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20 Feb 2017 · 1 min read

II मेरा फैसला II

यूं तो मिलती मुझे ,दुनिया की नियामतें सारी l
साथ तंगहाली का निभाना ,मेरा फैसला ही हैll

बड़ा आसान है ,हवा के साथ में बहना l
रुख हवाओं का मोणे, मेरा हौसला ही है ll

मेरा साया भी मुझसे ,दूर जाने की फिकर में है l
खड़ा है साथ मेरे जो, तेरी वह वफा ही है ll

न दो मुझको दुआ ,यहां सो साल जीने की l
जहां नफरतें इतनी ,वहां जीना सजा ही हैll

इसी मिट्टी से बनते हैं ,फलक के चांद तारे भीl
पांव जमी पर बात ,आसमानों की हौसला ही हैll

संजय सिंह “सलिल”
प्रतापगढ़ उत्तर प्रदेश I

Language: Hindi
Tag: शेर
298 Views
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