Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 May 2020 · 1 min read

#रुबाइयाँ// तन्हाई

#तन्हाई

कविता मेरे साथ चले तो , जाती है हार तन्हाई।
लोग बहाते हैं आँसू भी , करती है वार तन्हाई।
भीड़ संग चलकर पाते हैं , कुछ ख़ुशियों की सौग़ातेंं;
मैं कवि हूँ मेरी तो है , यह सच्ची यार तन्हाई।

औरों को तो रंक बनाती , पर राजा मुझे तन्हाई।
मुस्क़ान मौन भर सृजन करूँ , बजती मन में शहनाई।
अंतर में भावों के झरने , कर कलकल ध्वनि बहते हैं;
तान यही कविता की बनते , करने क्षण-क्षण सुखदाई।

(C)आर.एस.’प्रीतम’

Language: Hindi
2 Comments · 333 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from आर.एस. 'प्रीतम'
View all
You may also like:
जिंदगी भर ख्वाहिशों का बोझ तमाम रहा,
जिंदगी भर ख्वाहिशों का बोझ तमाम रहा,
manjula chauhan
कहीं दूर चले आए हैं घर से
कहीं दूर चले आए हैं घर से
पूर्वार्थ
गरीबी की उन दिनों में ,
गरीबी की उन दिनों में ,
Yogendra Chaturwedi
अवधी गीत
अवधी गीत
प्रीतम श्रावस्तवी
हे ! भाग्य विधाता ,जग के रखवारे ।
हे ! भाग्य विधाता ,जग के रखवारे ।
Buddha Prakash
हुई स्वतंत्र सोने की चिड़िया चहकी डाली -डाली।
हुई स्वतंत्र सोने की चिड़िया चहकी डाली -डाली।
Neelam Sharma
ना जाने क्यों तुम,
ना जाने क्यों तुम,
Dr. Man Mohan Krishna
सावन सूखा
सावन सूखा
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
नफरतों से अब रिफाक़त पे असर पड़ता है। दिल में शक हो तो मुहब्बत पे असर पड़ता है। ❤️ खुशू खुज़ू से अमल कोई भी करो साहिब। नेकियों से तो इ़बादत पे असर पड़ता है।
नफरतों से अब रिफाक़त पे असर पड़ता है। दिल में शक हो तो मुहब्बत पे असर पड़ता है। ❤️ खुशू खुज़ू से अमल कोई भी करो साहिब। नेकियों से तो इ़बादत पे असर पड़ता है।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
आज फिर जिंदगी की किताब खोली
आज फिर जिंदगी की किताब खोली
rajeev ranjan
अपने साथ तो सब अपना है
अपने साथ तो सब अपना है
Dheerja Sharma
ਸੰਵਿਧਾਨ ਦੀ ਆਤਮਾ
ਸੰਵਿਧਾਨ ਦੀ ਆਤਮਾ
विनोद सिल्ला
आफत की बारिश
आफत की बारिश
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
चंद्रयान 3
चंद्रयान 3
बिमल तिवारी “आत्मबोध”
शून्य से अनन्त
शून्य से अनन्त
The_dk_poetry
गंणपति
गंणपति
Anil chobisa
पहले एक बात कही जाती थी
पहले एक बात कही जाती थी
DrLakshman Jha Parimal
अचानक जब कभी मुझको हाँ तेरी याद आती है
अचानक जब कभी मुझको हाँ तेरी याद आती है
Johnny Ahmed 'क़ैस'
शीर्षक - खामोशी
शीर्षक - खामोशी
Neeraj Agarwal
जब कभी प्यार  की वकालत होगी
जब कभी प्यार की वकालत होगी
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
2293.पूर्णिका
2293.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
सावन के पर्व-त्योहार
सावन के पर्व-त्योहार
लक्ष्मी सिंह
"आकांक्षा" हिन्दी ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
Laghukatha :-Kindness
Laghukatha :-Kindness
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
जीवन की सच्चाई
जीवन की सच्चाई
Sidhartha Mishra
सावन मंजूषा
सावन मंजूषा
Arti Bhadauria
*जो कुछ तुमने दिया प्रभो, सौ-सौ आभार तुम्हारा(भक्ति-गीत)*
*जो कुछ तुमने दिया प्रभो, सौ-सौ आभार तुम्हारा(भक्ति-गीत)*
Ravi Prakash
■ उसकी रज़ा, अपना मज़ा।।
■ उसकी रज़ा, अपना मज़ा।।
*Author प्रणय प्रभात*
हम जो कहेंगे-सच कहेंगे
हम जो कहेंगे-सच कहेंगे
Shekhar Chandra Mitra
सारी उमर तराशा,पाला,पोसा जिसको..
सारी उमर तराशा,पाला,पोसा जिसको..
Shweta Soni
Loading...