Akib Javed Tag: ग़ज़ल/गीतिका 72 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Akib Javed 24 Dec 2021 · 1 min read ग़ज़ल आकिब जावेद- आईने पे धूल भारी हो गई है तेरी ख़ुमारी मुझपे भारी हो गई है। उम्र की मुझपे यूं उधारी हो गई है।। मुद्दतों से खुद को ही देखा नही आईने पे धूल भारी हो गई है।। चाहकर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 251 Share Akib Javed 4 Nov 2021 · 1 min read ग़रीबो की मिलके सभी ले दुआएँ गरीबों को कपड़े मिठाई दिलाएँ, दिवाली मनाएं खुशियाँ लुटाएँ। सभी अपने -अपने घरों को सजाएँ, जमी हुई रौशन जहाँ जगमगाएँ। करें नफ़रतों को जहाँ से रवाना, चलो प्यार का दीप... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 214 Share Akib Javed 29 Sep 2021 · 1 min read कलम से मुहब्ब्त लिखेंगे ख़ुदा की यूँ कुदरत लिखेंगे उन्हीं की इबारत लिखेंगे वही दो जहानों का रहबर उन्हीं की इनायत लिखेंगे मुहब्बत के शायर है हम भी कलम से मुहब्बत लिखेंगे मिटेंगी तुम्हारी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 243 Share Akib Javed 10 Sep 2021 · 1 min read मेरे घर का भी छप्पर देख लेना #ग़ज़ल मेरे तुम दिल के अन्दर देख लेना। कभी ग़म का समन्दर देख लेना।। ख़ुदा तूफान फिर लाने से पहले। मेरे घर का भी छप्पर देख लेना।। मेरे दिल से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 384 Share Akib Javed 10 Sep 2021 · 1 min read कबूल होती है सब दुआ से मिला है जम-जम भी बादिया से मिली है जिसको रिज़ा ख़ुदा से नफ़ा मिलेगा तुम्हें दवा से कुबूल होती है सब दुआ से उरूज में आज वो है अपने ज़लील... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 280 Share Akib Javed 16 Aug 2021 · 1 min read ग़ज़ल- ज़िंदगी की दास्ताँ हज़ारों दर्दो-ग़म के दरम्यां हम थे जहाँ में अब कहाँ हैं कल कहाँ हम थे। तग़ाफ़ुल कीजिये पर सोच लो इतना तुम्हारी ज़िन्दगी की दास्ताँ हम थे। तुम्हारी बदज़ुबानी चुभ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 522 Share Akib Javed 6 Jul 2021 · 1 min read ग़ज़ल- ग़ज़ल में ग़मो के तराने लिखे #ग़ज़ल #غزل ग़ज़ल में ग़मों के तराने लिखे। कई दर्द अपने पुराने लिखे।। मुझे प्यार में तूने धोखा दिया। हरिक ज़ख़्म तेरे पुराने लिखे।। जहां ज़िन्दगी ने अंधेरा भरा। क़लम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 235 Share Akib Javed 30 Jun 2021 · 1 min read वो सफ़र में मिला नही होता #ग़ज़ल #غزل वो सफ़र में मिला नही होता। दर्द मेरा हरा नही होता। ज़िंदगी की पतंग भी उड़ती। डोर से फ़ासला नही होता। दूर नज़रों से मेरा हमसफ़र हैं। क़ाश... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 403 Share Akib Javed 11 Jun 2021 · 1 min read जलाओ चेराग़- ए- मुहब्बत जहाँ में बहुत रोया है दिल दुखाने से पहले जरा बात कर लो रुलाने से पहले। मुहब्बत से रहते है सब इस वतन में मकाँ देख लेना जलाने से पहले। बहा दे... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका 4 2 294 Share Akib Javed 8 Jun 2021 · 1 min read हौसला बुझे हुए दिल के अरमा जगा भी नही सकता किस के लिए ज़िन्दा हूँ बता भी नही सकता हौसलो को परवाज़ अपने मैं हरदम चढ़ाता रहा दिल के जूनून को... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 276 Share Akib Javed 24 May 2021 · 1 min read ग़ज़ल- हज़ारो दर्दों-ग़म के दरम्यां हम थे हज़ारों दर्दो-ग़म के दरम्यां हम थे जहाँ में अब कहाँ हैं कल कहाँ हम थे। अभी हालात से मज़बूर हैं लेकिन तुम्हारी जिंदगी की दास्ताँ हम थे। तुम्हारी बदज़ुबानी चुभ... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 313 Share Akib Javed 1 Jan 2021 · 1 min read नए वर्ष की नयी ग़ज़ल- जां से प्यारे यार बदलते देखें हैं वर्ष और घर-द्वार बदलते देखें हैं जां से प्यारे यार बदलते देखें हैं। देखा है दिल पे कुछ होठों पे कुछ पल-पल किरदार बदलते देखें हैं। नफ़रत देखी,देखा हमने प्यार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 432 Share Akib Javed 9 Aug 2020 · 1 min read ग़ज़ल - मुफ़लिसों को दुनिया में क्या कोई अधिकार नही मुफ़लिसों को दुनिया में क्या कोई अधिकार नही पास है हिम्मत की ताकत समझो तुम लाचार नही।। लोग गरीबी की अक्सर खूब उड़ाते हैं खिल्ली इंसान नही हैं ऐसों पर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 204 Share Akib Javed 24 Jul 2020 · 1 min read ग़ज़ल 2122 21222 212 बह्र- फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन देख के तुम मुस्कुराओ तो सही दिल में चाहत तुम जगाओ तो सही दर हक़ीक़त हिज़्र की यूँ रात में वस्ल का वादा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 7 4 519 Share Akib Javed 10 Jul 2020 · 1 min read नकाब में ही नकाब इतने कभी न देखे है ख़्वाब इतने नकाब में ही नकाब इतने थे जाने को जो शिताब इतने है दर्द भी क्या बे हिसाब इतने है दर्द के क्या सवाल तेरे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 245 Share Akib Javed 29 Jun 2020 · 1 min read ग़ज़ल दिल में तेरे अब ठिकाना कर लिया दिल में ही अब आना जाना कर लिया।। मेरे ग़ज़लों जैसे वो आये नज़र शेर' से अपने अब दिवाना कर लिया।। आईने से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 470 Share Akib Javed 22 Jun 2020 · 1 min read वो सफ़र में मिला नही होता वो सफ़र में मिला नही होता। दर्द मेरा हरा नही होता। ज़िंदगी की पतंग भी उड़ती। डोर से फ़ासला नही होता। दौलत ही चीज़ ऐसी होती हैं। क्या इंसां में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 4 257 Share Akib Javed 27 May 2020 · 1 min read ज़िन्दगी ज़िन्दगी क्यों बुझी सी रहती है आँख में कुछ नमी सी रहती है गुमशुदा सी कहीँ ख़्यालों में ज़िन्दगी अजनबी सी रहती है बेवफ़ा ज़िन्दगी में क्या आई ज़िन्दगी में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 230 Share Akib Javed 1 May 2020 · 1 min read क़लम से मुहब्बत लिखेगे 122 122 122 ख़ुदा की यूँ कुदरत लिखेंगे उन्हीं की इबारत लिखेंगे वही दो जहानों का रहबर उन्हीं की इनायत लिखेंगे मुहब्बत के शायर है हम भी क़लम से मुहब्बत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 467 Share Akib Javed 20 Mar 2020 · 1 min read वो हौसलों से ही बढ़ाएगी मुझे पल- पल बहुत यूं याद आएगी मुझे ये आग दिल की यूं जलाएगी मुझे खुद ज़िंदगी खुद से मिलाएगी मुझे खुद दूर जाके पास लाएगी मुझे मैं खो गया हूँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 365 Share Akib Javed 27 Dec 2019 · 1 min read कागज़ों के मकाँ को जलाते नही दिल में हमको कभी भी बसाते नही दिल वो हमसे कभी भी लगाते नही। घर वो अपने कभी भी बुलाते नही देख हमको कभी मुस्कुराते नही। होश मेरा हमेशा उड़ाते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 465 Share Akib Javed 20 Dec 2019 · 1 min read दिल पे तुम मेरे रहते क्या हुआ 2122 2122 212 दिल पे तुम अब मेरे रहते क्या हुआ दिल ये कहता क्या ये करते क्या हुआ तुम अना अपनी कभी समझे नही और खुद तुम ही कहते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 362 Share Akib Javed 6 Dec 2019 · 1 min read ढूँढते ढूँढ़ते यूँ ख़ुदा मिल गया जो कभी था मेरा वो बिका मिल गया ज़िंदगी का अज़ब ये सिला मिल गया थे कभी लब पे चर्चे हमारे मगर आज चर्चा ही लब पे ज़ुदा मिल गया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 207 Share Akib Javed 22 Nov 2019 · 1 min read उनके बगैर ज़िन्दगी भी बेमानी लगे मुझे ज़िन्दा मेरे वजूद की कहानी लगे मुझे उनके बगैर जिंदगी भी बेमानी लगे मुझे। उनकी मोहबतो के ही दम जीये मगर, गम दीदा ख्वाइशों की जुबानी लगे मुझे । दिलकी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 401 Share Akib Javed 15 Nov 2019 · 1 min read यादों की बारात तेरी मेरी बात होगी यादों की बारात होगी झूमें गाएं साथ सबके अब नबी की नात होगी यूँ महक उठेगा तन मन जब मिलन की बात होगी मौज़ में है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 445 Share Akib Javed 25 Oct 2019 · 1 min read दिल पे तुम मेरे रहते 2122 2122 212 दिल पे तुम अब मेरे रहते क्या हुआ दिल ये कहता क्या ये करते क्या हुआ तुम अना अपनी कभी समझे नही और खुद तुम ही कहते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 221 Share Akib Javed 11 Oct 2019 · 1 min read ग़ज़ल 122 122 122 122 फ़लक से पुकारे ये हमको नज़ारे वो नज़रो से करते है हमको इशारे उठा आज सीने में तूफाँ हमारे निग़ाहों से कोई नज़र तो उतारे ख़ता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 195 Share Akib Javed 14 Aug 2019 · 1 min read ग़ज़ल- देश का नाम हमको करना है 2122 1212 22 देश का नाम हमको करना है साथ मिल जुलके यार रहना है। है मुहब्बत हमें वतन से अगर सब रहे मिलके ये ही सपना है। राहबर देश... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 336 Share Akib Javed 13 Jun 2019 · 1 min read ग़मो का मौसम आना जाना है उनकी याद दिलो से मिटाना है ग़मो का मौसम आना जाना है।। बोझ मन में फिरते लिए क्यू यूँ क्या मन को ऐसे जलाना है।। ख्वाब में खूब दिल को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 242 Share Akib Javed 26 Apr 2019 · 1 min read तुम मिले हो ख़ुदा ख़ुदा कर के हम मिले दर्द को छिपा कर के क्या मिला उनसे यूँ वफ़ा करके याद करते है वो भुला कर के फिर बुलाते है वो दुआ कर के पल दो पल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 439 Share Akib Javed 22 Mar 2019 · 1 min read देख के देखती सी रहती है ज़िन्दगी क्यों बुझी सी रहती है आँख में कुछ नमी सी रहती है ख़्यालों के आँगन में कहीं गुम सी ज़िन्दगी अजनबी सी रहती है बेवफ़ा ज़िन्दगी में होके भी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 302 Share Akib Javed 15 Mar 2019 · 1 min read सच हो सब इस समय अख़बार जरूरी तो नही 2122-1122-1122-22(112) सारे नेता ही हो मक्कार जरूरी तो नही सच हो सब इस समय अख़बार जरूरी तो नही बिक गया झूठ सरे-राह यूँ बाजार में अब सच का भी कोई... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 207 Share Akib Javed 1 Mar 2019 · 1 min read तुम लफ़्ज़ों से बेगाने रहे तुम लफ़्ज़ों से बेगाने रहे हम धड़कन से बेगाने रहे ग़र कभी हमें होश न रहा अपने भी हमसे बेगाने रहे ज़िंदगी की डोर को बांधे ज़िंदगी से हम बेगाने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 201 Share Akib Javed 15 Feb 2019 · 1 min read दर्द में आदत है मुस्कुराने की वो भी करने लगे ज़िद जाने की हमको आदत नही मनाने की हाल बेहाल ज़िंदगी भी थी उसने कोशिश की आज़माने की जख़्म गहरे बहुत थे ज़माने के साज़िश पूरी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 195 Share Akib Javed 31 Dec 2018 · 1 min read आपने तो साल बदलते देखें है आपने तो साल बदलते देखें है हमने तो यार बदलते देखें है देखा है दिल पे कुछ लब पे कुछ पल पल किरदार बदलते देखें है नफ़रत देखा,देखा हमने यों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 206 Share Akib Javed 2 Jun 2018 · 1 min read आसान नही किसी से दिल का लगाना आसान नही किसी से दिल का लगाना खंजर छुपाये बैठा हो अब कोई दीवाना आसान नही अपने दिल के हाल बताना धोखा दे जाते हैं लोग निभा के दोस्ताना आसान... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 350 Share Akib Javed 28 Apr 2018 · 1 min read ज़िन्दगी में चलती है यूं आंधियां कभी कभी ज़िन्दगी में चलती है यूं आंधियां कभी कभी उड़ा के ले जाती है ऐसे मर्ज़ियाँ कभी कभी।। सफ़र दर सफ़र गुज़रता जा रहा ये कारवाँ तुम बसा लो मुहब्बत का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 170 Share Akib Javed 26 Mar 2018 · 1 min read इंसा भी बदलता है वक्त निकल जाने के बाद हुई घनघोर बारिश तूफाँ गुज़र जाने के बाद ज़िन्दगी में कोई आये तुम्हारे जाने के बाद बाद मौत नही निभाता रिश्ता किसी से कोई सब भूल जाते है समय गुज़र... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 450 Share Akib Javed 20 Mar 2018 · 1 min read मैं अनमोल हूँ अपनी कीमत से ज़ियादा ये शुहरत इज़्ज़त कुछ नही क़िस्मत से ज़ियादा दरख्वास्त तुम्हारी है ज़रूरत से ज़ियादा मै बिक जाऊ ऐसे ये मुझे मंज़ूर नही मै अनमोल हूँ अपनी क़ीमत से ज़ियादा तवज़्ज़ो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 264 Share Akib Javed 28 Feb 2018 · 1 min read मोरे पिया तू मुझको अब रंग डाल।।होली विशेष।। उड़ते रंग उड़ती है इश्क की गुलाल इस फ़िज़ा को भी करती हरी लाल इक रंग उड़ पहुंचा यूँ पिया के द्वार मन भावन मोरे पिया हुए निहाल इश्क की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 376 Share Akib Javed 26 Feb 2018 · 1 min read खुदा से हमारे सम्भलने की दुआ माँगो थोड़ा सा दिल के संभलने की दुआ माँगो महबूबा के हाथों में अब सजी हिना माँगो मुक़द्दर से मिला है ,वो उनका हाथो में हाथ ख़ुदा से मिलने का जन्मो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 190 Share Akib Javed 20 Feb 2018 · 1 min read इंसानियत प्यार का पैगाम है मुह में राम,नाम बदनाम है वो ही अल्लाह और राम है बेच कर ईमान लड़ते हो बताओ क्या अब अंजाम है धरती एक,एक ही अम्बर इंसानियत क्यू यूँ बदनाम है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 220 Share Akib Javed 19 Feb 2018 · 1 min read ग़ज़ल 221 2122 221 2122 देख अब दिल मेरा कितना लाचार हो गया है बिन तेरे अब ज़िन्दगी जीना दुश्वार हो गया है बना बावरा फिरता मन यूँ अब गली गली... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 237 Share Akib Javed 27 Jan 2018 · 1 min read ये जो दिल मिले है, कुछ तो राब्ते है!!ग़ज़ल ये जो दिल मिले हैं, कुछ तो राब्ते हैं ज़िन्दगी का सफर,रास्ते मय-क़दे हैं।। खैर माँगी जो तुमसे,कुछ तो सोचा था यूँ दिल जलाने के अब यही मरहले हैं क़लबो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 225 Share Akib Javed 3 Jan 2018 · 1 min read सूरज निकल रहा था कि नींद आ गई मुझे!!ग़ज़ल प्रेम का धागा बाँधा आपने,उनकी याद तड़पा गयी मुझे बरसो बाद देखा हमने,यूँ ही आँखे छलका गयी मुझे सहमे सहमे से रहते थे वो,ख्वाबो में मुझे सोचकर हकीकत में दीदार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 263 Share Akib Javed 31 Dec 2017 · 1 min read हिन्द के निवासी हैं, फख्र करेंगे हिन्द के निवासी हैं,फख्र करेंगे देश के लिए जियेंगे,मर मिटेंगे ये दौलत,जवानी कुर्बान करेंगे देश के लिए हम नग़मे लिखेंगे तिरंगे को शान से,हाथो में थामेंगे सारे जहाँ से अच्छा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 377 Share Akib Javed 26 Dec 2017 · 1 min read माँ!! ज़िन्दगी में जिसके माँ नही होती है उनसे पूछो माँ की कमी क्या होती है।। जब आफ़त मेरे सर पे आन पड़ती है सिखाई माँ की सीख याद पड़ती है।।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 366 Share Akib Javed 25 Dec 2017 · 1 min read सजदों में लज़्ज़त ना थी...मेरी दोस्ती से पहले तुझे कोई जानता ना था...मेरी दोस्ती से पहले तेरी जिंदगी रोशन कहाँ थी...मेरी बंदगी से पहले तेरी सादगी कहाँ थी..मेरी हाज़री से पहले तू खुदा कहाँ था ऐसा...मेरी बंदगी से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 321 Share Akib Javed 20 Dec 2017 · 1 min read कुछ बिखरे किस्से याद आ गए!! नींद के आगोश में जो हम आ गए कुछ बिखरे हुए किस्से याद आ गए राजदां थे वो,जो कल तक जिस हवेली में जर्जर हवेली देख,पुराने किस्से याद आ गए... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 209 Share Akib Javed 20 Dec 2017 · 1 min read मुहब्बत के फ़लसफ़ा में ये कहानी होनी चाहिये!! सोच में तुमको ही सोचूँ,सोच ये होनी चाहिये मुहब्बत के फ़लसफा में ये कहानी होनी चाहिये तेरे मेरे इश्क की,कोई पुरानी निशानी चाहिये चाँद तारो के जैसे,कोई गवाही होनी चाहिये... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 362 Share Page 1 Next