ तुम धीरे से आना, सूखे पत्ते हैं यहाँ पग धीरे से रखना। इन पर्णों ने साक्षी बन जो झेला है, वो विधि का इक भयावह विगत-खेला है।।... Hindi · कविता 47 Share सोनू हंस 4 Sep 2023 · 1 min read ये पीड़ित कौन है? ये जो दौर है न मेरे लिए घातक है लेकिन क्या #मेरे_लिए या #इसके_लिए या फिर किसके लिए कहते हैं जो घट माही है वो कोई और है वो हर... Hindi · कविता 265 Share सोनू हंस 3 Aug 2023 · 1 min read दस नंबर मेरे मोबाइल में अब दस नाम ऐसे हैं जिनसे मैं नहीं कर सकता संपर्क उन नामों पर जिस नाम से वे मेरे फोन में सुरक्षित हैं क्योंकि.... उन नामों वाले... Hindi · कविता 152 Share सोनू हंस 31 Dec 2022 · 1 min read साथी तुझे चलना होगा हैं अँधेरे तो उजालों का साथ कितना, चलना उतना ही राही मंजिलों का साथ जितना। पथ भटक जाए तो वहीं पर बैठ जाना, सोचना और गहरे पानी पैठ जाना। जो... Hindi · कविता 1 260 Share सोनू हंस 29 Dec 2022 · 1 min read अब रुकने का नाम ले मैं मजबूर होकर फिर रहा दर-ब-दर, ए काश कोई नई राह मिल जाए। इस आस से देखता हूँ हर एक चेहरे को, कि कोई मुझको नई चाह मिल जाए। राह... Hindi · कविता 1 152 Share सोनू हंस 7 Oct 2022 · 2 min read आ रही हो न!(बारहमासा) देखो. . . . . सुनो न अब और न रुलाना मुझे आँखों के तलाव अब सूख चुके हैं इनकी बहने की क्षमता निम्न हो गई है पर तुम्हारा ये... Hindi · कविता 1 206 Share सोनू हंस 29 Aug 2022 · 1 min read उड़ने दो मुझे सूख चुके हैं नयन-नीरद फिर भी ये बरसने को बेताब पर विडंबना यही कि सूख चुके हैं नयन-तलाव फिर भी ये बिखरने को बेताब पर तड़पना यही कि सूख चुके... Hindi · कविता 235 Share सोनू हंस 20 Mar 2022 · 2 min read गौरैया कहते हैं उसका अस्तित्व समाप्त होता जा रहा है उसकी प्रजाति विलुप्त होती जा रही है पर आज भी वो दिख जाती है घास के छोटे-छोटे तिनको को दबाए मेरे... Hindi · कविता 306 Share सोनू हंस 14 Mar 2022 · 1 min read मुझे उड़ना है खात् में मुझे उड़ना है खात् में, पंखविहीन न करना तुम। मुझे लड़ना है समय से, गतिहीन न करना तुम॥ उस शून्य की पहेलियों को, बूझना है मुझे। अनंत, असार नीरव द्यौ... Hindi · कविता 251 Share सोनू हंस 8 Mar 2022 · 1 min read हो राम तोसे खरो न कोउ हो राम! तोसो खरो न कोउ, तुम राजा मैं छोटो, मोसो खोटो न कोउ। हो राम तोसो खरो न कोउ. . . तुमहिं तारो बारनु ग्राह से मोपे नजर न... Hindi · कविता 400 Share सोनू हंस 27 Feb 2022 · 1 min read व्यथित मन! री आली! न कोई कहूँ जिसे मन की व्यथा अपनी पीर मैं ही जानूँ क्या है अंतस् दशा अहर्निश व्यग्र उद्विग्न नहीं चैन अब पल छिन बाँध पाई न ताल-सुरों... Hindi · कविता 537 Share सोनू हंस 24 Feb 2022 · 2 min read शिव-आराधना हे कल्याण स्वरूप शिव जी, माया अधीश महेश्वर जी। शंभु आनंद दो मन मेरे, कर दो दूर अज्ञान अँधेरे। तुम हो पिनाकी पिनाक धनुर्धारी, हे शशिशेखर चंद्रधारी। वामदेव तुम उज्ज्वल... Hindi · कविता 1 1 717 Share सोनू हंस 23 Feb 2022 · 1 min read रंगीला फागुन आ गयो रंगीला फागुन आ गयो, री सखी! फागुन आ गयो; मोरा जिया रा यूँ हरसा गयो... री सखी! फागुन आ गयो। चलै है बयार घुली-घुली जाए रंग जू, चलूँ सूँ मटकती... Hindi · कविता 386 Share सोनू हंस 15 Feb 2022 · 1 min read सखे! पर्वतों सम उठ जाना सखे! पर्वतों सम उठ जाना, और अपना कद बढा़ते जाना। देखने को तुम्हें ज्यूँ मेरी, नजरें भी ऊँची उठने लगे। सखे! जलधि सम धीर बन जाना, और सब हिय में... Hindi · कविता 240 Share सोनू हंस 14 Feb 2022 · 1 min read पहाड़ गुस्से में हैं पहाड़ गुस्से में हैं कौन चाहता है कोई उनकी सीमा लाँघे? फिर भी लाँघते हैं लोग असीम बनने की खातिर सीमाओं को इसी तरह लाँघा है पहाड़ों को बुद्धजीवियों ने... Hindi · कविता 248 Share सोनू हंस 31 Dec 2021 · 1 min read चित्रकार एक चित्रकार है जो चित्र बना रहा है सतत् अबाध गति से और मैं! उन्हें बिगाड़ रहा हूँ अस्त व्यस्त कर रहा हूँ लेकिन. . . . . . !... Hindi · कविता 468 Share सोनू हंस 29 Dec 2021 · 1 min read वक्त के पहरुए सुनो.... वक्त के पहरुए बुला रहे हैं तीखी सी आवाज दे रहे हैं छोड़ मत देना ये किस्सा आज का जो वे सुना रहे हैं देखो... ये आज मधुर भ्रमरियों... Hindi · कविता 321 Share सोनू हंस 23 Dec 2021 · 1 min read जा रे पाथर जा रे पाथर तोरि किस्मत पर जाऊँ वारी, मंदर में बने तों गुसाईं नवावे माथ या दुनिया सारी। देव दीन्हा घात बिसवास का पाथर बनी अहिला बिचारी, आस तके बरसों... Hindi · कविता 278 Share सोनू हंस 28 Nov 2021 · 1 min read म॔थन जब भी हुआ मंथन परिणत प्राप्ति ही है लाभ वा हानि, विष वा अमृत। क्षीर सिंधु को मथा देवासुरों ने निकल आए बहुरत्न, लक्ष्मी तथा वस्तुएँ अनंत। *मिला अमृत तो,... Hindi · कविता 587 Share सोनू हंस 25 Sep 2021 · 1 min read उद्वेलित कामनाओं के साथ चंचल मन की उमंगों के साथ, तिरोहित होती तरंगों के साथ; उद्वेलित औ' उद्वेगित कामनाओं के साथ, भय से भीति संवेदनाओं के साथ; ताडि़त कल्पनाओं की उडा़नों के साथ; फिर... Hindi · कविता 379 Share सोनू हंस 9 Aug 2021 · 2 min read वीर बर्बरीक बज चुकी थी रणभेरी कौरवों अरु पांडवों की, मानो सज चुकी थी सेनाएँ देवों और दानवों की। कारक युद्ध के अनेक थे राज्य की लालसा या प्रतिशोध की भावना, ईश... Hindi · कविता 2 2 807 Share सोनू हंस 6 Aug 2021 · 1 min read देखो जग सारा जागा है उषा की आहट पाकर तिमिर डरकर भागा है तुम भी जागो हे मनुज देखो जग सारा जागा है अठखेली करती दिनकर किरणें पोखर में संग वारि के देखो कमल नयन... Hindi · कविता 2 458 Share सोनू हंस 2 Jul 2021 · 1 min read मिलन देखो..... तुम चले आना.. थोड़ा सा समय निकालकर बहुत सी बातों को बाँटना हैं तुमसे और बहुत सी यादों को सहेजकर रखना है तुम्हें याद है न जब हम पहली... Hindi · कविता 436 Share सोनू हंस 6 Mar 2018 · 1 min read माँ तो माँ होती है माँ तो माँ होती है अपने शिशुओं के लिए अपना वजूद खोती है क्योंकि . . . . . माँ तो माँ होती है ढाँप लेती है माँ अपनी संतति... Hindi · कविता 590 Share सोनू हंस 27 Feb 2018 · 1 min read वो धुंधली आकृतियाँ एक धुंधली सी आकृति मन के अवचेतन कोने को छूकर निकल गई और.... चेतन मन की चैतन्यता पानी भरती सी रह गई उन विस्मित करती विस्मृत यादों को सहेजना असंभव... Hindi · कविता 349 Share सोनू हंस 27 Feb 2018 · 1 min read मैं मुझे ढूँढता सा रहा मेरा 'मैं' और मैं कहीं कोेने में स्वयं को तलाशने में लगा रहा सिमटते देह के बिंदुओं को मेरी परछाइयाँ भी न लक्षित कर सकीं अस्तित्व... Hindi · कविता 292 Share सोनू हंस 27 Feb 2018 · 1 min read ओ नंद जसोदा ललना. . . . ओ नंद जसोदा ललना, दीवाने आ गए हैं। तेरी ब्रज गली में आके, कुछ तो पा गए हैं॥ मेरी चाहतों के मालिक, तेरे इंतज़ार में हूँ; मेरी जिंदगी बना दे,... Hindi · कविता 660 Share सोनू हंस 27 Feb 2018 · 1 min read समय की रेत सरकने तो दो इन समय के दरवाजों को देखना सब भेद खुल जाएँगे आज जो इन दरकती रेतों पर अपने निशां छोड़ बैठे हैं कल इन्हें तलाशने वे हाँफते चले... Hindi · कविता 425 Share सोनू हंस 27 Feb 2018 · 1 min read नीलकंठ पी लिया जब कालकूट महेश भोलेनाथ ने, दुष्ट गरल कुछ इस तरह से शेखियाँ बघारने लगा। मेरे स्पर्श मात्र से ये धरा भी जलने लगे, भयहारी को भय दिखा वो... Hindi · कविता 431 Share सोनू हंस 27 Feb 2018 · 2 min read आ रही हो न देखो. . . . . सुनो न अब और न रुलाना मुझे आँखों के तलाव अब सूख चुके हैं इनकी बहने की क्षमता निम्न हो गई है पर तुम्हारा ये... Hindi · कविता 516 Share सोनू हंस 4 Apr 2017 · 1 min read गीता श्लोक देहिनोअस्मिन्यथा देहे कौमारं यौवन जरा। तथा देहान्तरप्राप्तिर्धीरस्तत्र न मुह्यति॥ श्री० गीता, अ०-२, श्लोक- १३ ॥काव्यानुवाद॥ रे पार्थ, जब ये जीवात्मा देह धारण करे, बाल, युवा, वृद्ध की अवस्था का वो... Hindi · कविता 529 Share सोनू हंस 4 Apr 2017 · 1 min read ये रातें ये रातें..... अब मेरे लिए, दहशत का पर्याय लगती हैं, तेरे न होने से, ये काट खाने को दौड़ती हैँ; और वो पूनम का चाँद भी, अब बासी लगता है... Hindi · कविता 345 Share सोनू हंस 4 Apr 2017 · 1 min read रंगीला फागुन रंगीला फागुन आ गयो, री सखी! फागुन आ गयो; मोरा जिया रा यूँ हरसा गयो... री सखी! फागुन आ गयो। चलै है बयार घुली-घुली जाए रंग जू, चलूँ सूँ मटकती... Hindi · कविता 543 Share सोनू हंस 4 Apr 2017 · 2 min read महाशिव प्रार्थना #ॐ नम: शिवाय# महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर भगवान् शिव को समर्पित मेरी ये रचना- हे कल्याण स्वरूप शिव जी, माया अधीश महेश्वर जी। शंभु आनंद दो मन मेरे, कर... Hindi · कविता 323 Share सोनू हंस 4 Apr 2017 · 2 min read शहरी व ग्रामीण जीवन मैं ग्राम का हूँ मैं शहर में भी हूँ अधिक दूर नहीं मैं ग्राम से औ' शहर से ग्राम जिन्दगी मनभावन है वो बचपन जो बीता है मेरा ग्राम में... Hindi · कविता 786 Share सोनू हंस 4 Apr 2017 · 1 min read मुझे बेवफा न समझ मुझे बेवफा न समझ, सितारों की तरह हर बार टूटता रहा हूँ आखिर यूँ कब तक टूटता रहूँगा एक दिन अपना वजूद खो दूँगा मिल जाऊँगा मैं भी इस जमीं... Hindi · कविता 430 Share सोनू हंस 4 Apr 2017 · 1 min read अक्स एक अक्स है जो, रातों की मेरी परवाह करता है; मुझमें समाहित सा मुझमें साँसे भरता रहता है जिन्दगी जो कभी कारगर नहीं हुई संघर्षों में मगर वो रहा साथ... Hindi · कविता 468 Share सोनू हंस 4 Apr 2017 · 1 min read वो बात अब नहीं जमाने में वो बात नहीं अब जमाने में, जो कभी हुआ करती थी; वो हवाएँ अब नहीं चलती, जो कभी चला करती थी। जिंदगी मसरूफ थी तो क्या हुआ, दिलो में प्यार... Hindi · कविता 291 Share सोनू हंस 4 Apr 2017 · 1 min read अरे मूढ़ मन अरे मूढ़ मन! इतना हठी न बन ऐसी चंचलता भी ठीक नहीं व्यर्थ क्यूँ सामर्थ्य का दहन करता है कभी कंदराओं में कभी अट्टालिकाओं पर कभी कलकल बहती सरित् की... Hindi · कविता 2 613 Share सोनू हंस 4 Apr 2017 · 1 min read मैं.... इंतजार में हूँ प्रिये मैं..... इंतजार में हूँ प्रिय तुमने वादा किया था जो आने का कि मैं आऊँगी और सराबोर कर दूँगी तुम्हें अपने प्यार के सुनहरे रंगों से मगर कितने फागुन आए... Hindi · कविता 257 Share सोनू हंस 4 Apr 2017 · 2 min read नारी शक्ति जागो क्यूँ हवस का सामान समझी जाती हैं नारियाँ! क्यूँ भोग्या की दृष्टि से देखी जाती हैं नारियाँ! क्यूँ दाग ये लगता है पुरुष समाज पर! क्यूँ पुरुष प्रधान समाज का... Hindi · कविता 364 Share सोनू हंस 4 Apr 2017 · 1 min read भूलें नजर आज सब कुछ मुझे आ रहा है, कोई मुझसे यूँ जुदा हुए जा रहा है; उम्र थी जब न कुछ सोच पाया, जिसे खोजना था न खोज पाया। क्यूँ... Hindi · कविता 625 Share सोनू हंस 4 Apr 2017 · 1 min read मेरे श्याम मुझे साथ अपने ले चल, मेरे श्याम.... साँवरे..... रहता है तू जहाँ पर मेरे श्याम..... साँवरे..... वो डारियाँ कदंब की, तेरा साथ मेरे होना; मेरे सामने रहे ये, तेरा रूप... Hindi · कविता 351 Share सोनू हंस 4 Apr 2017 · 1 min read किस्मत ए रंज इस मद्धिम रोशनी में कोई पिघल रहा है अपने आगोश में ही कोई जल रहा है हमें खामोशियों को मगर साथ रखना है वजूद को जिंदा जिंदगी के बाद भी... Hindi · कविता 348 Share सोनू हंस 4 Apr 2017 · 1 min read प्लास्टर प्लास्टर........ अजीब चीज है न पर काम की है हाथ टूट जाए तो प्लास्टर पैर टूट जाए तो प्लास्टर कुछ भी टूट जाए तो प्लास्टर बड़े अजीब हैं न ये... Hindi · कविता 1 1 476 Share सोनू हंस 4 Apr 2017 · 2 min read पुष्प और अलि एक उपवन में यूँ खिली एक इठलाती कली, देख उसको पास में जा पहुँचा आवारा अलि। मुसका उठा वो उस प्यारी कली को देखकर, रोज उसको देखने आता वो झूम-झूमकर।... Hindi · कविता 502 Share सोनू हंस 4 Apr 2017 · 1 min read अ मेरी कलम जानता हूँ तुझसा श्रेष्ठ, मेरे लिए कोई नहीं। अ 'कलम' तेरे प्रति, प्रीत मेरी कभी सोई नहीं॥ पर तेरी श्रेष्ठता पर प्रश्न चिह्न, क्या मैं लगा नहीं रहा। तेरी प्रतिष्ठा... Hindi · कविता 305 Share Page 1 Next