Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Mar 2017 · 1 min read

II एक चितवन से…..II

एक चितवन से ए मन चपल हो गया l
बात कुछ तो रही जो विकल हो गया l
जाने क्या कह गई अधखुली सी पलक l
मैं लूटा और जहां मेरा सकल हो गया ll

एक चितवन……

मैं तो सागर सा था सब समेटे हुए l
कितने तूफान तन से लपेटे हुए l
एक तुम जो मिले मन ए अंबर हुआ l
मन की गांठें खुली मैं सफल हो गया lI

एक चितवन………

कैसा रिश्ता बना एक मुलाकात में l
बात क्या क्या हुई अनकही बात में l
दर्द जीवन क लेकर भि चलना पड़ा l
भूल जाना भि कौशल विफल हो गया ll

एक चितवन…….

जो भी अपना रहा वो पराया हुआ l
ना बचा यहां कुछ छुपाया हुआ l
अब तो सांसे भि तेरे इशारों पे हैं l
सारा जीवन हि जैसे नकल हो गया lI

एक चितवन……..

मन छूलूं हुनर मुझको मालूम नहीं l
सही क्या गलत मुझको मालूम नहीं l
मन की मर्जी थी जैसी मैं करता गया l
समझ अमृत चखा पर गरल हो गया lI

एक चितवन …..

संजय सिंह ‘सलिल’
प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश l

Language: Hindi
Tag: गीत
445 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जीवन
जीवन
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
हमारा चंद्रयान थ्री
हमारा चंद्रयान थ्री
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
सुनो पहाड़ की.....!!!! (भाग - ६)
सुनो पहाड़ की.....!!!! (भाग - ६)
Kanchan Khanna
बेशक ! बसंत आने की, खुशी मनाया जाए
बेशक ! बसंत आने की, खुशी मनाया जाए
Keshav kishor Kumar
चक्करवर्ती तूफ़ान को लेकर
चक्करवर्ती तूफ़ान को लेकर
*Author प्रणय प्रभात*
जब जब तेरा मजाक बनाया जाएगा।
जब जब तेरा मजाक बनाया जाएगा।
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
खूबसूरत चेहरे
खूबसूरत चेहरे
Prem Farrukhabadi
चौकड़िया छंद / ईसुरी छंद , विधान उदाहरण सहित , व छंद से सृजित विधाएं
चौकड़िया छंद / ईसुरी छंद , विधान उदाहरण सहित , व छंद से सृजित विधाएं
Subhash Singhai
यह दुनिया है जनाब
यह दुनिया है जनाब
Naushaba Suriya
कभी मायूस मत होना दोस्तों,
कभी मायूस मत होना दोस्तों,
Ranjeet kumar patre
23/133.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/133.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ख्वाब हो गए हैं वो दिन
ख्वाब हो गए हैं वो दिन
shabina. Naaz
నమో గణేశ
నమో గణేశ
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
" मुझमें फिर से बहार न आयेगी "
Aarti sirsat
प्रेरणा गीत (सूरज सा होना मुश्किल पर......)
प्रेरणा गीत (सूरज सा होना मुश्किल पर......)
अनिल कुमार निश्छल
हर हक़ीक़त को
हर हक़ीक़त को
Dr fauzia Naseem shad
बैरिस्टर ई. राघवेन्द्र राव
बैरिस्टर ई. राघवेन्द्र राव
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मुक्तक
मुक्तक
जगदीश शर्मा सहज
गूँगी गुड़िया ...
गूँगी गुड़िया ...
sushil sarna
खत पढ़कर तू अपने वतन का
खत पढ़कर तू अपने वतन का
gurudeenverma198
हम भी देखेंगे ज़माने में सितम कितना है ।
हम भी देखेंगे ज़माने में सितम कितना है ।
Phool gufran
मगरूर क्यों हैं
मगरूर क्यों हैं
Mamta Rani
"शब्दों का संसार"
Dr. Kishan tandon kranti
"घर की नीम बहुत याद आती है"
Ekta chitrangini
हम हैं कक्षा साथी
हम हैं कक्षा साथी
Dr MusafiR BaithA
गर लिखने का सलीका चाहिए।
गर लिखने का सलीका चाहिए।
Dr. ADITYA BHARTI
*वर्ष दो हजार इक्कीस (छोटी कहानी))*
*वर्ष दो हजार इक्कीस (छोटी कहानी))*
Ravi Prakash
रात भर इक चांद का साया रहा।
रात भर इक चांद का साया रहा।
Surinder blackpen
सर्द हवाएं
सर्द हवाएं
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
🌳😥प्रकृति की वेदना😥🌳
🌳😥प्रकृति की वेदना😥🌳
SPK Sachin Lodhi
Loading...