डाॅ. बिपिन पाण्डेय Language: Hindi 351 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid डाॅ. बिपिन पाण्डेय 14 Apr 2024 · 1 min read ग़ज़ल कुछ लोगों में सुलह हुई। कैसे कह दें सुबह हुई।।1 नेताओं के झगड़े में, जनता केवल जिबह हुई।2 रोटी कपड़े की ख़ातिर, रामू के घर कलह हुई।3 माँ- बापू की... Hindi · ग़ज़ल 27 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 3 Apr 2024 · 7 min read समीक्षा ,कर्त्तव्य-बोध (कहानी संग्रह) समीक्ष्य कृति: कर्त्तव्य-बोध ( कहानी संग्रह) लेखक: चितरंजन भारती प्रकाशक: सृजनलोक प्रकाशन, नई दिल्ली-62 प्रकाशन वर्ष: 2023 मूल्य: ₹200/ पेपरबैक कर्त्तव्य-बोध: संवेदनाओं को जाग्रत करती कहानियाँ सुप्रतिष्ठित साहित्यकार चितरंजन भारती... Hindi · पुस्तक समीक्षा 32 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 31 Mar 2024 · 8 min read पूर्वोत्तर का दर्द ( कहानी संग्रह) समीक्षा समीक्ष्य कृति: पूर्वोत्तर का दर्द ( कहानी संग्रह) लेखक : चितरंजन लाल भारती प्रकाशक: यशराज पब्लिकेशन, पटना-04 मूल्य: ₹ 400/ सजिल्द पूर्वोत्तर का दर्द: कथ्य का नया आस्वाद आज़ादी के... Hindi · पुस्तक समीक्षा 27 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 29 Mar 2024 · 1 min read दोहे बदल गया है आजकल, कविता का किरदार। वह बस करती मंच पर,शब्दों का व्यापार।।1 होता जिसके पास में, पैसा और रसूख। समझ नहीं पाता कभी,वह निर्धन की भूख।।2 धर्म ग्रंथ... Hindi · दोहा 39 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 28 Mar 2024 · 10 min read बड़ी कथाएँ ( लघुकथा संग्रह) समीक्षा समीक्ष्य कृति: बड़ी कथाएँ ( लघुकथा संग्रह) लेखक: डाॅ बलराम अग्रवाल प्रकाशक: विजय गोयल, इंग्लिश-हिंदी पब्लिशर, दिल्ली-32 संस्करण: प्रथम, फरवरी ,2024 मूल्य: ₹ 150/- (पेपरबैक) बड़ी कथाएँ : अभिव्यंजना में... Hindi · पुस्तक समीक्षा 26 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 26 Mar 2024 · 14 min read समीक्षा- रास्ता बनकर रहा (ग़ज़ल संग्रह) समीक्ष्य कृति- रास्ता बनकर रहा ( ग़ज़ल संग्रह) ग़ज़लकार- राहुल शिवाय प्रकाशक- श्वेतवर्णा प्रकाशन, नई दिल्ली संस्करण - प्रथम ( 2024) मूल्य -249 (पेपरबैक) रास्ता बनकर रहा: एक जनवादी ग़ज़ल... Hindi · पुस्तक समीक्षा 25 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 23 Mar 2024 · 8 min read सारंग-कुंडलियाँ की समीक्षा समीक्ष्य कृति -सारंग कुंडलियाँ कवि- प्रदीप सारंग प्रकाशक- अवध भारती प्रकाशन,बाराबंकी ,उ प्र प्रथम संस्करण -2022 ( पेपरबैक) सारंग - कुंडलियाँ: 'क्षेत्रीय बोली में राष्ट्रीयता का उद्घोष' अवधी भाषा के... Hindi · पुस्तक समीक्षा 54 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 8 Mar 2024 · 10 min read स्वदेशी कुंडल ( राय देवीप्रसाद 'पूर्ण' ) कुंडलिया छंद देशी प्यारे भाइयो। हे भारत-संतान ! अपनी माता-भूमि का है कुछ तुमको ध्यान ? है कुछ तुमको ध्यान! दशा है उसकी कैसी ? शोभा देती नहीं किसी को... Hindi · कुण्डलिया 1 71 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 7 Mar 2024 · 3 min read ध्रुवदास जी के कुंडलिया छंद भजन कुंडलिया हंस सुता तट बिहरिबौ, करि वृंदाबन बास। कुंज-केलि मृदु मधुर रस, प्रेम विलास उपास।। प्रेम-विलास उपास, रहे इक-रस मन माही। तिहि सुख को सुख कहा कहौं, मेरी मति... Hindi · कुण्डलिया 1 45 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 3 Mar 2024 · 1 min read गीत अभी तक ज़िंदा है (गीत ) गीत की शाश्वत स्थिति पर एक गीत-* -------------------------------------------- गीत अभी तक ज़िंदा है कैसे अलग करोगे बोलो साँसों का बाशिंदा है, सतयुग त्रेता द्वापर बीते गीत अभी तक ज़िंदा है।... Hindi · गीत 1 48 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 9 Feb 2024 · 5 min read पाखी खोले पंख : व्यापक फलक की प्रस्तुति पाखी खोले पंख : व्यापक फलक की प्रस्तुति प्रगतिशील प्रकाशन, नई दिल्ली से 2017 में प्रकाशित श्रीधर प्रसाद द्विवेदी की पुस्तक 'पाखी खोले पंख 'जो एक दोहा सतसई है को... Hindi · पुस्तक समीक्षा 60 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 5 Feb 2024 · 1 min read दोहे दोहे लोभी ढोंगी लालची,झूठे चोर लबार। बन बैठे जनतंत्र के ,सारे पहरेदार।।1 सूरज कहता मैं हरूँ,धरती का अँधियार। मुझको नहीं पसंद है,जुगनू का किरदार।। 2 गाँवों में खंभे गड़े ,खिंचे... Hindi · दोहा 56 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 29 Jan 2024 · 1 min read कुंडलिया कुंडलिया छंद सत्ता पर कब्जा करें ,जोड़-तोड़ में दक्ष। क्या होगा जनतंत्र का ,है यह प्रश्न समक्ष।। है यह प्रश्न समक्ष ,सोचते सब मतदाता। देकर जिनको वोट,बनाया भाग्य विधाता। नीति... Hindi · कुण्डलिया 1 2 45 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 24 Jan 2024 · 1 min read ग़ज़ल बड़े जब रहबरी से दूर होते हैं। तभी बच्चे यहाँ मगरूर होते हैं।।1 बनाते हैं कठिन हालात में रिश्ते, मगर लम्हों में'चकनाचूर होते हैं।।2 चलाते हैं सभी अब पीठ पर... Hindi · ग़ज़ल 83 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 22 Jan 2024 · 1 min read मनहरण घनाक्षरी कलकल छल-छल,बह रहा वेग साथ, निर्मल पवित्र अति ,सरयू का नीर है। हरे- भरे तरु दिखें ,भ्रमर पराग पिएँ, नृत्य करें केकी झूम,गाए पिक, कीर है। सजी-धजी खड़ी आज,करके सिंगार... Hindi · घनाक्षरी 1 1 86 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 22 Jan 2024 · 1 min read कुंडलिया छंद अपना हो या गैर हो ,माँगें सबकी खैर। पड़ते नहीं ज़मीन पर,अब भक्तों के पैर। अब भक्तों के पैर ,अयोध्या ओर मुड़े हैं। जाति-धर्म को छोड़,राम के भक्त जुड़े हैं।... Hindi · कुण्डलिया 1 1 95 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 20 Jan 2024 · 1 min read कुंडलिया छंद करिए जीवन में सदा, राम नाम का जाप । लोक-वेद मत है यही, मिटें सभी त्रय ताप । मिटें सभी त्रय ताप, डालतीं खुशियाँ डेरा।. आए मंगल भोर, छँटे घनघोर... Hindi · कुण्डलिया 1 1 77 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 19 Jan 2024 · 1 min read सोरठा छंद (सरस्वती वंदना ) माता तुझे प्रणाम,विद्या बुद्धि प्रदायिनी। आऊँ जग के काम,दो मुझको वरदान यह।।1 है कंठ स्फटिक माल,वीणा पुस्तक कर गहे, बैठी मंजु मराल,शुभ्र साटिका बदन पर।।2 करो समन्वित... Hindi · सोरठा छंद 1 1 75 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 15 Jan 2024 · 1 min read प्रमाणिका छंद उरी के शहीदों को समर्पित - ------------------- प्रमाणिका छंद ।ऽ। ,ऽ ।ऽ, ।ऽ जगण,रगण,लघु और गुरु रहा कराह देश है, न शर्म बंधु लेश है। रहे सभी मना यही,सने न... Hindi · कविता 1 69 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 15 Jan 2024 · 1 min read महालक्ष्मी छंद आधृत मुक्तक विधान- ऽ।ऽ,ऽ।ऽ,ऽ।ऽ ( रगण×3) कामना प्राप्ति की दूर हो । साथ तेरा मुझे नूर हो। लोग बातें बनाते रहें, आँख में प्यार ही पूर हो।।1 नाव डूबे नहीं धार में।... Hindi · मुक्तक 1 113 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 12 Jan 2024 · 1 min read कुंडलिया छंद सर्दी ने इस बार तो,धरा रूप विकराल। कहते हैं ये बात सब ,जाड़े में हर साल। जाड़े में हर साल,बात दे यही सुनाई। पहनो कपड़े गर्म ,ओढ़कर रहो रजाई। करे... Hindi · कुण्डलिया 2 83 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 12 Jan 2024 · 1 min read गीत-2 ( स्वामी विवेकानंद) चाह यदि जीवन में उत्कर्ष। निरंतर करना है संघर्ष।। मिलेगी फिर निश्चय ही जीत, बनेगी सारी दुनिया मीत। राह में बाधक रहा विमर्ष, निरंतर करना है संघर्ष।। स्वयं को मत... Hindi · गीत 2 78 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 11 Jan 2024 · 1 min read गीतिका काव्य को अनुभूति का अध्याय लिखते रह गए। हर दुखी की पीर का व्यवसाय लिखते रह गए।। लोग आए निर्धनों की फूंक डाली झोपड़ी, और हम बैठे विवश बस न्याय... Hindi · गीतिका 1 60 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 5 Jan 2024 · 1 min read शुभमाल छंद जगण+जगण 121,121 भजो प्रभु नाम। सदा सुख धाम। धरो मन धीर। हरें हर पीर।।1 करो प्रभु जाप। मिटे भव ताप। बने मन फूल। मिटे हर शूल।। 2 प्रदूषण रोक। हरो... Hindi · छंद 1 77 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 2 Jan 2024 · 1 min read ग़ज़ल पर्दाफाश करूँ मैं कैसे ,किस्सा बड़ा अजीब है। लाड जताती कभी ज़िंदगी,लगती कभी रकीब है।। सुबह-शाम माँ जिसका माथा,चूम रही है प्यार से, सच मानो वह इस दुनिया में,गोया नहीं... Hindi · ग़ज़ल 1 76 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 31 Dec 2023 · 1 min read मुक्तक Happy new year 2024 नहीं सताए दुख का आतप ,सुख की खिले जुन्हाई। खुशियाँ हर-पल रहें खेलती, जीवन की अँगनाई। मिले सफलता जीवन पथ पर,चमके भाग्य सितारा, नया वर्ष हो... Hindi · मुक्तक 121 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 27 Dec 2023 · 1 min read अखबारी दानवीर "यार, जाड़ा निकला जा रहा है और बारिश नहीं हो रही।" "ऐसा क्यों बोल रहे हो? तुमको कौन गेहूँ की फसल की सिंचाई की चिंता है? जाड़ा बढ़ जाएगा तो... Hindi · लघु कथा 51 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 25 Dec 2023 · 1 min read मुक्तक मुक्तक हे राजनीति के शिखर पुरुष,तुमको मेरा वंदन है। गौरव गाथा तेरी गाकर ,देश कर रहा क्रंदन है। बाट जोहती भारत माता,आ जाओ फिर से प्यारे, हे अटल तुम्हारे जैसों... Hindi · मुक्तक 97 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 23 Dec 2023 · 1 min read सीता छंद आधृत मुक्तक विधान -ऽ।ऽऽ,ऽ।ऽऽ,ऽ।ऽऽ,ऽ।ऽ पाणि वीणा शारदे दो ज्ञान सारा छंद का। लेखनी में धार दो माँ भाव हो आनंद का। मंत्र दो साकार हो माँ कामनाएँ जीत की, सत्यगामी मैं बनूँ... Hindi · मुक्तक 1 106 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 22 Dec 2023 · 1 min read गीतिका ताटंक छंद आधृत गीतिका आधार छंद -ताटंक (16-14पर यति,अंत में मगण अनिवार्य ) जहाँ जिस समय जो होना है, वह होता ही होता है। जान रहा ये मनुज बावला,फिर क्यों... Hindi · गीतिका 67 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 20 Dec 2023 · 1 min read मुक्तक दोधक छंद आधृत मुक्तक( मापनी युक्त वर्णिक ) ऽ।।,ऽ।।,ऽ।।,ऽऽ माँ मुझको तव प्यार मिला है। जीवन का उपहार मिला है। सुंदर छंद विधान सिखाया, मातु मुझे नव सार मिला है।।1... Hindi · मुक्तक 102 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 19 Dec 2023 · 1 min read स्वामी विवेकानंद ( कुंडलिया छंद) तन पर शोभित था सदा,जिनके भगवा रंग। उनकी वाणी सुन सभी ,हो जाते थे दंग। हो जाते थे दंग , देख कर धर्म पताका। समझाया वेदांत , बने वे पुरुष... Hindi · कुण्डलिया 134 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 16 Dec 2023 · 1 min read कुंडलिया छंद अपना भारत देश है,दुनिया में सिरमौर। बात न मानो और की,देखो करके गौर। देखो करके गौर,लोग हैं गजब निराले। दे देते हैं जान ,बने माँ के रखवाले। मिलकर सारे देव... Hindi · कुण्डलिया 101 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 12 Dec 2023 · 1 min read दोहे कुहरा ओढ़े आ गई,फिर सर्दी इस साल। ठिठके राही देखकर,बहुत बुरा है हाल।।1 -- आँखों से मिल कह रही,उड़ राहों धूल। तुम्हें कष्ट दूँगी नहीं,कर लो प्यार कबूल।।2 डाॅ. बिपिन... Hindi · दोहा 1 102 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 5 Dec 2023 · 1 min read गीतिका नटवर नागर पुनः सुना दो,मीठी मुरली तान। अधरों पर फिर लगे तैरने,प्यारी सी मुस्कान।।1 जीवन समर जीतना मुश्किल,चिंतित दिखता पार्थ, एक बार प्रभु बनो सारथी, दे दो गीता ज्ञान। 2... Hindi · गीतिका 1 1 145 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 4 Dec 2023 · 1 min read गीतिका मोम-सा पिघला गए। छू बदन शरमा गए।1 हो गया जीवन हरा, जब जलद से छा गए।2 बात कर वे रूप की, गीत प्यारा गा गए।3 बन भ्रमर मधु को चखा,... Hindi · गीतिका 1 1 97 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 2 Dec 2023 · 1 min read गीतिका व्यक्त करें आभार,ज़िंदगी में। मिले जीत या हार,ज़िंदगी में।। थोड़ी रखना लाज,ज़माने से, जब हों आँखें चार,जिंदगी में। करो कमाई खूब,बनाना मत, रिश्तों को व्यापार,ज़िंदगी में। ऊँच नीच को भूल,साथ... Hindi · गीतिका 1 1 120 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 1 Dec 2023 · 1 min read गीतिका (बता तो दे!) उमड़ा दिल में प्यार,बता तो दे। छोड़ दिया घर द्वार,बता तो दे।।1 सुंदर है रँग- रूप ,सुहानी है, कैसा है व्यवहार ,बता तो दे।।2 पहन जीन टी- शर्ट,घूमती है, छोड़... Hindi · गीतिका 2 1 121 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 30 Nov 2023 · 1 min read सरस्वती वंदना-6 गीतिका मिला उसे वरदान,शरण जो माँ की आया। दूर हुआ अज्ञान,तमस की कलुषित छाया।।1 करे साधना सतत,शब्द यति लय छंदों की, बनता रचनाकार,गीत यदि माँ का गाया।2 त्याग अहम का... Hindi · गीतिका 1 1 208 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 30 Nov 2023 · 1 min read सरस्वती वंदना-5 गीतिका उर अंजुलि में भाव लिए मैं,आया तेरे द्वार। चरणों में अर्पित हैं माता,करो इन्हें स्वीकार।1 अनगढ़ भावों की कविता कब,पाती जग में मान, करो परिष्कृत भावों को माँ,खिले काव्य... Hindi · गीतिका 153 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 29 Nov 2023 · 1 min read सरस्वती वंदना-4 गीतिका हंसवाहिनी के चरणों में,जो भी शीश झुकायेगा। भक्ति भाव श्रद्धा से वह ही,कृपा मातु की पायेगा।।1 भाव प्रवाहित कल कल छल छल,माँ ही उर में करती हैं, बिना मातु... Hindi · गीतिका 153 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 28 Nov 2023 · 1 min read सरस्वती वंदना-3 गीतिका- लिखता रहूँ नित काव्य नूतन प्यार दे माँ शारदे। मम लेखनी को भाव का उपहार दे माँ शारदे।।1 भावुक नहीं संवेदना से संबंध भी अपना नहीं, पर काव्य लेखन... Hindi · गीतिका 2 2 159 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 26 Nov 2023 · 1 min read सरस्वती वंदना-2 गीतिका वीणा धारिणि मातु शारदा , बैठ हंस पर आना। नव लेखन में हूँ प्रयास रत,मुझको जरा सिखाना।। यति गति ताल छंद से मेरा,परिचय मातु कराओ, लिखूँ गीतिका माता मैं... Hindi · गीतिका 125 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 25 Nov 2023 · 1 min read सरस्वती वंदना-1 गीतिका आपका नेह मुझको सदा माँ मिले, सोचकर भाव यों गुनगुनाता रहूँ। मैं हमेशा रहूँ आपकी ही शरण, शीश चरणों में'मैं तो झुकाता रहूँ। हाथ तेरा हमेशा रहे शीश पर,... Hindi · गीतिका 1 139 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 25 Nov 2023 · 1 min read दोहा व्यक्त करे निज काव्य में,कवि अद्भुत प्रस्ताव । जैसी जिसकी सोच है,वैसा उसका भाव।।1।। -- रामचरितमानस मिला,जग को अद्भुत ग्रंथ । जिसमें जीवन सार है,और सीख सद्पंथ।।2।। डाॅ. बिपिन पाण्डेय Hindi · दोहा 1 101 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 24 Nov 2023 · 1 min read कुंडलिया छंद सारे रखना चाहते, अपनी ऊँची नाक। तार-तार इंसानियत ,बात यही बेबाक।। बात यही बेबाक,शुरू जब हुई लड़ाई। खुशियाँ चढ़तीं भेंट,नहीं होती भरपाई। होती सबकी हानि ,मरे या कोई मारे। कहता... Hindi · कुण्डलिया 1 137 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 19 Nov 2023 · 1 min read कहमुकरी चाय साथ में उसके पीना। उसकी बातें सुनकर जीना। वह है जीवन का श्रृंगार। क्या सखी साजन? नहिं अखबार।।1 रूप-रंग है उसका न्यारा। वह लगता है मुझको प्यारा। दिखता जैसे... Hindi · कहमुकरी 72 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 17 Nov 2023 · 1 min read शुक्र है भगवान का शुक्र है भगवान का "अरे! वर्मा जी, कहाँ जा रहे है? कहीं घूमने जा रहे हैं क्या?" "हाँ, ऐसा ही समझ लीजिए, भाई साहब!" "मतलब आप जा तो रहे हैं... Hindi · लघु कथा 101 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 17 Nov 2023 · 1 min read दोहे शहंशाह जग में वही,जिसकी चले दुकान। बाकी सारे चोर हैं , कहते ये नादान।।1 नभ में उड़ने की नहीं,अपनी कोई चाह। बस इतनी है लालसा,दिल में मिले पनाह।।2 प्रभु से... Hindi · दोहा 150 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 15 Nov 2023 · 1 min read दोहे पाठक की हर टिप्पणी ,होती बेहद खास। खूबी कमियों का सदा,करवाती अहसास।।1 तेल जले बाती जले,कुछ भी बचे न पास। दीप सतत तम से लड़े,लिए जीत की आस।।2 विचलित जो... Hindi · दोहा 2 158 Share Page 1 Next