संजय सिंह Language: Hindi 131 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid संजय सिंह 5 Mar 2020 · 1 min read II जेब मे पैसे II अगर जेब मे पैसे न हो कौन मिठाई दे देगा l छांछ की जब लूट मची हो कौन मलाई दे देगा ll बाप ही जब बाप रहा न भाई से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 296 Share संजय सिंह 5 Mar 2020 · 1 min read II असली चेहरा II राष्ट्रवाद का आया जमाना,भूख तुम्हारी कौन सुने l हर चौराहे पर खड़ा मदारी,बात हमारी कौन सुने ll सरहद पर मरने वालों को,परमवीर मिल जाता है l रोज ही मरते जीते... Hindi · मुक्तक 303 Share संजय सिंह 5 Mar 2020 · 1 min read II ये जरूरी नहीं II मानो तो ये दुनिया है,मानो ये जरूरी नहीं l जीवन में कई रस्मे,जानो ये जरूरी नहीं ll मकसद से ही बढ़ता है,हर एक कदम उसका l जो होता वो होने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 248 Share संजय सिंह 5 Mar 2020 · 1 min read II छलावा II हार जीत और धन दौलत,सब यार छलावा है l क्या मतलब,जब,सब का एक दिन, वहीं बुलावा है ll चिकनी चुपड़ी सुंदर सूरत, निशदिन ढलती है l रोज ही देखे,पकड़ न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 445 Share संजय सिंह 5 Mar 2020 · 1 min read II दुनिया के मेले II बांध के बंधन घूम रहा तू, इस दुनिया के मेले में l तोड़ के बंधन बैठ के ढूंढो, उसको निपट अकेले में ll बंद आंखों से दिख जाएगा,भीतर में ही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 293 Share संजय सिंह 5 Mar 2020 · 1 min read II जीवन II पहले मन के घोड़े पाले, छोड़े बिना लगाम l अब धीरे-धीरे याद आ रहे, बचे अधूरे काम ll ऐसा जीवन शुरू हुआ,एक तेरे मिल जाने से l घर आंगन ही... Hindi · मुक्तक 1 390 Share संजय सिंह 5 Mar 2020 · 1 min read II टूटा सपना II जब कोई सपना टूटा होगा l कहीं किसी ने लूटा होगा ll मुंह फेरे बैठा मेरे सामने l अपना ही कोई रूठा होगा ll सारे ही हम हुए गरीब l... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 368 Share संजय सिंह 5 Mar 2020 · 1 min read II जनता बेचारी II जाएं भी तो जाएं कहां अब,मरना खटना लाचारी है l समझ रहे सरकारी रुतबा, पर शोषण भी सरकारी है ll यहां दरिंदे शासन करते,और हाथ जोड़ते ऊपर से l किसे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 425 Share संजय सिंह 5 Mar 2020 · 1 min read II शब्दों की सीमा II शब्दों की है अपनी सीमा ,कुछ कह ना पाऊंगा l समझ सको तो बस इतना,अब चल ना पाऊंगा ll आदर्शों का बोझ लिए,आगे बढ़ना मुश्किल है l भ्रष्टाचार की सीढ़ी... Hindi · मुक्तक 2 535 Share संजय सिंह 5 Mar 2020 · 1 min read II अपनी पहचान II जब से अपने से अपनी पहचान हो गई l सारी दुनिया ही गीता कुरान हो गई ll ना कोई नखरा ना कोई अदब का गुमान l खुली खिड़की तो रोशन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 433 Share संजय सिंह 5 Mar 2020 · 1 min read II सब बेमानी लगता है lI ऐसे दौर में लिखना पढ़ना, सब बेमानी लगता है l बुद्धि विवेक का मोल नहीं, सब नादानी लगता है ll ध्यान ज्ञान सब धरा किनारे मूरख सरपट दौड़ रहा l... Hindi · मुक्तक 231 Share संजय सिंह 5 Mar 2020 · 1 min read II इंसान II सब कुछ कितना आसान हो गया l कल का जंगल मैदान हो गया ll टीवी मोबाइल सारे साथ में l नजरों पे चश्मा शान हो गया ll सर्दी या गर्मी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 444 Share संजय सिंह 3 Nov 2018 · 1 min read ll मां ll डांटती है कभी मनाती है l तल्ख बातों में प्यार शामिल हैll "आज सबकुछ मेरा दिया तुझको l कौन कहता करार शामिल है ll" मां ने तुमको बड़ा किया फिर... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 25 627 Share संजय सिंह 6 Sep 2018 · 1 min read II जीवन बदल जाएगा ll ?दृष्टिकोण बदले जीवन बदल जाएगा l रहे सकारात्मक रास्ता निकल जाएगा ll? ?होगी कदमों में मंज़िल बस चलते रहो l बिगड़ते बनते ही यो जीवन संवर जाएगा ll? संजय सिंह... Hindi · मुक्तक 229 Share संजय सिंह 4 Sep 2018 · 1 min read Il कैसी-कैसी सुनता हूं Il मत पूछो मैं निस दिन किसकी कैसी-कैसी सुनता हूं l सब सपनों में मस्त सो रहे जगकर सपने बुनता हूं ll क्या आएगी कभी धूप मेरे भी छोटे आंगन तक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 3 474 Share संजय सिंह 30 Jan 2018 · 1 min read आंखों से दूर जाना आंखों से दूर जाना सपनों में आना हो गया l अपनी ही तस्वीर में चेहरा पुराना हो गया ll उस पुराने पेड़ के नीचे कभी मिलते जहां l अब तो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 368 Share संजय सिंह 30 Jan 2018 · 1 min read सब चोर लुटेरे क्या गाऊं घनघोर अंधेरे क्या गाऊं l सब चोर लुटेरे क्या गाऊं ll दुनिया में सपने बिकते हैं l जेब भी खाली क्या गाऊं ll तिरंगा भी लहराता हूं l जन गण... Hindi · कविता 1 425 Share संजय सिंह 8 Jul 2017 · 1 min read II जहां मांग खत्म हो जाती है...II जहां मांग खत्म हो जाती है l जहां स्वाद खत्म हो जाता है ll ना कुछ अपना रह जाता है l सब कुछ अपना हो जाता है ll वह तुमको... Hindi · मुक्तक 340 Share संजय सिंह 8 Jul 2017 · 1 min read II... गई जब रात सारी....II जो वादा था किया तुमने वो पूरा क्यों नहीं होता l गई जब रात सारी तो सवेरा क्यों नहीं होता ll हमें आती नहीं कोई इबारत खौफ पैदा हो l... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 526 Share संजय सिंह 23 Mar 2017 · 1 min read II...आजकल बदला ये मौसम...II सोच कर ही वोट दो, या नोट को खर्चा करो l कान से सुन मन गुनो, फिर जा कहीं चर्चा करो ll हैं फजाओ में अजब कुछ, हलचले खामोश सी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 280 Share संजय सिंह 19 Mar 2017 · 1 min read आंखें आंखों से गिरा l वह कहां फिर उठा l ऊंची हवेली ll आंखों में पानी l खेत सूख बंजर l मेरी कहानी ll आंखों में बसा l टूटा एक सपना... Hindi · हाइकु 572 Share संजय सिंह 18 Mar 2017 · 1 min read II नसीबा हि दुश्मन.....II नसीबा हि दुश्मन हमारा हुआ है l जहां डूबी कश्ती किनारा हुआ है ll मेरी मुफलिसी छोड़ जाती नहीं हैl मेरा घर हि उसका ठिकाना हुआ है ll दिया उसने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 314 Share संजय सिंह 14 Mar 2017 · 1 min read II एक चितवन से.....II एक चितवन से ए मन चपल हो गया l बात कुछ तो रही जो विकल हो गया l जाने क्या कह गई अधखुली सी पलक l मैं लूटा और जहां... Hindi · गीत 446 Share संजय सिंह 5 Mar 2017 · 1 min read II...मिट्टी की खुशबू...II किताबें धर्मों की जो भी वो नफरत दे नहीं सकती l वतन की मिट्टी की खुशबू खिलाफत दे नहीं सकती ll कभी हंसना कभी रोना कभी मिलना बिछड़ना है l... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 611 Share संजय सिंह 4 Mar 2017 · 1 min read II सबसे बड़ा है पैसा..II(कुंडलिया) कुण्डलिया छंद ----- सबसे बड़ा है पैसा ,संबंधों को त्याग l हम समझे मित्र हमारे ,चोर रहे दुरभाग ll चोर रहे दुरभाग ,भाग तब कैसे जागे l कष्टों का ही... Hindi · कुण्डलिया 347 Share संजय सिंह 3 Mar 2017 · 1 min read II रहो मौन चुप साधि अब II(कुण्डलिया) रहो मौन चुप साधि अब ,समय बड़ा बलवान l बोले बात खराब हो, छोड़ो तीर कमान ll छोड़ो तीर कमान, धीर भी बनकर देखो l झुकने में भी शान ,बचे... Hindi · कुण्डलिया 1 346 Share संजय सिंह 2 Mar 2017 · 1 min read II तेरी याद भी.....II तेरी याद भी न बहलाए मुझे अब l तेरे बिन दुनिया न भाए मुझे अब ll रुलाने को दुनिया ही जब मुकम्मलl तेरी याद फिर क्यों सताए मुझे अबll जमाने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 511 Share संजय सिंह 1 Mar 2017 · 1 min read II ए रातें सुला दूं....II ए रातें सुला दूं सितारे बुझा दूं l मैं धीरे से उल्फत कि शम्मा जला दूंll बनाएंगे मिलकर नया ही जहां हम l जो है दूरियां आज सारी मिटा दूं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 281 Share संजय सिंह 28 Feb 2017 · 1 min read II तुम पिछली कहानी भूल गए....II तुम पिछली कहानी भूल गए, हम बीते कल में ही अटके हैं l जाने तुम रस्ता अपना भूल गए , या हम अपनी ही राहें भटके हैं l ऐसे तो... Hindi · कविता 1 322 Share संजय सिंह 28 Feb 2017 · 1 min read II..आईना भी हैरान...II देख कर यह आईना भी हैरान हो जाए l जब उसी सूरत से फिर दो चार हो जाए ll पल में कैसे रंग बदले इंसान की फितरत l डर है... Hindi · मुक्तक 1 479 Share संजय सिंह 27 Feb 2017 · 1 min read II...हदों को पार करना भी....II जरुरी है मोहब्बत में हदों को पार करना भीl अकीदत में झुका हो सिर जरूरत वार करना भी ll कई टूटे कई बिखरे कई आबाद भी लेकिन l सभी को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 537 Share संजय सिंह 26 Feb 2017 · 1 min read II....जो गाते रहे हैं....II गमों को छुपा के जो गाते रहे हैंl अकेले में आंसू बहाते रहे हैं ll ए लैला ए मजनू किताबी जो बातें l अनाडी जगत में निभाते रहे हैं ll... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 333 Share संजय सिंह 26 Feb 2017 · 1 min read II कुछ आरजू ज्यादा न थी...II कुछ आरजू ज्यादा न थी ए जिंदगी तुझसे मेरी l फिर भी शिकायत कुछ नहीं ए जिंदगी तुझसे मेरी ll कुछ भी मिला ना कुछ बचा ना भीड़ में चलते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 330 Share संजय सिंह 25 Feb 2017 · 1 min read II राह में था काफिला....II राह में था काफिला भी खो गया l मंजिलों का आसरा भी खो गया ll वह न आए याद क्यों जाती नहीं l अक्स खोया आईना भी खो गया ll... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 467 Share संजय सिंह 25 Feb 2017 · 1 min read II..आशिकी के सामने...II कब चला है बस किसी का आशिकी के सामने l दो जहां की क्या खुशी तेरी हंसी के सामने ll आजकल मदहोश है हम बे सबब ही रात भरl नींद... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 550 Share संजय सिंह 24 Feb 2017 · 1 min read II कुछ भी हुआ ना पूरा....II कुछ भी हुआ ना पूरा ,हर काम है अधूराl जाना पड़ेगा फिर भी,अनुबंध है करारे ll ना तुम ने कुछ दिया है ,ना मैंने कुछ लिया है l गम और... Hindi · कविता 1 314 Share संजय सिंह 24 Feb 2017 · 1 min read II आईने को सामने रखना जरूरी है II क्या लिखूं कैसे लिखूं लिखना जरूरी हैl आईने को सामने रखना जरूरी है ll राह खुद ब खुद मंजिल बन जाएगी l एक बार तेरा प्यार में पडना जरुरी है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 397 Share संजय सिंह 24 Feb 2017 · 1 min read II.....मुश्किल है पर अच्छा है II टूटा दिल और टूटे सपने ,पहले ही सब दफन किएl कफन ओढ़ कर जिंदा रहना ,मुश्किल है पर अच्छा हैll आऊंगा कह कर जाना ,लिपट तिरंगे में फिर आना l... Hindi · कविता 316 Share संजय सिंह 23 Feb 2017 · 1 min read II सूखी रोटी और तरकारी में II सूखी रोटी और तरकारी में, बच्चों की किलकारी में, मिल जाएगी सारी खुशी, ना काम करो मक्कारी में ll पड़ोसी का भी हाल पूछ लो, मेला मंडी हॉट घूम लो,... Hindi · गीत 353 Share संजय सिंह 23 Feb 2017 · 1 min read II दर्द मुफलिसी का II ना कोई दोस्त अपना, न पहचान कोई l जिस पर बीते वह ही जाने ,दर्द मुफलिसी का ll मतलबी यह दुनिया, मतलब के सारे रिश्तेl कैसे कोई बांटे ,यहां दर्द... Hindi · शेर 423 Share संजय सिंह 23 Feb 2017 · 1 min read II तुम ही सुबह शाम हमारे II तुम ही सुबह शाम हमारे, सूरज चंदा तारे हो l सारी दुनिया से क्या मतलब, बस तुम ना मुझको रोकना ll एक दूजे का साथ है तो, यह जीवन रण... Hindi · कविता 483 Share संजय सिंह 22 Feb 2017 · 1 min read * बस कमाओ ना * मुस्कुराना ठीक है, पर दिल जलाओ ना l दिल में उतर कर कभी, दिल दुखाओ ना I चार दिन की जिंदगी, है मुझे मालूम "सलिल"l काम आओ देश के, बस... Hindi · मुक्तक 668 Share संजय सिंह 22 Feb 2017 · 1 min read भीड़ में तनहा भीड़ में तनहा कब ,पल्लवित और पुष्पित हो गयाl एक जर्रा इस कदर, फैला की दुनिया हो गया ll मन मेरा था मैला आंचल, जब आया तेरे हाथl गौर से... Hindi · कविता 348 Share संजय सिंह 22 Feb 2017 · 1 min read II सजा दिल लगाने की II साथ मेरे मिली उसको, सजा दिल लगाने की l मुझको पता उसने मुझसे, यह छुपाया होगा ll बात कर लेता हूं अपनी, मैं मेरी ग़ज़ल से l हाल क्या उसका... Hindi · शेर 299 Share संजय सिंह 22 Feb 2017 · 1 min read II राजनीति स्वच्छ कैसे होगी II राजनीति स्वच्छ कैसे होगी? हम चुनते हैं अपना प्रतिनिधि , बहुमत का शासन बहुता भ्रष्टों की, उन्हीं में से कोई आएगा चुना जाएगा, राजनीति स्वच्छ कैसे होगी? भ्रष्ट क्यों चुनेंगे... Hindi · कविता 437 Share संजय सिंह 21 Feb 2017 · 1 min read II टूट गया कुनबा ...II टूट गया कुनबा, सब कुर्सी के दीवाने हैंl सत्ता का नशा इतना, अपने भी बेगाने हैं ll ना लाज शर्म कोई , बेशर्म कहे फिर भीl जज्बात तुम्हारे अब ,... Hindi · कविता 276 Share संजय सिंह 21 Feb 2017 · 1 min read II दिमागों में गुरूर देखा है..... II दिमागों में गुरूर देखा है l सलीके में शुरूर देखा है ll भरी दौलत से जेबे हैं जिनकी l उधारी में हुजूर देखा है ll देखी कारों में भी बुझी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 555 Share संजय सिंह 20 Feb 2017 · 1 min read II मेरा फैसला II यूं तो मिलती मुझे ,दुनिया की नियामतें सारी l साथ तंगहाली का निभाना ,मेरा फैसला ही हैll बड़ा आसान है ,हवा के साथ में बहना l रुख हवाओं का मोणे,... Hindi · शेर 298 Share संजय सिंह 20 Feb 2017 · 1 min read फूल /गुल दो मुक्तक.... फूल ने फूल हमको बनाया हि था l गुलसिता में जो गुल मुस्कुराया हि था ll हाथ से पांव तक फूलने से लगे l देख माली ने डंडा... Hindi · मुक्तक 421 Share संजय सिंह 20 Feb 2017 · 1 min read II सृष्टि का चक्र II मुक्तक -- सृष्टि का चक्र है ऐसा कुछ ऐसे ही चलता है l किसी की जान लेकर ही किसी का पेट भरता है ll वो चाहे फूल पौधे हो या... Hindi · मुक्तक 520 Share Page 1 Next