Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Aug 2019 · 1 min read

ग़ज़ल- देश का नाम हमको करना है

2122 1212 22

देश का नाम हमको करना है
साथ मिल जुलके यार रहना है।

है मुहब्बत हमें वतन से अगर
सब रहे मिलके ये ही सपना है।

राहबर देश के मुलाज़िम हैं
क्यूँ भला उनसे हमको डरना है।

कैसा दुश्मन हो हम नही डरते
इस ज़माने से ये ही कहना है।

ज़ान दे देंगे हम तिरंगे पर
अब हमें एक बनके रहना है।।

बस मुहब्बत ही हो ज़माने में
नफ़रतें अब जरा न सहना है।

धर्म-जाति के नाम पर ‘आकिब’।
इस सियासत से अब न डरना है।।

✍️आकिब जावेद

3 Likes · 334 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Akib Javed
View all
You may also like:
मरने के बाद भी ठगे जाते हैं साफ दामन वाले
मरने के बाद भी ठगे जाते हैं साफ दामन वाले
Sandeep Kumar
ले आओ बरसात
ले आओ बरसात
संतोष बरमैया जय
मातु शारदे वंदना
मातु शारदे वंदना
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
- अपनो का दर्द सहते सहनशील हो गए हम -
- अपनो का दर्द सहते सहनशील हो गए हम -
bharat gehlot
भाव
भाव
Sanjay ' शून्य'
मझधार
मझधार
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
#दुःखद_दिन-
#दुःखद_दिन-
*Author प्रणय प्रभात*
किराये की कोख
किराये की कोख
Dr. Kishan tandon kranti
दिल से दिलदार को मिलते हुए देखे हैं बहुत
दिल से दिलदार को मिलते हुए देखे हैं बहुत
Sarfaraz Ahmed Aasee
मतदान से, हर संकट जायेगा;
मतदान से, हर संकट जायेगा;
पंकज कुमार कर्ण
इंसान समाज में रहता है चाहे कितना ही दुनिया कह ले की तुलना न
इंसान समाज में रहता है चाहे कितना ही दुनिया कह ले की तुलना न
पूर्वार्थ
याद करेगा कौन फिर, मर जाने के बाद
याद करेगा कौन फिर, मर जाने के बाद
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
विद्रोही प्रेम
विद्रोही प्रेम
Rashmi Ranjan
दर्द को मायूस करना चाहता हूँ
दर्द को मायूस करना चाहता हूँ
Sanjay Narayan
राम लला की हो गई,
राम लला की हो गई,
sushil sarna
“ मैथिली ग्रुप आ मिथिला राज्य ”
“ मैथिली ग्रुप आ मिथिला राज्य ”
DrLakshman Jha Parimal
बदलाव
बदलाव
Dr fauzia Naseem shad
हे देश मेरे
हे देश मेरे
Satish Srijan
माँ कहने के बाद भला अब, किस समर्थ कुछ देने को,
माँ कहने के बाद भला अब, किस समर्थ कुछ देने को,
pravin sharma
आता सबको याद है, अपना सुखद अतीत।
आता सबको याद है, अपना सुखद अतीत।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
खाली मन...... एक सच
खाली मन...... एक सच
Neeraj Agarwal
रामकली की दिवाली
रामकली की दिवाली
Dr. Pradeep Kumar Sharma
तुम भी पत्थर
तुम भी पत्थर
shabina. Naaz
करवाचौथ
करवाचौथ
Surinder blackpen
बारिश के लिए तरस रहे
बारिश के लिए तरस रहे
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
युद्ध
युद्ध
Dr.Priya Soni Khare
बदल देते हैं ये माहौल, पाकर चंद नोटों को,
बदल देते हैं ये माहौल, पाकर चंद नोटों को,
Jatashankar Prajapati
हम तो यही बात कहेंगे
हम तो यही बात कहेंगे
gurudeenverma198
मेरी बेटी है, मेरा वारिस।
मेरी बेटी है, मेरा वारिस।
लक्ष्मी सिंह
बसंत
बसंत
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
Loading...