हम तो यही बात कहेंगे
हमसे अगर पूछेंगे आप, हम तो यही बात कहेंगे।
आप जुदाई कल हमसे, बिल्कुल नहीं सह सकेंगे।।
हमसे अगर पूछेंगे आप—————-।।
हमने ऐसा कब कह दिया है, हमसे खता हुई नहीं है।
कि आप ही हो मुजरिम, हमसे कोई दगा हुई नहीं है।।
फिर भी मगर कल हमको, आप बेवफा नहीं कहेंगे।
हमसे अगर पूछेंगे आप——————-।।
आप ही हो खुशी और ख्वाब, इस जिंदगी में हमारे।
और नहीं है इतने करीब, जितने करीब हो आप हमारे।।
चाहे हम झगड़े बहुत है, तारीफ फिर भी आप करेंगे।
हमसे अगर पूछेंगे आप ———————–।।
हमपे जो भी शक है तुमको, वह शक आप मिटाओ।
हमसे नहीं शरमाओ तुम, परदा अपना यह हटाओ।।
हमसफर हमसे अच्छा, आप नहीं और पा सकेंगे।
हमसे अगर पूछेंगे आप—————-।।
शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)