आर.एस. 'प्रीतम' Tag: मुक्तक 47 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid आर.एस. 'प्रीतम' 2 Oct 2021 · 1 min read $दोही #दोही दोही एक मात्रिक छंद है। इसमें चार चरण होते हैं। इसके विषम चरणों(प्रथम एवं द्वितीय) में पंद्रह-पंद्रह मात्राएँ और सम चरणों(द्वितीय एवं चतुर्थ) में ग्यारह-ग्यारह मात्राएँ होती हैं।विषम चरणांत... Hindi · मुक्तक 1 4 491 Share आर.एस. 'प्रीतम' 5 Jun 2021 · 1 min read #रुबाइयाँ #रुबाइयाँ तरुवर सम जग माना जाए , हम पंछी कहलाएँगे। करें नीड़ निर्माण इसी पर , मीठे फल हम खाएँगे।। छाया साँसें देकर तरुवर , मंगल जीवन में लाएँँ। बिस्तर... Hindi · मुक्तक 1 2 264 Share आर.एस. 'प्रीतम' 20 May 2021 · 1 min read #रुबाइयाँ - सच्चा इंसान संभल जाए तूफ़ानों में , वो मामूली इंसान नहीं। साथ समय के चलता जाए , कहते उसको नादान नहीं।। ख़ुद से मोहब्बत है जितनी , उतनी औरों से करता जो।... Hindi · मुक्तक 1 2 374 Share आर.एस. 'प्रीतम' 17 May 2021 · 1 min read कविता - 'बरसात'/रुबाइयाँ ‘बरसात’/रुबाइयाँ रिमझिम-रिमझिम सावन बरसे, मौसम हुआ सुहाना है। शीतल महका पवन चले है, दिल करता दीवाना है। बादल गरजें बिजली चमके, धक-धक दिल में होती है; आओ भीगें इस मौसम... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · मुक्तक 2 10 387 Share आर.एस. 'प्रीतम' 13 May 2021 · 1 min read #रुबाइयाँ//सपने होंगे साकार सभी ???? नीर व्यर्थ मत कभी बहाना , यूँ मुश्क़िल हर पल होगा। डर अंतर से दूर करो तुम , कठिन विषय का हल होगा।। वक़्त बदलता है रूप नये ,... Hindi · मुक्तक 254 Share आर.एस. 'प्रीतम' 6 Oct 2020 · 1 min read #रुबाइयाँ//जय जवान , जय किसान #जय जवान , जय किसान देश जवान किसान हँसेगा , यह जीत हमारी होगी। दोनों का ही मान करें हम , यह ज़िम्मेदारी होगी। कष्टों का जीवन जीकर भी ,... Hindi · मुक्तक 1 486 Share आर.एस. 'प्रीतम' 5 Oct 2020 · 1 min read #रुबाइयाँ//बलात्कार-सज़ा-ए-मौत #बलात्कार-सज़ा-ए-मौत हृदय व्यथित होता है सुनके , अबला की चीत्कारों को। अस्मत मोती लूटा जाता , रौंद रोज़ संस्कारों को। दोषी छूटे देखे हमने , शोषित शोषित होते हैं; दया... Hindi · मुक्तक 2 234 Share आर.एस. 'प्रीतम' 15 Jul 2020 · 1 min read #रुबाइयाँ//ये जीवन समर लड़ोगे अगुआ होकर दिल से प्यारे , हर दिल से प्यार करोगे। मन के पुष्कर में सावन के , बादल तैयार करोगे।। बस्ती-बस्ती नाम तुम्हारा , अपनेपन से तब होगा; सच्चाई... Hindi · मुक्तक 4 4 512 Share आर.एस. 'प्रीतम' 5 Jun 2020 · 1 min read #रुबाइयाँ//प्रेम भरे नयनों से देखो प्रेम भरे नयनों से देखो , अंतर्मन खिल पाएगा। विष-भाव बदल प्रेम-सुधा में , सुरभित हृदय बनाएगा। कोमल भावों की रसधारा , रोम-रोम में दौड़ेगी; पीयूष-स्रोत अधरों का रस ,... Hindi · मुक्तक 2 2 598 Share आर.एस. 'प्रीतम' 25 May 2020 · 1 min read #रुबाइयाँ// तन्हाई #तन्हाई कविता मेरे साथ चले तो , जाती है हार तन्हाई। लोग बहाते हैं आँसू भी , करती है वार तन्हाई। भीड़ संग चलकर पाते हैं , कुछ ख़ुशियों की... Hindi · मुक्तक 2 400 Share आर.एस. 'प्रीतम' 22 May 2020 · 1 min read #रुबाइयाँ//संस्कारों से शबनम भी मोती-सी चमके , किरणों के व्यवहारों से। उद्यान यहाँ खिल जाते हैं , पाकर प्रेम बहारों से। अंदर की ताक़त पहचानों , मानव जीत तुम्हारी हो; मंज़िल पथ... Hindi · मुक्तक 1 2 318 Share आर.एस. 'प्रीतम' 19 May 2020 · 1 min read # रुबाइयाँ//तालाबंदी #रुबाइयाँ// तालाबंदी लाठीचार्ज़ कहीं स्प्रे मिलता , मौत कहीं मज़दूरों को। रोटी मंज़िल आराम नहीं , देख ज़रा तक़दीरों को। दर-दर की ठोकर खाते हैं , भूखे प्यासे थक सोते;... Hindi · मुक्तक 3 593 Share आर.एस. 'प्रीतम' 17 May 2020 · 1 min read # रुबाइयाँ//'प्रीतम' प्यार इशारों में तुमको चाहूँ प्यार करूँ मैं , तुम हो चाँद सितारों में। तेरा मेरा नाम जुड़ेगा , चाहत के अख़बारों में। प्यार ज़ुदा है प्यार हसीं है , प्यार इबादत है... Hindi · मुक्तक 5 4 347 Share आर.एस. 'प्रीतम' 30 Apr 2020 · 1 min read #रुबाई लोग चले जाते हैं , अंदाज़ नहीं मरते। जो दिल से निकले हों , अल्फाज़ नहीं मरते।। कर्मों का साँचा हो , गीत ग़ज़ल-सा 'प्रीतम', सुर में ढ़ल जाएँँ जो... Hindi · मुक्तक 4 487 Share आर.एस. 'प्रीतम' 23 Feb 2020 · 1 min read #रुबाइयाँ जिसको भी मानूँ मैं अपना , हो जाता वो बेगाना। दे जाता ज़ख्मों का हँसके , एक नया वो अफ़साना। उम्मीदों की चादर है छलनी , गिरगिट भी पानी-पानी। मानव... Hindi · मुक्तक 3 2 297 Share आर.एस. 'प्रीतम' 21 Feb 2020 · 1 min read #रुबाइयाँ//बेटा-बेटी दोनों प्यारे बेटी घर की लक्ष्मी होती , समझो सबको समझाओ। मान प्रतिष्ठा देकर रक्षा , साहस से हृदय सजाओ। बेटा-बेटी दोनों प्यारे , अंतर क्यों तुम करते हो? दोनों पूरक होते... Hindi · मुक्तक 4 402 Share आर.एस. 'प्रीतम' 17 Aug 2019 · 1 min read #रुबाइयाँ वो शाम सुहानी होती है , जिसकी प्यार कहानी होती है। गर सीप छिपाए मोती तो , उल्फ़त लिए निशानी होती है।। तुम दूर चली जाओगी तो , मार तन्हाई... Hindi · मुक्तक 2 488 Share आर.एस. 'प्रीतम' 27 May 2019 · 1 min read #रुबाइयाँ यूँ ही नहीं उतर जाता है ,कोई दिल-क़ाशाने में। एक हुनर तो होता ही , उसके भी अफ़साने में।। पैग़ाम हवाएँ लायी हैं , लिए सनम की परछाई; छेडें पलपल... Hindi · मुक्तक 492 Share आर.एस. 'प्रीतम' 18 May 2019 · 1 min read #रुबाई अर्ज़ किया है--? ख़्वाबों को ज़िंदा करने की , रंगत हासिल करनी है। उड़ना नहीं हवाओं में ही , ताक़त हासिल करनी है।। मंज़िल स्वयं चली आएगी , हँस दौड़ी... Hindi · मुक्तक 1 286 Share आर.एस. 'प्रीतम' 15 May 2019 · 1 min read #रुबाइयाँ आँखों में हसीं ख़्वाब उनके , लब पर ज़वाब रहने दो। न जगाओ सोने दो हमको , कर में गुलाब रहने दो।। मैं जैसा हूँ मस्ती में हूँ , यत्न... Hindi · मुक्तक 391 Share आर.एस. 'प्रीतम' 9 May 2019 · 1 min read #रुबाइयाँ मज़बूत करो ख़ुद को ख़ुद ही , आसान सफ़र फिर होगा। और भरोसे चलने से तो , गिरने का ही डर होगा। विश्वास बढ़ाओ तुम मन का , जीत तुम्हारी... Hindi · मुक्तक 239 Share आर.एस. 'प्रीतम' 6 May 2019 · 1 min read #रुबाइयाँ नेक इरादे हों जीवन में , सब आसान हो जाता है। वरना एक हवा का झोंका , भी तूफ़ान हो जाता है।। ख़ुद की उर्जा से सपने हों , पूरे... Hindi · मुक्तक 285 Share आर.एस. 'प्रीतम' 24 Mar 2018 · 1 min read #रुबाइयाँ सुन ए बादल दर्दे-दिल की , कहता आज कहानी रे। मेरी चाहत का बरसा दे , उनके आँगन पानी रे।। प्रिया हिज़्र में मुश्क़िल मेरा , हाय हुआ है जीना... Hindi · मुक्तक 470 Share आर.एस. 'प्रीतम' 20 Mar 2018 · 1 min read #रुबाइयाँ ख़ूब बढ़ेगी उम्र उसी की , जो सुंदर चीज़ निहारे। मन तनाव से दूर रहेगा , सुंदरता जिसे निखारे।। मोल नहीं है कौल सही है , कोई परहेज़ नहीं है;... Hindi · मुक्तक 282 Share आर.एस. 'प्रीतम' 19 Mar 2018 · 1 min read #रुबाइयाँ प्रेम समाया हो जिस मन में , उसकी कभी नहीं हो हार। जो बादल जल बरसाएगा , करते सब उसकी जयकार।। थके पथिक की हार उतारे , बनता साँसों का... Hindi · मुक्तक 504 Share आर.एस. 'प्रीतम' 18 Mar 2018 · 1 min read #रुबाइयाँ छोटी-छोटी बातों पर जो , नाराज़ नहीं होते हैं। वो मानव हरपल यारो , ख़ुशियाँ ही संजोते हैं।। चैन गवाँँकर जीवन जीना , पलपल मरना होता है; नादान कहूँगा मैं... Hindi · मुक्तक 384 Share आर.एस. 'प्रीतम' 16 Mar 2018 · 1 min read #रुबाइयाँ देशभक्ति का भाव लिए चल , रिश्ते-नातों की पहचान। मानवता के गीत लिए चल , संस्कारों की अंतर आन।। आनंदित जीवन उसका हो , सबसे मिलके जो मंजीत; गंगा यमुना... Hindi · मुक्तक 244 Share आर.एस. 'प्रीतम' 4 Mar 2018 · 1 min read #रुबाइयाँ जब से जानांं तूने मुझसे , हृदय लगाना छोड़ दिया। मैंने भी तब से मायूसी को , गले लगाना छोड़ दिया।। एक वक़्त था हमें देखके , भुला दिया करते... Hindi · मुक्तक 258 Share आर.एस. 'प्रीतम' 1 Mar 2018 · 1 min read #रुबाइयाँ हँसके डोलो प्रेम जताओ , गले लगो रंग लगाओ। झूमो गाओ मस्ती लाओ , दिल से हर भेद भुलाओ।। रंगोली-सा तन-मन करके , इंद्रधनुष सम खिल खिलके; कहती होली मीठी... Hindi · मुक्तक 285 Share आर.एस. 'प्रीतम' 18 Feb 2018 · 1 min read #रुबाइयाँ बने प्रेरणा बीता कल गर , आनेवाला अवसर हो। हारी बाजी जीत गये तो , समय भाल पर उत्तर हो।। छोड़ निराशा फिर कोशिश कर , गिरके चलना सब सीखेंं;... Hindi · मुक्तक 1 2 270 Share आर.एस. 'प्रीतम' 17 Feb 2018 · 1 min read #रुबाइयाँ नदियाँ सागर प्यार सिखाएँ , अभिनव व्यवहार सिखाएँ। दूर नहीं हैं इक दूजे से , अलग लगें पर मिल पाएँ।। नदियाँ जल से सागर बनता , सागर जल बनता बादल;... Hindi · मुक्तक 229 Share आर.एस. 'प्रीतम' 16 Feb 2018 · 1 min read #रुबाइयाँ संग प्रिया चहुँ ओर उजाला , मद वचनों का है प्याला। दुख-सुख से हम अनजान हुये , लिए हृदय चाहत ज्वाला।। भार जगत् का भूल गये हैं , प्रेम-सोम-रस पीते... Hindi · मुक्तक 508 Share आर.एस. 'प्रीतम' 15 Feb 2018 · 1 min read #रुबाइयाँ उपवन से नित फूल तोड़कर , ज़ुल्फ़ों में तो सजा लीजिए। बेताब मिलन को हुये सनम , मुलाकात का मज़ा लीजिए।। चार दिनों का यौवन अपना , दूर नज़र से... Hindi · मुक्तक 268 Share आर.एस. 'प्रीतम' 14 Feb 2018 · 1 min read #रुबाइयाँ दृष्टिकोण जैसा होता है , वैसे मंज़र दिखते हैं। लेखक को कलम दिखाई दे , रिपु को खंज़र दिखते हैं।। अपनी रुचि की बातें करते , रुचि-रुचि सम मिल जाती... Hindi · मुक्तक 283 Share आर.एस. 'प्रीतम' 11 Feb 2018 · 1 min read #रुबाइयाँ व्यर्थ कोशिशें करते हो सब , हमको तुम रीझाने की। चाह नहीं है अभी हमारी , दिल से दिल टकराने की।। सीधे-सादे बंदे हैं हम , इश्के-आलम क्या समझें; काम... Hindi · मुक्तक 421 Share आर.एस. 'प्रीतम' 29 Jan 2018 · 1 min read #रुबाइयाँ तृप्त हृदय जो करता मेरा , काव्य-शौक़ है नज़राना। दूर तन्हाई कर देता है , लिखने बैठूँ अफ़साना।। डूबा भावों के सागर में , खोज़ूँ शब्दों के मोती; हार बनाकर... Hindi · मुक्तक 1 543 Share आर.एस. 'प्रीतम' 28 Jan 2018 · 1 min read #रुबाइयाँ नमस्कार है आप सभी को , सुनना आज सुनाऊँगा। भाव अगर भा जाए मेरे , ताली सबकी चाहूँगा।। प्रीतिभोज इक साथ किया तो , स्वाद प्रेम का पाया है; स्वाद... Hindi · मुक्तक 324 Share आर.एस. 'प्रीतम' 27 Jan 2018 · 1 min read #रुबाइयाँ अभिनंदन हम करें आपका , आए आप बहारों-से। दसों दिशाएँ महक उठी हैं , खिले हृदय गुलज़ारों-से।। अतिथि देव तुल्य हमें भाएँ , नमन हमारा स्वीकारो; मंच विराजो शोभित हो... Hindi · मुक्तक 1 318 Share आर.एस. 'प्रीतम' 6 Jan 2018 · 1 min read #रुबाइयाँ प्यार तुम्हारा कैसे भूलें , रूह छिपाए हर मंज़र। बिना तुम्हारे दिल की धरती , लगती हमको है बंजर।। बिन पानी के सागर सूना , बिन ख़ुशबू फूल अधूरा; बिन... Hindi · मुक्तक 380 Share आर.एस. 'प्रीतम' 11 Dec 2017 · 1 min read #रुबाइयाँ #रुबाइयाँ ज़श्न कामयाबी का यारों , अफ़साने-इंतज़ार होता है। सही वक़्त पर तरुवर जैसे , निज फल हेतु तैयार होता है।। बेचैनी से बचकर रहना , ध्यान कर्म पर तुम... Hindi · मुक्तक 230 Share आर.एस. 'प्रीतम' 2 Oct 2017 · 1 min read #रुबाइयाँ झूठ बोलने वाले सुनलो , सच की क़ीमत क्या होती। झूठ हमेशा याद रखोगे , भूलो चाहे सच मोती।। स्मरण-शक्ति जो कमजोर हुयी , झूठ पकड़ में आएगी; पोल खुली... Hindi · मुक्तक 331 Share आर.एस. 'प्रीतम' 1 Oct 2017 · 1 min read #रुबाई #रुबाई इच्छाओं के वश में होकर , अब हँसना भूल गये हैं। चलते तो हैं लोग यहाँ पर , पर मिलना भूल गये हैं।। ख़ुशी नहीं पर ख़ुशी देखकर ,... Hindi · मुक्तक 714 Share आर.एस. 'प्रीतम' 29 Sep 2017 · 1 min read #रुबाइयाँ पुतला हर वर्ष जलाते हो , मन का रावण मरा नहीं। हुयी व्यर्थ धन की बरबादी , दशहरा हुआ हरा नहीं।। विष की बैलें फूल रही हैं , गर्द हृदय... Hindi · मुक्तक 1 489 Share आर.एस. 'प्रीतम' 29 Sep 2017 · 1 min read #रुबाइयाँ #रुबाइयाँ जिसने अत्याचार सहा है , ख़ून जिग़र खोला होगा। लाचारी ने मौन किया है , दिल उसका बोला होगा।। दिल की चीखें सुनकर रब भी , न्याय हमेशा किया... Hindi · मुक्तक 613 Share आर.एस. 'प्रीतम' 22 Sep 2017 · 1 min read #रुबाइयाँ #रुबाइयाँ जीवन में आराम नहीं है , फिर भी सबको प्यारा है। संघर्ष किया जिसनें जितना , उतना इसे निखारा है।। क़दम-क़दम पर मिले चुनौती , कठिन लगे पर हल... Hindi · मुक्तक 484 Share आर.एस. 'प्रीतम' 10 Sep 2017 · 1 min read #रुबाई #रुबाई निश्छल मनहर मंज़र मुझको , हँसके यहाँ लुभाने आये। दिल की चौखट पर चाहत का , सास्वत दीप जलाने आये।। घायल मन जब तड़फ रहा था , नींद उड़ी... Hindi · मुक्तक 1 723 Share आर.एस. 'प्रीतम' 10 Sep 2017 · 1 min read #रुबाइयाँ #रुबाइयाँ धीरे-धीरे चुपके-चुपके , यार निकल मैं सोया हूँ। कल के मीठे से सपनों में , अभी-अभी मैं खोया हूँ।। तेरी पायल खनक न जाए , साँस कभी शोर मचाएँ;... Hindi · मुक्तक 299 Share