Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Apr 2017 · 2 min read

नारी शक्ति जागो

क्यूँ हवस का सामान समझी जाती हैं नारियाँ!
क्यूँ भोग्या की दृष्टि से देखी जाती हैं नारियाँ!
क्यूँ दाग ये लगता है पुरुष समाज पर!
क्यूँ पुरुष प्रधान समाज का दंश झेलती हैँ नारियाँ!
क्यूँ दरिंदगी दिखा जाता है कोई नारी पर!
क्यूँ निर्दोष हो ऐसा दंड झेलती हैँ नारियाँ!
क्यूँ सिसकती है कोई नारी बंद घरों के कोनों में!
क्यूँ दबा देते हैं अपने ही आवाज उसकी!
क्यूँ जन्म से पहले ही मार दी जाती हैं बेटियाँ!
क्यूँ अभागन सा जीवन बिताती हैं नारियाँ!
कर लेती है अगर प्रेम किसी से कभी अभागन वो!
सुला देते हैँ नींद मौत की कोई उसके अपने ही!
गूँजती थी किलकारियाँ कभी जिस आँगन में उसकी!
उसी आँगन को शवगाह बना देते हैं उसके अपने ही,
है वही देश ये होते थे जहाँ नारी स्वयंवर!
है वही देश ये जहाँ पैदा हुई थी एक सावित्री भी!
जिसने चुना था सत्यवान सा अपने लिए वर कोई!
मानते हैं जो रूढ़िवादी परंपराओं को!
क्यूँ दोगलापन दिखाते हैं फिर उन्हें निभाने में;
नहीं नहीं अब नहीं स्त्रियाँ सह पाएँगी;
गर मैला करेगा दामन उसका कोई आततायी तो,
भूल पाएगा न वो सबक ऐसा सिखाएँगी!
ले हाथ में आत्मविश्वास को बढो़ आगे नारियाँ!
इस पुरुष समाज की अब मत सहो नादानियाँ!
आग को सीने में रख तूफान को जज्बात में;
कर लो दुनिया मुट्ठी में बिजली सी भड़का जवानियाँ।
भूल मत सावित्री तो दुर्गा भी तो है तू!
कस्तूरबा छुपी तुझमें लक्ष्मीबाई भी तो है तू!
मत सहन कर तू अब किसी अत्याचार को;
हाथ में और सीने में भड़का तू अब प्रतिकार को।
नीचता की हद अगर पार कोई कर जाए तो!
देर न कर रोक उसके अब हर वार को।
प्रेम तुझमें समुद्र सा तो क्रोध भी धधकता ज्वाल सा!
मोम है हृदय अगर तो द्वंद्व भी करवाल सा।
अपना लिया रूप काली का तो संसार सहम जाएगा!
प्रकोप के तेरे आगे ये समस्त संसार झुक जाएगा।
।।जय नारी शक्ति।।
सोनू हंस

Language: Hindi
331 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कल पर कोई काम न टालें
कल पर कोई काम न टालें
महेश चन्द्र त्रिपाठी
अपनी तस्वीर
अपनी तस्वीर
Dr fauzia Naseem shad
आज की पंक्तिजन्म जन्म का साथ
आज की पंक्तिजन्म जन्म का साथ
कार्तिक नितिन शर्मा
चंद्रयान तीन अंतरिक्ष पार
चंद्रयान तीन अंतरिक्ष पार
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
आज भी औरत जलती है
आज भी औरत जलती है
Shekhar Chandra Mitra
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
आप और हम
आप और हम
Neeraj Agarwal
🪸 *मजलूम* 🪸
🪸 *मजलूम* 🪸
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
बहन की रक्षा करना हमारा कर्तव्य ही नहीं बल्कि धर्म भी है, पर
बहन की रक्षा करना हमारा कर्तव्य ही नहीं बल्कि धर्म भी है, पर
जय लगन कुमार हैप्पी
अब गांव के घर भी बदल रहे है
अब गांव के घर भी बदल रहे है
पूर्वार्थ
*खुश रहना है तो जिंदगी के फैसले अपनी परिस्थिति को देखकर खुद
*खुश रहना है तो जिंदगी के फैसले अपनी परिस्थिति को देखकर खुद
Shashi kala vyas
हुई स्वतंत्र सोने की चिड़िया चहकी डाली -डाली।
हुई स्वतंत्र सोने की चिड़िया चहकी डाली -डाली।
Neelam Sharma
माटी तेल कपास की...
माटी तेल कपास की...
डॉ.सीमा अग्रवाल
जज़्बात-ए-दिल
जज़्बात-ए-दिल
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
जो कहना है खुल के कह दे....
जो कहना है खुल के कह दे....
Shubham Pandey (S P)
असली दर्द का एहसास तब होता है जब अपनी हड्डियों में दर्द होता
असली दर्द का एहसास तब होता है जब अपनी हड्डियों में दर्द होता
प्रेमदास वसु सुरेखा
■ कौटिश नमन् : गुरु चरण में...!
■ कौटिश नमन् : गुरु चरण में...!
*Author प्रणय प्रभात*
बेनाम जिन्दगी थी फिर क्यूँ नाम दे दिया।
बेनाम जिन्दगी थी फिर क्यूँ नाम दे दिया।
Rajesh Tiwari
रामपुर में दंत चिकित्सा की आधी सदी के पर्याय डॉ. एच. एस. सक्सेना : एक मुलाकात
रामपुर में दंत चिकित्सा की आधी सदी के पर्याय डॉ. एच. एस. सक्सेना : एक मुलाकात
Ravi Prakash
स्वीकारोक्ति :एक राजपूत की:
स्वीकारोक्ति :एक राजपूत की:
AJAY AMITABH SUMAN
...........!
...........!
शेखर सिंह
" मिलकर एक बनें "
Pushpraj Anant
* गीत कोई *
* गीत कोई *
surenderpal vaidya
शीर्षक:-कृपालु सदा पुरुषोत्तम राम।
शीर्षक:-कृपालु सदा पुरुषोत्तम राम।
Pratibha Pandey
कवि एवं वासंतिक ऋतु छवि / मुसाफ़िर बैठा
कवि एवं वासंतिक ऋतु छवि / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
डिग्रियों का कभी अभिमान मत करना,
डिग्रियों का कभी अभिमान मत करना,
Ritu Verma
देख भाई, सामने वाले से नफ़रत करके एनर्जी और समय दोनो बर्बाद ह
देख भाई, सामने वाले से नफ़रत करके एनर्जी और समय दोनो बर्बाद ह
ruby kumari
देश जल रहा है
देश जल रहा है
gurudeenverma198
"सूदखोरी"
Dr. Kishan tandon kranti
बचपन का प्यार
बचपन का प्यार
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Loading...